एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा, लेखक प्रेमचंद में जानवरों के माध्यम से मनुष्य की भावनाओं और नैतिक मूल्यों को प्रस्तुत किया गया है। हीरा और मोती नामक बैलों की निष्ठा, साहस और आत्मसम्मान इस कहानी के मुख्य आधार हैं। प्रेमचंद ने इस कथा में ग्रामीण जीवन, ईमानदारी और अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा दी है। यह अध्याय विद्यार्थियों को सच्चाई, मित्रता और संघर्षशीलता का संदेश प्रदान करता है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 1 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 1 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 1 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 1 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 1 MCQ
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
दो बैलों की कथा कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 के उत्तर
1. कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर देखेंकांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती होगी ताकि यह पता चलता रहे कि वहां रखे गए कितने पशु जीवित हैं और कितने मर गए। सरकारी प्रबंधन और जिम्मेदारी निभाने के लिए पशुओं की गणना आवश्यक थी। हाजिरी से यह भी सुनिश्चित होता था कि कोई पशु चोरी-छिपे निकाला न जाए और उनकी स्थिति का लेखा-जोखा अधिकारियों को सही रूप में उपलब्ध हो। यह व्यवस्था पशुओं के अधिकार और सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई थी।
2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर देखेंछोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम इसलिए उमड़ आया क्योंकि उसने देखा कि वे मासूम और भूखे-प्यासे होने के बावजूद अपने दुख को धैर्यपूर्वक सह रहे हैं। बच्ची का मन कोमल था, इसलिए उसे उनके प्रति करुणा और दया की भावना हुई। पशुओं की असहायता देखकर उसका हृदय द्रवित हो उठा और उसने उन्हें अपना साथी समझा। यह संवेदना मनुष्य और पशु के बीच आत्मीय संबंध का प्रतीक है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 अभ्यास के प्रश्न उत्तर
3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर देखेंकहानी में बैलों के माध्यम से अनेक नीति-विषयक मूल्य उभरकर सामने आते हैं जैसे- मित्रता, निष्ठा, परिश्रम, आत्मसम्मान और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष। हीरा और मोती एक-दूसरे के दुख-सुख में साथ खड़े रहे, जिससे सच्ची दोस्ती का आदर्श दिखता है। उन्होंने अन्याय सहन नहीं किया और विद्रोह का साहस दिखाया। यह कहानी हमें यह शिक्षा देती है कि अन्याय सहने के बजाय उसका विरोध करना चाहिए और सत्यनिष्ठा बनाए रखनी चाहिए।
4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर देखेंकहानी में गधे को केवल मूर्ख कहना उचित नहीं माना गया है। प्रेमचंद ने गधे की विशेषताओं जैसे धैर्य, परिश्रम, सहनशीलता और सरलता को महत्व दिया है। गधा किसी को नुकसान नहीं पहुँचाता और बिना शिकायत किए लगातार काम करता है। लेखक ने बताया कि गधे की यही विशेषताएँ उसे महान बनाती हैं। इस प्रकार गधे को मूर्ख के बजाय सहनशील और श्रमशील प्राणी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर देखेंहीरा और मोती की गहरी दोस्ती कई घटनाओं से स्पष्ट होती है। वे हर काम में साथ रहते थे, चाहे खेत जोतना हो या गाड़ी खींचना। जब उन्हें अन्यायपूर्ण ढंग से कांजीहौस में डाला गया, तब भी दोनों ने एक-दूसरे का साथ और सहारा बने। भूख-प्यास में भी वे साथ खड़े रहे। यहां तक कि संकट की घड़ी में भी उन्होंने एक-दूसरे को छोड़ना स्वीकार नहीं किया। यह दोस्ती आदर्श भाईचारे का प्रतीक है।
6. ‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’- हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंहीरा के इस कथन से यह स्पष्ट होता है कि प्रेमचंद स्त्रियों के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण रखते थे। उनका मानना था कि स्त्रियों पर हिंसा या क्रूरता करना अनुचित है। यह संवाद स्त्री को समाज में गरिमा और सुरक्षा प्रदान करने का संदेश देता है। प्रेमचंद यह दिखाना चाहते हैं कि स्त्री चाहे इंसान हो या पशु की मालकिन, उसका सम्मान करना जरूरी है। यह स्त्री की गरिमा और समानता का प्रतीक है।
7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंध को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर देखेंकहानी में किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंध को आत्मीयता और परस्पर निर्भरता के रूप में व्यक्त किया गया है। किसान अपने खेत और गाड़ी के लिए बैलों पर निर्भर रहते थे, वहीं बैल भी मनुष्य की देखभाल और स्नेह से जुड़ जाते थे। हीरा और मोती अपने मालिक के सुख-दुख में सहभागी बने। इस प्रकार कहानी में यह दिखाया गया कि मनुष्य और पशु का रिश्ता केवल कामकाजी नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है।
8. ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे।’ मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर देखेंमोती के इस कथन से उसकी करुणा, संवेदनशीलता और परोपकार की भावना स्पष्ट होती है। वह केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचता बल्कि दूसरों की रक्षा को भी महत्वपूर्ण मानता है। संकट में फँसे अन्य प्राणियों की जान बचाना उसके लिए गर्व और संतोष का विषय है। इससे उसकी उदारता, जिम्मेदारी और निस्वार्थ भावना प्रकट होती है। वह न्यायप्रिय और संवेदनशील साथी है।
9. आशय स्पष्ट कीजिए –
(क) ‘अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।’
उत्तर देखेंइस कथन का आशय है कि बैलों में धैर्य, निष्ठा, मित्रता और आत्मबल जैसी अद्भुत शक्तियाँ थीं, जो मनुष्यों में अक्सर नहीं पाई जातीं। यही गुण उन्हें विशेष बनाते हैं।
(ख) ‘उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती, पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।’
उत्तर देखेंइस कथन का आशय है कि असली तृप्ति केवल पेट भरने से नहीं होती, बल्कि प्रेम और अपनापन साझा करने से मिलती है। बैलों को रोटी से भूख तो शांत नहीं हुई, लेकिन आत्मीयता से उनका मन संतुष्ट हो गया।
10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि –
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
(सही उत्तर के आगे (✅) का निशान लगाइए।)
उत्तर देखें✅(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 रचना और अभिव्यक्ति के प्रश्न उत्तर
11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर देखेंहीरा और मोती ने अन्याय और शोषण के विरुद्ध विद्रोह किया। जब उनसे जबरन अधिक काम करवाया गया और उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिला, तो उन्होंने शोषक का विरोध किया। इस विद्रोह के परिणामस्वरूप उन्हें कांजीहौस में कष्ट झेलने पड़े, भूख-प्यास सहनी पड़ी और अपमान भी झेलना पड़ा।
उनकी यह प्रतिक्रिया बताती है कि अन्याय सहना नहीं चाहिए, चाहे उसके लिए कठिनाइयाँ क्यों न झेलनी पड़ें। हीरा-मोती की दृढ़ता और साहस यह सिखाते हैं कि आत्मसम्मान सबसे बड़ा है। वे केवल पशु नहीं, बल्कि संघर्ष और न्यायप्रियता के प्रतीक बन जाते हैं। इससे यह शिक्षा मिलती है कि शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना समाज के लिए आवश्यक है, भले ही इसके लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर देखेंहाँ, यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है। हीरा और मोती का चरित्र उन आम किसानों और मजदूरों का प्रतीक है, जो अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े हुए। वे कांजीहौस में कैद होकर भी हार नहीं मानी, बल्कि आत्मसम्मान और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हैं। यह प्रसंग उस समय के भारतीय समाज की स्थिति दर्शाता है, जहाँ जनता अंग्रेज़ों के शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाने लगी थी। प्रेमचंद ने बैलों के माध्यम से यह संदेश दिया कि आज़ादी और आत्मसम्मान के लिए त्याग और संघर्ष आवश्यक है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 भाषा-अध्ययन के प्रश्न उत्तर
