कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 7 अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 7 अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर तथा अतिरिक्त अभ्यास के प्रश्नों के हल सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दी गई है। कक्षा 7 के छात्र हिंदी में पाठ 7 के लिए यहाँ दी गई पठन सामग्री का उपयोग करके पूरे अध्याय को आसानी से समझ सकते हैं।
कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 7 अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर
यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
यासुकी चान को पोलियो था इसलिए वह किसी भी पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था और दूसरे बच्चों को देखकर वह मन ही मन उदास रहता था। उसके अन्दर आत्मविश्वास को जगाने के लिए और उसका हौंसला बढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने उसे पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया।
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
सफलता पाने के बाद दोनों के अनुभव अलग-अलग थे। एक ओर जहाॅं तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने के बाद एक विजय की खुशी को अनुभव कर रहीं थी उसे लग रहा था कि उसने एक असंभव कार्य को संभव कर के दिखा दिया है, तो दूसरी ओर यासुकी -चान वह कार्य करके खुश था जिसकी उसने अपने जीवन में कल्पना भी नहीं की थी।
यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ………. अंतिम मौका था। इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
यासुकी- चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह अंतिम मौका था क्योंकि उसकी मित्र तोत्तो-चान ने किसी को भी बताए बिना उसे पेड़ पर चढ़ाने का जोखिम भरा निर्णय लिया था यदि कोई बडा़ देख लेता तो दोनों को डांट पड़ती और वे उन्हें ऐसा नहीं करने देते।
अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नजरें नीचे क्यों थीं?
अपन माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नजरें इसलिए नीची थीं क्योंकि उसने बोला था कि वह यासुकी-चान के घर जा रही है जबकि वह उसे पेड़ पर चढ़ाने जा रही थी। यदि उसका झूठ पकड़ा जाता तो उसकी माँ उसे जाने नहीं देती और उसकी सारी योजना धरी की धरी रह जाती।
पाठ में खोजकर देखिए कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तर-बतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
यासुकी-चान को जब उसकी मित्र तोत्तो-चान पेड़ पर चढ़ा रही थी तब सूरज की गर्मी के कारण दोनों पसीने से तर-बतर थे। बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था। उस समय ऐसा लग रहा था कि उनकी मेहनत के आगे ईष्वर भी उन पर मेहरबान है और उनकी सहायता कर रहा है।
यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधा वाली जगहों की सूची बनाइये।
इस प्रकार के शारीरिक विकलांग लोगों के लिए सरकार ने स्टेशनों एवं सरकारी अस्पतालों और बहुत सी सार्वजनिक जगहों पर उनकी सुविधा के अनुसार इंतजाम किए हैं जिससे कि उनको कोई परेशानी न हो।
पाठ से आगे
तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर:
हम जीवन में अपने लक्ष्य को पाने के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं,, क्योकि इसके द्वारा ही जीवन में सफल हुआ जा सकता है यदि जरा सी ठील दी तो जीवन के लक्ष्य को पाना नामुमकिन सा हो जाता है।