एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 13 मेला

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 13 मेला के प्रश्न उत्तर चरण दर चरण व्याख्या के साथ उत्तर यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 1 के छात्र हिंदी में अध्याय 13 के अध्ययन के लिए यहाँ दिए गए समाधान की मदद ले सकते हैं और पूरे पाठ को आसानी से समझ सकते हैं।

कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 13 के लिए एनसीईआरटी समाधान

घर के पास लगा था मेला,
उसमें आया चाट का ठेला।
हमने जाकर खाई चाट,
ऐसे थे मेले के ठाट।
घर के पास लगा था मेला,
उसमे आया झूलेवाला।
हमने जाकर झूले झूले,
मन में नहीं समाये फूले।
घर के पास लगा था मेला,
उसमें एक खिलौनेवाला।
लाए जाकर चार खिलौने,
रंग-बिरंगे बड़े सलोने।
घर के पास लगा था मेला,
हमने देखा मन-भर मेला।
गुड़िया, गुनगुन दोनों साथ,
छोटू ने पकड़ा था हाथ,
मेले के थे ऐसे ठाट,
झूले, ठेले, संदुर हाट।

मेले का आगमन

“बच्चों, एक बार एक बड़ा ही रंगीन और खुशहाल मेला हमारे घर के पास लगा था। उस मेले में बहुत सारी दुकानें, झूले, और खेल थे। सब लोग बहुत खुश थे और मेले में आने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान थी। बच्चे अपने माता-पिता के साथ हाथ पकड़े चल रहे थे और उनकी खुशियाँ देखकर सभी का मन प्रसन्न हो जाता था। यह मेला हर साल आता है और सभी बच्चों को बहुत इंतजार रहता है इस मेले का।”

चाट का ठेला
“मेले में एक चाट का ठेला भी था। ठेले पर तरह-तरह की चाट रखी हुई थी। वहां बहुत भीड़ थी क्योंकि सभी को चाट बहुत पसंद आती है। चाट बहुत स्वादिष्ट और चटपटी होती है। बच्चे और बड़े सभी चाट खाने के लिए उत्सुक दिख रहे थे। वहां गोलगप्पे, भेलपुरी, और आलू टिक्की जैसी कई तरह की चाट मिलती थी।”

झूलों का मजा

“मेले में झूलों की भी बहुत भीड़ थी। वहां पर बड़े-बड़े और रंग-बिरंगे झूले थे। कुछ झूले तो इतने ऊंचे थे कि उन पर बैठकर आसमान छूने का आभास होता था। बच्चे झूलों पर बैठकर बहुत खुश होते और चिल्लाते थे। उनकी हंसी और खुशी देखकर सभी का मन खुश हो जाता था।”

खिलौनेवाला

“मेले में एक खिलौनेवाला भी था, जिसके पास बहुत सारे खिलौने थे। वहां रंग-बिरंगे और अलग-अलग तरह के खिलौने थे। बच्चों को खिलौने देखकर बहुत खुशी होती थी। कुछ बच्चे खिलौने खरीदते थे, तो कुछ सिर्फ देखकर ही खुश हो जाते थे। उन खिलौनों में गुड्डे-गुड़िया, कारें, और बहुत से खेल के सामान थे।”

मेले का आनंद
“मेले में बच्चों के साथ बड़े भी बहुत आनंद ले रहे थे। वहां पर हर तरफ खुशी और उत्साह का माहौल था। लोग झूले झूल रहे थे, चाट खा रहे थे, और खिलौने खरीद रहे थे। बच्चों के चेहरे पर खुशी और उत्साह की लहर थी। मेला एक ऐसा स्थान था जहाँ सभी अपनी चिंताओं को भूलकर खुशी के पलों का आनंद ले रहे थे।”

मेले की यादें

“जब मेला खत्म हो गया, तो सभी के दिल में उसकी यादें बस गईं। बच्चे उन खूबसूरत लम्हों को याद करके मुस्कुरा उठते। मेले की खुशियां, खिलौने, झूले, और चाट का स्वाद, सब कुछ मन को बहुत भाता था। उस मेले की यादें हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेंगी और हमें खुशियों के उन पलों की याद दिलाती रहेंगी।”

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