एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.5
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.5 सारणिक के सवाल जवाब अभ्यास के प्रश्नों के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। प्रश्नों को बहुत ही सरल तरीके से समझाया गया है ताकि प्रत्येक विद्यार्थी इसे आसानी से समझकर परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। विडियो के माध्यम से भी अभ्यास प्रश्नों के हल को आसानी से समझा जा सकता है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.5
कक्षा 12 गणित अध्याय 4 प्रश्नावली 4.5 के लिए एनसीईआरटी समाधान
सारणिकों और आव्यूहों के अनुप्रयोग
यहाँ दो या तीन अज्ञात राशियों के रैखिक समीकरण निकाय के हल और रैखिक समीकरणों के निकाय की संगतता की जाँच में सारणिकों और आव्यूहों के अनुप्रयोगों का वर्णन करेंगे।
संगत निकाय
निकाय संगत कहलाता है यदि इसके हलों (एक या अधिक) का अस्तित्व होता है।
असंगत निकाय
निकाय असंगत कहलाता है यदि इसके किसी भी हल का अस्तित्व नहीं होता है।
आव्यूह के व्युत्क्रम द्वारा रैखिक समीकरणों के निकाय का हल
स्थिति 1:
यदि A एक व्युत्क्रमणीय आव्यूह है तब इसके व्युत्क्रम का अस्तित्व है। अतः AX = B से हम पाते हैं कि
A⁻¹ (A X) = A⁻¹ B (A⁻¹ से पूर्व गुणन के द्वारा)
या (A⁻¹A) X = A⁻¹ B (साहचर्य गुणन द्वारा)
या A X = A⁻¹ B
या X = A⁻¹ B
यह आव्यूह समीकरण दिए गए समीकरण निकाय का अद्वितीय हल प्रदान करता है क्योंकि एक आव्यूह का व्युत्क्रम अद्वितीय होता है। समीकरणों के निकाय के हल करने की यह विधि आव्यूह विधि कहलाती है।
स्थिति 2:
यदि A एक अव्युत्क्रमणीय आव्यूह है तब ।A। = 0 होता है।
इस स्थिति में हम (adj A) B ज्ञात करते हैं।
यदि (adj A) B ≠ 0 (0 शून्य आव्यूह है), तब कोई हल नहीं होता है और समीकरण निकाय असंगत कहलाती है।
यदि (adj A) B = 0 तब निकाय संगत या असंगत होगी क्योंकि निकाय के अनंत हल होंगे या कोई भी हल नहीं होगा।
स्मरणीय तथ्य
1. समीकरण AX = B का अद्वितीय हल X = A⁻¹ B द्वारा दिया जाता है जहाँ ।A। ≠ 0
2. समीकरणों का एक निकाय संगत या असंगत होता है यदि इसके हल का अस्तित्व है अथवा नहीं है।
3. आव्यूह समीकरण AX = B में एक वर्ग आव्यूह A के लिए
(i) यदि ।A। ≠ 0 तो अद्वितीय हल का अस्तित्व है।
(ii) यदि ।A। = 0 और (adj A) B ≠ 0 तो किसी हल का अस्तित्व नहीं है।
(iii) यदि ।A। = 0 और (adj A) B = 0 तो निकाय संगत या असंगत होती है।