एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 भूगोल अध्याय 3 जल संसाधन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 भूगोल अध्याय 3 जल संसाधन के सवाल जवाब अभ्यास के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। दसवीं कक्षा के छात्र भूगोल की पुस्तक समकालीन भारत के पाठ 3 को यहाँ दिए गए विडियो के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं।

कक्षा 8 भूगोल पाठ 3 के लिए बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) नीचे गई सूचना के आधार पर स्थितियों को “जल की कमी से प्रभावित” या “जल की कमी से अप्रभावित” में वर्गीकृत कीजिए।
(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ग) अधिक वर्षा वाले परंतु अत्याधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहूद्देशीय नदी परियोजनाओं के पक्ष में दिया गया तर्क नहीं है?
(क) बहूद्देशीय परियोजनाएं उन क्षेत्रों में जल लाती है जहां जल की कमी होती है।
(ख) बहूद्देशीय परियोजनाएं जल बहाव की नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती है।
(ग) बहूद्देशीय परियोजनाएं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका केएचटीएम होती है।
(घ) बहूद्देशीय परियोजनाएं हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती है।
(iii) यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गए है। इसमें गलती पहचाने और दोबारा लिखें।
(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशाल और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद की है।
(ख) नदियों पर बांध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछ्ट बहाव प्रभावित नहीं होता।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के।
(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।

उत्तर:
(i)
(क) जल की कमी से अप्रभावित
(ख) जल की कमी से प्रभावित
(ग) जल की कमी से प्रभावित
(घ) जल की कमी से अप्रभावित
(ii)
(ग) बहूद्देशीय परियोजनाओं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका की समस्या उत्पन्न होती है।

(iii)
(क) शहरों की बढ़ती जनसंख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन-शैली से जल संसाधनों का अतिशोषण हो रहा है और इनकी कमी होती जा रही है।
(ख) नदियों पर बांध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव अवरुद्ध हो जाता है।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति देने पर परेशान किसान उपद्रव करने पर उतारू हो जाते हैं।
(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के वावजूद वर्षाजल संग्रहण की रीति लोकप्रिय होती जा रही है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है?

जल एक नवीकरण योग्य संसाधन है क्योकि जल एक बार प्रयोग करने पर समाप्त नहीं होता। इसकी पुनः पूर्ति संभव है। जैसे: जल का प्रयोग यदि उद्योगों मे या घरेलू कार्य में किया जाता है तो इससे जल प्रदूषित हो जाता है लेकिन समाप्त नहीं होता। जल को साफ करके फिर से प्रयोग करने योग्य बनाया जा सकता है।

जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या है?
जल की कमी या जल दुर्लभता तब होती है जब पानी की उपलब्धता पानी की मांग से मेल खाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। यह आबादी में वृद्धि, पानी की बढ़ती मांग और इसके लिए असमान पहुंच के कारण होता है।

बहूद्देशीय परियोजनाओ से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।
बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ सिंचाई, बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, अंतर्देशीय नौचालन और मछली प्रजनन में मदद करती हैं। हालांकि, जलाशय स्थानीय वनस्पतियों और जीवों को नष्ट कर देते हैं। कई मूल गाँव जलमग्न हो जाते हैं, और लोग अपनी आजीविका खो देते हैं।

राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए।

राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में घरों में पीने के पानी के भंडारण के लिए पारंपरिक रूप से टैंक बनाए गए हैं। वे बड़े हैं और अच्छी तरह से विकसित छत वर्षा जल संचयन प्रणाली का एक हिस्सा हैं। टैंक मुख्य घर या आंगन के अंदर निर्मित होते हैं, और पाइप के माध्यम से घरों की ढलान वाली छतों से जुड़े होते हैं। छत पर गिरने वाली बारिश नीचे जाती है और टैंकों में जमा हो जाती है। बारिश की पहली मात्रा को एकत्र नहीं किया जाता है क्योंकि यह पानी छत और पाइपों को साफ करता है। बाद के बारिश का पानी एकत्र किया जाता है। इस पानी का उपयोग अगली बारिश के मौसम तक किया जाता है, और अन्य स्रोतों के सूख जाने के बाद भी यह पानी का एक विश्वसनीय स्रोत है। टैंक घरों को ठंडा करने में भी मदद करते हैं क्योंकि उनके आसपास बने कमरों में चालन के कारण आमतौर पर कम तापमान होता है।

परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?

भारत में वर्षा जल संचयन के पारंपरिक तरीके जैसे: छत वर्षा जल संचयन प्रणाली लोकप्रिय हो रहे हैं। मैसूर के गेंदाथुर गाँव में, लगभग 200 परिवारों ने छत पर वर्षा जल संचयन पद्धति को अपनाया है, जिससे गाँव बारिश के पानी से समृद्ध हुआ है। तमिलनाडु राज्य ने सभी घरों में छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाएं रखना अनिवार्य कर दिया है। बकाएदारों को कड़ी सजा दी जाती है।

कक्षा 10 भूगोल अध्याय 3 जल संसाधन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 भूगोल अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर