कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 22 कहानी लेखन
कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 22 कहानी लेखन और विभिन्न शिक्षाप्रद कहानियों के उदाहरण छात्र-छात्राएँ सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी ग्रामर के पाठ 22 की अभ्यास पुस्तिका में कई कहानियों के उदाहरण दिए गए हैं ताकि छात्र कहानी को अपने शब्दों में व्यक्त कर सकें।
कक्षा 5 हिंदी व्याकरण अध्याय 22 कहानी लेखन के लिए पठन सामग्री
कहानी लेखन
कहानी वह रचना होती है जिसमें कहानीकार किसी पात्र के जीवन के किसी महत्वपूर्ण घटना का वर्णन बेहद रोचक ढंग से करता है। एक लेखक कहानी के माध्यम से अपने मनोभाव को पाठकों के सामने रोचक ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। कहानी में एक मुख्य नायक होता है जिसमें लेखक उसके चरित्र, विचारधारा, उससे सम्बंधित घटनाएं व वस्तुएं तथा उसके द्वारा प्राप्त उपलब्धियों का वर्णन करता है।
कहानी सुनना एवं सुनाना
कहानियाँ सुनने-सुनाने की लंबी परंपरा रही है। सभी कहानी सुनने में बहुत रुचि लेते हैं। कहानी सुनते समय बच्चे इतने मस्त हो जाते हैं कि वे खाना-पीना भी भूल जाते हैं। कुछ लोग इस प्रकार से कहानी सुनाते हैं कि सुनने वाले के मन पर उसका बहुत प्रभाव पड़ता है। कहानी केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि अनुभव पर आधारित शिक्षा प्राप्त करने का महत्त्वपूर्ण साधन भी है।
अच्छी कहानी
एक अच्छी कहानी वही समझी जाती है जो सरल, सरस, सजीव और रोचक हो। कहानी की सबसे बड़ी विशेषता यह होनी चाहिए कि कहानी सुनाते समय काल्पनिक दृश्य सामने आते जाएँ। कहानी लिखना भी एक महत्त्वपूर्ण कला है।
कहानी लिखने संबंधी सावधानियां
कहानी लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
1. कहानी का आरंभ आकर्षक होना चाहिए।
2. कहानी की भाषा सरल, सरस और मुहावरेदार होनी चाहिए।
3. कहानी की घटनाएँ ठीक क्रम से लिखी जानी चाहिए।
4. कहानी के वाक्य छोटे तथा क्रमबद्ध होने चाहिए।
5. कहानी का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
6. कहानी शिक्षाप्रद होनी चाहिए।
अभिमानी का सिर नीचा
सूरज और हवा दोनों ही का जीवन में बहुत महत्त्व है। इनके बिना जीवन संभव नहीं है। एक बार सूरज और हवा में इस बात पर बहस हो गई कि दोनों में से अधिक बलवान कौन है? दोनों अपने आपको एक-दूसरे से अधिक बलवान समझते थे। हवा का सोचना था कि वह सबको तेज हवा से उड़ा सकती है और एक पल में सुखा सकती है। इसलिए वह अपने-आपको बलवान समझती थी। सूरज की सोच थी कि वह अपनी तेज चमक व धूप से सबको पराजित कर सकता है, दोनों में कौन अधिक बलवान है? इसको सिद्ध करने के लिए दोनों में शर्त लगी। इतने में उधर से एक व्यक्ति गुजरा जिसने एक कंबल ओढ़ रखा था।
पहले हवा ने अपने पूरे वेग के साथ व्यक्ति का कंबल उतारने या उड़ाने की कोशिश की। कंबल उड़ने ही वाला था कि व्यक्ति ने उसे जोर से पकड़कर शरीर को ढाँप लिया। हवा ने एक बार फिर प्रयत्न किया, वह फिर भी व्यक्ति का कंबल न उतरवा सकी। इसलिए हवा से व्यक्ति इतना प्रभावित न हो सका।
अब सूरज को अपना बल सिद्ध करना था। सूरज अपने पूरे यौवन पर चमकने लगा जिससे धूप ने निरंतर फैलना शुरू कर दिया। पसीने से उस व्यक्ति का शरीर पूरी तरह से भर गया। गर्मी ने व्यक्ति को इतना व्याकुल कर दिया कि उसने कंबल के साथ-साथ अपना कुर्ता भी उतार दिया। इस तरह सूरज व्यक्ति को पूरी तरह से प्रभावित करने में सफल हुआ। सूरज ने अपने आपको हवा से श्रेष्ठ और बलवान साबित किया और हवा ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली।
शिक्षा: हमें अभिमान नहीं करना चाहिए।