कक्षा 6 भूगोल अध्याय 3 एनसीईआरटी समाधान – पृथ्वी की गतियाँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 भूगोल अध्याय 3 पृथ्वी की गतियाँ के सभी प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में विद्यार्थी यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान भूगोल पाठ 3 पृथ्वी के घूर्णन और परिक्रमण तथा कक्षीय तल के सापेक्ष अपनी धुरी के झुकाव का विवरण देता है। पाठ को अच्छी तरह समझने के लिए, छात्र विडियो की मदद ले सकते हैं। विडियो विविरण परीक्षा में बहुत मददगार होता है।

कक्षा 6 भूगोल अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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पृथ्वी की गतियाँ

पृथ्वी की गति दो प्रकार की है घूर्णन एवं परिक्रमण। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं।

अगर पृथ्वी घूर्णन नहीं करे तो क्या होगा?

सूर्य के तरफ वाले पृथ्वी के भाग में हमेशा दिन होगा जिसके कारण उस भाग में गर्मी लगातार पड़ेगी। दूसरे भाग में हमेशा अँधेरा रहेगा एवं पूरे समय ठंड पड़ेगी। इस तरह की अवस्था में जीवन संभव नहीं हो पाएगा।

पृथ्वी के परिक्रमण से आप क्या समझते हैं?

पृथ्वी की दूसरी गति जो सूर्य के चारों ओर कक्ष में होती है उसे परिक्रमण कहा जाता है। पृथ्वी एक वर्ष या 365 द्ध दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हम लोग एक वर्ष 365 दिन का मानते हैं तथा सुविधा के लिए 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ते हैं। चार वर्षों में प्रत्येक वर्ष के बचे हुए 6 घंटे मिलकर एक दिन यानी 24 घंटे के बराबर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त दिन को फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक चौथे वर्ष फरवरी माह 28 के बदले 29 दिन का होता है। ऐसा वर्ष जिसमें 366 दिन होते हैं उसे लीप वर्ष कहा जाता है।

पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन का क्या करण है?

सामान्यत: एक वर्ष को गर्मी, सर्दी, वसंत एवं शरद्‌ ऋतुओं में बाँटा जाता है। ऋतुओं में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है।

उत्तर अयनांत कौन सी स्थिति को कहते हैं?

21 जून को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका हुआ रहता है। सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में उष्मा अधिक प्राप्त होती है। ध्रुवों के पास वाले क्षेत्रों में कम ऊष्मा प्राप्त होती है, क्योंकि वहाँ सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। उत्तर ध्रुव सूर्य की तरफ झुका होता है तथा उत्तरी ध्रुव रेखा के बाद वाले भागों पर लगभग 6 महीने तक लगातार दिन रहता है। चूँकि, उत्तरी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है, इसलिए विषुवत्‌ वृत्त के उत्तरी भाग में गर्मी का मौसम होता है। 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं।

दक्षिण अयनांत

22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव के सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। चूँकि, सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत्‌ पड़ती हैं इसलिए दक्षिणी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है। इसलिए, दक्षिणी गोलार्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके ठीक विपरीत स्थिति उत्तरी गोलार्ध में होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है। क्या आप जानते हैं कि आस्ट्रेलिया में ग्रीष्म ऋतु में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है?

दिन एवं रात कब बराबर होते हैं तथा इसको क्या कहा जाता है?

21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत्‌ वृत्त पर सीधी पड़ती हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात एवं दिन बराबर होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है।

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