एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 5 अधिकार
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 5 अधिकार के प्रश्नों के उत्तर हिंदी मीडियम में सीबीएसई सत्र 2024-25 के यहाँ से मुफ्त में प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 राजनीति शास्त्र की किताब राजनीतिक सिद्धांत के पाठ 5 के सभी सवाल जवाब सीबीएसई के साथ साथ राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए लाभकारी हैं।
कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 5 अधिकार के प्रश्न उत्तर
अधिकार क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं? अधिकारों का दावा करने के लिए उपयुक्त आधार क्या हो सकते हैं?
अधिकार–गवर्नर के अनुसार- ʻअधिकार वे ‘शक्तियाँ हैं जो नैतिक प्राणी होने के नाते मनुष्य के कार्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक हों।ʼ
अधिकार मूल रूप से हकदारी अथवा ऐसा दावा है जिसका औचित्य सिद्ध हो। यह बताता है कि नागरिक, व्यक्ति और मनुष्य होने के नाते हम किसके हकदार हैं। सम्मान और गरिमापूर्ण जीवन बसर के लिए अधिकारों का दावा किया जा सकता है तथा अधिकारों की दावेदारी का दूसरा आधार यह है कि वे हमारी बेहतरी के लिए आवश्यक है।
किन आधारों पर यह अधिकार अपनी प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं?
अधिकार अपनी प्रकृति में सार्वभौमिक माने जाते हैं क्योंकि प्रजातंत्र में सभी व्यक्तियों को समान रूप से प्राप्त हैं। हमारे लिए अधिकार ईश्वर प्रदत्त हैं। हमें जन्म से बहुत सारे अधिकार प्राप्त हैं। फ़लस्वरूप कोई व्यक्ति हमसे उन अधिकारों को नहीं छीन सकता।
निम्नलिखित आधारों पर अधिकारों को सार्वभौमिक माना जा सकता है:
शिक्षा का अधिकार : शिक्षा का अधिकार हमारी तर्क-शक्ति को विकसित करने में मदद करता है। हमें उपयोगी कौशल प्रदान करता है तथा जीवन में सूझ-बूझ के साथ चयन करने में सक्षम बनाता है। व्यक्ति के कल्याण के लिए इस हद तक शिक्षा को अनिवार्य समझा जाता है कि उसे सार्वभौम अधिकार माना जाता है।
जीविका का अधिकार : यह एक व्यक्ति के जीवन जीने का आधार है जिससे उसके जीवन का संचालन होता है।
स्वतंत्रता का अधिकार : स्वतंत्रता का अधिकार समाज में रहने वाले सभी लोगों के लिए बहुत आवश्यक माना जाता है। सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है।
संक्षेप में उन नए अधिकारों की चर्चा कीजिए, जो हमारे देश में सामने रखे जा रहे हैं। उदाहरण के लिए आदिवासियों के अपने आवास और जीने के तरीके को संरक्षित रखने तथा बच्चों के बँधुआ मजदूरी के खिलाफ़ अधिकार जैसे नए अधिकारों को लिया जा सकता है।
नए अधिकार जो हमारे देश के सामने रखे जा रहे हैं वे इस प्रकार हैं:
लोकसभा तथा राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की माँग।
महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए अधिकार की माँग।
बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जाए।
राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों में अंतर बताइये। हर प्रकार के अधिकार के उदाहरण भी दीजिए।
राजनीतिक अधिकार : राजनीतिक अधिकार इस प्रकार से हैं:
राजनीतिक अधिकार में वोट देने का , चुनाव तथा राजनितिक पार्टी का गठन करने का अधिकार प्राप्त है।
कानून के समक्ष समानता।
प्रतिनिधि चनुने का अधिकार
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
आर्थिक अधिकार : आर्थिक अधिकार इस प्रकार से हैं:
ये वे अधिकार हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। जैसे-भोजन, मकान, रोजगार तथा कपड़ा।
आर्थिक अधिकार में बेरोजगारी भत्ता तथा रोजगार की न्यूनतम गारंटी पाने का अधिकार होता है।
पर्याप्त मजदूरी पाने का अधिकार
कार्य करने का अधिकार
सांस्कृतिक अधिकार : सांस्कृतिक अधिकार इस प्रकार से हैं:
ये वे अधिकार हैं जो मानव के विकास तथा सुव्यवस्थित जीवन के लिए आवश्यक हैं।
प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार।
शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना का अधिकार
अपनी इच्छानुसार वेषभूषा धारण करना तथा पूजा, त्यौहार मनाने का अधिकार।
अधिकार राज्य की सत्ता पर कुछ सीमाएँ लगाते हैं। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
अधिकार राज्य को कुछ विशिष्ट तरीकों से कार्य करने के लिए वैधानिक दायित्व सौंपते हैं। अधिकार राज्य का कार्य करने का क्षेत्र निश्चित करते हैं, जिससे राज्य किसी भी प्रकार का अमानवीय कार्य न कर पाए। राज्य किसी भी नागरिक के साथ जाति, भाषा, रंग आदि के आधार पर भेदभाव न कर सके। अधिकार केवल यह ही नहीं बताते कि राज्य को क्या करना चाहिए बल्कि वे ये भी सुनिश्चित करते हैं कि राज्य को क्या नहीं करना चाहिए।
उदाहरण – राज्य किसी व्यक्ति को अपनी मर्जी से गिरफ्तार नहीं कर सकता। किसी भी व्यक्ति को पकड़ने के लिए पहले गिरफ्तारी वारेंट दिखाना पुलिस के लिए आवश्यक है। उसे किसी न्यायलय के सामने उस व्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करने का कारण स्पष्ट करना होगा।