एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 3 समानता

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 3 समानता के प्रश्नों के उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 11 राजनीति शास्त्र की किताब राजनीतिक सिद्धांत के पाठ 3 के सभी प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय दोनों बोर्ड के लिए लाभकारी हैं।

कुछ लोगों का तर्क है कि असमानता प्राकृतिक है जबकि कुछ अन्य का कहना है कि वास्तव में समानता प्राकृतिक है और जो असमानता हम चारों ओर देखते हैं उसे समाज ने पैदा किया है। आप किस मत का समर्थन करते हैं? कारण दीजिए।

राजनीतिक सिद्धांत में प्राकृतिक असमानताओं और सामाजिक असमानताओं में अंतर किया जाता है। प्राकृतिक असमानताएँ लोगों में उनकी विभिन्न क्षमताओं, प्रतिभाओं और उनके अलग-अलग चयन के कारण पैदा होती है। समाज जनित असमानताएँ वे होती है, जो समाज में अवसरों की असमानता होने या किसी समूह का दूसरे के द्वारा शोषण किए जाने से पैदा होती हैं।

प्राकृतिक असमानताएँ लोगों की जन्मगत विशिष्टताओं और योग्यताओं का परिणाम मानी जाती है। हम इस मत से सहमत हैं। यह आमतौर पर मान लिया जाता है कि प्राकृतिक विभिन्नताओं को बदला नहीं जा सकता। दूसरी ओर वे सामाजिक असमानताएँ हैं, जिन्हें समाज ने पैदा किया है। उदाहरणस्वरूप, कुछ समाज बौद्धिक काम करने वालों को शारीरिक कार्य करने वालों से अधिक महत्व देते हैं और उन्हें अलग तरीके से लाभ देते हैं। वे विभिन्न वंश, रंग या जाति के लोगों के साथ भिन्न-भिन्न व्यवहार करते हैं। इस तरह के भेदभाव में समाज के मूल्य प्रतिबिंबित होंगे और इनमें से कुछ हमें निश्चित रूप से अनुचित लग सकते हैं। प्राकृतिक और समाजमूलक असमानताओं में फ़र्क करना इसलिए भी उपयोगी होता है कि इससे स्वीकार की जा सकने लायक और अन्यायपूर्ण असमानताओं को अलग-अलग करने में मदद मिलती है।

एक मत है कि पूर्ण आर्थिक समानता न तो संभव है और न ही वांछनीय। एक समाज ज़्यादा से ज़्यादा बहुत अमीर और बहुत गरीब लोगों के बीच की खाई को कम करने का प्रयास कर सकता है। क्या इस तर्क से सहमत है? अपना तर्क दीजिए।

आर्थिक समानता का लक्ष्य धनी व निर्धन समूहों के बीच की खाई को कम करना है यह सही है कि किसी भी समाज में धन या आमदनी की पूरी समानता शायद कभी विद्यमान नहीं रही किंतु लोकतांत्रिक राज्य समान अवसर की उपलब्धि कराकर व्यक्ति को अपनी हालत सुधारने का मौका देती है। यह सत्य है कि पूर्ण आर्थिक समानता वांछनीय होते हुए भी संभव नहीं है। लोग अपनी क्षमताओं के अनुसार अलग-अलग स्तर प्राप्त करते हैं और पुरस्कार उनके स्तर से जुड़े काम और ज़िम्मेदारियों के बराबर होते हैं। अपने सदस्यों के लिए समाज की अलग-अलग स्थितियाँ तथा पद हैं जिससे वह सुचारू रूप से कार्य कर सके। अतः पूर्ण आर्थिक समानता संभव नहीं हो सकती क्योंकि आय में असमानता समाज में बनी रहेगी। समाज के ज़्यादा से ज़्यादा बहुत अमीर तथा बहुत गरीब लोगों के बीच की खाई को सभी को समान अवसर देकर कम किया जा सकता है।

