एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 ग्राम श्री
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 ग्राम श्री (सुमित्रानंदन पंत) सत्र 2025-26 के अनुसार संशोधित रूप में छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। इसमें कवि ने भारतीय ग्राम्य जीवन और प्रकृति की सुंदरता का अत्यंत भावपूर्ण चित्रण किया है। कविता में गांव की हरियाली, खेतों की लहराती फसलें, प्राकृतिक सौंदर्य और श्रमशील किसानों की छवि उभरती है। पंत ने ग्राम जीवन की गरिमा और महत्व को रेखांकित करते हुए उसे भारत की आत्मा बताया है। यह अध्याय विद्यार्थियों को प्रकृति प्रेम, श्रम और ग्रामीण संस्कृति की ओर प्रेरित करता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 11 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 11 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 11 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 11 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 11 MCQ
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
ग्राम श्री कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 अभ्यास के प्रश्न उत्तर
1. कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ क्यों कहा है?
उत्तर देखेंगाँव की प्राकृतिक छटा, हरे-भरे खेत, वृक्ष, फूल, फल और नदी का दृश्य मनुष्य के मन को आनंदित कर देता है। इस कारण कवि ने गाँव को “हरता जन मन” कहा है।
2. कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?
उत्तर देखेंइस कविता में शीत ऋतु (हिमांत ऋतु) का सौंदर्य वर्णित है।
3. गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ क्यों कहा गया है?
उत्तर देखेंगाँव चारों ओर हरियाली से ढका है, जो पन्ने (मरकत) जैसे चमकदार हरे डिब्बे की भाँति लगता है।
4. अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर देखेंकवि को अरहर और सनई के खेत सोने की किकिणियों की तरह शोभायमान लगते हैं।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 भाव स्पष्ट करने वाले प्रश्न
5. भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती
उत्तर देखेंयहाँ कवि ने गंगा किनारे की रेत को साँप जैसी लकीरों से अंकित और इंद्रधनुषी रंगों से भरी हुई बताया है।
(ख) हँसमुख हरियाली हिम-आतप
सुख से अलसाए-से सोए
उत्तर देखेंयह पंक्ति बताती है कि शीत ऋतु में हल्की धूप पाकर खेतों की हरियाली जैसे आनंद से झूम रही है और सुखपूर्वक विश्राम कर रही है।
6. निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक
उत्तर देखें“तिनकों के हरे-हरे तन पर / हिल हरित रुधिर है रहा झलक” में रूपक अलंकार है।
7. इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?
उत्तर देखेंयह गाँव भारत के गंगा-यमुना के उपजाऊ मैदान (उत्तर भारत) में स्थित है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 के रचना और अभिव्यक्ति के प्रश्न उत्तर
8. भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी?
उत्तर देखेंयह कविता अत्यंत सरस, चित्रात्मक और ग्राम्य जीवन की वास्तविक झाँकी प्रस्तुत करती है। इसमें प्रकृति के विविध रूप, ग्रामीण जीवन और शीत ऋतु का सौंदर्य मन को बहुत भाता है। भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और चित्रात्मक है।
9. आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को वर्णित कीजिए।
उत्तर देखेंमैं पहले पहाड़ी क्षेत्र में रहता था। वहाँ वर्षा ऋतु आते ही चारों ओर हरियाली छा जाती थी, झरने बहने लगते थे और वातावरण अत्यंत मनोहर हो जाता था। अब मैं दिल्ली में रहता हूँ और यहाँ का बरसात का मौसम भी मुझे बहुत अच्छा लगता है। जब आसमान में काले बादल छा जाते हैं तो वातावरण बहुत सुहावना हो जाता है। हल्की-हल्की बारिश से मिट्टी की खुशबू पूरे वातावरण को महका देती है। सड़क के दोनों ओर लगे पेड़-पौधे धुलकर हरे-भरे दिखने लगते हैं। बच्चे बारिश में भीगकर खेलते हैं और चाय-पकौड़ों की खुशबू हर घर से आती है। यह मौसम इलाके को नया जीवन और सुंदरता प्रदान करता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 ग्राम श्री पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 अति-लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. कविता का शीर्षक क्या है?
उत्तर देखेंग्रामश्री
2. कवि का नाम क्या है?
उत्तर देखेंनंददुलारे बाजपेयी
3. कविता में किस ऋतु का वर्णन है?
उत्तर देखेंशीत ऋतु (हिमांत)
4. किस फसल में बाली आई?
