एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 राजनीति विज्ञान अध्याय 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 राजनीति विज्ञान अध्याय 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा भाग 1 पाठ 7 के सभी प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। पाठ 6 पर आधारित पठन सामग्री भी पीडीएफ के रूप में डाउनलोड के लिए दी गए हैं ताकि विद्यार्थी आसानी से पाठ का रिवीजन कर सकें। पाठ के प्रश्न उत्तर पीडीएफ तथा विडियो दोनों ही प्रारूपों में यहाँ से मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं।
कक्षा 12 राजनीति विज्ञान अध्याय 7 एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 राजनीति विज्ञान अध्याय 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा
निम्नलिखित पदों को उनके अर्थ से मिलाएँ:
स्तम्भ 1 | स्तम्भ 2 |
---|---|
(1) विश्वास बहाली के उपाय (कोंफिडेन्स बिल्डिंग मेजर्स – CBMs) | (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज |
(2) अस्त्र-नियंत्राण | (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया |
(3) गठबंधन | (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निपटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना। |
(4) निरस्त्रीकरण | (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश। |
उत्तर:
स्तम्भ 1 | स्तम्भ 2 |
---|---|
हाली के उपाय (कोंफिडेन्स बिल्डिंग मेजर्स – CBMs) | (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया |
(2) अस्त्र-नियंत्राण | (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश। |
(3) गठबंधन | (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निपटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना । |
(4) निरस्त्रीकरण | (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज। |
निम्नलिखित में से किसको आप सुरक्षा का परंपरागत सरोकार/सुरक्षा का अपारंपरिक सरोकार/खतरे की स्थिति नहीं’ का दर्जा देंगे:
(क) चिकनगुनिया/ डेंगू बुखार का प्रसार
(ख) पड़ोसी देश से कामागरों की आमाद
(ग) पड़ोसी राज्य से कामागरों की आमाद
(घ) अपने इलाके को राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले समूह का उदय
(ङ) अपने इलाके को अधिक स्वायत्तता दिए जाने वाले समूह का उदय ।
(च) देश की सशस्त्र सेना को आलोचनात्मक नज़र से देखने वाला अखबार ।
उत्तर :
(क) सुरक्षा का अपारंपरिक सरोकार
(ख) सुरक्षा का परंपरागत सरोकार ।
(ग) खतरे की स्थिति नहीं
(घ) सुरक्षा का अपारंपरिक सरोकार
(ङ) खतरे की स्थिति नहीं
(च) सुरक्षा का पारंपरिक सरोकार।
परंपरागत और अपारंपरिक सुरक्षा में क्या अंतर है? गठबंधनों का निर्माण करना और उनको बनाए रखना इनमें से किस कोटि में आता है?
परंपरागत और अपारंपरिक सुरक्षा में निम्न अंतर है परंपरागत सुरक्षा और अपरंपरागत सुरक्षा से आशय मुख्य रूप से सैन्य बल के प्रयोग तथा सैन्य बल के उपयोग की आशंका से संबद्ध है। पारंपरिक सुरक्षा का संबंध बाहरी सुरक्षा से होता है। बाह्य सुरक्षा का खतरा दूसरे देश से होता है जो कि सैन्य आक्रमण की धमकी देकर उस राष्ट्र की स्वतंत्रता व सम्प्रभुता के लिए खतरा पैदा करता है। जब दूसरे देश के लोग शराणार्थी के रूप में आते हैं तो उस देश की जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है। इस धारणा में बाह्य आक्रमण के समय कोई राष्ट्र निम्न उपाय करके उससे बाहर निकल सकता है।
(क) वह आत्मसमर्पण कर दे।
(ख) आक्रमणकारी राष्ट्र की बात मान ले।
(ग) आक्रमणकारी राष्ट्र को युद्ध में हरा दे।
पारंपरिक सुरक्षाः और अपारंपरिक सुरक्षा से आशय है मानवीय अस्तित्व को खतरा अर्थात् बाहरी खतरों के साथ-साथ अपनी सरकार से भी खतरा होता है। इसमें सिर्फ राज्य का ही नहीं बल्कि व्यक्तियों और सम्पूर्ण मानवता की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण होती है।
• अपारंपरिक सुरक्षा यह भी है कि जनसंख्या की वृद्धि से संसाधनों की कमी आ जाएगी।
अपारंपरिक सुरक्षा सरकार के अनुसार खतरे के नए स्त्रोत हैं:
(क) महामारियाँ
(ख) आतंकवाद
तीसरी दुनिया के देशों और विकसित देशों में रहने वाले लोगों के सामने मौजूद खतरों में क्या अंतर है?
