कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान – ऊष्मा
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 ऊष्मा एनसीईआरटी समाधान – सलूशन तथा अभ्यास के प्रश्न उत्तर विस्तार से सरल भाषा में विडियो तथा पीडीएफ़ के रूप में यहाँ विद्यार्थियों के लिए मुफ्त दिए गए हैं। सातवीं कक्षा विज्ञान के ये समाधान सीबीएसई सत्र 2024-25 के पठन के लिए तैयार किए गए हैं। यदि आप 7वीं कक्षा विज्ञान के समाधान ऑफलाइन पढ़ना चाहते हो तो तिवारी अकादमी कक्षा 7 विज्ञान ऐप डाउनलोड कर लें और बिना इंटरनेट के भी सभी प्रश्न उत्तरों का लाभ लें।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 के एनसीईआरटी समाधान नीचे दिए गए हैं:
कोई वस्तु हमें ठंडी या गर्म क्यों लगती है?
वस्तु की गर्माहट या ठंडेपन की माप ताप से की जाती है। गर्म वस्तु का ताप अधिक तथा ठंडी वस्तु का ताप गर्म वस्तु की अपेक्षा कम होता है। ताप की माप तापमापी (थर्मामीटर) से की जाती है। सामान्यता ताप के मापन के लिए दो प्रकार के पैमानों का प्रयोग करते हैं, जिन्हें डिग्री सेल्सियस तथा डिग्री फारेनहाइट कहते हैं। किसी वस्तु को गर्म करने पर उसका ताप बढ़ता है और ठंडा करने पर उसका ताप घटता है। कुछ देर तक धूप में अथवा आग के पास बैठने पर गर्मी का अनुभव होता है। यह सूर्य और आग से प्राप्त ऊष्मा के कारण होता है। बर्फ का टुकड़ा हाथ पर रखने से ठंडा लगता है, क्योंकि बर्फ का टुकड़ा शरीर से ऊष्मा निकाल लेता है।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
प्रयोगशाला तापमापी तथा डॉक्टरी थर्मामीटर के बीच समानताएँ तथा अंतर लिखिए।
समानताएँ:
1. दोनों थर्मामीटर का कार्य सिद्धांत समान है।
2. दोनों का उपयोग तापमान को मापने के लिए किया जाता है।
3. दोनों में एक मोटी दीवार वाली कांच की नली होती है, जो एक महीन पतली नली से जुडती है।
4. तापमान मापने के लिए दोनों थर्मामीटर में पारे का उपयोग किया जाता है।
5. दोनों में सेल्सियस और फ़ारेनहाइट अंकित हैं।
अंतर:
1. प्रयोगशाला थर्मामीटर का उपयोग कारखानों और प्रयोगशाला में विभिन्न वस्तुओं के तापमान को मापने के लिए किया जाता है जबकि डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग केवल मनुष्यों के तापमान को मापने के लिए किया जाता है।
2. आम तौर पर, प्रयोगशाला थर्मामीटर में तापमान -10 ℃ से 110 ℃ तक होता है जबकि डॉक्टरी थर्मामीटर में तापमान 35 ℃ से 42 ℃ तक होता है।
3. आमतौर पर प्रयोगशाला थर्मामीटर में कोई अवरोध नहीं होता है जबकि डॉक्टरी थर्मामीटर में पारा बल्ब के पास छोटा अवरोध होता है।
4. मान लेते समय प्रयोगशाला थर्मामीटर को सीधा रखना पड़ता है जबकि डॉक्टरी थर्मामीटर झुकाया जा सकता है।
ऊष्मा चालक तथा ऊष्मा-रोधी, प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
ऊष्मा चालक: तांबा, एल्यूमीनियम और लोहा।
ऊष्मा-रोधी: लकड़ी, पानी और हवा।
सर्दियों में एक मोटा वस्त्र पहनने के तुलना में उसी मोटाई का कई परतों का बना वस्त्र अधिक उष्णता क्यों प्रदान करता है? व्याख्या कीजिए।
कपड़ों की परतों के बीच हवा फंस जाती है। वायु ऊष्मा रोधी का कार्य करती है। यह परत हमारे शरीर की गर्मी को आसपास के वातावरण में जाने से रोकती है। पतले कपड़े की अधिक परतें अधिक हवा को फंसने देंगी और परिणामस्वरूप शरीर की गर्मी वातावरण में जाने की संभावना कम होगी। इसलिए सर्दियों में एक मोटा वस्त्र पहनने के तुलना में उसी मोटाई का कई परतों का बना वस्त्र अधिक उष्णता प्रदान करता है।
गरम जलवायु के स्थानों पर यह परामर्श दिया जाता है कि घरों की बहरी दीवारों पर श्वेत (सफ़ेद) पेन्ट किया जाए। व्याख्या कीजिए।
गर्म जलवायु के स्थानों में यह सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि सफेद रंग उस पर पड़ने वाली अधिकांश गर्मी को परावर्तित कर देता है अर्थात हम कह सकते हैं कि सफ़ेद रंग कम मात्रा में गर्मी को अवशोषित करता है। इसलिए, घर के अंदर का तापमान बहुत अधिक नहीं बढ़ता है।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर विस्तार से
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
ताप किसे कहते हैं?
