एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 19 चाँद का बच्चा

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 19 चाँद का बच्चा के प्रश्न उत्तर अभ्यास के प्रश्नों के हल नए शैक्षणिक सत्र के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 1 हिंदी में अध्याय 19 के प्रश्नों को चित्रों तथा कहानियों के माध्यम से समझाया गया है।

कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 19 के लिए एनसीईआरटी समाधान

वह देखो वह निकला चाँद,
अम्मा तुमने देखा चाँद!
यह भी क्या बच्चा है अम्मा ,
छोटा-सा मुन्ना -सा चाँद।
इतना दुबला, इतना पतला,
कब होता है ऐसा चाँद!
अम्मा उस दिन जो निकला था,
वह था गोल बड़ा-सा चाँद।
बादल से हँस-हँसकर उस दिन,
कैसा खेल रहा था चाँद!
छुप जाता था, निकल आता था
करता था यह तमाशा चाँद।
अपने बच्चे को भेजा है,
घर में बैठा होगा चाँद।
यह भी एक दिन बन जाएगा,
अच्छा गोल बड़ा-सा चाँद।
अच्छा अम्मा कल क्यों तुमने,
मुझको कहा था मेरा चाँद।

चाँद का खेल

बच्चों, यह कविता एक छोटे बच्चे की बातचीत के बारे में है जो अपनी माँ के साथ रात के समय चाँद को देख रहा है। बच्चा बड़े आश्चर्य से चाँद की ओर देखता है और कहता है, “देखो अम्मा, चाँद कैसा छोटा और प्यारा है!” बच्चा चाँद को देखकर बहुत खुश होता है और सोचता है कि चाँद भी एक छोटा बच्चा है, जो आसमान में खेल रहा है। बच्चे की यह सोच उसे और भी ज्यादा रोमांचित करती है।

चाँद की बदलती आकृतियाँ
इस कविता में बच्चा अपनी माँ से चाँद की आकृति के बारे में बात करता है। वह कहता है, “अम्मा, आज चाँद कितना पतला और दुबला है!” बच्चा हैरान है कि कुछ दिन पहले चाँद कितना बड़ा और गोल था, लेकिन आज वह छोटा और पतला क्यों हो गया। यहाँ पर बच्चे की जिज्ञासा और आश्चर्य दिखाई देता है कि चाँद कैसे अपनी शक्ल बदलता रहता है।

चाँद का खिलवाड़

बच्चे की अम्मा उसे बताती हैं कि कैसे चाँद बादलों के पीछे छुप-छुप कर खेलता है। बच्चा सोचता है कि चाँद बादलों के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रहा है। वह कभी बादलों में छुप जाता है, तो कभी निकलकर आता है। इससे बच्चे को लगता है कि चाँद भी उसके जैसा नटखट और खेलने वाला है। यह विचार बच्चे को बहुत आनंदित करता है।

चाँद का बच्चा

बच्चा अपनी अम्मा से कहता है कि शायद बड़ा चाँद अपने छोटे बच्चे को धरती पर भेजता है और खुद आसमान में छिपा रहता है। बच्चे की यह कल्पना बहुत ही प्यारी है जिसमें वह सोचता है कि चाँद के भी बच्चे होते हैं, और वे भी उसके जैसे खेलते-कूदते हैं। यह विचार बच्चे को चाँद के और भी करीब लाता है।

चाँद का विकास
इस कविता में बच्चे की अम्मा उसे बताती हैं कि छोटा चाँद भी एक दिन बड़ा और पूरा चाँद बन जाएगा। इससे बच्चे को समझ में आता है कि हर चीज का अपना एक समय और विकास की प्रक्रिया होती है। बच्चा सोचता है कि वह भी बड़ा होकर कुछ अच्छा और बड़ा बनेगा, जैसे चाँद बड़ा होकर पूर्ण और सुंदर बनता है।

बच्चे और चाँद का संबंध

अंत में, कविता में बच्चा अपनी अम्मा से पूछता है कि क्यों उसने उसे ‘मेरा चाँद’ कहा था। यहाँ पर बच्चे की मासूमियत और अपनी अम्मा के प्रति प्यार दिखाई देता है। उसे लगता है कि वह भी अम्मा के लिए चाँद की तरह खास और प्यारा है। इससे बच्चे और उसकी अम्मा के बीच के गहरे और प्यारे संबंध का पता चलता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 19 चाँद का बच्चा के उत्तर
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कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 19 चाँद का बच्चा के प्रश्न