एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 4.1
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 4.1 सम्मिश्र संख्याएँ और द्विघातीय समीकरण के प्रश्नों के हल सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। 11वीं कक्षा गणित के विद्यार्थी प्रश्नावली 4.1 के सवालों के जवाब के लिए यहाँ दिए गए विडियो या पीडीएफ की मदद लेकर इसे आसानी से हल कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 4.1
कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 4.1 के लिए एनसीईआरटी समाधान
सम्मिश्र संख्याएँ
वास्तविक और काल्पनिक संख्याओं के मिश्रण से बनी संख्या को सम्मिश्र संख्याएँ कहते हैं
a + ib के प्रारूप की एक संख्या जहाँ a और b वास्तविक संख्याएँ हैं, एक सम्मिश्र संख्या परिभाषित करती है। उदाहरण के लिए, 2 + i3, (-1 + i√3) आदि सम्मिश्र संख्याएँ हैं।
सम्मिश्र संख्या z = a + ib के लिए, a वास्तविक भाग कहलाता है तथा ReZ द्वारा निरूपित किया जाता है और b काल्पनिक भाग कहलाता है तथा Imz द्वारा निरूपित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि z = 2 + i5, तब Rez = 2 और ImZ = 5 दो सम्मिश्र संख्याएँ z₁ = a + ib तथा z₂ = c + id एक समान होंगी यदि a = c और b = d.
दो सम्मिश्र, संख्याओं का योग
यदि z₁ = a + ib और z₂ = c + id कोई दो सम्मिश्र संख्याएँ हैं। तब z₁ + z₂ के योग को निम्नलिखित रूप से परिभाषित किया जाता हैः
z₁ + z₂ = (a + c) + i (b + d), जो कि पुनः एक सम्मिश्र संख्या है।
सम्मिश्र संख्याओं के योग निम्नलिखित प्रगुणों को संतुष्ट करते हैं।
(i) संवरक नियम
दो सम्मिश्र संख्याओं का योगफल एक सम्मिश्र संख्या होती है, अर्थात सारी सम्मिश्र सख्याओं z₁ तथा z₂ के लिए, z₁ + z₂ एक सम्मिश्र संख्या है।
(ii) क्रम विनिमय नियम
किन्हीं दो सम्मिश्र संख्याओं z₁ तथा z₂ के लिए, z₁ + z₂ = z₂ + z₁.
(iii) साहचर्य नियम
किन्हीं तीन सम्मिश्र संख्याओं z₁, z₂ तथा z₃ के लिए
(z₁ + z₂) + z₃ = z₁ + (z₂ + z₃)
(iv) योगात्मक तत्समक का अस्तित्व
सम्मिश्र संख्या 0 + i0 (0 के द्वारा दर्शाया जाता है), योगात्मक तत्समक अथवा शून्य सम्मिश्र संख्या कहलाता है जिससे कि प्रत्येक सम्मिश्र संख्या z, z + 0 = z.
(v) योगात्मक प्रतिलोम का अस्तित्व प्रत्येक सम्मिश्र संख्या z = a + ib के लिए हमें सम्मिश्र संख्या – a + i(– b) (– z के द्वारा दर्शाया जाता है) प्राप्त होती है, जोकि योगात्मक प्रतिलोम अथवा z का ऋण कहलाता है। हम प्रेक्षित करते हैं कि z + (–z) = 0 (योगात्मक तत्समक)।
दो सम्मिश्र संख्याओं का अंतर
किन्हीं दी गई सम्मिश्र संख्याओं z₁ और z₂ का अंतर z₁ – z₂ निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता हैः
z₁ – z₂ = z₁ + (-z₂)
उदाहरणार्थ (6 + 3i) – (2 – i) = (6 + 3 i) + (–2 + i) और (2 – i) + (– 6 – 3 i) = – 4 – 4 i