एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 हवा

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 हवा में दिए गए अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा अध्याय की व्याख्या विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 1 के विद्यार्थी हिंदी के अध्याय 17 को समझाने के लिए यहाँ दिए गए समाधानों का प्रयोग करके इसे आसान बना सकते हैं।

कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 के लिए एनसीईआरटी समाधान

ऊपर-नीचे दाएँ-बाएँ,
हवा चली साँय-साँय।
मुन्नी को छेड़कर,
चढ़ गई पेड़ पर।
हाथ नहीं आऊँगी,
दूर मैं उड़ जाऊँगी।
मुन्नी बोली हँसकर,
हवा रानी बस कर।
पकड़ तुझे मैं लाऊँगी,
फुग्गे में ले जाऊँगी।

हवा की शरारतें

बच्चों, क्या आपने कभी हवा की शरारतें देखी हैं? यह कविता हवा के बारे में है जो इधर-उधर चंचलता से बहती है। जैसे तुम खेलते समय दौड़ते हो, वैसे ही हवा भी उपर-नीचे और दाएँ-बाएँ घूमती है। हवा का चलना कितना सुंदर होता है, ना? जब हवा चलती है तो उसकी आवाज ‘साँय-साँय’ सुनाई देती है, जैसे कोई धीरे से कानों में कुछ कह रहा हो। कविता में हवा बहुत नटखट है और मुन्नी नाम की एक लड़की को छेड़ती है।

हवा और मुन्नी की मस्ती
इस कविता में हवा बड़ी चंचल है। वह मुन्नी को छेड़ती हुई एक पेड़ पर चढ़ जाती है। क्या तुमने कभी पेड़ों को हवा में झूमते हुए देखा है? जब हवा पेड़ों को छूती है, तो पेड़ खुश होकर नाचने लगते हैं। इसी तरह, हवा मुन्नी के साथ खेलती है और पेड़ पर चढ़ जाती है। हवा कहती है कि वह मुन्नी के हाथ नहीं आएगी और दूर उड़ जाएगी। हवा का यह उड़ना कितना मजेदार होता है!

मुन्नी की प्रतिक्रिया

मुन्नी, जो हवा की इन शरारतों को देख रही थी, हँस पड़ती है और हवा से कहती है कि वह बस करे। मुन्नी को हवा की ये चंचलता बहुत भाती है। वह हवा को चुनौती देती है कि वह उसे पकड़कर लाएगी। मुन्नी का यह कहना एक खेल की तरह है, जैसे तुम अपने दोस्तों के साथ छुपन-छुपाई या पकड़म-पकड़ाई खेलते हो। मुन्नी का यह कहना हवा के साथ एक अनोखी दोस्ती की तरह है।

मुन्नी की योजना

मुन्नी अपनी योजना बताती है कि वह हवा को कैसे पकड़ेगी। वह कहती है कि वह हवा को एक फुग्गे में ले जाएगी। क्या तुमने कभी फुग्गे (गुब्बारे) में हवा भरते देखा है? जब हम गुब्बारे में हवा भरते हैं, तो वह फूलकर बड़ा हो जाता है। मुन्नी की यह योजना बताती है कि वह कितनी चतुर और कल्पनाशील है। वह हवा को पकड़ने के लिए फुग्गे का इस्तेमाल करना चाहती है।

कल्पना की उड़ान
यह कविता न सिर्फ हवा और मुन्नी के खेल के बारे में है, बल्कि यह हमें कल्पना की उड़ान भरने का मौका भी देती है। जैसे मुन्नी ने हवा को पकड़ने की कल्पना की, वैसे ही तुम भी अपनी कल्पना का इस्तेमाल कर सकते हो। कविता हमें सिखाती है कि हम अपनी कल्पना से कुछ भी संभव कर सकते हैं।

कविता का संदेश

इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि हमें प्रकृति के साथ खेलना चाहिए और उसकी सुंदरता का आनंद लेना चाहिए। हवा, पेड़, और फुग्गे – ये सभी प्रकृति के हिस्से हैं और हमें इनके साथ समय बिताना चाहिए। यह कविता हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपनी कल्पना का इस्तेमाल करके नई चीजें सीख सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17
एनसीईआरटी कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 हवा
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 हवा
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 17 के उत्तर