एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 मेघ आए
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 मेघ आए (सर्वेश्वर दयाल सक्सेना) सत्र 2025-26 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 9वीं हिंदी क्षितिज के इस पाठ में कवि ने वर्षा ऋतु के आगमन और उसके साथ जुड़ी प्राकृतिक छटा का मनोहारी वर्णन किया है। बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली की चमक और वर्षा की फुहारें वातावरण को जीवन्त बना देती हैं। इस कविता में किसानों की खुशी, बच्चों का उल्लास और प्रकृति की ताजगी स्पष्ट दिखाई देती है। यह अध्याय विद्यार्थियों को प्रकृति की सुंदरता और जीवनदायिनी शक्ति का अनुभव कराता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 12 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 12 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 12 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 12 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 12 MCQ
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
मेघ आए कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 अभ्यास के प्रश्न उत्तर
1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर देखेंबादलों के आने पर प्रकृति में कई गतिशील क्रियाएँ हुईं, जैसे हवा का नाचना-गाना, दरवाज़े-खिड़कियों का खुलना, पेड़ों का गर्दन उचकाकर झाँकना, धूल का घाघरा उठाए भागना और नदी का ठिठककर घूँघट सरकाना।
2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?
• धूल
• पेड़
• नदी
• लता
• ताल
उत्तर देखें• धूल: एक भागती हुई लड़की।
• पेड़: गर्दन उचकाकर देखते गाँव के लोग।
• नदी: घूँघट सरकाती हुई स्त्री।
• लता: व्याकुल पत्नी।
• ताल: घर का कोई सदस्य जो परात में पानी लाया हो।
3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर देखेंलता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट से देखा। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह एक साल बाद आए अपने प्रियतम से मिलने के लिए व्याकुल होने के साथ-साथ हल्की-सी रूठी हुई भी थी।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 के भाव स्पष्ट करने पर आधारित प्रश्न उत्तर
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।
उत्तर देखेंइसका भाव यह है कि प्रेमिका (लता) को यह भ्रम था कि उसका प्रियतम (मेघ) नहीं आएगा। लेकिन जब मेघ आ गए और बिजली चमकी, तो उसका भ्रम टूट गया और उसे अपनी शंका पर पछतावा हुआ।
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
उत्तर देखेंइसका भाव है कि बादलों के आने से पहले हवा के झोंकों से नदी में हलचल हुई। नदी रूपी स्त्री ने तिरछी निगाहों से देखकर अपना घूँघट सरका लिया, जो दामाद के आने पर गाँव की स्त्रियों की उत्सुकता को दर्शाता है।
5. मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर देखेंमेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में कई परिवर्तन हुए, जैसे धूल का उड़ना, पेड़ों का झुकना, हवा का चलना, नदी और ताल में हलचल होना, और अंत में बिजली चमकने के साथ बारिश होना।
6. मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर देखेंमेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि वर्षा के बादल बहुत घने और काले होकर आते हैं, जिनकी तुलना कवि ने एक शहरी दामाद से की है जो गाँव जाते समय सज-धजकर जाता है।
7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर देखेंमानवीकरण: “मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।” (बादलों का मनुष्य की तरह सज-धज कर आना)।
रूपक अलंकार: “क्षितिज अटारी।” (क्षितिज को अटारी का रूप देना)।
8. कविता में किन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंकविता में ग्रामीण संस्कृति के रीति-रिवाजों का चित्रण हुआ है, जैसे मेहमान के आने पर गाँव के लोगों में उत्साह का माहौल बनना, बूढ़े लोगों द्वारा मेहमान का स्वागत करना, और तालाब का परात में पानी लाकर मेहमान के पैर धोने की परंपरा निभाना।
9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर देखेंकवि ने बादलों के आने की तुलना गाँव में दामाद के आने से की है। जब बादल आते हैं, तो प्रकृति में होने वाले बदलावों को कवि ने मानवीय क्रियाओं और भावनाओं से जोड़ा है, जैसे पेड़ों का उत्सुकता से देखना और नदी का शरमाकर घूँघट सरकाना।
10. काव्य-सौंदर्य लिखिए-
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
उत्तर देखेंइन पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार है, जहाँ ‘ज्यों’ शब्द का प्रयोग हुआ है, और मानवीकरण अलंकार है, जहाँ बादलों को शहरी मेहमान की तरह दिखाया गया है। यह ग्रामीण परिवेश और प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 के रचना और अभिव्यक्ति पर प्रश्न उत्तर
11. वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर देखेंवर्षा का आगमन हमेशा ही एक सुखद अनुभव होता है। तेज गर्मी और धूल भरे माहौल के बाद जब आसमान में घने काले बादल छा जाते हैं, तो एक अजीब सी ठंडक और सुकून महसूस होता है। हवा चलने लगती है, जिससे सूखे पत्ते और धूल उड़कर दूर हो जाते हैं। पहली बूँदें पड़ते ही मिट्टी से एक मनमोहक सौंधी खुशबू आती है। पेड़-पौधे और हरियाली फिर से जीवंत हो जाते हैं, और वातावरण ताजगी से भर जाता है। पक्षी चहचहाने लगते हैं और छोटे बच्चे बारिश में खेलने के लिए निकल पड़ते हैं। यह एक ऐसा समय होता है, जब प्रकृति और मनुष्य दोनों ही खुशी से झूम उठते हैं।
12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
उत्तर देखेंकवि ने पीपल को बड़ा बुजुर्ग इसलिए कहा है क्योंकि पीपल का पेड़ बहुत विशाल और दीर्घायु होता है। गाँवों में पीपल का पेड़ सबसे पुराना और पूजनीय माना जाता है। यह गाँव के सबसे पुराने सदस्यों की तरह होता है, जो हर मौसम और पीढ़ी का साक्षी होता है। इसीलिए, जब बादल रूपी मेहमान (दामाद) आते हैं, तो बूढ़ा पीपल ही आगे बढ़कर उनका स्वागत करता है।
13. कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए।
उत्तर देखेंआज दामाद को विशेष महत्व देने की परंपरा में परिवर्तन आया है, इसके कई कारण हैं:
शहरीकरण और एकल परिवार: आजकल शहरों में एकल परिवारों का चलन बढ़ा है, जहाँ रिश्तेदारी पहले की तरह घनिष्ठ नहीं रही। लोग व्यस्तता के कारण एक-दूसरे से कम मिल पाते हैं।
आर्थिक समानता: पहले दामाद को आर्थिक रूप से परिवार से बेहतर माना जाता था, जिससे उनका सम्मान अधिक होता था। आज लड़कियाँ भी शिक्षित और आत्मनिर्भर हैं, जिससे रिश्तों में समानता आई है।
बदलते सामाजिक मूल्य: आधुनिक समाज में रिश्ते सम्मान और प्यार पर आधारित होते हैं, न कि किसी पद या परंपरा पर। अब हर रिश्ते में समानता को महत्व दिया जाता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 के भाषा-अध्ययन के प्रश्न उत्तर
14. कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर देखें► बन-ठन के सँवरना: अर्थ – सज-धज कर तैयार होना।
वाक्य – आज शादी में जाने के लिए वह बन-ठन के सँवर कर आई है।
► गाँठ खुलना: अर्थ – भ्रम दूर होना।
वाक्य – जब उसने मुझे अपनी परेशानी बताई, तो मेरी गलतफहमी की गाँठ खुल गई।
15. कविता में प्रयुक्त आंचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर देखें► पाहुन (मेहमान या दामाद)
► बयार (हवा)
► जुहार (हाथ जोड़कर किया गया स्वागत)
► सुधि (याद)
► ओट (छिपकर)
► ताल (तालाब)
► परात (एक बड़ा बर्तन)
► दामिनि (बिजली)
► हूक (दर्द भरी आवाज)
► किवार (दरवाजा)
16. मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है- उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखें‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल और सहज है। कवि ने रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग होने वाले शब्दों का प्रयोग किया है, जिससे कविता आसानी से समझ में आती है। उदाहरण के लिए, ‘मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के’ में कवि ने बादलों के आने की तुलना एक दामाद से की है। इसी तरह, ‘आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली’ और ‘दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली’ जैसे वाक्य बहुत ही सरल हैं और गाँव के माहौल को जीवंत कर देते हैं।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 मेघ आए पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 अति-लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. मेघों के आने पर हवा कैसे चली?
उत्तर देखेंमेघों के आने पर हवा नाचती-गाती हुई चली।
2. गाँव में मेहमान को देखने के लिए क्या होने लगा?
उत्तर देखेंगाँव में मेहमान को देखने के लिए दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं।
3. आँधी चलने पर धूल कैसे भागी?
उत्तर देखेंआँधी चलने पर धूल घाघरा उठाए भागी।
4. नदी ने मेहमान को कैसे देखा?
उत्तर देखेंनदी ने बाँकी चितवन से देखा और घूँघट सरकाया।
5. किसने आगे बढ़कर मेहमान को जुहार किया?
उत्तर देखेंबूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार किया।
6. लता ने बादल रूपी मेहमान से क्या शिकायत की?
उत्तर देखेंलता ने शिकायत की कि उन्होंने एक साल बाद उनकी सुधि ली है।
7. ताल परात में क्या लाया?
उत्तर देखेंताल परात में पानी भरकर लाया।
8. ‘गाँठ खुल गई अब भरम की’ का क्या अर्थ है?
उत्तर देखेंइसका अर्थ है कि गलतफहमी या भ्रम दूर हो गया।
9. ‘झर-झर मिलन के अश्रु ढरके’ में ‘अश्रु’ किसे कहा गया है?
उत्तर देखें‘अश्रु’ यहाँ बारिश की बूँदों को कहा गया है।
10. मेघों के आने से पेड़ों में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर देखेंमेघों के आने से पेड़ गर्दन उचकाकर झाँकने लगे।
11. कविता में मेघों को कैसा बताया गया है?
उत्तर देखेंमेघों को सज-धजकर आए मेहमान जैसा बताया गया है।
12. ‘बयार’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर देखें‘बयार’ का अर्थ हवा है।
13. ‘पाहुन’ शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
उत्तर देखें‘पाहुन’ शब्द का प्रयोग मेघ के लिए हुआ है।
14. कविता में ‘ताल’ किसका प्रतीक है?
उत्तर देखेंकविता में ‘ताल’ तालाब का प्रतीक है।
15. ‘दामिनि दमकी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर देखें‘दामिनि दमकी’ का अर्थ है बिजली का चमकना।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 मेघ आए के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर देखेंकविता में मुख्य विषय मानसून-मेघ के आगमन की घटना है- जिसमें गाँव और प्रकृति की झटपट उठी हुई उत्सुकता, तृप्ति और भावनात्मक उछाल दिखाई देता है। कवि बताता है कि कैसे हवा नाचती-गाती आई, दरवाजे-खिड़कियाँ खुल गईं, पेड़ झुक कर निहा रहे और नदी ठिठक गई; यह आगमन केवल मौसम का नहीं, सूखे के बाद राहत, मिलन और भावनात्मक विमोचन का प्रतीक है। पूरे वातावरण में एक नयी सजीवता और परितोष का भाव व्याप्त हो जाता है।
2. “मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के” इस पंक्ति का क्या अर्थ और असर है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति मेघों के गरिमामय, संवर कर आने का चित्र देती है—जैसे सम्मानित अतिथि सधे हुए वस्त्रों में प्रवेश करते हों। इस वाक्य में मेघों को मानवीय गरिमा दी गई है, जिससे उनका आगमन गंभीर, उल्लासपूर्ण और परिमाणकारी प्रतीत होता है। यह वाक्य पूरा कवितीय मूड सेट करता है: न सिर्फ बारिश आ रही है बल्कि गाँव में उत्सव-सा सामूहिक अनुभव जन्म ले रहा है।
3. हवा, दरवाजे-खिड़कियाँ और गाँव का मानविकृत चित्र किस उद्देश्य से है?
उत्तर देखेंहवा का नाचना-गाना, दरवाजों का खुलना और गाँव के लोग-जैसे अतिथियों का स्वागत—ये सब मानवीकृत चित्र पाठक को मौसम के सामूहिक प्रभाव में खींचते हैं। इससे लगता है कि पूरा समाज, घर-आँगन, पेड़-पौधे और नदी—सब मिलकर मेघों का अभिनंदन कर रहे हैं। मानवीकरण से भावनात्मक जुड़ाव घना होता है और मेघों के आगमन को केवल प्राकृतिक घटना न मानकर सामुदायिक अनुभव बना दिया जाता है।
4. बूढ़े पीपल की पंक्ति “बरस बाद सुधि लीन्हीं” का भावार्थ क्या है?
उत्तर देखेंबूढ़े पीपल का जुहार और “बरस बाद सुधि लीन्हीं” कहना संकेत है कि लंबे समय के बाद वर्षा आई है; पीपल ने पिछली कमी या सूखे की याद दिलाई है। यह पंक्ति प्रकृति के संघर्ष और राहत दोनों का संकेत है—पेड़-पेड़, वृक्ष भी वर्षों की उम्मीद और थकान के बाद पानी की पुकार सुनते हैं। पीपल का अग्रसर होना मानो पुराना अपराध-मोचन या पुरानी शिकायतों का समाधान बताता है।
5. कविता में नदी और घूँघट का चलना-सरकना क्या संकेत देता है?
