एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 4.2

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 4.2 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ के सवाल जवाब सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 में प्रयोग के लिए यहाँ से प्राप्त की जा सकती है। कक्षा 6 गणित अध्याय 4.2 के हल पीडीएफ तथा विडियो के रूप में यहाँ से निशुल्क डाउनलोड करें।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 4.2

वक्र

सामान्यतः, वक्र ऐसी रेखा है जिसके प्रत्येक बिंदु पर उसकी दिशा में किसी विशेष नियम से ही परिवर्तन होता हो। यह ऐसे बिंदु का पथ है जो किसी विशेष नियम से ही विचरण करता हो।
वक्र के भाग
इसी प्रकार, एक बंद वक्र से संबंधित तीन भाग होते हैं, जो एक-दूसरे से पृथक (अलग-अलग) होते हैं।

    1. वक्र का अभ्यंतर (अंदर का भाग)
    2. वक्र की परिसीमा (वक्र पर)
    3. वक्र का बहिर्भाग (बाहर का भाग)

वक्र का क्षेत्र

वक्र के अभ्यंतर और उसकी परिसीमा को मिलाकर उस वक्र का क्षेत्र कहा जाता है।
बहुभुज
बहुभुज एक समतल सतह पर बनी ज्यामितीय आकृतियों का सामान्य नाम है। बहुभुज कई सरल रेखाओं से बंद होता है। इन सरल रेखाओं को बहुभुज की ‘भुजा’ कहते हैं। जहां दो भुजाएँ मिलती हैं वह कोण कहलाता है।
उदाहरण
त्रिभुज, आयत, वर्ग, चतुर्भुज, पंचभुज, षट्भुज इत्यादि सभी बहुभुज के उदाहरण हैं।

भुजाएँ

एक बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ कहलाती हैं।
माना ABCDE बहुभुज की भुजाएं हैं। (ध्यान दीजिए कि कोनों को किस क्रम में लेकर बहुभुज का नाम लिखा गया है।) इसकी भुजाएँ AB, BC, CD, DE और EA हैं।
आसन्न भुजाएँ
कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु हो बहुभुज की आसन्न भुजाएँ कहलाती हैं। AB और BC आसन्न भुजाएँ हैं

आसन्न शीर्ष

शीर्ष
दो भुजाएँ जहाँ मिलती हैं उस बिंदु को बहुभुज का शीर्ष कहते हैं।
भुजाएँ AE और ED बिंदु E पर मिलती हैं, इसलिए E बहुभुज ABCDE का एक शीर्ष है। B और C इसके अन्य दो शीर्ष हैं।

बहुभुज की एक ही भुजा के अंत बिंदु आसन्न शीर्ष कहलाते हैं। शीर्ष E और D आसन्न शीर्ष हैं, जबकि शीर्ष A और D आसन्न शीर्ष नहीं हैं।

विकर्ण
ज्यामिति में, किसी बहुभुज या किसी बहुफलक के दो सम्मुख शीर्षो को मिलाने वाले सरल रेखा-खण्ड को विकर्ण कहते हैं।
बहुभुज ABCDE में, रेखाखंड AC, AD, BD, BE और CE बहुभुज के विकर्ण हैं।

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