एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद (कविता) सत्र 2025-26 के लिए यहाँ दिए गए हैं। इस कविता में कवि दुष्यंत कुमार द्वारा रचित यह कविता एक प्रेरणात्मक संदेश के रूप में प्रस्तुत की गई है। इसमें बच्चों को बड़े सपने देखने, मेहनत करने और आत्मनिर्भर बनने का आशीर्वाद दिया गया है। यह समाधान छात्रों को कविता के भाव, प्रतीकों और शब्दों को गहराई से समझने में सहायता करता है, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक सोच अपना सकें।
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के MCQ
कक्षा 8 हिंदी मल्हार के अन्य अध्याय
कक्षा 8 मल्हार एक आशीर्वाद के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 8 मल्हार कविता का भावार्थ
कक्षा 8 मल्हार कविता का सारांश
एनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 का समाधान
कक्षा 8 मल्हार अध्याय 3 कविता – एक आशीर्वाद
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों
भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखे
चाँद-तारों-सरी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें
हँसें
मुस्कराएँ
गाएँ
हर दिए की रोशनी देखकर ललचाएँ
उँगली जलाएँ
अपने पाँवों पर खड़े हों।
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों।
– दुष्यंत कुमार
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
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मेरी समझ से
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
1. कविता में किसे संबोधित किया गया है?
• युवा वर्ग को
• नागरिकों को
• बच्चों को
• श्रमिकों को
उत्तर देखें* बच्चों को
कविता में ‘जा’ शब्द का प्रयोग करते हुए कवि एक बच्चे या अगली पीढ़ी से संवाद कर रहे हैं। ‘तेरे स्वप्न बड़े हों’, ‘भावना की गोद से उतरकर’, ‘चलना सीखें’ — इन सभी पंक्तियों से यह स्पष्ट है कि यह संदेश एक बालक को, उसके भविष्य के लिए दिया गया आशीर्वाद है।
2. “तेरे स्वप्न बड़े हों” पंक्ति में ‘स्वप्न’ से क्या आशय है?
• कल्पना की उड़ान भरना
• आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
• बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना
• बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
उत्तर देखें* आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
* बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
यहाँ ‘स्वप्न’ का अर्थ केवल कल्पना नहीं, बल्कि उच्च आकांक्षाओं, गहरी इच्छाओं और महान लक्ष्यों से है। कवि चाहता है कि वह बच्चा अपने जीवन में ऐसे सपने देखे जो उसे ज़मीन से उठा कर बुलंदियों तक ले जाएँ।
3. ” उँगली जलाएँ” पंक्ति में उँगली जलाने का भाव है—
• चुनौतियों को स्वीकार करना
• प्रकाश का प्रसार करना
• अग्नि के ताप का अनुभव करना
• कष्टों से नहीं घबराना
उत्तर देखें* चुनौतियों को स्वीकार करना
* कष्टों से नहीं घबराना
‘हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ, उँगली जलाएँ’ – इसका भावार्थ है कि जीवन की रोशनी को पाने के लिए कठिनाइयों और पीड़ा का सामना करना होगा। यहाँ ‘उँगली जलाना’ संघर्ष और तकलीफों को झेलने का प्रतीक है।
4. “अपने पाँवों पर खड़े हों ” पंक्ति से क्या आशय है?
• अपने पैरों पर खड़े होना
• सफलता प्राप्त करना
• कठिनाइयों का सामना करना
• आत्मनिर्भर होना
उत्तर देखें* कठिनाइयों का सामना करना
* आत्मनिर्भर होना
‘अपने पाँवों पर खड़े हो’ का अर्थ है स्वावलंबी बनना, दूसरों पर निर्भर न रहकर खुद अपने बलबूते आगे बढ़ना। साथ ही, जीवन में आने वाली चुनौतियों से साहसपूर्वक जूझना भी इसका निहित अर्थ है।
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मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तम्भ 1 में दी गयी है। उन पन्क्तियोंके भाव या सन्दर्भ स्तम्भ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भो से मिलाइये।
उत्तर:
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पंक्तियों पर चर्चा
पाठ से चुनकर कुछ पक्तियाँ दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और इनका क्या अर्थ समझ में आया। अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए –
(क) “जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों ”
उत्तर देखेंअर्थ: यह एक शुभकामना है जिसमें कवि बालक को प्रेरित करते हुए कहता है कि उसके सपने बड़े हों – यानी वह जीवन में ऊँचे लक्ष्य बनाए, महान बनने की आकांक्षा रखे और अपने सपनों को साकार करने का साहस भी रखे।
(ख) “जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें”
उत्तर देखेंअर्थ: यहाँ कवि कहता है कि बच्चे को केवल भावनाओं की गोद में नहीं रहना चाहिए, बल्कि यथार्थ के धरातल पर आकर वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सीखना चाहिए। यह पंक्ति व्यवहारिकता और आत्मनिर्भरता का संदेश देती है।
(ग) “चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें”
उत्तर देखेंअर्थ: इस पंक्ति का आशय है कि बच्चा सिर्फ साधारण इच्छाओं तक सीमित न रहे, बल्कि उसे उन लक्ष्यों के लिए भी ललक और जिद होनी चाहिए जो बहुत ऊँचे और कठिन लगते हैं। अप्राप्य चीजों को पाने की जिद और प्रयास ही उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के अंतर्गत आए प्रश्नों के उत्तर
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अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—
(क) कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। आपके अनुसार बड़े सपने कौन-कौन से हो सकते हैं और क्यों?
उत्तर देखेंबड़े सपने वे होते हैं जो न केवल हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा दें, बल्कि समाज और देश के लिए भी उपयोगी हों। जैसे—सभी को शिक्षा देना, पर्यावरण की रक्षा करना, विज्ञान या कला में कुछ अनूठा करना, किसी गरीब की मदद करना या देश के लिए कुछ करना। ये सपने बड़े इसलिए हैं क्योंकि इनसे दूसरों का भी जीवन सुधरता है, सिर्फ अपना नहीं।
(ख) “हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ / उँगली जलाएँ” पंक्ति में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ललक की बात की गई है। ललक के साथ और क्या-क्या होना आवश्यक है और क्यों? (संकेत – योजना, प्रयास आदि)
उत्तर देखेंसपनों को पाने के लिए केवल ललक काफी नहीं होती। साथ में स्पष्ट योजना, नियमित प्रयास, धैर्य और कठिनाइयों को झेलने की ताकत भी ज़रूरी है। बिना इन सबके सिर्फ चाहत से कुछ नहीं मिलेगा। जो लक्ष्य पाना चाहते हैं, उन्हें त्याग, अनुशासन और निरंतर मेहनत करनी होती है।
(ग) कल्पना कीजिए कि आपका सपना ही आपका मित्र है। आपको उससे बातचीत करनी हो तो क्या बात करेंगे?
उत्तर देखेंमैं अपने सपने से कहूँगा – “तू मेरे साथ हमेशा बना रहना। जब मैं थक जाऊँ तो मुझे हिम्मत देना। अगर कभी मैं हारने लगूँ तो मुझे याद दिलाना कि तू ही मेरा असली लक्ष्य है। मैं तुझसे दूर न हो जाऊँ, इसलिए तू मुझे रास्ता दिखाता रहना।”
(घ) यदि आप किसी को आशीर्वाद देना चाहते हों तो आप किसे और क्या आशीर्वाद देंगे और क्यों?
उत्तर देखेंमैं अपने छोटे भाई या बहन को आशीर्वाद दूँगा कि उनके सपने भी बड़े हों और वे उन्हें पूरा करने की क्षमता रखें। क्योंकि हर बच्चे को उड़ने के लिए आसमान मिलना चाहिए और अगर वे मजबूत बनें, तो न केवल वे खुद आगे बढ़ेंगे बल्कि समाज को भी दिशा देंगे।
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कविता की रचना
इस कविता में सपने को मनुष्य की तरह हँसते, मुसकराते, गाते हुए बताया गया है। ध्यान से देखें तो इस कविता में इस प्रकार की अन्य विशेषताएँ भी दिखाई देंगी। उन्हें लिखिए और कक्षा में उन पर चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंकविता की अन्य मानवीय विशेषताएँ:
• सपना हँसता है
“हँसें” — जैसे कोई बच्चा या व्यक्ति हँस रहा हो।
• सपना मुस्कराता है
“मुस्कराएँ” — यह भावनाओं से भरा हुआ संकेत है कि सपना केवल सोच नहीं, महसूस भी कर सकता है।
• सपना गाता है
“गाएँ” — गाना केवल मनुष्यों की क्रिया है, जिससे सपना एक कलाकार की तरह लगता है।
• सपना रूठता और मचलता है
“रूठना-मचलना सीखे” — ये क्रियाएँ बच्चों की तरह व्यवहार को दर्शाती हैं, जिससे सपना को एक बाल रूप दिया गया है।
• सपना रोशनी देखकर ललचाता है
“दिव्य रोशनी देखकर ललचाएँ” — यह दर्शाता है कि सपनों में आकर्षण और इच्छा भी होती है।
• सपना उँगली जलाता है
“उँगली जलाएँ” — जैसे वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए तपस्या कर रहा हो।
• सपना अपने पैरों पर खड़ा होता है
“अपने पाँवों पर खड़े हों” — यह आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जो इंसान के गुणों में आता है।
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सृजन
इस कविता के आरंभ में एक ही संज्ञा शब्द है ‘स्वप्न’। इस शब्द को केंद्र में रखते हुए अनेक क्रिया शब्दों का ताना-बाना बुना गया है, जैसे- चलना, रूठना, मचलना, सीखना, हँसना, मुस्कुराना, गाना, ललचाना और इस प्रकार कविता पूरी हो जाती है। आप भी किसी एक संज्ञा शब्द के साथ विभिन्न क्रिया शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी कविता बनाकर कक्षा में सुनाइए।
