एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन अध्याय 6 हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन के अभ्यास के प्रश्न उत्तर तथा पाठ्यनिहित सभी सवाल जवाब सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। छात्र कक्षा 12 के रसायन शास्त्र पाठ 6 के उत्तरों को दिए गए रासायनिक सूत्रों और चरण दर चरण व्याख्या से आसानी से समझ सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन के प्रश्न उत्तर
हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन
ऐलिफैटिक अथवा ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन के हाइड्रोजन परमाणु (अथवा परमाणुओं) का हैलोजन परमाणु (अथवा परमाणुओं) द्वारा प्रतिस्थापन होने से क्रमशः ऐल्किल हैलाइड (हैलोऐल्केन) तथा ऐरिल हैलाइड (हैलोऐरीन) बनते हैं। हैलोऐल्केनों में हैलोजन परमाणु ऐल्किल समूह के sp³ संकरित कार्बन परमाणु (परमाणुओं) से जुड़ा रहता है जबकि हैलोऐरीनों में हैलोजन परमाणु ऐरिल समूह के sp² संकरित कार्बन परमाणु (परमाणुओं) से जुड़ा रहता है।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 एमसीक्यू
टॉलूईन आयरन (III) क्लोराइड की उपस्थिति में हैलोजन से अभिक्रिया द्वारा ऑर्थों और पैरा हैलो यौगिक बनाती है। यह अभिक्रिया ________ है।
निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए आप कौन-सा अभिकर्मक प्रयोग करेंगे? CH₃CH₂CH₂CH₃ ⟶ CH₃CH₂CH₂CH₂Cl + CH₃CH₂CHClCH₃
निम्नलिखित में से कौन-सा विस-डाइहैलाइड का उदाहरण है?
CH₃CH = CHC(Br)(CH₃)₂ यौगिक में –Br की स्थिति को ___________ के जैसे वर्गीकृत किया जा सकता है।
हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन का वर्गीकरण
हैलोऐल्केनों तथा हैलोऐरीनों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है:
हैलोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर
संरचना में उपस्थित एक, दो अथवा अधिक हैलोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर इन्हें मोनो, डाइ अथवा पॉलिहैलोजन (ट्राइ- टेट्रा- आदि) में वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरणार्थ- मोनोहैलोऐल्केन, डाइहैलोऐल्केन और ट्राइहैलोऐल्केन।
इसी प्रकार, मोनोहैलोऐरीन, डाइहैलोऐरीन, ट्राइहैलोऐरीन
मोनोहैलोयौगिकों को, उस कार्बन परमाणु के संकरण के आधार पर पुनः वर्गीकृत किया जा सकता है जिससे हैलोजन परमाणु आबंधित होता है।
1. sp³ C–X आबंध युक्त यौगिक (X = F, Cl, Br, I)
(क) ऐल्किल हैलाइड अथवा हैलोऐल्केन (R–X)
(ख) ऐलिलिक हैलाइड
(ग) बेन्जिलिक हैलाइड
2. sp² C–X आबंध युक्त यौगिक
(क) वाइनिलिक हैलाइड
(ख) ऐरिल हैलाइड
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
क्लोरोबेन्जीन को AlCl₃ की उपस्थिति में क्लोरीन की बेन्जीन से अभिक्रिया द्वारा बनाया जा सकता है। इस अभिक्रिया में निम्नलिखित में से कौन-सी स्पीशीज बेन्जीन वलय पर आक्रमण करती है?
एथिलडीन क्लोराइड एक _______ है।
डाइएथिलब्रोमोमेथेन का आईयूपीएसी नाम क्या है?
वे अणु जिनके प्रतिबिम्ब उन पर अध्यासित नहीं हो सकते काइरल कहलाते हैं। निम्नलिखित अणुओं में से कौन-सा अणु काइरल है?
नामपद्धति
ऐल्किल हैलाइडों के सामान्य नाम को व्युत्पित करने के लिए ऐल्किल समूह का नाम लिखने के पश्चात हैलाइड का नाम लिखा जाता है। नामकरण की आईयूपीएसी पद्धति में ऐल्किल हैलाइड का नामकरण हैलोप्रतिस्थापी हाइड्रोकार्बन के रूप में किया जाता हैं। एक हैलोजन वाले बेन्जीन के व्युत्पन्नों के सामान्य और आईयूपीएसी नाम एक ही होते हैं। डाइहैलोजन व्युत्पन्नों के लिए सामान्य प्रणाली में O-, m-, तथा p- पूर्वलग्न का उपयोग करते है।
समान हैलोजन परमाणुयुक्त डाइहैलोऐल्केनों को ऐल्किलिडीन या ऐल्किलीन डाइहैलाइड कहते हैं। यदि समान हैलोजन परमाणुयुक्त डाइहैलो यौगिक में दोनों हैलोजन परमाणु शृंखला के एक ही कार्बन परमाणु पर उपस्थित हों तो इसे जेम डाइहैलाइड या जैमिनल डाइहैलाइड कहते हैं। यदि हैलोजन परमाणु शृंखला के दो निकटवर्ती कार्बन परमाणुओं पर उपस्थित हों तो उन्हें विसिनल हैलाइड कहा जाता है। सामान्य नामकरणपद्धति में जेम-डाइहैलाइड को ऐल्किलिडीन हैलाइड तथा विस-डाइहैलाइड को ऐल्किलीन डाइहैलाइड के रूप में नामित करते हैं। आईयूपीएसी पद्धति में इन्हें डाइहैलोऐल्केन के रूप में नामित करते हैं।
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
ऐरिल क्लोराइड और ब्रोमाइड लूइस अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में क्रमशः क्लोरीन और ब्रोमीन द्वारा ऐरीनों की इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया द्वारा आसानी से बनाए जा सकते हैं, परन्तु ऐरिल आयोडाइडों को बनाने के लिए ऑक्सीकरण कर्मक की आवश्यकता क्यों होती है?
