कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 14 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज के प्रश्न उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 14 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज के प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 7 में हिंदी वसंत के पाठ 14 के लिए पठन सामग्री सीबीएसई और राजकीय बोर्ड दोनों के लिए उपयोगी है।
कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 14 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज के प्रश्न उत्तर
साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
साक्षात्कार पढ़ने के बाद धनराज के बारे में यही छवि उभरती है कि वह एक गरीब परिवार से हैं उनका जीवन अभाव में बीता और उन्होंने अपने संघर्ष के कारण ही हॉकी में इस मुकाम को हासिल किया है। आज भी इतने बड़े मुकाम को हासिल करने के बाद भी वह अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं। वह आज भी साधारण जीवन जीते हैं क्योंकि वह एक सरल भावुक हृदय व्यक्ति हैं।
धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफर का वर्णन कीजिए।
धनराज पिल्लै का बचपन बड़ी ही गरीबी और अभाव में बीता, उन्होंने बहुत सी मुश्किलों का सामना किया। इतनी गरीबी में वह हॉकी भी नहीं खरीद पाए, इसीलिए उन्होंने अपने भाई की पुरानी हॉकी से ही काम चलाया और कड़ी मेहनत करके 1986 में मणिपुर जूनियर राष्ट्रीय हॉकी टीम में खेलकर उसी वर्ष सीनियर हॉकी टीम के लिए चुन लिए गए। उन्होंने अपने बड़े भाई रमेश के साथ मिलकर मुंबई लीग में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 1989 में आलविन एशिया कप के लिए चुन लिए गए। इसके बाद वह एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’। धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
धनराज पिल्लै की माँ ने उन्हें किसी भी हालत में घमंड से दूर रहने की सीख दी। उनका कहना था कि सफलता पाकर हमें अपनें अतीत को भूल नहीं जाना चाहिए। सम्मान पाकर हमें घमंड नहीं करना चाहिए यदि हम घमंड करेंगे तो लोंगों का आदर और सम्मान नहीं कर पाएंगे यदि प्रसिद्धि और सम्मान को पाना है तो हमेषा विनम्र बने रहना होगा।
ध्यानचंद को हाकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
ध्यानचंद हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी थे जब वे हॉकी लेकर मैदान में उतरते थे तो वह किस फुर्ती से गेंद को विरोधी के पाले से निकाल लाते थे यह देखते ही बनता था मैदान में उनका खेल देखकर ऐसा लगता था कि मानो गेंद उनकी हाकी से चिपक गई हो और विरोधी टीम को उस गेंद को अपने पास लाना एक ख्वाब सा लगता था।
किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
हाकी एक प्राचीन खेल है इसको खेलने में ज्यादा खर्चा नहीं आता इसीलिए सीमित संसाधनों के होते हुए भी यह स्वास्थ्य और मनोरंजन का आसान माध्यम है। अपनी इन्हीं खूबियों के कारण यह भारत का राष्ट्रीय खेल बन गया।