13. बस इंतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।
‘ही’ ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर देखेंनिपात वाक्य के भाव को दृढ़ बनाते हैं। उदाहरण के लिए—
“बस इतना ही काफ़ी है।”
“फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।”
“हम तो कभी किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करते।”
“हीरा और मोती ने यह काम अपने दम पर ही किया।”
“वे दोनों ही हमेशा साथ रहते थे।”
14. रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
उत्तर देखें• वाक्य भेद – संयुक्त वाक्य।
• उपवाक्य –
दीवार का गिरना था → स्वतंत्र उपवाक्य।
अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे → स्वतंत्र उपवाक्य।
“कि” से जुड़े दो स्वतंत्र उपवाक्य हैं, इसलिए यह संयुक्त वाक्य है।
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
उत्तर देखें• वाक्य भेद – मिश्र वाक्य।
• उपवाक्य –
सहसा एक दढ़ियल आदमी आया → मुख्य उपवाक्य।
जिसकी आँखें लाल थीं → विशेषण उपवाक्य।
और मुद्रा अत्यंत कठोर → विशेषण उपवाक्य।
“जिसकी…” और “और मुद्रा…” दोनों विशेषण उपवाक्य हैं, जो ‘आदमी’ का विशेषण कर रहे हैं।
(ग) हीरा ने कहा- गया के घर से नाहक भागे।
उत्तर देखें• वाक्य भेद – मिश्र वाक्य।
• उपवाक्य –
हीरा ने कहा → मुख्य उपवाक्य।
गया के घर से नाहक भागे → कथन उपवाक्य (कर्म उपवाक्य)।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
उत्तर देखें• वाक्य भेद – संयुक्त वाक्य।
• उपवाक्य –
मैं बेचूँगा → स्वतंत्र उपवाक्य।
तो बिकेंगे → स्वतंत्र उपवाक्य।
“तो” से दो स्वतंत्र उपवाक्य जुड़े हैं, अतः यह संयुक्त वाक्य है।
(ड) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर देखें• वाक्य भेद – मिश्र वाक्य।
• उपवाक्य –
अगर वह मुझे पकड़ता → शर्तीय उपवाक्य (आधीन)।
तो मैं बे-मारे न छोड़ता → मुख्य उपवाक्य।
15. कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर देखें1. अधमरा होना
• अर्थ : बहुत कमजोर या संकटग्रस्त होना।
• वाक्य : भूख और प्यास से वह आदमी अधमरा हो गया।
2. आँख लाल करना
• अर्थ : गुस्से में आना, क्रोधित होना।
• वाक्य : चोरी पकड़े जाने पर मालिक ने नौकर पर आँख लाल कर ली।
3. नाहक भागना
• अर्थ : व्यर्थ में डरकर भाग जाना।
• वाक्य : अफवाह सुनते ही लोग नाहक भागने लगे।
4. बे-मारे न छोड़ना
• अर्थ : बिल्कुल क्षमा न करना, सख्ती करना।
• वाक्य : पुलिस ने अपराधियों को बे-मारे न छोड़ा।
5. चेत उठना
• अर्थ : सचेत हो जाना, होश में आ जाना।
• वाक्य : अचानक दुर्घटना देखकर सब लोग चेत उठे।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 अति-लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. ‘दो बैलों की कथा’ के बैलों के नाम क्या थे और वे किसके थे?
उत्तर देखेंबैलों के नाम हीरा और मोती थे। वे किसान झूरी के थे, जो उन्हें बहुत प्यार करता था। दोनों बैल आपस में भी भाई जैसे घनिष्ठ संबंध रखते थे।
2. झूरी की पत्नी बैलों को क्यों पसंद नहीं करती थी?
उत्तर देखेंझूरी की पत्नी को बैलों से ईर्ष्या थी। उसे लगता था कि झूरी बैलों से अधिक स्नेह करता है, इसलिए वह अकसर बैलों को बेच देने या उनसे छुटकारा पाने की बात करती थी।
3. बैलों को दूसरे गाँव क्यों भेजा गया?