आयोडीनन अभिक्रियाएँ उत्क्रमणीय होती हैं। अभिक्रियाओं को अग्र दिशा में बढ़ाने के लिए अभिक्रिया से बने HI को आक्सीकरण द्वारा हटाया जाता है, HIO₄ को ऑक्सीकरण कर्मक की तरह प्रयुक्त किया जाता है।
ऑर्थो- और पैरा-डाइब्रोमोबेन्जीन में से किसका गलनांक उच्च है और क्यों?
पैरा-डाइब्रोमोबेन्जीन का गलनांक ऑर्थो-समावयवी से उच्च होता है। यह पेरा-समावयवी की सममिति के कारण होता है जो ऑर्थो-समावयवी की अपेक्षा क्रिस्टल जालक में ठीक बैठ जाती है।
ऐलिल क्लोराइड n-प्रोपिल क्लोराइड की अपेक्षा अधिक आसानी से क्यों जलअपघटित होता है?
ऐलिल क्लोराइड अधिक अभिक्रियाशीलता प्रदर्शित करता है क्योंकि जलअपघटन से बना कार्बधनायन अनुनाद द्वारा स्थायित्व प्राप्त कर लेता है जबकि n-प्रोपिल क्लोराइड से बने कार्बधनायन में ऐसा स्थायित्व नहीं होता।
C–X आबंध की प्रकृति
हैलोजन परमाणु, कार्बन परमाणु की तुलना में अधिक विद्युतऋणात्मक होता है अतः ऐल्किल हैलाइड का कार्बन हैलोजन आबंध ध्रुवित हो जाता है। इससे कार्बन परमाणु पर आंशिक धनावेश तथा हैलोजन परमाणु पर आंशिक ऋणावेश आ जाता है।
ऐल्किल हैलाइडों के विरचन की विधियाँ
ऐल्किल हैलाइडों को निम्नलिखित विधियों से विरचित किया जा सकता है:
- (i) ऐल्कोहॉलों से
- (ii) हाइड्रोकार्बनों से
- (iii) हैलोजन विनिमय द्वारा
हैलोऐरीनों का विरचन
- हाइड्रोकार्बनों से इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन द्वारा
- ऐमीनों से सैन्डमायर-अभिक्रिया द्वारा
कक्षा 12 रसायन शास्त्र अध्याय 6 के हल तथा उत्तर कैसे प्राप्त करें?
एनसीईआरटी कक्षा 12 रसायन शास्त्र पाठ 6 हैलोएल्केन तथा हैलोएरीन के अभ्यास तथा पाठ्यनिहित सभी प्रश्नों के हल विस्तार से यहाँ दिए गए हैं। ये सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही प्रारूप में उपलब्ध है। छात्र कम समय में भी इनके उपयोग से पूरे अध्याय को अच्छी तरह समझ सकते हैं। कक्षा 12 रसायन पाठ 6 के उत्तर अनुभवी शिक्षकों द्वारा नवीनतम सीबीएसई पाठ्यक्रम और बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर तैयार किए हैं। अभ्यास प्रश्न छात्रों को इस अध्याय में शामिल अवधारणाओं को समझने में मदद करते हैं तथा उनके समय प्रबंधन और समस्या को सुलझाने के कौशल में सुधार करते हैं। पाठ्यनिहित प्रश्नों से भी छात्रों को अध्याय के बारे में समझने तथा अपने कौशल सुधार में मदद मिलेगी।
एनसीईआरटी कक्षा 12 रसायन शास्त्र पाठ 6 के समाधान छात्रों की कैसे मदद करते हैं?
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 का अध्याय 6 एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन यौगिकों की महत्वपूर्ण तैयारी विधियों, उपयोगों और भौतिक और रासायनिक गुणों के बारे में विस्तार से विवरण करता है। इस अध्याय में हैलोएल्केनों तथा एरिनों से संबंधित अधिकतर रासायनिक समीकरणों को विस्तार से कारण सहित वर्णन किया है। इसके अलावा, यह एनसीईआरटी समाधान सीबीएसई बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया जाता है। इसलिए यह समाधान छात्रों को अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने और 12वीं कक्षा के बोर्ड और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने में मदद करते हैं।
बारहवीं कक्षा में रसायन विज्ञान के अध्याय 6 के प्रश्नों का उत्तर किस प्रकार दें?
कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 में अभ्यास तथा पाठ्यनिहित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए, छात्रों को सभी बुनियादी अवधारणाओं के साथ तैयार रहना चाहिए। वास्तव में, रासायनिक समीकरणों और अभिक्रियाओं की बुनियादी अवधारणाओं की एक ठोस समझ छात्रों को सभी कठिन सवालों के जवाब देने में मदद करेगी। छात्रों को रसायन के पाठ 6 में उन विषयों पर अधिक ध्यान देना चाहिए जो परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। पाठ को प्रारंभ करने से पहले यहाँ दी गई सभी समीकरणों और रासायनिक अभिक्रियाओं की एक सूची तैयार करें और उन्हें याद भी करें। इस प्रकार छात्र इस अध्याय के बारे में सभी संदेहों को आसानी से दूर कर सकेंगे और और पूरे अध्याय की स्पष्ट समझ आसानी से प्राप्त कर लेंगे।