कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 एनसीईआरटी समाधान – एक बुढ़िया
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 एक बुढ़िया कविता रिमझिम भाग 1 के प्रश्न उत्तर, अतिरिक्त प्रश्न उत्तर, शब्द अर्थ और रिक्त स्थानों की पूर्ति आदि पर आधारित प्रश्न उत्तर छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। अतिरिक्त अभ्यास के लिए तिवारी अकादमी की पाठ्यपुस्तक भी दी गई है जो पीडीऍफ़ के रूप में डाउनलोड करके ऑफलाइन भी प्रयोग की जा सकती है। एनसीईआरटी पुस्तक के साथ साथ तिवारी अकादमी की किताब को कक्षा 1 समाधान ऐप से भी प्राप्त किया जा सकता है। तिवारी अकादमी का ऐप प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर मुफ़्त उपलब्ध है।
कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 के लिए एनसीईआरटी समाधान
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 एक बुढ़िया सत्र 2024-25 के लिए
कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 के कठिन शब्दों के अर्थ
शब्द | अर्थ |
---|---|
बुढ़िया | ज्यादा उम्र की स्त्री |
खाली | बिना काम के |
आराम | शांत, सुखी |
दोपहर | मध्ययान का समय |
कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 के मुख्य प्रश्न उत्तर
बिना नाम वाली बुढ़िया का कोई नाम रखो।
बिना नाम वाली बुढ़िया का नाम जानकी दादी होना चाहिये।
वह दिन भर खाली रहती थी। उसके लिए कुछ काम सुझाओ।
उम्र के हिसाब से उसके लिए छोटे बच्चों की देखभाल करना सबसे उपयुक्त काम है।
तुम्हारे घर में सबसे ज़्यादा काम कौन करता है?
हमारे घर में सबसे ज्यादा काम मेरी माताजी करती है।
कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 कहानी का भावार्थ
कहानी में एक बिना नाम वाली बुढ़िया का वर्णन है। उम्र ज्यादा होने की वजह से वह कुछ भी काम नहीं कर सकती है इसलिए दिन भर खाली बैठी रहती है। काम न होने की वजह से वह बेचैन रहती थी बिना काम के भी उसे आराम नहीं था। उसके लिए समय काटना अत्यंत कठिन था। इसलिए उसे दिन, दोपहर, शाम और सबेरे का कोई ऐहसास नहीं रहता था।
कहानी के अनुसार बुढ़िया का कोई नाम नहीं था लेकिन ऐसा वास्तव में होता नहीं है। हो सकता है कि उम्र की अधिकता के कारण वह अपना नाम भी भूल गयी थी।
कक्षा 1 हिंदी अध्याय 14 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
तुम्हारे घर में सबसे ज़्यादा आराम कौन करता है?
हमारे घर में सबसे ज्यादा आराम मेरा छोटा भाई करता है जो कि अभी बहुत छोटा है।
बुढ़िया परेशां क्यों रहती थी?
बुढ़िया के पास कोई काम नहीं था जिससे उसको समय काटना मुश्किल हो जाता था इसलिए बुढ़िया परेशान रहती थी।
आप बूढ़े लोगों की किस तरह से सहायता कर सकते हैं?
बूढ़े लोगों के छोते-छोटे काम करके हम उनकी मदद कर सकते हैं।
जैसे: सड़क पार करवाना, रास्ता दिखाना, कोई सामान लेकर के देना आदि।