उत्तर देखेंझूरी की पत्नी के बार-बार दबाव डालने पर बैलों को दूसरे गाँव, उसके मायके, भेज दिया गया। वहाँ उन्हें पराया समझा गया और उनका उचित सम्मान नहीं हुआ।
4. दूसरे गाँव में बैलों के साथ कैसा व्यवहार हुआ?
उत्तर देखेंवहाँ बैलों से बहुत काम कराया गया। उन्हें पर्याप्त चारा-पानी नहीं दिया गया और उनकी उपेक्षा की गई। इस कारण हीरा और मोती दुखी हो गए।
5. बैलों ने काम करते समय विद्रोह क्यों किया?
उत्तर देखेंबैलों को भूखा-प्यासा रखकर, कठोर परिश्रम कराया गया। अपमानित और पीड़ित होकर उन्होंने हल जोतने से मना कर दिया और ज़िद कर बैठ गए।
6. बैलों के विद्रोह का परिणाम क्या हुआ?
उत्तर देखेंजब बैलों ने काम करने से इंकार कर दिया, तो मालिकिन गुस्से में आ गई। उसने उन्हें दंडस्वरूप खाली खेत में छोड़ दिया। बैलों ने भूख-प्यास सहते हुए भी हार नहीं मानी।
7. बैलों को घर की याद क्यों आई?
उत्तर देखेंपराए-पन, कठोर व्यवहार और भूख-प्यास की यातना ने बैलों को अपने असली मालिक झूरी और उसके घर की याद दिलाई, जहाँ उन्हें प्यार और सम्मान मिलता था।
8. बैल झूरी के घर लौटने का निर्णय कैसे लेते हैं?
उत्तर देखेंरात के समय दोनों बैलों ने बातचीत की। उन्हें लगा कि अब और अत्याचार सहन नहीं किया जा सकता। अंततः वे रस्सियाँ तोड़कर अपने असली घर लौटने का निश्चय करते हैं।
9. गाँव वाले बैलों के लौट आने पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं?
उत्तर देखेंगाँव के लोग बैलों को लौटता देख प्रसन्न हुए। सबने कहा कि यह बैल अपने मालिक से गहरा स्नेह रखते हैं और इन्हें किसी तरह बेचा नहीं जाना चाहिए।
10. बैलों की कथा हमें क्या शिक्षा देती है?
उत्तर देखेंयह कथा सिखाती है कि पशु भी प्रेम, सम्मान और आत्मसम्मान चाहते हैं। उन्हें केवल श्रम का साधन मानकर शोषण करना अन्याय है। स्नेह और अपनापन ही सबसे बड़ा बंधन है।
11. हीरा और मोती के स्वभाव में क्या अंतर था?
उत्तर देखेंहीरा अधिक कठोर, गुस्सैल और आत्मसम्मानी था। मोती अपेक्षाकृत शांत, सहनशील और विनम्र था। लेकिन दोनों में आपसी भाईचारा और गहरा प्रेम था।
12. बैलों ने भूखे रहना क्यों स्वीकार किया?
उत्तर देखेंबैलों ने अपमानजनक व्यवहार और अत्यधिक शोषण सहते हुए भूखे रहना पसंद किया। वे अपनी अस्मिता से समझौता नहीं करना चाहते थे।
13. बैलों के लौट आने पर झूरी की पत्नी का मनोभाव क्या रहा?
उत्तर देखेंबैलों को लौटते देख झूरी की पत्नी का हृदय भी पसीज गया। उसने मान लिया कि इन बैलों को बेचना संभव नहीं है, क्योंकि ये परिवार का हिस्सा हैं।
14. प्रेमचंद ने बैलों के माध्यम से समाज का कौन-सा पक्ष उजागर किया?
उत्तर देखेंबैलों के माध्यम से प्रेमचंद ने किसान और मज़दूरों की दयनीय स्थिति, शोषण और सम्मान की चाह को उजागर किया। उन्होंने दिखाया कि श्रमिक और पशु भी आत्मसम्मान रखते हैं।
15. ‘दो बैलों की कथा’ शीर्षक क्यों उपयुक्त है?
उत्तर देखेंपूरी कथा दोनों बैलों हीरा और मोती के जीवन, संघर्ष, विद्रोह और प्रेम पर आधारित है। वे ही कथानक के केंद्र में हैं, इसलिए शीर्षक बिल्कुल उपयुक्त है।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. झूरी का अपने बैलों से कैसा संबंध था?
उत्तर देखेंझूरी अपने बैलों को केवल पशु नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य मानता था। वह उनसे आत्मीयता और स्नेह रखता था। बैलों की सेवा और देखभाल में वह कभी कमी नहीं करता। यही कारण था कि बैल भी उससे गहरा लगाव रखते थे।
2. बैलों ने पराए घर में विद्रोह क्यों किया?
उत्तर देखेंपराए घर में बैलों को पर्याप्त चारा और पानी नहीं दिया गया। उनसे कठोर परिश्रम कराया गया और उन्हें पीटा भी गया। यह अन्याय और उपेक्षा देखकर हीरा और मोती ने विरोध किया और काम करने से इंकार कर दिया। यह उनका आत्मसम्मान था।
3. हीरा और मोती के बीच किस प्रकार का भाईचारा था?
उत्तर देखेंहीरा और मोती दो बैल होते हुए भी मानो सगे भाई थे। वे हमेशा साथ रहते, दुख-सुख साझा करते और एक-दूसरे के दुःख को समझते थे। उनका संबंध आपसी विश्वास और प्रेम पर आधारित था, जो इंसानों के लिए भी प्रेरणादायी है।
4. बैलों के घर लौट आने का दृश्य कैसे वर्णित है?
उत्तर देखेंरात के समय बैल भूखे-प्यासे और थके हुए भी अपने घर लौट पड़े। गाँववालों ने यह अद्भुत दृश्य देखा। बैलों की आँखों में चमक और कदमों में उत्साह था। सबने इसे उनकी वफादारी और सच्चे प्रेम का प्रतीक माना।
5. बैलों की कथा किसान जीवन से कैसे जुड़ी है?
उत्तर देखेंकिसान अपने पशुओं पर ही निर्भर रहता है। प्रेमचंद ने बैलों के माध्यम से किसान और उसके जीवन की झलक दी है। जैसे किसान मेहनत करता है, वैसे ही बैल भी करते हैं। किसान और बैल का रिश्ता श्रम, प्रेम और परस्पर सम्मान पर टिका है।
6. इस कथा में प्रेमचंद ने पशुओं के किस रूप को दर्शाया है?
उत्तर देखेंप्रेमचंद ने बैलों को केवल श्रम का साधन न दिखाकर संवेदनशील और आत्मसम्मानी प्राणी के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने दिखाया कि पशु भी प्रेम और सम्मान चाहते हैं और अपमान सहने के बजाय विद्रोह कर सकते हैं।
7. ‘दो बैलों की कथा’ समाज में शोषण के खिलाफ कैसे आवाज़ उठाती है?
उत्तर देखेंयह कथा प्रतीकात्मक रूप से बताती है कि चाहे पशु हों या इंसान, हर कोई सम्मान चाहता है। शोषण और अपमान के विरुद्ध विद्रोह स्वाभाविक है। बैलों का संघर्ष मज़दूरों और किसानों की आवाज़ का प्रतीक बन जाता है।
8. बैलों के अनुभव से हमें कौन-सा जीवन-मूल्य मिलता है?
उत्तर देखेंबैलों की कथा हमें यह सिखाती है कि आत्मसम्मान और प्रेम सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं। चाहे कितनी भी कठिनाई हो, अन्याय को सहन नहीं करना चाहिए। सच्चा प्रेम और निष्ठा ही जीवन का आधार होना चाहिए।
9. झूरी की पत्नी का मन परिवर्तन कैसे हुआ?
उत्तर देखेंशुरू में झूरी की पत्नी बैलों को बोझ समझती थी, पर जब बैल अपमान सहकर भी घर लौट आए और सबने उनकी वफादारी देखी, तब उसका हृदय पिघल गया। उसने स्वीकार किया कि बैल घर के सदस्य जैसे हैं।
10. इस कथा को स्वतंत्रता आंदोलन से कैसे जोड़ा जा सकता है?
उत्तर देखेंबैलों का शोषण और उनका विद्रोह प्रतीक है उस दौर के आम किसानों और मज़दूरों का, जो अंग्रेज़ी हुकूमत और ज़मींदारों के अन्याय से पीड़ित थे। जैसे बैल सम्मान चाहते थे, वैसे ही देशवासी स्वतंत्रता और आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहे थे।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. झूरी और उसके बैलों के बीच संबंध का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंझूरी अपने बैलों हीरा और मोती को केवल पशु नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य मानता था। वह उनकी सेवा करता, उन्हें अच्छा भोजन देता और प्रेम से सहलाता। जब पत्नी उन्हें मायके भेज देती है, तब झूरी का मन भारी हो जाता है। बैलों की भी यही स्थिति होती है; वे भूखे-प्यासे रहना स्वीकार करते हैं लेकिन अपमान सहन नहीं करते। यह गहरा आत्मीय संबंध दर्शाता है कि इंसान और पशु का रिश्ता केवल श्रम पर नहीं, बल्कि स्नेह और अपनत्व पर टिका होता है।
2. हीरा और मोती के स्वभावगत अंतर और उनकी एकता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर देखेंहीरा और मोती में स्वभावगत अंतर था। हीरा गुस्सैल, कठोर और आत्मसम्मानी था जबकि मोती शांत, सहनशील और सरल स्वभाव का। स्वभाव में भिन्नता होने पर भी दोनों बैलों के बीच भाईचारा था। वे एक-दूसरे की भावनाओं को समझते और दुख-सुख साझा करते। खेत में काम करते समय उनका सामंजस्य और एक-दूसरे के लिए त्याग, उनकी अटूट एकता को दर्शाता है। यही कारण था कि विपरीत परिस्थितियों में भी वे एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ते।
3. ‘दो बैलों की कथा’ से किसान और मजदूर जीवन की कौन-सी सच्चाइयाँ सामने आती हैं?
उत्तर देखेंइस कथा में बैलों का शोषण प्रतीक है किसानों और मजदूरों के शोषण का। किसान की तरह बैल भी दिन-रात कठिन परिश्रम करते हैं। लेकिन उनके श्रम का मूल्यांकन नहीं होता। दूसरे गाँव में बैलों को कम भोजन, अधिक काम और अपमान मिलता है। यह स्थिति उसी तरह है जैसे किसान और मजदूर मेहनत तो करते हैं, लेकिन उनका शोषण होता है। कथा यह संदेश देती है कि श्रमिक और पशु भी आत्मसम्मान रखते हैं और उन्हें सम्मान मिलना चाहिए।
4. ‘दो बैलों की कथा’ को स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर देखेंइस कथा में बैलों का विद्रोह केवल उनकी पीड़ा का चित्रण नहीं, बल्कि उस समय के भारतीय समाज की मानसिकता का प्रतीक है। अंग्रेज़ों की गुलामी में भारतीय जनता भी बैलों जैसी स्थिति में थी—कड़ी मेहनत, शोषण और अपमान। जैसे बैलों ने आत्मसम्मान के लिए विद्रोह किया और अपने असली मालिक के पास लौट आए, वैसे ही भारतीय भी स्वतंत्रता और आत्मसम्मान के लिए संघर्षरत थे। इस प्रकार कथा स्वतंत्रता आंदोलन की भावना को परोक्ष रूप से व्यक्त करती है।
5. ‘दो बैलों की कथा’ की सार्थकता और शिक्षा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंयह कथा केवल बैलों की कहानी नहीं है, बल्कि प्रेमचंद का गहन सामाजिक संदेश है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और अपनत्व सबसे बड़ा बंधन है। पशु भी सम्मान चाहते हैं और अपमान सहन नहीं करते। आत्मसम्मान किसी भी प्राणी का सबसे बड़ा धन है। कथा हमें यह सिखाती है कि चाहे पशु हो या मानव, शोषण और उपेक्षा से विद्रोह स्वाभाविक है। अतः सभी के साथ स्नेह, न्याय और समानता का व्यवहार करना ही सच्चा मानवीय धर्म है।
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