उत्तर देखेंएक संज्ञा शब्द “चिड़िया” को केंद्र में रखकर विभिन्न क्रिया शब्दों का प्रयोग करते हुए एक छोटी कविता निम्नलिखित है:
चिड़िया को
चहचहाते देखा है,
फुदकते देखा है,
उड़ते देखा है,
तिनके लाते देखा है,
घोंसला बनाते देखा है,
चूजों को दुलराते देखा है,
आकाश को नापते देखा है,
हर सुबह गीत सुनाते देखा है।
पंक्तियाँ और उनके भावार्थ
कक्षा 8 मल्हार एक आशीर्वाद कविता और भावार्थ
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों
भावार्थ देखेंयह एक आशीर्वाद है कि वह व्यक्ति छोटे लक्ष्यों तक सीमित न रहे, बल्कि बड़े सपने देखे और उन्हें पाने का प्रयास करे।
भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखे
भावार्थ देखेंकल्पना में जीने के बजाय, वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सीखे।
चाँद-तारों-सरी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें
भावार्थ देखेंअसंभव से लगने वाले लक्ष्यों के लिए जिद करना और भावनात्मक रूप से जुड़ना सीखे।
हँसें
मुस्कराएँ
गाएँ
हर दिए की रोशनी देखकर ललचाएँ
भावार्थ देखेंजीवन में आनंद लेना, सौंदर्य की सराहना करना, प्रेरित होना जरूरी है।
उँगली जलाएँ
अपने पाँवों पर खड़े हों।
भावार्थ देखेंमेहनत, संघर्ष और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा है।
कक्षा 8 मल्हार अध्याय 3 कविता का सारांश
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 का सारांश
यह कविता एक भावनात्मक आशीर्वाद के रूप में लिखी गई है जिसमें कवि किसी प्रिय व्यक्ति (संभवतः बालक या युवा) को स्वप्न देखने, संघर्ष करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहा है। वह चाहता है कि वह व्यक्ति कल्पनाओं से बाहर आकर धरती पर सच्चाई से जूझना सीखे, स्वयं निर्णय ले, प्रेरित हो और अपने जीवन को सार्थक बनाए।
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 कविता का मुख्य संदेश क्या है?
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद कविता का मुख्य संदेश यह है कि हर बच्चा या युवा बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने की दिशा में साहस के साथ कदम बढ़ाए। कवि उन्हें केवल कल्पना में खोने की बजाय धरती पर चलना, सच्चाई का सामना करना और आत्मनिर्भर बनना सिखाते हैं। यह कविता उन्हें प्रेरित करती है कि वे चुनौतियों से न डरें, मेहनत करें और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की पूरी कोशिश करें।
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद कविता बच्चों और युवाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कविता बच्चों और युवाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें जीवन के प्रारंभिक चरण में ही बड़े सोचने, साहस करने और आत्मनिर्भर बनने की सीख देती है। यह उन्हें प्रेरित करती है कि वे केवल सपने न देखें, बल्कि उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें, योजना बनाएं और कभी हार न मानें। यह कविता हर युवा के भीतर एक आशावादी और दृढ़ निश्चयी दृष्टिकोण जगाती है।
यह कविता किस शैली में लिखी गई है और इसका भाव क्या है?
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 कविता प्रेरणात्मक और भावनात्मक शैली में लिखी गई है, जिसमें कवि अपने पाठकों को पिता, गुरु या संरक्षक की तरह मार्गदर्शन और आशीर्वाद देते हैं। कविता में सहज भाषा और सरल छंदों का प्रयोग हुआ है, जिससे पाठक भावनाओं से जुड़ पाते हैं। इसका भाव यह है कि व्यक्ति को कल्पना में खोए रहने की बजाय यथार्थ का सामना करना चाहिए और आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को साकार करना चाहिए।