उत्तर देखें“नदी ठिठकी, घूँघट सरके” पंक्ति बताती है कि बारिश की आहट से नदी की सतह पर भी बदलाव आया—नदी रुकी नहीं पर दृष्टि-भाव में ठहराव सा आ गया परतों का हटना (घूँघट सरकना) संकेत है कि प्रकृति ने अपना लज्जित आवरण हटाकर खुलकर मिलन स्वीकार कर लिया। यह मिलन, खुलापन और सहजता का प्रतीक है—जैसे वर्षा ने छुपे हुए सब आकर्षण और संवेदनाएँ प्रकट कर दीं।
6. कविता में “आँधी चली, धूल भागी, घाघरा उठाए” का रूपक क्या दर्शाता है?
उत्तर देखेंयह रूपक हवा की सक्रियता और नई जीवनशक्ति का संकेत है- आँधी इतनी जागृत कि धूल भागे और परिधान (घाघरा) उड़कर उठे, मानो धरती भी नाच उठी हो। यह प्राकृतिक उन्माद व रिफ्रेशमेंट दोनों दिखाता है: जहाँ पहले सूखा-धूल था, वहाँ हवा-बारिश की वजह से हलचल हुई और जीवन के नाड़े जाग उठे। रूपक में उत्साह, हलचल और सजीवता का भाव स्पष्ट है।
7. कवि ने मेघ-आगमन को सामाजिक घटना कैसे दिखाया है?
उत्तर देखेंकवि ने मेघों के आगमन को केवल मौसम-परिवर्तन न रखकर गाँव-लोगों के भाव, घरों के खुलने, बूढ़े पेड़ का जुहार और नदी के व्यवहार से जोड़ा है। “पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” से पता चलता है कि पूरा समाज अतिथि-वृत्ति से नवाज रहा है। यह सामाजिक मिलन, उत्सव और सामूहिक राहत का क्षण है। यानी मेघों का आना गाँव की समृद्धि और मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल दोनों को बदल देता है।
8. “क्षितिज अटारी गहराई दामिनि दमकी” पंक्ति का छायामय अर्थ क्या है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति आकाश में चमकती बिजली (दामिनी) और क्षितिज की गहराई का प्रभाव दिखाती है- जैसे आकाश ने अपने भीतर की ऊर्जा को जगा दिया हो। ‘अटारी गहराई’ से आकाश की गंभीरता और दामिनी की दमक से आश्चर्य व शक्ति का संयोग बनता है; यह संकेत है कि प्राकृतिक शक्तियाँ सक्रिय हो रही हैं और जल्द ही बारिश-विमोचन का दृश्य आएगा।
9. कविता में “बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके” का प्रतीक क्या बताता है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति भावनात्मक विस्फोट का प्रतीक है- बाँध टूटना रोक-टोक या अवरोध का क्षय है और “अश्रु” के रूप में गिरती बूँदें मिलन और शुद्धि का रूप ले लेती हैं। प्रतीकात्मक रूप से यह बताती है कि वर्षा के आगमन ने पुराने बन्धन, प्रतीकात्मक दूरी और पीड़ा को छेद दिया और स्वतंत्र, भरपूर मिलन का मार्ग खोल दिया। यह शुद्धि, उल्लास और अभिव्यक्ति का क्षण है।
10. समग्र रूप में कविता का मूड और संदेश क्या है?
