एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 1 मीना का परिवार
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 1 मीना का परिवार के प्रश्न उत्तर अभ्यास के हल छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 1 हिंदी के अध्याय 1 में दिए गए सभी प्रश्नों को विस्तार से समझाया गया है।
कक्षा 1 हिंदी सारंगी पाठ 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 1 हिंदी सारंगी अध्याय 1 मीना का परिवार के प्रश्न उत्तर
मीना के परिवार में सात लोग हैं — उसके दादा, दादी, माता, पिता, चाचा, मीना और उसका छोटा भाई दिवाकर। दिवाकर तीन साल का है। वह बहुत नटखट और चुलबुला है। मीना को अपने भाई के साथ खेलने में बहुत आनंद आता है। दिवाकर भागकर कमरे के किवाड़ के पीछे छिप जाता है। मीना उसे ढूँढ़ लेती है तो वह ज़ोर -ज़ोर से हँसता है।
मीना उसे गिनती सिखाती है। दिवाकर कहता है, “एक, दो, तीन, चार” तो मीना कहती है, “चाचाजी हमको करते प्यार।” तभी चाचाजी आ जाते हैं और दिवाकर को गोद में उठा लेते हैं। मीना, चाचाजी और दिवाकर बरामदे में जाते हैं जहाँ दादी और माँ फल काट रही हैं। मीना के पिता और दादाजी गमलों में पानी दे रहे हैं। थोड़ी देर में माँ सबको फल देती हैं। सब लोग मिल-जुल कर खुशी से फल खाते हैं और आपस में बातें करते जाते हैं।
कितना प्यार भरा है मीना का परिवार!
मीना का परिवार
मीना का परिवार बड़ा और खुशहाल है, जिसमें सात सदस्य हैं: उसके दादा, दादी, माता, पिता, चाचा, वह खुद और उसका छोटा भाई दिवाकर। दिवाकर मात्र तीन वर्ष का है लेकिन उसकी शरारतें और नटखट हरकतें पूरे परिवार को हँसाने के लिए काफी हैं। मीना अपने इस छोटे भाई को बहुत प्यार करती है और उसके साथ खेलना उसे बेहद पसंद है। उनके खेलने का तरीका बहुत ही सरल और मनोरंजक होता है, जैसे छिपा छिपाई का खेल।
मीना और दिवाकर का कल
खेल के दौरान, दिवाकर तेजी से दौड़कर कमरे के किवाड़ के पीछे छुप जाता है। मीना उसे ढूंढने के लिए चारों ओर देखती है और जब वह उसे ढूँढ लेती है, तो दिवाकर खुशी से ज़ोर-ज़ोर से हँसता है। इस खेल का मज़ा दोनों भाई-बहन के चेहरों पर साफ़ दिखाई देता है। उनकी हँसी और खुशी से पूरा घर गूँज उठता है। यह खेल उनके बीच के प्यार और बंधन को और मजबूत करता है।
मीना अपने छोटे भाई दिवाकर को गिनती सिखाने का प्रयास भी करती है। वह उसे “एक, दो, तीन, चार” कहकर गिनती सिखाती है, और बदले में दिवाकर भी उत्साहित होकर गिनती की कोशिश करता है। इसी दौरान, उनके चाचाजी आते हैं और दिवाकर को प्यार से गोद में उठा लेते हैं। यह देख मीना का चेहरा खुशी से चमक उठता है। चाचाजी का आना पूरे घर में खुशी की लहर दौड़ा देता है।
मीना के पिता और दादाजी
फिर मीना, चाचाजी और दिवाकर साथ में बरामदे में जाते हैं, जहाँ दादी और माँ फल काट रही होती हैं। वहाँ का दृश्य बहुत ही सुखद होता है। मीना के पिता और दादाजी बगीचे में गमलों को पानी दे रहे होते हैं। यह परिवार की एकता और सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है। परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने काम में व्यस्त होते हैं लेकिन एक दूसरे की प्रति समर्पित भी होते हैं।
थोड़ी देर बाद, माँ सभी के लिए फल लेकर आती हैं और सब लोग मिलकर उसे खाने लगते हैं। इस दौरान, सब मिलकर हंसी-मज़ाक करते हैं और आपस में बातें करते हैं। यह समय परिवार के सदस्यों के लिए आनंद और संबंधों को मजबूत करने का क्षण होता है। उनकी बातचीत और हंसी से पूरा घर खुशी से भर जाता है।
मीना के परिवार का आपसी प्रेम
मीना के परिवार की यह कहानी न सिर्फ उनके आपसी प्रेम और सहयोग को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक साथ मिलकर रहने से जीवन में खुशियाँ और प्रेम बढ़ता है। मीना का परिवार न केवल उनके लिए बल्कि सभी के लिए एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे एक साथ रहकर एक दूसरे का साथ देने से जीवन और भी सुंदर बन सकता है।