नीचे दी गई अवधारणा और उसके उचित उदाहरणों में मेल बैठायें।

सकारात्मक कार्यवाई प्रत्येक वयस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है।
अवसर की समानता बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं।
समान अधिकार प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए।
उत्तर:
सकारात्मक कार्यवाई (3) प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए।
अवसर की समानता (1) प्रत्येक वयस्क नागरिक को मत देने का अधिकार है।
समान अधिकार (2) बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊँची दर देते हैं।

किसानों की समस्या से संबंधित एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता। रिपोर्ट में सलाह दी गई कि सरकार को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। लेकिन यह प्रयास केवल लघु और सीमांत किसानों तक ही सीमित रहना चाहिए। क्या यह सलाह समानता के सिद्धान्त से संभव है?

यह कथन समानता के सिद्धान्त के अुनसार है। क्योंकि छोटे और सीमांत किसानों के हितों को सुरक्षित करने के लिए हस्तक्षेप आवश्यक है। छोटे और सीमांत किसानों को बाज़ार से अपनी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप अनिवार्य हो जाता है क्योंकि उनके पास बिना खेती वाले समय में गुज़ारे के लिए पर्याप्त संसाधान नहीं होते। ऐसे में उन्हें उनके उत्पादन के लिए बेहतर मुआवज़ा देने की ज़रूरत होती है।

निम्नलिखित में से किस में समानता के किस सिद्धांत का उल्लंघन होता है और क्यों?

कक्षा का हर बच्चा नाटक का पाठ अपना क्रम आने पर पड़ेगा।
कनाडा सरकार ने दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति से 1960 तक यूरोप के श्वेत नागरिकों को कनाडा में आने और बसने के लिए प्रोत्साहित किया।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से रेलवे आरक्षण की एक खिड़की खोली गई।
कुछ वन क्षेत्रें को निश्चित आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

उत्तर:
कक्षा का हर बच्चा नाटक का पाठ अपना क्रम आने पर पड़ेगा। इससे कक्षा में अनुशासन बना रहेगा। अर्थात् यह समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं है।
कनाडा की सरकार ने रंग के आधार पर भिन्न कार्य अपनाया। यूरोपीय लोगों को उनके रंगभेद के आधार पर काले लोगों पर वरीयता और विशेषाधिकार दिया गया था। अर्थात् यह समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
भारतीय संविधान में 60 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए आरक्षण दिया गया है। अतः यह समानता कि सिद्धांत का उल्लंघन नहीं है।
कुछ वन क्षेत्र को निश्चित आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। क्योंकि यह आदिवासी लोगों की संस्कृति को जीवित रखने में सहायक है तथा इससे आदिवासी लोगों के आजीविका अधिकारों की रक्षा भी होगी। अतः यह समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं है।

यहाँ महिलाओं को मताधिकार देने के पक्ष में कुछ तर्क दिए गए हैं। इनमें से कौन-से तर्क समानता के विचार से संगत हैं। कारण भी दीजिए।

स्त्रियाँ हमारी माताएँ हैं। हम अपनी माताओं को मताधिकार से वंचित करके अपमानित नहीं करेंगे?
सरकार के निर्णय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रभावित करते हैं इसलिए शासकों के चुनाव में उनका भी मत होना चाहिए।
महिलाओं को मताधिकार न देने से परिवारों में मतभेद पैदा हो जाएँगे।
महिलाओं से मिलकर आधी दुनिया बनती है। मताधिकार से वंचित करके लंबे समय तक उन्हें दबाकर नहीं रखा जा सकता है।

उत्तर:
(ख) यह तर्क समानता के विचार से संगत है क्योंकि सरकार के निर्णय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए शासकों के चुनाव में महिलाओं को मताधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
(घ) संसार में महिलाओं की पर्याप्त संख्या है। यह तर्क समानता के विचार के संगत है। महिलाओं को लम्बे समय तक मताधिकार से वंचित करके तथा दबाकर नहीं रखा जा सकता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 राजनीति विज्ञान अध्याय 3
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