कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 थोड़ी धरती पाऊँ के प्रश्न उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 थोड़ी धरती पाऊँ के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। सातवीं कक्षा में हिंदी पाठ 5 के प्रश्न उत्तर के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के हल भी यहाँ दिए गए हैं।
कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 5 थोड़ी धरती पाऊँ के प्रश्न उत्तर
कवि बाग-बगीचा क्यों लगाना चाहता है?
कवि बगीचा इसलिए लगाना चाहता है जिससे उसमें रंग-बिरंगे फूल खिलें और चिड़ियां चहचहाएं।
कवि क्यों कह रहा है कि
‘आज सभ्यता वहशी बन,
पेड़ों को काट रही है।’
इस पर अपने विचार लिखो।
उत्तर:
कवि ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि आज के मानव ने अपने लालच के कारण प्रकृति को नष्ट करना शुरू कर दिया है। वह अपने लालच में सारी धरती को अपने अन्दर समा लेना चाहता है।
कविता में कवि की क्या विनती है?
कविता में कवि की यही विनती है कि वह बगीचे के लिए थोड़ी धरती पा जाए।
तुम पेड़ों को बचाने के लिए क्या कुछ कर सकते हो? बताओ।
हम पेड़ों को बचाने के लिए लोगों को पेड़ न काटनें के लिए समझा सकते हैं नए-नए पेड़ लगा सकते हैं लोगों को नए पेड़ लगाने के लिए उत्साहित कर सकते हैं।
कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो-
बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं। ̧
अब तुम यह बताओ कि पेड़ों और बच्चों में क्या कुछ समानता है? उसे अपने ढंग से लिखो।
उत्तर:
पेड़ और बच्चे दोनों ही मन को शान्ति प्रदान करने वाले हैं। बच्चे अपनी शैतानियों से सबका मन मोह लेते हैं। वैसे ही पेड़ भी अपनी हरियाली से सबका मन मोह लेते हैं।
कविता की कौन-सी पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगीं?
एक-एक पत्ती पर हम सब
के सपने सोते हैं
शाखें कटने पर वे भोले,
शिशुओं सा रोते हैं।
ये पंक्तियाँ क्यों अच्छी लगीं?
ये पंक्तियाँ इसलिए अच्छी लगीं क्योंकि इसमें पेड़ो के कटने का दर्द झलक रहा है। उनके भी अपने भाव होते हैं। उनको भी दर्द का एहसास होता है।
नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गई है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।
बच्ची – ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो?
लकड़हारा – यह तो मेरा काम है।
बच्ची – पर यह तो गलत है।
लकड़हारा – यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है।
बच्ची – लेकिन भैया इससे हमारी धरती खराब होती है।
लकड़हारा – वह कैसे
बच्ची – सुनो, मैं बताती हूँ। पेड़ हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाई आक्साइड को लेते है और बदले में हमें ऑक्सीजन देते हैं।
लकड़हारा – वह क्या होती है।
बच्ची – देखो जब हम साँस छोड़ते हैं तो वह गन्दी हवा होती है और पेड़ उसे हमसे लेकर हमें साफ हवा देते हैं।
लकड़हारा – अच्छा ऐसा होता है।
बच्ची – हाँ
लकड़हारा – तब तो मैं अनजाने में बहुत पाप कर रहा था।
बच्ची – और क्या
लकड़हारा – अब मैं क्या करूं? क्या काम करूं?
बच्ची – भैया तुम पेड़ काटने का काम छोड़कर पेड़ लगाने का काम भी तो कर सकते हो
लकड़हारा – उससे मेरा काम कैसे चलेगा।
बच्ची – देखो अगर तुम पेड़ लगाते हो तो उससे तुम्हें फूल और फल मिलेंगे जिन्हें बेचकर तुम अपना जीवन चला सकते हो।
लकड़हारा – ठीक है बिटिया मैं ऐसा ही करूंगा।
बच्ची – तुम्हारे इस काम से धरती भी हरी-भरी हो जाएगी और तुम्हारा काम भी नहीं रुकेगा।
कविता में कवि ने बगीचे के बारे में बहुत कुछ बताया है। बताओ, नीचे लिखी चीजों में से कौन-सी चीजें बगीचे में होंगी?
कार, फूल,
क्यारियाँ, चिड़ियाँ,
सड़क, फल,
खेत, तालाब,
कारखाने, पेड़,
कुर्सी, कागज,
पत्ता, टहनी।
उत्तर:
बगीचे में मिलने वाली चीजेंः
फूल, क्यारियाँ, चिड़ियाँ, फल, पेड़, पत्ता, टहनी।