किसी वस्तु का ताप उसकी गर्माहट या ठंडेपन का मापक होता है अर्थात ताप वह भौतिक राशि होती है, जिसके द्वारा हम छूकर यह ज्ञात कर सकते हैं कि कोई वस्तु कितनी गर्म या ठंडी है।
ऊष्मा से आप क्या समझते हैं?
ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसे किसी वस्तु को देने पर उसका ताप बढ़ता है और वस्तु से निकल जाने पर उसका ताप घटता है।
ऊष्मा का मात्रक क्या है?
ऊष्मा का मात्रक कैलोरी है।
ऊष्मा के स्थानांतरण से आप क्या समझते हैं?
ताप में अंतर के कारण ऊष्मा का एक वस्तु से दूसरी वस्तु में जाना अथवा एक ही वस्तु में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना ऊष्मा का स्थानांतरण कहलाता है।
ऊष्मा स्थानांतरण की मुख्य तीन विधियाँ होती हैं:
1. चालन
2. संवहन
3. विकिरण
चालन, संवहन और विकिरण विधि में अंतर
चालन | संवहन | विकिरण |
---|---|---|
माध्यम की आवश्यकता होती है। | माध्यम की आवश्यकता होती है। | माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। |
माध्यम के कण अपना स्थान नहीं छोड़ते हैं। | माध्यम के कण स्वयं ऊष्मा ले जाते हैं। | माध्यम के कण की कोई भूमिका नहीं होती है। |
ऊष्मा की गति टेढ़ी-मेढ़ी होती है। | ऊष्मा की गति टेढ़ी-मेढ़ी होती है। | सीधी रेखा में ऊष्मा स्थानांतरण होता है। |
ऊष्मा स्थानांतरण की गति धीमी होती है। | ऊष्मा स्थानांतरण की गति धीमी होती है। | ऊष्मा स्थानांतरण की गति तीव्र होती है। |
माध्यम गर्म होता है। | माध्यम गर्म होता है। | माध्यम गर्म नहीं होता है। |
अधिकांशत: ठोसों में होता है। | केवल द्रवों एवं गैसों में होता है। | निर्वात अथवा पारदर्शी पदार्थों द्वारा ही संभव होता है। |
ऊष्मा की मात्रा की निर्भरता
अधिक परिमाण की वस्तु में ताप वृद्धि के लिए अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है। ऊष्मा की मात्रा वस्तु के द्रव्यमान (m) पर निर्भर करती है अधिक ताप वृद्धि के लिए अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है। ऊष्मा की मात्रा वस्तु के तापान्तर पर निर्भर करती है। एक ही द्रव्यमान की भिन्न-भिन्न वस्तुओं को समान समय तक समान ऊष्मा देने पर गर्म करने पर उनके ताप में वृद्धि अलग-अलग होती है। किसी पदार्थ के ताप की निश्चित वृद्धि के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा पदार्थ के द्रव्यमान और तापान्तर (ताप वृद्धि) के अलावा एक और कारक पर निर्भर करती है। यह कारक उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा (S) है, जो पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
चालन विधि द्वारा ऊष्मा का स्थानांतरण
जब किसी वस्तु के भिन्न-भिन्न भागों का ताप भिन्न-भिन्न होता है तो उच्च ताप वाले कण अपने संपर्क में रखे निम्न ताप वाले कणों को ऊष्मा प्रदान कर देते हैं। फलस्वरूप वस्तु में ऊष्मा उच्च ताप वाले भाग से निम्न ताप वाले भाग की ओर गति करने लगती है। गर्म सिरे से ठंडे सिरे तक ऊष्मा स्थानांतरण के बारे में निष्कर्ष निकलता है कि पदार्थ के अणु अपना स्थान नहीं छोड़ते, बल्कि तप्त अणु अपनी ऊष्मा अपने पास वाले अणु को देते हैं। इस प्रकार ऊष्मा एक सिरे से दूसरे की ओर स्थानांतरित (संचरित) होती है। स्पष्ट है कि ठोस पदार्थों में ऊष्मा का संचरण चालन विधि द्वारा होता है।
वस्तुओं के ऊष्मीय गुणों का उपयोग – तापमापी
पदार्थ (ठोस, द्रव तथा गैस) गर्म करने पर फैलते हैं तथा ठंडा करने पर सिकुड़ते हैं। पदार्थों के इस प्रसार को ऊष्मीय प्रसार कहते हैं। इसका उपयोग तापमापी निर्माण में किया जाता है।
प्रयोगशाला तथा डॉक्टरी थर्मामीटर में पारे का उपयोग करते हैं। पारा (द्रव) ऊष्मा का सुचालक है, जो गर्म करने पर फैलता है तथा ठंडा करने पर सिकुड़ता है। कुछ थर्मामीटर में पारे के स्थान पर एल्कोहल (द्रव) का प्रयोग करते हैं।
थर्मस क्या है और कैसे काम करता है?
