एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 9.2
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 9.2 सरल रेखाएँ के प्रश्नों के हल सवाल जवाब सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 11 गणित के विद्यार्थी प्रश्नावली 9.2 के प्रश्नों को अच्छी तरह से समझने के लिए पीडीएफ और विडियो की मदद लें जिसमें प्रश्नों के हल को विस्तार से समझाया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 9.2
कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 9.2 के लिए एनसीईआरटी समाधान
रेखा की ढाल, जब उस पर दो बिंदु दिए गए हों
हम जानते हैं, कि यदि एक रेखा पर दो बिंदु ज्ञात हों, तो वह पूर्णतया परिभाषित होती है। अतः हम रेखा की ढाल को उस पर दिए दो बिंदुओं के निर्देशांकों के पद में ज्ञात करते हैं।
मान लीजिए कि एक ऊर्ध्वेत्तर रेखा l, जिसका झुकाव θ है, पर दो बिंदु P(x₁, y₁) और Q (x₂, y₂) हैं। स्पष्टतया x₁ ≠ x₂ अन्यथा रेखा x-अक्ष पर लंब होगी, जिसकी ढाल परिभाषित नहीं है। रेखा l का झुकाव θ, न्यूनकोण या अधिक कोण हो सकता है। हम दोनों स्थितियों पर विचार करते हैं। x-अक्ष पर QR तथा RQ पर PM लंब खींचिए।
दशा (i)
जब θ न्यूनकोण है ∠ MPQ = θ ¬
इसलिए रेखा l की ढाल = m = tan θ (1)
परंतु त्रिभुज MPQ में, tan θ = MQ/MP = (y₂ – y₁)/(x₂ – x₁) (2)
समीकरण (1) तथा (2) से, हम पाते हैं कि m = (y₂ – y₁)/(x₂ – x₁)
दशा (ii)
जब θ अधिकोण है ∠ MPQ = 180⁰ – θ
इसलिए, θ = 180⁰ – ∠ MPQ
अब रेखा l की ढाल = m = tan θ
m = tan (180⁰ – ∠ MPQ)
= – tan ∠ MPQ
= – MQ/MP = – (y₂ – y₁)/(x₁ – x₂) = (y₂ – y₁)/(x₂ – x₁)
फलतः दोनों दशाओं में बिंदु (x₁, y₁) और Q (x₂, y₂) से जाने वाली रेखा की ढाल
m = (y₂ – y₁)/(x₂ – x₁)
दो रेखाओं के परस्पर समांतर होने का प्रतिबंध
मान लीजिए कि ऊर्ध्वेतर रेखाओं l₁ और l₂ की ढालें, जो एक निर्देशांक तल में हैं क्रमशः m₁ तथा m₂ हैं। मान लीजिए कि इनके झुकाव क्रमशः α और β हैं। यदि l₁ और l₂ समांतर रेखाएँहैं तब उनके झुकाव समान होगें।
अर्थात् α = β और tan α = tan β
इसलिए, m₁ = m₂
तब tan α = tan β
स्पर्शज्या (tangent) फलन के गुणधर्म से (0° और 180° के बीच), α = β अतः रेखाएँ समांतर हैं।
अतः दो ऊर्ध्वेत्तर रेखाएँ l₁ और l₂ समांतर होती हैं, यदि और केवल यदि उनके ढाल समान हैं।
दो रेखाओं के परस्पर लंब होने का प्रतिबंध
यदि l₁ और l₂ समांतर रेखाएँहैं तब β = α + 90°
इसलिए, tan β = tan (α + 90°)
= – cot α = – 1/ tan α
अर्थात् m₂ = – 1/ m₁
या m₁ m₂ = -1
विलोमतः यदि m₁ m₂ = – 1, अर्थात् tan α tan β = – 1
तब, tan α = – cot β = tan (β + 90°) या tan (β + 90°)
इसलिए, α और β का अंतर 90° है।
अतः, रेखाएँ स1 और स2 परस्पर लंब हैं।
अतः दो ऊर्ध्वेत्तर रेखाएँ l₁ और l₂ परस्पर लंब होती हैं यदि और केवल यदि उनकी ढाल परस्पर ऋणात्मक व्युत्क्रम है।