कक्षा 6 भूगोल अध्याय 4 एनसीईआरटी समाधान – मानचित्र

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 भूगोल अध्याय 4 मानचित्र के प्रश्न उत्तर और अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 भूगोल पाठ 4 सामाजिक अध्ययन में सरल रूप में विभिन्न मानचित्रों के बारे में बताया गया है। जैसे भौतिक मानचित्र, विषयगत मानचित्र और राजनीतिक मानचित्र। कक्षा 6 भूगोल का अध्याय 4 इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भूगोल के किसी भी पाठ को पढ़ने के लिए मानचित्र का ज्ञान आवश्यक होता है।

कक्षा 6 भूगोल अध्याय 4 के लिए एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 6 एनसीईआरटी समाधान

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मानचित्र

मानचित्र पृथ्वी की सतह या इसके एक भाग का पैमाने के माध्यम से चपटी सतह पर खींचा गया चित्र है। आप पिछले अध्याय में ग्लोब के महत्त्व के बारे में पढ़ चुके हैं। ग्लोब में अध्ययन की कुछ सीमाएँ होती हैं। जब हम पूरी पृथ्वी का अध्ययन करना चाहते हैं तब ग्लोब हमारे लिए काफी उपयोगी साबित होता है। लेकिन, जब हम पृथ्वी के केवल एक भाग जैसे- अपने देश, राज्यों, जिलों, शहरों तथा गाँवों के बारे मे अध्ययन करना चाहते हैं तो यह हमारे लिए उतना उपयोगी साबित नहीं होता है। ऐसी स्थिति में हम मानचित्रों का उपयोग करते हैं।

भौतिक मानचित्र

पृथ्वी की प्राकृतिक आकृतियों जैसे- पर्वतों, पठारों, मैदानों, नदियों, महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्रों को भौतिक या उच्चावच मानचित्र कहा जाता है।

राजनीतिक मानचित्र

राज्यों, नगरों, शहरों तथा गाँवों और विश्व के विभिन्न देशों व राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्र को राजनीतिक मानचित्र कहा जाता है।

थिमैटिक मानचित्र से क्या तात्पर्य है?

कुछ मानचित्र विशेष जानकारियाँ प्रदान करते हैं जैसे- सड़क मानचित्र, वर्षा मानचित्र, वन तथा उद्योगों आदि के वितरण दर्शाने वाले मानचित्र इत्यादि। इस प्रकार के मानचित्र को थिमैटिक मानचित्र कहा जाता है।

मानचित्र के कितने घटक होते हैं?

मानचित्र के तीन घटक होते हैं:
1. दूरी
2. दिशा
3. प्रतीक

मानचित्र में दर्शायी गई दूरी को किस प्रकार वास्तविक दूरी से व्यक्त कर सकते हैं?

मानचित्र छोटे पैमाने पर खींचे जाते हैं। लेकिन इसे इतनी सावधानी से छोटा किया जाता है ताकि स्थानों के बीच की दूरी वास्तविक रहे। यह तभी संभव हो सकता है जब कागज पर एक छोटी दूरी, स्थल की बड़ी दूरी को व्यक्त करती हो। इसलिए इस उद्देश्य के लिए एक पैमाना चुना जाता है। पैमाना, स्थल पर वास्तविक दूरी तथा मानचित्र पर दिखाई गई दूरी के बीच का अनुपात होता है। उदाहरण के लिए, आपके विद्यालय एवं आपके घर के बीच की दूरी 10 किमी. है जिसे मानचित्र पर 2 सेमी. की दूरी से व्यक्त किया गया है, इसका अभिप्राय है कि मानचित्र का 1 सेमी. स्थल के 5 किमी. को दर्शाएगा।

मानचित्र में दिशाओं का ज्ञान किस प्रकार ज्ञात कर सकते हैं?

अधिकतर मानचित्रों में ऊपर दाहिनी तरफ तीर का निशान बना होता है, जिसके ऊपर अक्षर उ. लिखा होता है। यह तीर का निशान उत्तर दिशा को दर्शाता है। इसे उत्तर रेखा कहा जाता है। जब आप उत्तर के बारे में जानते हैं तब आप दूसरी दिशाओं जैसे पूर्व, पश्चिम तथा दक्षिण के बारे में पता लगा सकते हैं। चित्र 4.2 में चार मुख्य दिशाओं उत्तर, दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम को दिखाया गया है। वे प्रधान दिग्बिंदु कहे जाते हैं। बीच की चार दिशाएँ हैं उत्तर-पूर्व (उ.पू.), दक्षिण-पूर्व (द.पू.), दक्षिण-पश्चिम (द.प.) तथा उत्तर-पश्चिम (उ.प.)। इन बीच वाली दिशाओं की मदद से किसी भी स्थान की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

प्रतीक

प्रतीक किसी भी मानचित्र का तीसरा प्रमुख घटक है। किसी भी मानचित्र पर वास्तविक आकार एवं प्रकार में विभिन्न आकृतियों जैसे- भवनों, सड़कों, पुलों, वृक्षों, रेल की पटरियों या कुएँ को दिखाना संभव नहीं होता है। इसलिए, वे निश्चित अक्षरों, छायाओं, रंगों, चित्रों तथा रेखाओं का उपयोग करके दर्शाए जाते हैं। ये प्रतीक कम स्थान में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं। इन प्रतीकों के इस्तेमाल के द्वारा मानचित्र को आसानी से खींचा जा सकता है तथा इनका अध्ययन करना आसान होता है। अगर आप एक क्षेत्र की भाषा को नहीं जानते हैं तथा आप किसी से दिशाओं के बारे में नहीं पूछ सकते हैं तब आप इन चिह्नों की सहायता के द्वारा मानचित्र से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मानचित्रों की एक विश्वव्यापी भाषा होती है जिसे सभी आसानी से समझ सकते हैं। इन प्रतीकों के उपयोग के संबंध में एक अंतर्राष्ट्रीय सहमति है। ये रूढ़ प्रतीक कहे जाते हैं। विभिन्न रंगों का उपयोग भी इसी उद्देश्य से किया जाता है। उदाहरण के लिए सामान्यत: नीले रंग का इस्तेमाल जलाशयों, भूरा रंग पर्वतों, पीला रंग पठारों और हरा रंग मैदानों को दर्शाने के लिए किया जाता है।

खाका किसे कहते हैं और इसका क्या उपयोग है?

एक छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर खींचा गया रेखाचित्र खाका कहा जाता है। एक बड़े पैमाने वाले मानचित्र से हमें बहुत सी जानकारियाँ प्राप्त होती हैं लेकिन कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जिन्हें हम कभी-कभी जानना चाहते हैं जैसे किसी कमरे की लंबाई एवं चौड़ाई, जिसे मानचित्र में नहीं दिखाया जा सकता है। उस समय, हम लोग बड़े पैमाने वाला एक रेखाचित्र खींच सकते हैं जिसे खाका कहा जाता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 भूगोल अध्याय 4
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