हम थर्मस का प्रयोग चाय/कॉफी को देर तक गर्म रखने अथवा ठंडे जल को देर तक ठंडा रखने के लिए करते हैं। यह दोहरी दीवार वाला काँच एक फ्लास्क होता है। इसके अंदर धात्विक या प्लास्टिक का आवरण होता है जो कॉर्क के टुकड़े पर टिका होता है। काँच की दो परतों के बीच की हवा निकालकर वहाँ निर्वात बना देते हैं। इसलिए इस थर्मस को वैक्यूम फ्लास्क भी कहते हैं। फ्लास्क के काँच की बाहरी और भीतरी सतहें बहुत चमकीली बनाई जाती हैं। फ्लास्क का मुँह एक वायुरोधी कॉर्क से बंद रखा जाता है। थर्मस तीन प्रकार से ऊष्मा स्थानांतरण रोकता है:
- 1. काँच की सतहों के बीच का निर्वात भी ऊष्मा का कुचालक होता है, क्योंकि इसमें माध्यम नहीं होता है जिससे ऊष्मा का स्थानांतरण, चालन और संवहन द्वारा नहीं हो सकता।
- 2. चूँकि इसको बनाने में काँच का प्रयोग होता है जो ऊष्मा का कुचालक है, अत: यह वाहन द्वारा ऊष्मा स्थानांतरण की गति धीमी रखता है। वायुरोधी कॉर्क ऊष्मा का कुचालक है। यह ऊष्मा का वाहन एवं संवहन द्वारा स्थानांतरण रोकता है।
- 3. काँच की दीवारों को चमकीला बनाने से ऊष्मा परावर्तित होकर फ्लास्क में ही रहती है और विकिरण द्वारा बाहर नहीं निकल पाती है। इस प्रकार ऊष्मा स्थानांतरण अधिकांशत: नहीं हो पाता और थर्मस में रखी वस्तु देर तक ठंडी या गर्म (अपनी ही प्रकृति में) रहती है।
सातवीं कक्षा विज्ञान एनसीईआरटी के पाठ 3 को अच्छी तरह से याद करने के लिए क्या करना चाहिए?
कक्षा 7 में विज्ञान के अध्याय 3 में दी गई अधिकार बाते लगभग प्रत्येक विद्यार्थी को दैनिक जीवन में देखने को मिलती हैं। इस प्रकार की घटनाओं का ध्यान से अवलोकन करना चाहिए और यदि कोई बात हमें समझ न आए तो अपने अध्यापक से या घर में बड़ों से जरूर पूंछना चाहिए। ताकि उस तथ्य को समझने में कोई भी शंका न रहे और ये लंबे समय तक याद रहे।
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 का अध्ययन अच्छी तरह से किस प्रकार किया जा सकता है?
कक्षा 7 की एनसीईआरटी विज्ञान की किताब में अध्याय 3 ऊष्मा है। इस पाठ में हम ऊष्मा और ताप से संबन्धित तथ्यों को समझने की कोशिश करते हैं। 7वीं कक्षा विज्ञान के इस अध्याय में हम जो कुछ भी पढ़ते हैं वह सबकुछ वास्तविक जीवन में रोज होता रहता है। इसलिए पढ़ी गई प्रत्येक बात को दैनिक जीवन से जोड़कर देखना चाहिए और अपने किताबी ज्ञान को वास्तविक ज्ञान में बदलना चाहिए।
हमें अपने शरीर का तापमान किस प्रकार के तापमापी से मापना चाहिए?
कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 3 में कई प्रकार के तापमापी दिए हैं। यदि हम किसी से भी अपने शरीर का ताप मापना चाहते हैं तो हमें डॉक्टरी तापमापी की आवश्यकता होगी। इसमें फरनेहाइट और सेल्सियस दोनों माप दी गई होती है।
7वीं कक्षा विज्ञान की एनसीईआरटी के अध्याय 3 में अभ्यास के लिए कुल कितने प्रश्न दिए गए हैं?
कक्षा 7 विज्ञान के एनसीईआरटी अध्याय 3 में कुल 11 प्रश्न हैं जिनमें से अंतिम चार प्रश्न बहुविकल्पी वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं।