एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 5.1

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित अध्याय 5 प्रश्नावली 5.1 समांतर श्रेढियाँ प्रश्न उत्तर हिंदी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 10 गणित के ये समाधान हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में यहाँ उपलब्ध हैं। प्रत्येक प्रश्न का हल पीडीएफ और विडियो दोनों ही रूप में दिया गया है ताकि विद्यार्थी पर्श्नों के हल आसानी से समझ सकें। कक्षा 10 गणित अभ्यास 5.1 के सभी सवाल जवाब यहाँ से बिना किसी लॉग इन अथवा पासवर्ड के प्राप्त किए जा सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित अध्याय 5 प्रश्नावली 5.1

समांतर श्रेढ़ी क्या है

गणित में समान्तर श्रेढ़ी अथवा समान्तर अनुक्रम का अर्थ है, संख्याओं का एक ऐसाअनुक्रम या श्रेणी है जिसके दो क्रमागत पदो का अन्तर सामान या नियत होता है, उसे समान्तर श्रेढ़ी कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, संख्याओं की एक ऐसी सूची है जिसमें प्रत्येक पद अपने पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त होती है, वह समांतर श्रेढ़ी कहलाता हैं।

समान्तर श्रेढ़ी का फार्मूला या सूत्र

सामान्यतः समान्तर श्रेढ़ी को निम्न प्रकार से लिख सकते हैं: a₁, a₂, a₃, a₄, …… aₙ एक समान्तर श्रेढ़ी कहलाता है। श्रेढ़ी की प्रत्येक संख्या को पद कहते हैं। जिसमें a₁ को प्रथम पद कहते हैं तथा aₙ श्रेढ़ी का n वां पद है।

समान्तर श्रेणी में सार्व अंतर

किसी भी AP में पहले पद से जुड़ने या घटने वाली संख्या को सार्व अंतर कहा जाता है। समान्तर श्रेढ़ी के सार्व अंतर धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है।
AP के प्रथम पद को a₁, दूसरे पद को a₂, …… nवें पद को aₙ तथा सार्व अंतर को d से व्यक्त किया जाता है।
अतः a₂ – a₁ = a₃ – a₂ = ……. = aₙ – aₙ₋₁ = d होता है।
अर्थात प्रथम पद में d जोड़कर AP प्राप्त किया जा सकता है. जैसे:-
a, a + d, a + 2d, a + 3d, ……… आदि।

समांतर श्रेढ़ी का व्यापक रूप

एक समांतर श्रेढ़ी को निरूपित करती है, जहाँ a पहला पद है और d सार्व अंतर है। इसे समांतर श्रेढ़ी का व्यापक रूप कहते हैं।\
कुछ उदाहरणों के माध्यम से समांतर श्रेढ़ी को समझने का प्रयास करते हैं:
उदाहरणार्थ, यदि प्रथम पद a = 6 है और सार्व अंतर d = 3 है तो
6, 9,12, 15, ……… एक समांतर श्रेढ़ी है।
तथा यदि a = 6 है और d = – 3 है तो
6, 3, 0, -3, ……….. एक समांतर श्रेढ़ी है।

समांतर श्रेणी पर अतिरिक्त प्रश्न

प्रत्येक किलो मीटर के बाद का टैक्सी का किराया, जबकि प्रथम किलो मीटर के लिए किराया रु 15 है और प्रत्येक अतिरिक्त किलो मीटर के लिए किराया रु 8 है।
उत्तर:
प्रथम किलो मीटर के लिए किराया रु 15 है यह समांतर श्रेढ़ी का प्रथम पद a₁ है
प्रश्नानुसार प्रत्येक अतिरिक्त किलो मीटर के लिए किराया रु 8 है। तो यह समांतर श्रेढ़ी का d सार्व अंतर है।
इसप्रकार, समांतर श्रेढ़ी
a₁, a₂, a₃, a₄, ……… = a₁, a₁ + d, a₁ + 2d, a₁ + 3d, ………
उपरोक्त श्रेढ़ी में a₁ और d का मान रखने पर प्राप्त होती है:
= 15, 15 + 8, 15 + 2 × 8, 15 + 3 × 8, …………..
= 15, 23, 31, 39, …………..
यह एक समांतर श्रेढ़ी है।

निम्नलिखित समांतर श्रेढ़ी के अगले दो पद लिखिए 4, 10, 16, 22, . . .

a₂ – a₁ = 10 – 4 = 6
a₃ – a₂ = 16 – 10 = 6
यहाँ d = 6 है
इसलिए इस समांतर श्रेढ़ी के अगले दो पद 22 + 6 = 28 और 28 + 6 = 34 हैं।

प्रत्येक मीटर की खुदाई के बाद, एक कुँआ खोदने में आई लागत, जबकि प्रथम मीटर खुदाई की लागत रु 150 है और बाद में प्रत्येक मीटर खुदाई की लागत रु 50 बढ़ती जाती है।

प्रथम मीटर की खुदाई की लागत रु 150 है।
प्रश्नानुसार प्रत्येक अतिरिक्त मीटर की खुदाई के लिए लागत रु 50 है। तो यह समांतर श्रेढ़ी का d सार्व अंतर है।
इसप्रकार, समांतर श्रेढ़ी
a₁, a₂, a₃, a₄, ……… = a₁, a₁ + d, a₁ + 2d, a₁ + 3d, ………
उपरोक्त श्रेढ़ी में a₁ और d का मान रखने पर प्राप्त होती है:
= 150, 150 + 50, 150 + 2 × 50, 150 + 3 × 50, …………..
= 150, 200, 250, 300, ……….
यह एक समांतर श्रेढ़ी है।

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