तीसरी दुनिया के लोगों और विकसित देशों में रहने वाले लोगों के सामने आने वाले खतरों में निम्न अंतर है:
तीसरी दुनिया के देशों के सामने बाह्य सुरक्षा का खतरा तो है ही परंतु आंतरिक खतरे भी अधिक है। ये देश उन्हें अपनी सैन्य शक्ति , आर्थिक सहायता देने के लिए शर्त राजनीतिक विचारधारा के वर्चस्व से डराते हैं। नए स्वतंत्र देशों को अपने पड़ोसी देशों के साथ सैन्य संघर्ष का सामना करना पड़ता है। नए देशों के लिए पड़ोसी देशों के साथ बाहरी युद्ध तथा आंतरिक युद्धों ने उनकी सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती प्रकट की। ऐस कई चुनौतियाँ हैं जिनका सामना विससित देशों को करना है।
आतंकवाद सुरक्षा के लिए एक पारंपरागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरंपरागत?
आतंकवाद एक हिंसात्मक गतिविधि है। आतंकववाद सुरक्षा की अवधारणा अपरंपरागत श्रेणी में आता है। आतंकवाद की समस्या विश्वव्यापी है। आतंकवाद अलग-अलग तरीकों से किसी देश की शांति, सुरक्षा, अखंडता को भंग करता है। 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आंतकी हमले देखा गया। अतः यह लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। आतंकवादी रेलगाड़ियों, बाजार, विमानों, महत्वपूर्ण इमारतों आदि जगह पर हमले करके नागरिकों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। कुछ देश आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं जो कि विश्व के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है।
सुरक्षा के परम्परागत दृष्टिकोण के हिसाब से बताएं कि अगर किसी राष्ट्र पर खतरा मंडरा रहा हो तो उसके सामने क्या विकल्प होते हैं?
सुरक्षा की परम्परागत धारणा के अनुसार सैन्य खतरे को अत्यधिक नुकसानदायक माना जाता है तथा अधिकतर का सामना राष्ट्रीय सुरक्षा की धारणा से होता है। दूसरे देश किसी देश को युद्ध की धमकी देकर स्वतंत्रता, सम्प्रभुता तथा शांति के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। अपारंपरिक सुरक्षा सरकार के अनुसार खतरे के नए स्त्रोत हैं:
(क) महामारियाँ
(ख) आतंकवाद
सुरक्षा की परपरागत धारणा में माना जाता है कि किसी देश की सुरक्षा को अधिकतर खतरा उसकी सीमा के बाहर से होता है जिसकी वजह है अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था। किसी देश के पास उसकी सुरक्षा को खतरा होने पर निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
•वह आत्मसमर्पण कर दे।
• शत्रु देश को हराकर युद्ध जीत ले।
• आक्रमणकारी राष्ट्र की बात मान ले।
‘शक्ति -संतुलन’ क्या है? कोई देश इसे कैसे कायम करता है?
‘शक्ति संतुलन :- शक्ति संतुलन से आशय है किसी देश के बीच शक्ति का बँटवारा इस तरह से करना कि किसी एक देश या राज्य के पास इतनी ताकत न हो कि वह दूसरे राज्य को अपने दबाव में रख पाए। इसे प्राप्त करने के निम्नलिखित उपाय हैं:
• मैत्री संधि द्वारा: – मैत्री संधि शक्ति संतुलन का प्रमुख स्त्रोत है।
निशस्त्रीकरण तथा शस्त्रीकरण द्वारा :- शक्ति के संतुलन को बनाए रखने का एक प्रमुख स्त्रोत निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्रीकरण है।
सैन्य गठबंधन के क्या उद्देश्य होते है? किसी ऐसे सैन्य गठबंधन का नाम बताएँ जो अभी मौजूद है। इस गठबंधन के उद्देश्य भी बताएँ?
सैन्य गठबंधन का मुख्य उद्देश्य गठबंधन बनाकर विश्व में शांति एवं सुरक्षा कायम करके रखना है। इस गठबंधन के उद्देश्य राष्ट्रहित पर आधारित होते हैं। नाटो जो कि एक शक्तिशाली संगठन है इस गठबंधन का उद्देश्य पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा अमेरिका की सैन्य सुरक्षा , सांस्कृतिक वर्चस्व को बनाए रखने का है। उदाहरण- ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व में 11 सितंबर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ था तो अन्य देशों ने इस्लामी उग्रवादियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया था।
पर्यावरण के तेजी से हो रहे नुकसान से देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? उदाहरण देते हुए अपने तर्कों की पुष्टि करें।
“तेजी से पर्यावरण में गिरावट सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।” हम इस कथन से पूर्णतः सहमत हैं। पर्यावरण की समस्या एक वैश्विक समसया है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनी प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण आदि मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। रासायनिक पदार्थ जैसे- हाइड्रोकार्बन आदि स्वतंत्र अवस्था में बारिक कणों के रूप में हवा में रहते हैं तथा सभी जीव जंतुओं को हानि पहुँचाते हैं। तेल में उपस्थित ऐरोमेटिक हाइड्रोकार्बन समुद्री वनस्पतियों के उत्तकों में प्रवेश कर उनकी वृद्धि को अवरूद्ध कर रहे हैं। रेडियोधर्मी प्रदूषण मुख्यतः परमाणु रियेक्टरों से होने वाले रिसाव प्लूहोनियम तथा यूरेनियम का शुद्धिकरण, परमाणु बमों, रेडियोधर्मी पदार्थों के उत्खनन आदि के कारण होता है। यह प्रदूषण कायिक प्रभाव के साथ अनुवांशिक प्रभाव भी डालता है। तापीय प्रदूषण के कारण प्राणियों की विविधता में कमी आ रही है। ई-कचरा वर्तमान में महत्वपूर्ण पर्यावरण समस्या बनता जा रहा है। जिसका संबंध नवीन प्रौद्योगिकी से है। विश्व की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है जिससे संसाधनों की कमी हो रही है तथा प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ रहा है। वर्तमान समय में पृथ्वी का तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है जिससे जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण तेजी से बदल रहा है।
देशों के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है। इस कथन का विस्तार करें।
परमाणु हथियार किसी भी देश की सैन्य शक्ति के लिए सबसे बड़ी ताकत है। हथियार नियंत्रण के सहयोग के कारण परमाणु हथियारों का सीमित उपयोग है। इनसे अनुवांशिक खतरा, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तथा गैरकानूनी प्रयोग भी होता है। 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया गया। जिसका प्रभाव कई वर्षों तक वहाँ देखने को मिला परन्तु आज के समय के परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराये गये गम से लगभग 300 गुना अधिक शक्तिशाली हैं। हथियार नियंत्रण संधि में से एक परमाणु हथियारों के नियंत्रण के लिए एक संधि 1968 की परमाणु अप्रसार संधि थी।
भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, किस किस्म की सुरक्षा को वरीयता दी जाना चाहिए पारंपरिक या अपारंपरिक? अपने तर्क की पुष्टि में आप कौन-से उदाहरण देंगे?
भारत को पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक दोनों खतरों का सामना करना पड़ा है। यह खतरे सीमा के अंदर से भी उभरे हैं और बाहर से भी। भारत की सुरक्षा नीति का पहला घटक है सैन्य क्षमता को मजबूत करना क्योंकि भारत पर पड़ोसी देशों से हमले होते रहते हैं। पाकिस्तान ने 1947-48, 1965, 1971 तथा 1999 में और चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया। भारत के परमाणु परीक्षण करने के फैसले(1998) को उचित ठहराते हुए भारतीय सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का तर्क दिया था। भारत ने सन् 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया। भारत की सुरक्षा नीति का दूसरा घटक है अपने सुरक्षा हितों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को मजबूत करना। भारत ने हथियारों के अप्रसार के संबंध में एक सार्वभौम और बिनाा भेदभाव वाली नीति चलाने की शुरूआत की। भारत उन 160 देशों में शामिल है जिन्होंने 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
भारत की सुरक्षा रणनीति का तीसरा घटक है देश की अंदरूनी सुरक्षा– समस्याओं से निपटने की तैयारी। नागालैंड, मिजोरम, पंजाब और कश्मीर जैसे क्षेत्रों से कई उग्रवादी समूहों ने समय-समय पर इन प्रांतों को भारत से अलग करने की कोशिश की। भारत ने एकता को बनाए रखने के लिए लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था का पालन किया।
नीचे दिए गए कार्टून को समझें। कार्टून में युद्ध और आतंकवाद का जो संबंध दिखाया गया है, उसके पक्ष या विपक्ष में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
कार्टून में युद्ध और आतंकवाद का जो संबंध दिखाया गया है उससे यही कहा जा सकता है कि आज के समय में कई ऐसी चीजें हैं जिनके कारण तीसरे विश्वयुद्ध के आसार बन सकते हैं। सामान्यतः मनुष्य के विनाश के लिए बहुत बड़े खतरे के रूप में माना गया है। यदि युद्ध के पक्ष में बात करें तो यह कहा जाता है कि सभी देश आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर युद्ध करें।