एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 गणित प्रश्नावली 13.1

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 गणित प्रश्नावली 13.1 ठोस आकारों का चित्रण के प्रश्नों के हल हिंदी और अंग्रेजी में सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 7 गणित अध्याय 13.1 के हल सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड दोनों की छात्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं तथा यहाँ से पीडीएफ और विडियो के रूप में प्राप्त किए जा सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 गणित प्रश्नावली 13.1

तल-आकृतियाँ और ठोस आकार

अपने दैनिक जीवन में, हम अपने परिवेश से विभिन्न आकारों की अनेक वस्तुएँ देखते हैं, जैसे पुस्तकें, गेंद, आइसक्रीम शंकु, इत्यादि। अधिकांशतः, इन सभी वस्तओं में एक बात सर्वनिष्ठ है, वह यह है कि इनमें से प्रत्येक की कुछ लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई या गहराई है।

त्रिविमीय आकृति

त्रिविमीय आकृति के तीन आयाम होते हैं जैसे लंबाई, चौड़ाई और मोटाई। इसके आयतन, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल, और कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल की गणना की जा सकती हैं। घन, घनाभ, गोला, बेलन, शंकु, त्रिज्याखण्ड आदि 3D आकृति के अंर्तगत आते हैं।

फलक, किनारे और शीर्ष
घन के 8 कोने उसके शीर्ष हैं। घन के ढाँचे को बनाने वाले 12 रेखाखंड उसके किनारे या कोर कहलाते हैं। 6 सपाट वर्गाकार पृष्ठ, जो घन की खाल या त्वचा हैं, उसके फलक कहलाते हैं।

3-D आकार बनाने के लिए जाल (नेट)

एक गत्ते का बक्सा लीजिए। इसको कुछ किनारों के अनुदिश काट कर सपाट बना लीजिए। अब आपके पास इस बक्से का जाल है। जाल 2-D में एक प्रकार का ऐसा ढाँचा (या रूपरेखा) होता है जिसे मोड़ने पर परिणामस्वरूप एक 3-D आकार प्राप्त हो जाता है।

भिन्न-भिन्न आकारों के लिए, भिन्न-भिन्न जाल
भिन्न-भिन्न आकारों के लिए, भिन्न-भिन्न जाल होते हैं। दिए हुए जालों के प्रतिरूप बनाइए और उनका विस्तार कीजिए, अथवा दिए हुए जालों के विस्तारित रूपों के प्रतिरूप बनाइए फिर इनके नीचे लिखें 3-D आकारों को बनाने का प्रयास कीजिए।

पिरामिड का जाल

हम गिजा (मिड्ड में हैं) के ग्रेट पिरामिड के प्रकार के पिरामिड के लिए भी जाल बनाने का प्रयास कर सकते हैं। इस पिरामिड का आधार एक वर्ग है तथा चारों भुजाओं पर त्रिभुज बने हुए हैं। देखिए कि क्या आप दिए हुए जाल से इस पिरामिड को बना सकते हैं।

कक्षा 7 गणित अध्याय 13.1 के लिए मुख्य तथ्य
    1. वृत्त, वर्ग, आयत, चतुर्भज और त्रिभुज समतल आकृतियों के उदाहरण हैं तथा घन, घनाभ, गोला, बेलन, शंकु और पिरामिड ठोस आकारों के उदाहरण हैं।
    2. समतल आकृतियों की दो विमाएँ (संक्षिप्त में 2-D) होती हैं तथा ठोस आकारों की तीन विमाएँ (संक्षिप्त में 3-D) होती हैं ।
    3. ठोस आकार के कोने उसके शीर्ष, उसके ढाँचें के रेखाखंड उसके किनारे (या कोर) तथा उसके सपाट पृष्ठ उसके फलक कहलाते हैं ।
    4. ठोस का एक जाल दो विमाओं में एक ऐसा ढाँचा (या रूप रेखा) है, जिसे मोड़कर वह ठोस प्राप्त हो जाता है । एक ही ठोस के अनेक प्रकार के जाल हो सकते हैं ।
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