उत्तर देखेंकविता का मूड आनंदोत्तेजक, राहतपूर्ण और उत्सवात्मक है। सूखे या शुष्क काल के बाद मेघ-वर्षा का आगमन गाँव, पेड़-पौधे और नदी सबको नया जीवन देता है; पुरानी थकान और तनिक भी आशंकाएँ दूर होकर मिलन, शुद्धि और सामूहिक प्रसन्नता आती है। संदेश यह है कि प्रकृति का चक्र पुनरुत्थान का द्वार खोलता है—वर्षा न सिर्फ भौतिक पोषण देती है बल्कि भावनात्मक विमोचन और सामूहिक पुनर्जागरण भी लाती है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 मेघ आए के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. कविता में मेघों को “पाहुन” यानी अतिथि रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस रूपक का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंकवि ने मेघों को अतिथि का रूप देकर उनके आगमन को केवल प्राकृतिक घटना न मानकर सामाजिक उत्सव बना दिया। “पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” से ग्रामीण संस्कृति की अतिथि-सत्कार परंपरा झलकती है। बरसात गाँव के लिए जीवनदायिनी है, इसलिए उसका स्वागत वैसा ही किया जाता है जैसा किसी सम्मानित मेहमान का। यह रूपक ग्रामीण मानसिकता की उदारता, सामूहिकता और प्रकृति के साथ उनके आत्मीय रिश्ते को दिखाता है। मेघों का यह आगमन गाँव के जीवन में समृद्धि, राहत और खुशी का प्रतीक है।
2. कविता में बूढ़े पीपल, लता, नदी आदि का मानवीकरण किस प्रकार हुआ है? इससे कविता का सौंदर्य कैसे बढ़ता है?
उत्तर देखेंकवि ने प्राकृतिक तत्वों को मनुष्यों की तरह व्यवहार करते दिखाया है। बूढ़ा पीपल “बरस बाद सुधि लीन्हीं” कहकर स्वागत करता है, लता खिड़की के पास अकुलाकर बोलती है और नदी घूँघट सरका कर मिलन को प्रकट करती है। इस मानवीकरण से पाठक प्रकृति से आत्मीय संबंध जोड़ पाता है। इससे कविता में जीवन्तता, भावुकता और सहजता आती है। वर्षा का आगमन केवल जलवृष्टि नहीं बल्कि सामूहिक मिलन और भावनात्मक विमोचन प्रतीत होता है। यह शैली कविता को जीवंत और संवेदनशील बनाती है।
3. कविता में आँधी, धूल, घूँघट और दामिनी जैसे रूपकों से किस प्रकार परिवर्तन और उत्साह की स्थिति उत्पन्न हुई है? विश्लेषण कीजिए।
उत्तर देखेंआँधी और धूल का भागना उथल-पुथल और परिवर्तन का संकेत है। घूँघट सरकने की छवि लज्जा से मुक्त मिलन की भावना जगाती है। वहीं दामिनी की चमक प्रकृति की शक्ति और आश्चर्य का आभास देती है। इन रूपकों से लगता है कि वातावरण अचानक सक्रिय हो उठा है—पुराना ठहराव टूट गया और नया उत्सव जन्मा। यह सब जीवन के संघर्ष और सुख-दुःख के द्वंद्व का प्रतीक है। कवि ने इन्हीं छवियों से वर्षा के आगमन को रोमांचक और आनंदमय बना दिया है।
4. “बरस बाद सुधि लीन्हीं” और “बाँध टूटा… अश्रु ढरके” पंक्तियाँ कविता के भाव को कैसे गहराती हैं? विस्तार से बताइए।
उत्तर देखेंये पंक्तियाँ लम्बे सूखे, प्रतीक्षा और पीड़ा की स्मृति जगाती हैं। बूढ़े पीपल का बरसों बाद वर्षा को याद करना यह बताता है कि प्रकृति भी कमी से व्यथित होती है। “बाँध टूटा… अश्रु ढरके” प्रतीक है भावनात्मक विमोचन का—जैसे वर्षों का बाँध टूटा और आनंद-आँसू बरसात की बूँदों की तरह ढलक गए। इससे कविता में गहन संवेदनशीलता आती है। यह दिखाता है कि वर्षा केवल जल नहीं लाती बल्कि सामूहिक दिलों में दबी पीड़ा को बहाकर नया उल्लास जगाती है।
5. कविता की भाषा, लय और प्रतीकों के आधार पर बताइए कि यह कविता ग्रामीण जीवन और प्रकृति का कैसा चित्र प्रस्तुत करती है।
उत्तर देखेंकविता की भाषा सरल, ग्रामीण और चित्रात्मक है। “मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के” जैसी पंक्तियाँ गीतात्मक लय से भरपूर हैं। प्रतीकों में घूँघट, घाघरा, जुहार, पाहुन आदि लोक-संस्कृति से जुड़े रूपक हैं। इससे ग्रामीण जीवन का जीवंत चित्र उभरता है, जहाँ मेघों का आगमन उत्सव-सा होता है। कविता में लोकधर्मी कल्पना और प्रकृति का आत्मीय चित्रण है। यह पाठक को गाँव की सामूहिक चेतना, पर्यावरणीय संवेदनशीलता और जीवन में वर्षा के महत्व की अनुभूति कराती है।
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