एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 4 रानी भी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 4 रानी भी के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर अध्याय के अंत में दिए गए प्रश्न और उनके उत्तर चित्रों के माध्यम से यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 1 के विद्यार्थी हिंदी विषय के अध्याय 4 को समझने के लिए यहाँ दिए गए समाधानों का प्रयोग आसानी से कर सकते हैं।
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 4 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 4 रानी भी के प्रश्न उत्तर
रमा और रानी दो बहनें हैं। रानी हमेशा रमा के साथ रहती है। रमा ने अपने बालों मे कंघी की। रानी ने भी अपने बालों में कंघी की। रमा ने चप्पल पहनी। रानी ने भी चप्पल पहन ली। रमा ने अपना बस्ता उठाया। रानी ने भी एक झोला उठा लिया। रमा स्कूल जाने लगी। माँ ने रानी को स्कूल नहीं जाने दिया।
रानी अभी बहुत छोटी है। माँ ने रानी को समझाया, “रानी बेटी, तुम अभी बहुत छोटी हो। थोड़ी -सी बड़ी हो जाओ, तब तुम भी स्कूल चली जाना।”
रमा और रानी की तैयारी
रमा और रानी दो प्यारी बहनें हैं। रानी, जो छोटी है, हमेशा अपनी बड़ी बहन रमा के साथ रहना पसंद करती है। एक दिन सुबह जब रमा ने अपने बालों में कंघी की, तो रानी ने भी वैसा ही किया। रमा ने जब अपनी चप्पल पहनी, तो रानी ने भी अपनी चप्पलें पहन लीं। रानी अपनी बड़ी बहन की तरह बनना चाहती थी।
स्कूल के लिए तैयारी
रमा और रानी ने अपना-अपना बैग तैयार किया। रमा ने अपना स्कूल बस्ता उठाया, और रानी ने भी एक छोटा झोला उठा लिया। रानी को लगा कि वह भी रमा के साथ स्कूल जा रही है। वह बहुत खुश थी क्योंकि उसे भी स्कूल जाना अच्छा लगता है।
रमा का स्कूल जाना
जब रमा स्कूल जाने लगी, तो रानी भी उसके साथ जाने को तैयार हो गई। रमा ने अपने स्कूल की वर्दी पहन रखी थी और वह समय पर स्कूल पहुँचना चाहती थी। रानी अपनी बहन के साथ बाहर निकलने को उत्सुक थी और उसके चेहरे पर बड़ी मुस्कान थी।
माँ का रानी को समझाना
माँ ने जब रानी को स्कूल जाते देखा, तो उन्होंने उसे रोक दिया। माँ ने प्यार से रानी को समझाया कि वह अभी बहुत छोटी है और अभी स्कूल जाने के लिए उसे थोड़ा और बड़ा होना पड़ेगा। माँ के शब्दों में प्यार और देखभाल थी।
रानी का इंतजार
रानी पहले तो थोड़ी निराश हुई, लेकिन फिर उसने माँ की बात समझ ली। उसने सोचा कि जब वह बड़ी हो जाएगी, तो वह भी रमा की तरह स्कूल जा सकेगी। इस बीच, रानी ने फैसला किया कि वह अपनी माँ के साथ घर पर खेलेगी और सीखेगी।
रानी का दिन
उस दिन, रानी ने घर पर बहुत मजे किए। उसने अपनी माँ के साथ खेला, कहानियाँ सुनी और नई चीजें सीखीं। रानी समझ गई थी कि हर चीज का एक सही समय होता है, और उसे उस समय का इंतजार करना होगा। उसने अपनी माँ के साथ बिताए हुए पलों का आनंद लिया और अपनी बड़ी बहन की वापसी का इंतजार किया।