कक्षा 6 भूगोल अध्याय 1 एनसीईआरटी समाधान – सौर मंडल में पृथ्वी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 भूगोल अध्याय 1 सौर मंडल में पृथ्वी के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान भूगोल अध्याय 1 हमें यह बताता है कि ब्रह्मांड क्या है, ग्रह सितारों से कैसे भिन्न होते हैं और सौर मंडल का क्या अर्थ है। इसके अतिरिक्त सभी ग्रहों के नाम, सूर्य से उनकी दूरी आदि के बारे में हम यहाँ जानकारी प्राप्त करेंगे। एनसीईआरटी समाधान के साथ साथ, कक्षा 6 भूगोल के पाठ 1 का विस्तृत विवरण विडियो में भी दिया गया है।
कक्षा 6 भूगोल अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 भूगोल अध्याय 1 सौर मंडल में पृथ्वी
खगोलीय पिंड किसको कहते हैं?
सूर्य, चंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएँ जो रात के समय आसमान में चमकती हैं, खगोलीय पिंड कहलाती हैं। कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं। ये गैसों से बने होते हैं। इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है, जिसे वे बहुत बड़ी मात्रा में उत्सर्जित रते हैं। इन खगोलीय पिंडों को तारा कहते हैं। सूर्य भी एक तारा है।
नक्षत्रमंडल
रात्रि में आसमान की ओर देखते समय आप तारों के विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई विविध आकृतियों को देख सकते हैं। ये नक्षत्रमंडल कहलाते हैं। अर्सा मेजर या बिग बीयर इसी प्रकार का एक नक्षत्रमंडल है। बहुत आसानी से पहचान में आने वाला नक्षत्रमंडल है, सप्तऋषि (सप्त-सात, ऋषि-संत)। यह सात तारों का समूह है, जो कि नक्षत्रमंडल अर्सा मेजर का भाग है।
प्राचीन समय में लोग रात्री के समय दिशा का ज्ञान कैसे करते थे?
प्राचीन समय में, लोग रात्रि में दिशा का निर्धारण तारों की सहायता से करते थे। उत्तरी तारा उत्तर दिशा को बताता है। इसे ध्रुव तारा भी कहा जाता है। यह आसमान में हमेशा एक ही स्थान पर रहता है। हम सप्तऋषि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति को जान सकते हैं। आप देखेंगे कि यदि सप्तऋषि मंडल के संकेतक तारों को आपस में मिलाते हुए एक काल्पनिक रेखा खींची जाए एवं उसे आगे की ओर बढ़ाया जाए तो यह ध्रुव तारे की ओर इंगित करेगी।
सौरमंडल
सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं। उसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं, जिसका मुखिया सूर्य है।
हमारे सौरमंडल में कितने ग्रह हैं?
हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून। सौरमंडल के सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते हैं। ये रास्ते दीर्घवृत्ताकार में फैले हुए हैं। ये कक्षा कहलाते हैं। बुध सूर्य के सबसे नज़दीक है।
शुक्र को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह क्यों कहा जाता है?
शुक्र को पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार एवं आकृति लगभग पृथ्वी के ही समान है।
पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है?
जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ संभवत: केवल पृथ्वी पर ही पाई जाती हैं। पृथ्वी न तो अधिक गर्म है और न ही अधिक ठंडी। यहाँ पानी एवं वायु उपस्थित है, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। वायु में जीवन के लिए आवश्यक गैसें, जैसे ऑक्सीजन मौजूद है। इन्हीं कारणों से, पृथ्वी सौरमंडल का सबसे अद्भुत ग्रह है।
अन्तरिक्ष से देखने पर पृथ्वी कैसी दिखाई देती है? कारण बताइये।
अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ती है, क्योंकि इसकी दो-तिहाई सतह पानी से ढकी हुई है। इसलिए इसे, नीला ग्रह कहा जाता है।
चंद्रमा
पृथ्वी का केवल एक उपग्रह है, चंद्रमा। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का केवल एक-चौथाई है। पृथ्वी से नजदीक होने के कारण यह बड़ा प्रतीत होता है। पृथ्वी से इसकी दूरी लगभग 3,84,400 किलोमीटर है। यह पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन में पूरी करता है।
क्षुद्र ग्रह किसे कहते हैं?
सौरमंडल में तारों, ग्रहों एवं उपग्रहों के अतिरिक्त, असंख्य छोटे पिंड भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इन पिंडों को क्षुद्र ग्रह कहते हैं। ये मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्षुद्र ग्रह भी ग्रह के ही भाग होते हैं, जो कि बहुत वर्ष पहले विस्फोट के बाद ग्रहों से टूटकर अलग हो गए।
आकाशगंगा
आकाश में, एक ओर से दूसरी ओर तक फैली चौड़ी सफेद पट्टी की तरह, एक चमकदार रास्ते को देखते हैं। यह लाखों तारों का समूह है। खगोलविदों ने इसको आकाशगंगा (मिल्की वे) नाम दिया है। हमारा सौरमंडल इस आकाशगंगा का एक भाग है। प्राचीन भारत में इसकी कल्पना आकाश में प्रकाश की एक बहती नदी से की गई थी। इस प्रकार इसका नाम आकाशगंगा पड़ा था। आकाशगंगा करोड़ों तारों, बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है।