एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 12 फूली रोटी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 12 फूली रोटी के प्रश्न उत्तर अभ्यास के सभी प्रश्न विस्तार से यहाँ से नए सत्र के लिए प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 1 हिंदी के लिए अध्याय 12 के सभी उत्तर सरल रूप में यहाँ चित्रों के माध्यम से समझा कर दिए गए हैं।
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 12 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 12 फूली रोटी के प्रश्न उत्तर
जमाल की माँ रसोई में खाना बना रही थीं। जमाल माँ को देख रहा था। जमाल का मित्र जय बर्तनों के साथ खेल रहा था। माँ रोटी बना रही थीं। जमाल भी रोटी बनाना चाहता था। उसने माँ से आटा माँगा। माँ ने उसे छोटी-सी लोई दे दी। जमाल रोटी बेलने लगा। उसने रोटी पर सूखा आटा लगाया। जमाल से रोटी गोल नहीं बन रही थी। रोटी गोल करने के लिए जय ने जमाल को कटोरी दी। जमाल ने कटोरी रोटी पर रखकर घुमा दी। रोटी गोल हो गई। माँ ने जमाल की रोटी सेंक दी। जमाल की रोटी खूब फूली। जमाल और जय खुशी से रोटी खाने लगे।
माँ का खाना बनाना
एक दिन, जमाल की माँ रसोई में खाना बना रही थीं। वह बहुत अच्छी रसोइया थीं और उनके हाथों की बनी रोटियाँ तो बिल्कुल गोल और पूरी फूली होती थीं। उनके रसोई में खाने की खुशबू पूरे घर में फैल जाती थी। उनके खाने की खुशबू से जमाल का मन भी खाने की ओर ललचा जाता था।
जमाल की जिज्ञासा
जमाल अपनी माँ को रसोई में देख रहा था और सोच रहा था कि वह भी रोटी बनाना सीखे। वह अपनी माँ की तरह अच्छी रोटियाँ बनाना चाहता था। जमाल का मन था कि वह भी अपने हाथों से रोटी बनाए और अपनी माँ को दिखाए कि वह भी खाना बना सकता है।
जय का खेल
जमाल का मित्र जय भी वहाँ था और वह बर्तनों के साथ खेल रहा था। जय को बर्तनों के साथ खेलना बहुत पसंद था। वह बर्तनों को एक-दूसरे में फिट करके एक बड़ा टावर बना रहा था। जय का खेल देखकर जमाल को भी मजा आ रहा था, लेकिन उसका मन रोटी बनाने में ज्यादा लगा हुआ था।
जमाल की पहली रोटी
जमाल ने अपनी माँ से आटा माँगा ताकि वह भी रोटी बना सके। माँ ने उसे एक छोटी-सी लोई दी और जमाल ने उसे बेलने की कोशिश की। लेकिन जमाल से रोटी ठीक से गोल नहीं बन रही थी। वह बहुत मेहनत कर रहा था, लेकिन रोटी का आकार सही नहीं हो रहा था।
जय की मदद
जय ने देखा कि जमाल को रोटी गोल करने में परेशानी हो रही है, तो उसने जमाल को एक आइडिया दिया। उसने एक कटोरी दी और कहा कि इसे रोटी पर रखकर घुमाओ, तो रोटी गोल हो जाएगी। जमाल ने वैसा ही किया और देखते ही देखते उसकी रोटी बिल्कुल गोल हो गई।
रोटी का जश्न
माँ ने जमाल की रोटी तवे पर सेंक दी और वो खूब फूली। जमाल और जय ने उस रोटी को खाया और बहुत खुश हुए। उन्हें अपनी मेहनत का फल मिल गया था। उन्होंने उस रोटी को खाकर जमाल की पहली रोटी बनाने की सफलता का जश्न मनाया।