एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 3 विविध प्रश्नावली
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 3 विविध प्रश्नावली 3 आव्यूह के अभ्यास के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। 12वीं गणित की विविध प्रश्नावली 3 के सभी प्रश्नों के हल सरल तरीके से यहाँ दिए गए हैं ताकि प्रत्येक विद्यार्थी इसे आसानी से समझ सके। प्रश्नों को विडियो के माध्यम से भी हल किया गया है। पीडीएफ तथा विडियो समाधान उपयोग के लिए मुफ्त हैं।
कक्षा 12 गणित विविध प्रश्नावली 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 12 गणित अध्याय 3 विविध प्रश्नावली 3 आव्यूह एनसीईआरटी समाधान
आव्यूहों का गुणन
दो आव्यूहों A तथा B का गुणनफल परिभाषित होता है, यदि A में स्तंभों की संख्या, B में पंक्तियों की संख्या के समान होती है। मान लीजिए कि A = [aᵢⱼ] एक m × n कोटि का आव्यूह है और B = [bⱼₖ], एक n × p कोटि का आव्यूह है।
तब आव्यूहों A तथा B का गुणनफल एक m × p कोटि का आव्यूह C होता है। आव्यूह C का (i, k) वाँ अवयव cᵢₖ प्राप्त करने के लिए हम A की i वीं पंक्ति और B के k वें स्तंभ को लेते है और फिर उनके अवयवों का क्रमानुसार गुणन करते हैं। तदोपरान्त इन सभी गुणनफलों का योगफल ज्ञात कर लेते हैं।
आव्यूहों के गुणन की अक्रम-विनिमेयता
अब हम एक उदाहरण के द्वारा देखेंगे कि, यदि AB तथा BA परिभाषित भी हों, तो यह आवश्यक नहीं है कि AB = BA हो।
दो शून्येतर आव्यूहों के गुणनफल के रूप में शून्य आव्यूहः
हमें ज्ञात है कि दो वास्तविक संख्याओं a तथा b के लिए, यदि ab = 0 है तो या तो a = 0 अथवा b = 0 होता है। कितु आव्यूहों के लिए यह अनिवार्यतः सत्य नहीं होता है।
आव्यूहों के गुणन के गुणधर्म
आव्यूहों के गुणन के गुणधर्मों का हम नीचे बिना उनकी उपपत्ति दिए उल्लेख कर रहे हैंः
साहचर्य नियम
किन्हीं भी तीन आव्यूहों A, B तथा C के लिए (AB) C = A (BC), जब कभी समीकरण के दोनों पक्ष परिभाषित होते हैं।
वितरण नियम
किन्हीं भी तीन आव्यूहों A, B तथा C के लिए
(i) A (B + C) = AB + AC
(ii) (A + B) C = AC + BC, जब भी समीकरण के दोनों पक्ष परिभाषित होते हैं।
गुणन के तत्समक का अस्तित्व
प्रत्येक वर्ग आव्यूह A के लिए समान कोटि के एक आव्यूह I का अस्तित्व इस प्रकार होता है, कि AI = IA = A
आव्यूह का परिवर्त
यदि A = [aᵢⱼ] एक m × n, एक m × n कोटि का आव्यूह है तो A की पंक्तियों तथा स्तंभों का परस्पर विनिमय करने से प्राप्त होने वाला आव्यूह A का परिवर्त कहलाता है। आव्यूह A के परिवर्त को A’ से निरूपित करते हैं।
A = [aᵢⱼ]ₘ ₓ ₙ, तो A= [aⱼᵢ]ₙ ₓ ₘ होगा।
सममित आव्यूह
परिभाषा 4 एक वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ] सममित कहलाता है यदि A’ = A अर्थात् i व j के हर संभव मानों के लिए [aᵢⱼ] = [aⱼᵢ] हो।
विषम सममित आव्यूह
एक वर्ग आव्यूह A = [aᵢⱼ], विषम सममित आव्यूह कहलाता है, यदि A’ = – A अर्थात् i तथा j के हर संभव मानों के लिए
aⱼᵢ = – aᵢⱼ हो।