एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 7 वाह मेरे घोड़े

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 7 वाह, मेरे घोड़े के प्रश्न उत्तर अभ्यास के प्रश्नों का चित्र सहित वर्णन यहाँ दिया गया है। कक्षा 1 के छात्र यहाँ दिए गए चित्रों तथा उत्तरों के माध्यम से हिंदी के अध्याय 7 को सहजता से समझ सकते हैं।

कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 7 के लिए एनसीईआरटी समाधान

एक कदम, दो कदम, तीन कदम ताल,
वाह, मेरे घोड़े क्या तेरी चाल!
एक कदम, दो कदम, तीन कदम ताल,
भाग मेरे घोड़े, चल नैनीताल!
एक कदम, दो कदम, तीन कदम ताल,
ले मेरे घोड़े चने की दाल!
एक कदम, दो कदम, तीन कदम ताल,
खाकर दिखा फिर अपना कमाल!

घोड़े का खेल

बच्चो, यह कविता एक बहुत ही खूबसूरत घोड़े के बारे में है। कल्पना करो, एक सुंदर घोड़ा जो खेतों और वादियों में दौड़ रहा है। यह घोड़ा अपने चारों पैरों को उठाकर एक, दो, तीन कदम बढ़ाता है और फिर ताल से ताल मिलाकर चलता है। उसकी चाल देखकर लगता है जैसे वह नाच रहा हो। उसकी खूबसूरती और तेजी देखकर हर कोई हैरान हो जाता है।

नैनीताल की सैर
अब कल्पना करो कि यह घोड़ा नैनीताल की ओर भाग रहा है। नैनीताल एक बहुत ही सुंदर जगह है, जहां पहाड़, हरे-भरे जंगल और खूबसूरत झीलें हैं। यह घोड़ा जंगलों से होकर, पहाड़ों पर चढ़ता हुआ, झीलों के किनारे-किनारे भागता हुआ नैनीताल पहुंचता है। उसकी यह यात्रा बहुत ही रोमांचक और मनोरंजक है।

चने की दाल का भोजन

इस कविता में घोड़े को चने की दाल खाने के लिए दी जाती है। चने की दाल एक तरह का पौष्टिक भोजन है जो घोड़ों को बहुत पसंद आता है। यह दाल उन्हें ताकत और ऊर्जा देती है। जब घोड़ा इस दाल को खाता है, तो वह और भी ज्यादा ऊर्जावान और मजबूत हो जाता है।

घोड़े का कमाल
जब घोड़ा चने की दाल खाता है, तो वह अपना कमाल दिखाता है। इसका मतलब है कि वह और भी तेजी से दौड़ने लगता है। उसकी चाल में और भी अधिक ग्रेस और शक्ति आ जाती है। यह देखकर सभी लोग उसे प्रशंसा करते हैं और उसकी तारीफ करते हैं। वह एक चमत्कारिक घोड़ा बन जाता है।

ताल से ताल मिलाना

कविता में ‘ताल’ शब्द का उपयोग बार-बार किया गया है। ‘ताल से ताल मिलाना’ का मतलब है कि घोड़ा अपने पैरों को एक लय में चलाता है। इससे उसकी चाल में एक खास तरह की रिदम और संगीतमयता आती है। यह बहुत ही सुंदर और मनमोहक होता है।

कविता का संदेश

यह कविता हमें यह सिखाती है कि जीवन में लय और ताल का महत्व होता है। जैसे घोड़ा अपने कदमों को ताल से ताल मिलाकर चलता है, उसी तरह हमें भी अपने जीवन में एक संतुलन और लय बनाकर चलना चाहिए। यह हमें खुशियाँ और सफलता दिलाता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 7
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