उत्तर देखेंजौ और गेहूँ
5. अरहर और सनई कैसी दिखाई देती हैं?
उत्तर देखेंसोने की किकिणियों जैसी
6. किस फूल से पीली सुगंध फैल रही है?
उत्तर देखेंसरसों के फूल से
7. नीली कलि किस पौधे की है?
उत्तर देखेंतीसी
8. मटर की फली कैसी बताई गई है?
उत्तर देखेंमखमली पेटियों जैसी
9. कौन-सी तितलियाँ फूलों पर मंडरा रही हैं?
उत्तर देखेंरंग-बिरंगी तितलियाँ
10. किस वृक्ष की डाल मंजरियों से लदी है?
उत्तर देखेंआम की डाल
11. कौन-सा पक्षी मतवाला हो उठा है?
उत्तर देखेंकोयल (कोकिला)
12. गंगा की रेती कैसी है?
उत्तर देखेंसतरंगी
13. गंगा किनारे कौन-सी खेती हो रही है?
उत्तर देखेंतरबूज की
14. गंगा किनारे कौन-सा पक्षी कलंगी सँवार रहा है?
उत्तर देखेंबगुला
15. ग्राम को किससे तुलना की गई है?
उत्तर देखेंमरकत डिब्बे से
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 ग्राम श्री के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. कविता का मुख्य दृश्य क्या है?
उत्तर देखेंकविता का मुख्य दृश्य एक ग्रामीण गाँव है जो खेतों से घिरा हुआ है — फैली हुई हरियाली, गेहूँ की बाली, सरसों के पीले फूल और फल-फूल से भरे पेड़-पौधे। कवि गाँव-परिदृश्य को विस्तृत रंगों और सुधबुद्धि से पेश करता है ताकि पाठक तुरंत वहाँ की ताज़गी, सुगंध और जीवन की सजीवता अनुभव कर सके। गंगा की रेती, तट की खेती और तितलियों-पक्षियों की हरकतें इस दृश्य को और जीवंत बनाती हैं।
2. खेतों और फसलों का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर देखेंखेतों में गेहूँ, अरहर, सनई, सरसों, पालक, लौकी, टमाटर, मिर्च-सब्जियाँ और आम्र-फलों की बहुलता दिखाई गई है। गेहूँ में बाली, अरहर-सनई की किकिणियाँ और सरसों की भीनी गंध से खेत सुगन्धित हैं। कवि हर एक फसल के रूप-रंग और गुण को नाम लेकर बताता है, जिससे समृद्धि और प्राकृतिक चक्री का स्पष्ट अहसास होता है। यह विवरण कृषिकार्य के परिपक्व चरण और गांव के समृद्ध मौसम को दर्शाता है।
3. कविता में पक्षियों और जंतुओं की क्या भूमिका है?
उत्तर देखेंपक्षी-जन्तु कविता में गाँव की जीवंतता और सौंदर्य को बढ़ाते हैं- कोकिला मतवाली उठती है, बगुले कलँगियाँ सँवारते हैं, सुरखाब तैरते हैं और मगरौठी सोई रहती है। तितलियाँ फूलों पर उड़ती हैं और बगुले-सुरखाब जल में सजते दिखते हैं। ये दृश्य प्राकृतिक सामंजस्य दिखाते हैं: कृषि और वनस्पति के बीच जीव-जन्तु की सहभागिता, जो गाँव के पारिस्थितिक और सांस्कृतिक सौंदर्य को पुष्ट करती है।
4. कवि ने रंगों का किस तरह उपयोग किया है?
उत्तर देखेंकवि रंगों का भरपूर और स्पष्ट उपयोग करता है- मखमल की हरियाली, चाँदी की उजली जाली, नीलम-नीली कलियाँ, पीली सरसों, रजत-स्वर्ण मंजरियाँ। रंगों से दृश्य में गहराई और उत्सव का भाव आता है; हर रंग किसी फसल, फल या फूल से जुड़ा है और उसकी विशेषता बताता है। रंग-चित्रण से पाठक के मानस में गाँव का एक समृद्ध, बहुरंगी उत्सव आ जाता है।
5. कविता में किस मौसम का संकेत मिलता है?
