एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद (कविता) सत्र 2025-26 के लिए यहाँ दिए गए हैं। इस कविता में कवि दुष्यंत कुमार द्वारा रचित यह कविता एक प्रेरणात्मक संदेश के रूप में प्रस्तुत की गई है। इसमें बच्चों को बड़े सपने देखने, मेहनत करने और आत्मनिर्भर बनने का आशीर्वाद दिया गया है। यह समाधान छात्रों को कविता के भाव, प्रतीकों और शब्दों को गहराई से समझने में सहायता करता है, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक सोच अपना सकें।
कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के MCQ
कक्षा 8 हिंदी मल्हार के अन्य अध्याय
कक्षा 8 मल्हार एक आशीर्वाद के प्रश्न-उत्तर
कक्षा 8 मल्हार कविता का भावार्थ
कक्षा 8 मल्हार कविता का सारांश

एनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 का समाधान

कक्षा 8 मल्हार अध्याय 3 कविता – एक आशीर्वाद
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों
भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखे
चाँद-तारों-सरी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें
हँसें
मुस्कराएँ
गाएँ
हर दिए की रोशनी देखकर ललचाएँ
उँगली जलाएँ
अपने पाँवों पर खड़े हों।
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों।
– दुष्यंत कुमार

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर

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मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
1. कविता में किसे संबोधित किया गया है?
• युवा वर्ग को
• नागरिकों को
• बच्चों को
• श्रमिकों को
उत्तर देखें* बच्चों को
कविता में ‘जा’ शब्द का प्रयोग करते हुए कवि एक बच्चे या अगली पीढ़ी से संवाद कर रहे हैं। ‘तेरे स्वप्न बड़े हों’, ‘भावना की गोद से उतरकर’, ‘चलना सीखें’ — इन सभी पंक्तियों से यह स्पष्ट है कि यह संदेश एक बालक को, उसके भविष्य के लिए दिया गया आशीर्वाद है।

2. “तेरे स्वप्न बड़े हों” पंक्ति में ‘स्वप्न’ से क्या आशय है?
• कल्पना की उड़ान भरना
• आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
• बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना
• बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
उत्तर देखें* आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
* बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
यहाँ ‘स्वप्न’ का अर्थ केवल कल्पना नहीं, बल्कि उच्च आकांक्षाओं, गहरी इच्छाओं और महान लक्ष्यों से है। कवि चाहता है कि वह बच्चा अपने जीवन में ऐसे सपने देखे जो उसे ज़मीन से उठा कर बुलंदियों तक ले जाएँ।

3. ” उँगली जलाएँ” पंक्ति में उँगली जलाने का भाव है—
• चुनौतियों को स्वीकार करना
• प्रकाश का प्रसार करना
• अग्नि के ताप का अनुभव करना
• कष्टों से नहीं घबराना
उत्तर देखें* चुनौतियों को स्वीकार करना
* कष्टों से नहीं घबराना
‘हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ, उँगली जलाएँ’ – इसका भावार्थ है कि जीवन की रोशनी को पाने के लिए कठिनाइयों और पीड़ा का सामना करना होगा। यहाँ ‘उँगली जलाना’ संघर्ष और तकलीफों को झेलने का प्रतीक है।

4. “अपने पाँवों पर खड़े हों ” पंक्ति से क्या आशय है?
• अपने पैरों पर खड़े होना
• सफलता प्राप्त करना
• कठिनाइयों का सामना करना
• आत्मनिर्भर होना
उत्तर देखें* कठिनाइयों का सामना करना
* आत्मनिर्भर होना
‘अपने पाँवों पर खड़े हो’ का अर्थ है स्वावलंबी बनना, दूसरों पर निर्भर न रहकर खुद अपने बलबूते आगे बढ़ना। साथ ही, जीवन में आने वाली चुनौतियों से साहसपूर्वक जूझना भी इसका निहित अर्थ है।

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मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तम्भ 1 में दी गयी है। उन पन्क्तियोंके भाव या सन्दर्भ स्तम्भ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भो से मिलाइये।

Class 8 Hindi Malhar Chapter 3 Question 1

उत्तर:

Class 8 Hindi Malhar Chapter 3 Answer 1

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पंक्तियों पर चर्चा

पाठ से चुनकर कुछ पक्तियाँ दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और इनका क्या अर्थ समझ में आया। अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए –
(क) “जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों ”
उत्तर देखेंअर्थ: यह एक शुभकामना है जिसमें कवि बालक को प्रेरित करते हुए कहता है कि उसके सपने बड़े हों – यानी वह जीवन में ऊँचे लक्ष्य बनाए, महान बनने की आकांक्षा रखे और अपने सपनों को साकार करने का साहस भी रखे।

(ख) “जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें”
उत्तर देखेंअर्थ: यहाँ कवि कहता है कि बच्चे को केवल भावनाओं की गोद में नहीं रहना चाहिए, बल्कि यथार्थ के धरातल पर आकर वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सीखना चाहिए। यह पंक्ति व्यवहारिकता और आत्मनिर्भरता का संदेश देती है।

(ग) “चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें”
उत्तर देखेंअर्थ: इस पंक्ति का आशय है कि बच्चा सिर्फ साधारण इच्छाओं तक सीमित न रहे, बल्कि उसे उन लक्ष्यों के लिए भी ललक और जिद होनी चाहिए जो बहुत ऊँचे और कठिन लगते हैं। अप्राप्य चीजों को पाने की जिद और प्रयास ही उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के अंतर्गत आए प्रश्नों के उत्तर

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अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—
(क) कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। आपके अनुसार बड़े सपने कौन-कौन से हो सकते हैं और क्यों?
उत्तर देखेंबड़े सपने वे होते हैं जो न केवल हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा दें, बल्कि समाज और देश के लिए भी उपयोगी हों। जैसे—सभी को शिक्षा देना, पर्यावरण की रक्षा करना, विज्ञान या कला में कुछ अनूठा करना, किसी गरीब की मदद करना या देश के लिए कुछ करना। ये सपने बड़े इसलिए हैं क्योंकि इनसे दूसरों का भी जीवन सुधरता है, सिर्फ अपना नहीं।

(ख) “हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ / उँगली जलाएँ” पंक्ति में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ललक की बात की गई है। ललक के साथ और क्या-क्या होना आवश्यक है और क्यों? (संकेत – योजना, प्रयास आदि)
उत्तर देखेंसपनों को पाने के लिए केवल ललक काफी नहीं होती। साथ में स्पष्ट योजना, नियमित प्रयास, धैर्य और कठिनाइयों को झेलने की ताकत भी ज़रूरी है। बिना इन सबके सिर्फ चाहत से कुछ नहीं मिलेगा। जो लक्ष्य पाना चाहते हैं, उन्हें त्याग, अनुशासन और निरंतर मेहनत करनी होती है।

(ग) कल्पना कीजिए कि आपका सपना ही आपका मित्र है। आपको उससे बातचीत करनी हो तो क्या बात करेंगे?
उत्तर देखेंमैं अपने सपने से कहूँगा – “तू मेरे साथ हमेशा बना रहना। जब मैं थक जाऊँ तो मुझे हिम्मत देना। अगर कभी मैं हारने लगूँ तो मुझे याद दिलाना कि तू ही मेरा असली लक्ष्य है। मैं तुझसे दूर न हो जाऊँ, इसलिए तू मुझे रास्ता दिखाता रहना।”

(घ) यदि आप किसी को आशीर्वाद देना चाहते हों तो आप किसे और क्या आशीर्वाद देंगे और क्यों?
उत्तर देखेंमैं अपने छोटे भाई या बहन को आशीर्वाद दूँगा कि उनके सपने भी बड़े हों और वे उन्हें पूरा करने की क्षमता रखें। क्योंकि हर बच्चे को उड़ने के लिए आसमान मिलना चाहिए और अगर वे मजबूत बनें, तो न केवल वे खुद आगे बढ़ेंगे बल्कि समाज को भी दिशा देंगे।

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कविता की रचना

इस कविता में सपने को मनुष्य की तरह हँसते, मुसकराते, गाते हुए बताया गया है। ध्यान से देखें तो इस कविता में इस प्रकार की अन्य विशेषताएँ भी दिखाई देंगी। उन्हें लिखिए और कक्षा में उन पर चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंकविता की अन्य मानवीय विशेषताएँ:
• सपना हँसता है
“हँसें” — जैसे कोई बच्चा या व्यक्ति हँस रहा हो।
• सपना मुस्कराता है
“मुस्कराएँ” — यह भावनाओं से भरा हुआ संकेत है कि सपना केवल सोच नहीं, महसूस भी कर सकता है।
• सपना गाता है
“गाएँ” — गाना केवल मनुष्यों की क्रिया है, जिससे सपना एक कलाकार की तरह लगता है।
• सपना रूठता और मचलता है
“रूठना-मचलना सीखे” — ये क्रियाएँ बच्चों की तरह व्यवहार को दर्शाती हैं, जिससे सपना को एक बाल रूप दिया गया है।
• सपना रोशनी देखकर ललचाता है
“दिव्य रोशनी देखकर ललचाएँ” — यह दर्शाता है कि सपनों में आकर्षण और इच्छा भी होती है।
• सपना उँगली जलाता है
“उँगली जलाएँ” — जैसे वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए तपस्या कर रहा हो।
• सपना अपने पैरों पर खड़ा होता है
“अपने पाँवों पर खड़े हों” — यह आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जो इंसान के गुणों में आता है।

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सृजन

इस कविता के आरंभ में एक ही संज्ञा शब्द है ‘स्वप्न’। इस शब्द को केंद्र में रखते हुए अनेक क्रिया शब्दों का ताना-बाना बुना गया है, जैसे- चलना, रूठना, मचलना, सीखना, हँसना, मुस्कुराना, गाना, ललचाना और इस प्रकार कविता पूरी हो जाती है। आप भी किसी एक संज्ञा शब्द के साथ विभिन्न क्रिया शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी कविता बनाकर कक्षा में सुनाइए।

Class 8 Hindi Malhar Chapter 3 Question 2

उत्तर देखेंएक संज्ञा शब्द “चिड़िया” को केंद्र में रखकर विभिन्न क्रिया शब्दों का प्रयोग करते हुए एक छोटी कविता निम्नलिखित है:
चिड़िया को
चहचहाते देखा है,
फुदकते देखा है,
उड़ते देखा है,
तिनके लाते देखा है,
घोंसला बनाते देखा है,
चूजों को दुलराते देखा है,
आकाश को नापते देखा है,
हर सुबह गीत सुनाते देखा है।

Class 8 Hindi Malhar Chapter 3 Answer 2

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कविता का शीर्षक

इस कविता का शीर्षक ‘एक आशीर्वाद’ है जो कविता में कहीं भी प्रयुक्त नहीं हुआ है। यदि इस कविता की ही किसी पंक्ति या शब्द को कविता का शीर्षक बनाना हो तो आप कौन-सी पंक्ति या शब्द चुनेंगे और क्यों?
उत्तर देखेंकविता के भावों के आधार पर कुछ संभावित शीर्षक और उनके कारण नीचे दिए गए हैं:
तेरे स्वप्न बड़े हों: इस पंक्ति को शीर्षक के रूप में चुना जा सकता है क्योंकि यह कविता का सबसे महत्वपूर्ण और दोहराया गया हिस्सा है । यह कविता का मुख्य संदेश है जो बड़े लक्ष्य और महत्वाकांक्षाओं को रखने का आशीर्वाद देता है ।
स्वप्न: यह शब्द भी एक अच्छा शीर्षक हो सकता है क्योंकि पूरी कविता इसी संज्ञा शब्द पर आधारित है । कविता में सभी क्रियाएँ- चलना, रूठना, मचलना, हँसना, ललचाना- सपनों को पूरा करने की यात्रा का हिस्सा हैं।

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भाषा की बात

(क) नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘स्वप्न’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए –

कक्षा 8 हिंदी मल्हार पाठ 3 चित्र 1

उत्तर देखें‘स्वप्न’ शब्द से जुड़े अनेक शब्द निकलते हैं। यहाँ कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
• सपना
• ख्वाब
• कल्पना
• आकांक्षा
• अभिलाषा
• उम्मीद
• भविष्य-दृष्टि
• स्वप्नलोक
• स्वप्निल

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आना-जाना

‘आना’ और ‘जाना’ दो महत्वपूर्ण क्रियाएँ हैं। कक्षा में दो समूह बनाइए। एक समूह का नाम ‘आना’ और दूसरे समूह का नाम ‘जाना’ होगा। अब अपने-अपने समूहों में इन दोनों क्रियाओं का प्रयोग करते हुए सार्थक वाक्य बनाइए और उन्हें चार्ट पेपर पर चिपकाकर अपनी कक्षा में लगाइए।
उत्तर देखें‘आना’ समूह – उदाहरण वाक्य:
• राम रोज़ समय पर विद्यालय आता है।
• मेरे घर पर कल मेहमान आएंगे।
• बस कब स्टेशन पर आएगी?
• यदि मेहनत करोगे तो सफलता ज़रूर आएगी।
• तुम्हें सच बोलने का साहस आना चाहिए।
‘जाना’ समूह – उदाहरण वाक्य:
• हम कल पिकनिक पर जाएंगे।
• बच्चे हर सुबह खेल के मैदान में खेलने जाते हैं।
• पिता जी दफ़्तर गए हैं।
• मुझे बाज़ार से सब्ज़ी लेने जाना है।
• समय पर विद्यालय जाना हर विद्यार्थी का कर्तव्य है।

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डायरी

हँसे–मुस्कराए–गाए
अपने लिखे हुए एक दिन की समस्त गतिविधियों पर ध्यान दीजिए और अपनी डायरी में लिखिए कि आप दिनभर में कब–कब हँसे, कब–कब मुस्कराए, कब–कब गाए, कब–कब रूठे, कब–कब मचले।
उत्तर देखेंआज का दिन बहुत रोचक रहा। सुबह मित्रों से मिलकर मैं खूब मुस्कराया। कक्षा में अध्यापक की मज़ेदार बातों पर सबके साथ हँसा। अवकाश में गीत प्रतियोगिता की तैयारी करते हुए मैंने मनपसंद गीत गाया। दोपहर में छोटी सी बात पर मित्र से रूठा, पर खेलते-खेलते फिर से हँस पड़ा। शाम को मनपसंद खेल न मिलने पर थोड़ा मचल गया।

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पाठ से आगे

आपकी बात

(क) कविता के माध्यम से बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें पूरा करने का आशीर्वाद दिया गया है। दिन-प्रतिदिन के जीवन में आपको अपने माता-पिता, अध्यापक एवं परिजनों से किस तरह के आशीर्वाद मिलते हैं? अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर देखेंमेरे माता-पिता मुझे हमेशा आशीर्वाद देते हैं कि मैं खूब मन लगाकर पढ़ाई करूँ और हमेशा खुश रहूँ। मेरे अध्यापक कहते हैं कि अगर मैं मेहनत करूँगा तो मुझे सफलता ज़रूर मिलेगी। मेरे परिजन मुझे कहते हैं कि मैं खूब तरक्की करूँ और जीवन में बहुत आगे बढ़ूँ।

(ख) आप भी अपने से छोटों के प्रति किसी न किसी प्रकार से शुभेच्छा प्रकट करते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर देखेंमैं अपने छोटे भाई को हमेशा कहता हूँ:
• हमेशा खुश रहो और मन लगाकर पढ़ाई करो।
• खूब खेलो, पर चोट मत लगाना।
• हमेशा बड़ों का कहना मानो।
• तुम्हारे भी सारे सपने पूरे हों।

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सपनों की बातें

(क) आप क्या करना चाहते हैं और क्या पाना चाहते हैं? उन्हें एक परची पर लिखें। परची पर अपना नाम लिखना आवश्यक नहीं है। अपने अध्यापक द्वारा लाए गए डिब्बे में अपनी-अपनी परची को डाल दें। अध्यापक एक-एक करके इन परचियों पर लिखे सपनों को पढ़कर सुनाएँ। सभी विद्यार्थी अपने-अपने सुझाव दें कि उन सपनों को पूरा करने के लिए-
• किस तरह के प्रयत्न करने होंगे?
• किस तरह से योजना बनानी होगी?
• किससे और किस प्रकार का सहयोग लिया जा सकता है?
• लक्ष्य-प्राप्ति में संभावित चुनौतियाँ कौन-कौन सी हो सकती हैं?
उत्तर देखेंमैं भविष्य में एक वैज्ञानिक बनना चाहता हूँ। मैं नई-नई खोजें करके ऐसी तकनीक बनाना चाहता हूँ जो हमारे देश को और बेहतर बना सके। मैं चाहता हूँ कि मैं अपने देश के लिए कुछ ऐसा करूँ जिससे सभी को गर्व हो। यही मेरा सपना है जिसे मैं पाना चाहता हूँ।
मेरे सपने को पूरा करने के लिए प्रयत्न:
• मुझे विज्ञान और गणित जैसे विषयों पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
• स्कूल की सभी परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने की कोशिश करनी होगी।
• विज्ञान से जुड़ी किताबें और डॉक्यूमेंट्री देखनी होंगी।
योजना:
• मुझे हर दिन कम से कम 2 घंटे विज्ञान का अभ्यास करना होगा।
• दसवीं कक्षा के बाद विज्ञान विषय को चुनकर आगे की पढ़ाई की योजना बनानी होगी।
• स्कूल में होने वाले विज्ञान प्रतियोगिताओं में भाग लेना होगा।
सहयोग के लिए उपलब्ध साधन:
• मैं अपने विज्ञान के अध्यापक से मार्गदर्शन लूँगा।
• मैं अपने माता-पिता से पढ़ाई और कॉलेज के बारे में सलाह लूँगा।
• मैं इंटरनेट और लाइब्रेरी की मदद से नई-नई जानकारी जुटाऊँगा।
लक्ष्य-प्राप्ति में संभावित चुनौतियाँ:
• सबसे बड़ी चुनौती प्रतियोगिता है। बहुत सारे छात्र वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
• विज्ञान की पढ़ाई काफी मुश्किल और महंगी हो सकती है।
• कई बार मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती, तो निराश होने की चुनौती भी हो सकती है।

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हमारे सपने

आपके माता-पिता या अभिभावक आपकी आवश्यकताओं और इच्छाओं को जानते-समझते हैं। वे उन्हें पूरा करने के लिए यथासंभव प्रयत्न करते हैं। अपने माता-पिता या अभिभावक से उनके द्वारा देखे गए सपने और इच्छाओं के बारे में पूछिए कि वे क्या-क्या करना चाहते थे या चाहते हैं? नीचे दी गई तालिका में उन सपनों को लिखिए। आप इस तालिका को और बढ़ा सकते हैं।

सदस्यघर के सदस्यों के सपने
माता
पिता
दादा
दादी
नाना
नानी
भाई
बहन

उत्तर:

सदस्यघर के सदस्यों के सपने
माताडॉक्टर बनना चाहती थीं ताकि लोगों का इलाज कर सकें।
पिताएक बड़ा व्यवसाय शुरू करना चाहते थे।
दादागाँव में एक पुस्तकालय खोलना चाहते थे।
दादीबहुत यात्राएँ करना चाहती थीं।
नानाबच्चों को पढ़ाना और शिक्षक बनना चाहते थे।
नानीघर में एक छोटा बगीचा बनाना चाहती थीं।
बहनपायलट बनकर आसमान में उड़ना चाहती है।
भाईएक अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी बनना चाहता है।

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सबके सपने

प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत-से लोग सहयोग देते हैं, जैसे- शाक विक्रेता, स्वच्छताकर्मी, रिक्शाचालक, सुरक्षाकर्मी आदि। इनमें से किसी एक से साक्षात्कार कीजिए और उनके सपनों के विषय में जानिए। साक्षात्कार के समय कौन-कौन से प्रश्न हो सकते हैं? उनकी एक सूची भी बनाइए।
उत्तर देखेंमैंने उनसे पूछा कि उनका क्या सपना है। उन्होंने बताया कि उनका सबसे बड़ा सपना है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर बड़े आदमी बनें और उन्हें वह काम न करना पड़े जो वह कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि उनके बच्चों को एक अच्छी नौकरी मिले ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके।
साक्षात्कार के समय पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न:
• आपका नाम क्या है?
• आप यह काम कब से कर रहे हैं?
• आपका क्या सपना है?
• क्या आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ कर रहे हैं?
• आपके काम में क्या-क्या चुनौतियाँ आती हैं?
• क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे भी यही काम करें?

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झरोखे से

आपने पढ़ा कि ‘एक आशीर्वाद’ कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। अब आप पढ़िए सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का एक प्रेरक उद्बोधन, जिसमें वे न केवल सपने देखने की बात करते हैं, बल्कि सपनों को पूरा करने की योजना और प्रक्रिया के विषय में भी बताते हैं।
सपनों की उड़ान
सपने वह नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वे होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। अपने सपने पूरे करने के लिए आपको जागते रहना होता है, पूरी तरह आँखें खोलकर जागते रहना होता है।
आज जितनी संभावनाएँ हैं, उतनी अब तक के समूचे इतिहास में पहले कभी नहीं थीं। इक्कीसवीं सदी ऐसे अनुभव पैदा कर रही है जिन्हें मानव के विकास की पिछली बीस शताब्दियों में असंभव समझा जाता था। ऐसे माहौल में जब प्रौद्योगिकी और नई-नई खोजों के बल पर मानव सभ्यता तरक़्क़ी कर रही है, इंसान में लुप्त संभावनाओं का भवितव्य तेजी से विस्तार हो रहा है। लेकिन इन अवसरों का अनुभव करने के लिए हमारे पास जो समय है वह उतना का उतना ही है और आज के युवा इसी दुनिया में हैं। युवा चाहते हैं कि उनके सामने जितने किस्म के अनुभव उपलब्ध हों, वे सबका फ़ायदा उठा सकें, जो भी उन्हें मिलना चाहिए, मिल पाए।
लेकिन जैसे-जैसे दुनिया का दायरा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे हमें ख़ुद को कुछ ख़ास लक्ष्यों के संकरे दायरे में सीमित कर लेना पड़ रहा है। मुझे नहीं लगता कि ऐसा करना उचित है। मेरा सपना है कि संसार के हर युवा को संसार के वे सारे अनुभव मिल सकें जिनकी उन्हें चाह हो। लेकिन इसे कैसे संभव बनाया जा सकता है?
इसे संभव बनाने के दो तरीके हैं। एक तो यह कि हम कुछ ऐसा करें कि हमारे पास जो समय उपलब्ध है उसे हम बढ़ा सकें। दूसरा यह कि हमारे पास जो समय है उसमें जितना काम कर सकते हैं, जितना कुछ हासिल कर सकते हैं उसकी मात्रा बढ़ा दें। इन दोनों जीवन-लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, यह समझ लेने से दूसरी और चीज़ तक पहुँचने के दरवाज़े खुद-ब-खुद खुल जाएँगे। यह वही लंबी छलांग है जिसका मानवता को अब तक इंतज़ार था और जो हमें विकास की राह के अगले चरण तक पहुँचा सकती है।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

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साझी समझ

आपने ‘एक आशीर्वाद’ कविता पढ़ी और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उपयुक्त उद्बोधन भी पढ़ा। अब आप इन दोनों पर कक्षा में अपने साथियों के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंचर्चा के लिए मुख्य बिंदु:
• दोनों रचनाओं में सपनों के महत्व पर ज़ोर दिया गया है।
• ‘एक आशीर्वाद’ में कवि बालक को बड़े सपने देखने और आत्मनिर्भर बनने का आशीर्वाद देता है।
• डॉ. कलाम केवल सपने देखने की बात नहीं करते, बल्कि उन्हें पूरा करने की योजना और प्रक्रिया भी बताते हैं।
• आज की दुनिया में असंख्य संभावनाएँ और अवसर हैं।
• समय सीमित है, इसलिए समय का सदुपयोग और कार्यक्षमता बढ़ाना ज़रूरी है।
चर्चा के लिए प्रश्न:
• ‘एक आशीर्वाद’ में सपनों को लेकर कवि क्या संदेश देता है?
• डॉ. कलाम के अनुसार सपने पूरे करने के लिए क्या आवश्यक है?
• आज के युवाओं के सामने कौन-कौन सी नई संभावनाएँ हैं?
• हमें अपने लक्ष्यों को सीमित दायरे में बाँध लेना क्यों उचित नहीं है?
• समय का सदुपयोग कैसे किया जा सकता है?
• इन दोनों रचनाओं से आपने अपने जीवन के लिए क्या प्रेरणा ली?
चर्चा का उद्देश्य यह समझना है कि सपने देखना ही नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए योजना बनाना, समय का उपयोग करना और मेहनत करना भी ज़रूरी है।

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खोजबीन के लिए

कला, विज्ञान, राजनीति, खेलकूद, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त करने वाले व्यक्तियों ने अपने-अपने सपनों को पूरा करने की संघर्ष-यात्रा के बारे में लिखा है। उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए किस तरह से योजना बनाई, क्या-क्या संघर्ष किए? पुस्तकालय अथवा इंटरनेट की सहायता से ऐसे व्यक्तियों के बारे में पढ़िए।
उत्तर देखेंकला क्षेत्र:
• रवींद्रनाथ ठाकुर – साहित्य और संगीत के क्षेत्र में अपार योगदान। बचपन से ही लिखना शुरू किया और कठिनाइयों के बावजूद गी़तान्जलि जैसी कृति दी, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।
• लता मंगेशकर – भारतीय संगीत की स्वर कोकिला। परिवार की आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद निरंतर अभ्यास और संघर्ष से गायन में सर्वोच्च स्थान पाया।
विज्ञान क्षेत्र:
• सी.वी. रमन – साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद निरंतर शोध और परिश्रम से ‘रमन प्रभाव’ की खोज की और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए।
• डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम – तमिलनाडु के छोटे से गाँव से निकलकर मिसाइल मैन और भारत के राष्ट्रपति बने। उन्होंने विज्ञान और तकनीक के माध्यम से सपनों को पूरा किया।
राजनीति क्षेत्र:
• महात्मा गांधी – स्वतंत्रता के लिए अहिंसक संघर्ष का मार्ग अपनाया। उनका सपना भारत को आज़ाद देखना था, जिसके लिए उन्होंने सत्याग्रह और आंदोलनों का नेतृत्व किया।
• इंदिरा गांधी – भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री। अनेक राजनीतिक चुनौतियों का सामना करके अपने नेतृत्व कौशल से इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
खेलकूद क्षेत्र:
• सचिन तेंदुलकर – क्रिकेट के क्षेत्र में बचपन से ही सपना देखा। कठोर अभ्यास, अनुशासन और संघर्ष से ‘क्रिकेट का भगवान’ कहलाए।
• मेरी कॉम – मणिपुर की साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर पाँच बार विश्व विजेता बनीं। परिवार और संसाधनों की कमी के बावजूद बॉक्सिंग में अपना सपना पूरा किया।
मनोरंजन क्षेत्र:
• राज कपूर – भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता-निर्माता। अपनी रचनात्मकता और मेहनत से हिन्दी फिल्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
• अमिताभ बच्चन – शुरुआती असफलताओं और रिजेक्शन का सामना किया, लेकिन हार न मानते हुए मेहनत से सदी के महानायक बने।

पंक्तियाँ और उनके भावार्थ

कक्षा 8 मल्हार एक आशीर्वाद कविता और भावार्थ

जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों
भावार्थ देखेंयह एक आशीर्वाद है कि वह व्यक्ति छोटे लक्ष्यों तक सीमित न रहे, बल्कि बड़े सपने देखे और उन्हें पाने का प्रयास करे।

भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखे
भावार्थ देखेंकल्पना में जीने के बजाय, वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सीखे।

चाँद-तारों-सरी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें
भावार्थ देखेंअसंभव से लगने वाले लक्ष्यों के लिए जिद करना और भावनात्मक रूप से जुड़ना सीखे।

हँसें
मुस्कराएँ
गाएँ
हर दिए की रोशनी देखकर ललचाएँ
भावार्थ देखेंजीवन में आनंद लेना, सौंदर्य की सराहना करना, प्रेरित होना जरूरी है।

उँगली जलाएँ
अपने पाँवों पर खड़े हों।
भावार्थ देखेंमेहनत, संघर्ष और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा है।

कक्षा 8 मल्हार अध्याय 3 कविता का सारांश

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 का सारांश

यह कविता एक भावनात्मक आशीर्वाद के रूप में लिखी गई है जिसमें कवि किसी प्रिय व्यक्ति (संभवतः बालक या युवा) को स्वप्न देखने, संघर्ष करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहा है। वह चाहता है कि वह व्यक्ति कल्पनाओं से बाहर आकर धरती पर सच्चाई से जूझना सीखे, स्वयं निर्णय ले, प्रेरित हो और अपने जीवन को सार्थक बनाए।

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 कविता का मुख्य संदेश क्या है?

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद कविता का मुख्य संदेश यह है कि हर बच्चा या युवा बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने की दिशा में साहस के साथ कदम बढ़ाए। कवि उन्हें केवल कल्पना में खोने की बजाय धरती पर चलना, सच्चाई का सामना करना और आत्मनिर्भर बनना सिखाते हैं। यह कविता उन्हें प्रेरित करती है कि वे चुनौतियों से न डरें, मेहनत करें और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की पूरी कोशिश करें।

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 एक आशीर्वाद कविता बच्चों और युवाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह कविता बच्चों और युवाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें जीवन के प्रारंभिक चरण में ही बड़े सोचने, साहस करने और आत्मनिर्भर बनने की सीख देती है। यह उन्हें प्रेरित करती है कि वे केवल सपने न देखें, बल्कि उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें, योजना बनाएं और कभी हार न मानें। यह कविता हर युवा के भीतर एक आशावादी और दृढ़ निश्चयी दृष्टिकोण जगाती है।

यह कविता किस शैली में लिखी गई है और इसका भाव क्या है?

कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 3 कविता प्रेरणात्मक और भावनात्मक शैली में लिखी गई है, जिसमें कवि अपने पाठकों को पिता, गुरु या संरक्षक की तरह मार्गदर्शन और आशीर्वाद देते हैं। कविता में सहज भाषा और सरल छंदों का प्रयोग हुआ है, जिससे पाठक भावनाओं से जुड़ पाते हैं। इसका भाव यह है कि व्यक्ति को कल्पना में खोए रहने की बजाय यथार्थ का सामना करना चाहिए और आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को साकार करना चाहिए।