उत्तर देखेंकविता में कटहल, जामुन, अमरूद, बेर और पकते अनाज की बात से संकेत मिलता है कि यह फसल-समृद्धि का ऋतु-परिणाम है—श्रवण के बाद या शरद के निकट चरण, जब अनाज पकते और फल परिपक्व होते हैं। सरसों की पीलीता और गेहूँ की बाली से फसल कटाई के आसन्न समय का अहसास होता है। समग्र तौर पर यह बादल-भरा, शस्य-समृद्धि का मौसम लगता है।
6. कौन-कौन से इन्द्रिय-चित्र (सुगंध, ध्वनि, दृश्यम) कविता में मिलते हैं?
उत्तर देखेंकविता में गंध-चित्रण प्रमुख है—“भीनी तैलाक्त गंध”, पकते फलों की महक; ध्वनि में तितलियों, कोकिला की चहचह और बगुलों-काँवों की हल्की हरकतें; दृश्यम में सुनहरा गेहूँ, पीली सरसों, लाल टमाटर और सतरंगी रेती शामिल हैं। ये इन्द्रिय अनुभव पाठक को गाँव के वातावरण में पूरी तरह उतार देते हैं—सुनना, सूँघना और देखना सब जीवंत हो उठता है।
7. मानव क्रियाएँ और सौंदर्य कैसे जुड़ते हैं?
उत्तर देखेंकविता में मानव क्रियाएँ—खेतों की खेती, तट पर तरबूज की खेती, किसी का कंघी से कलँगी सँवारना—प्रकृति के सौंदर्य में घुली हैं। गाँव का जीवन प्रकृति के चक्र से जुड़ा है; कृषि ही यहाँ की कला और सौंदर्य का स्रोत है। मनुष्य और प्रकृति के मध्य यह सहयोगात्मक संबंध गाँव को ‘मरकत डिब्बे’ जैसा खुला स्थान बनाता है जहाँ लोग शांति और स्नेह से रहते हैं।
8. कविता का भाव-वर्ग / मूड क्या है?
उत्तर देखेंकविता का मूड शांत, उल्लासपूर्ण और प्रशंसात्मक है—गाँव के हर पहलू की सराहना करने वाला। जहाँ-तहाँ फलों, फसलों और पक्षियों की खुशबू और रंग उल्लास जगाते हैं। साथ ही यह सौंदर्य-भाव मन को स्थिर कर देने वाला, सुकून देने वाला है; कवि गाँव की समृद्धि और प्राकृतिक सौंदर्य से आत्मिक ताज़गी पाता है।
9. “बालू के साँपों से अंकित गंगा की सतरंगी रेती” का अर्थ क्या हो सकता है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति गंगा के तट पर रेत की आकृतियों या तरंगों का सूक्ष्म वर्णन है—बालू के साँपों जैसी मोड़ों से बनी रंगीन रेत की बनावट जो सूरज और नदी के प्रतिबिंब से सतरंगी दिखती है। यह चित्र नदी के तट पर जीवन के कलात्मक दर्पण और प्राकृतिक नक्काशी का बोध कराता है, तथा तट की खेती, तरबूजों की फसल और पानी में तैरते पक्षियों का सौंदर्य जोड़ता है।
10. कविता के अंतिम दो-तीन वाक्यों में कवि क्या संप्रेषित करना चाहता है?
उत्तर देखेंअंतिम पंक्तियाँ—“मरकत डिब्बे सा खुला ग्राम…निज शोभा से हरता जन मन”—कवि बताता है कि यह गाँव किसी अनमोल बॉक्स-सी चमकदार है, जिसका नीलम-सा आकाश उसे ढकता हैं और शान्ति से मन मोहित हो जाता है। गाँव की सरल, सौम्य और स्वाभाविक शोभा जन मानस के हृदय को प्रसन्न कर देती है। यह एक समृद्ध, शांत और आत्मिक तृप्ति देने वाला स्थान है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 ग्राम श्री के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 11 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. कविता में वसुधा, नभ और धरती की व्यक्तिगत चित्रण किस प्रकार गाँव-दृश्य को ज़्यादा जीवंत बनाते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर देखेंकवि वसुधा, नभ और भु-तल को मानवीय स्पर्श देता है—“रोमांचित सी लगती वसुधा”, “नभ का चिर निर्मल नील फलक” जैसे वाक्य धरती-आकाश को जीवंत चरित्र देते हैं। इससे प्रकृति केवल पृष्ठभूमि न होकर सक्रिय सहभागी बन जाती है: खेतों की हरितता रोमांचित होती है, नील आकाश अविरल और निर्मल है। इस व्यक्तिवाचक चित्रण से पाठक को लगता है जैसे प्रकृति भी आनंद-उत्सव में सम्मिलित हो रही है; पेड़-पौधे, हवा, पक्षी सब एक सामूहिक चेतना बनकर गाँव की शोभा बढ़ाते हैं। ऐसे रूपक गाँव को स्थिर चित्र से हटाकर गतिशील, संवेदनशील अनुभव बनाते हैं।
2. कविता के रंग-वर्णन और इन्द्रियात्मक भाषा से समृद्धि-भाव कैसे निर्मित होता है? कुछ पंक्तियों को उद्धृत कर विश्लेषण कीजिए।
उत्तर देखेंकवि ने “मखमल की कोमल हरियाली”, “चाँदी की सी उजली जाली”, “फूली सरसों पीली पीली”, “मखमली टमाटर हुए लाल” जैसे सूक्ष्म रंग-चित्रों से दृश्य को चमकदार बनाया है। हर वाक्य में रंग और स्पर्श की भावना जुड़ी है- मखमली, उजला, लाल, नील- जो विविधता व परिपक्वता दर्शाते हैं। भौतिक फलों-सब्जियों के रंगों से आर्थिक-कृषि समृद्धि का संकेत मिलता है और इन्द्रीय भाषा (गंध, ध्वनि, रूप) मिलकर गाँव के पूर्णत्व-भाव को रचती है; पाठक को धन्य, परिपक्व एवं उत्सवपूर्ण मौसम का अहसास होता है।
3. कविता में जीव-जन्तु और कृषि के पारस्परिक संबंध का क्या संदेश निहित है? विस्तार से बताइए।
उत्तर देखेंकविता में तितलियाँ, कोकिला, बगुले, सुरखाब और मगरौठी जैसे जीव-जन्तु खेतों और वृक्षों के साथ सौहार्दपूर्ण जीवन जीते दिखते हैं। तितलियाँ फूलों पर फिरती हैं, पक्षी जल में तैरते हैं और तट पर खेती लगी है- यह संकेत है कि कृषि मानव-कर्म केवल उत्पादन नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन का हिस्सा है। पक्षियों की उपस्थिति परागण, कीट-नियंत्रण और स्थलीय सौंदर्य का संकेत देती है। कवि यह संदेश देता है कि गाँव की सच्ची समृद्धि तभी स्थायी है जब जीव-जन्तु और कृषि आपस में मेल खाते हों- यानी प्रकृति और मानव का सहयोग।
4. ग्रामीण जीवन के उत्सव और साधारण-सौंदर्य को कविता किस प्रकार अनुप्राणित करती है? विश्लेषण कीजिए।
उत्तर देखेंकविता साधारण ग्रामीण क्रियाओं- खेती, फल-सब्जी की पैदावार, तट पर तरबूज की खेती, किसी का कलँगी सँवारना—को उत्सवात्माक रूप देती है। कवि उन क्रियाओं को रंग, गंध और ध्वनि के साथ जोड़कर दर्शाता है जिससे रोजमर्रा का जीवन महोत्सव जैसा प्रतीत होता है। उदाहरण: “उड़ती भीनी तैलाक्त गंध…फूली सरसों पीली पीली”, “रंग रंग की तितलियाँ”—ऐसे तत्त्व ग्राम्य जीवन को पुष्ट और सुंदर बनाते हैं। साधारण चीजों में भी प्रेम और सौंदर्य देखना कविता का उद्देश्य है—यहाँ गाँव की सादगी को उत्सवी गरिमा मिलती है।
5. अंत की पंक्तियाँ “मरकत डिब्बे सा खुला ग्राम…निज शोभा से हरता जन मन” का व्यापक अर्थ और कविता का समग्र संदेश क्या हैं?
उत्तर देखेंआख़िरी पंक्तियाँ गाँव की तुलना किसी बहुमूल्य मोती-डिब्बे से करती हैं—खुला ग्राम जो अपनी समृद्धि और प्राकृतिक शोभा से लोगों के मन को जीत लेता है। “निरुपम हिमांत में स्निग्ध शांत” का अर्थ है शुद्ध, कोमल ठंडा वातावरण जो आत्मा को शान्ति देता है। समग्र रूप से कविता प्रकृति-समृद्धि, कृषि-जीवन और गाँव की सौम्यता का महिमामंडन करती है; संदेश यह है कि असली सौंदर्य और तरक्की शहरी हलचल में नहीं, बल्कि गाँव की शांति, सहचरता और प्राकृतिक सम्पन्नता में है। पाठक को आत्मिक तृप्ति और प्रकृति के प्रति सम्मान का बोध कराया जाता है।
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