एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 6.2
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 6.2 पूर्णांक के हल हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ निशुल्क दिए गए हैं। कक्षा 6 गणित अध्याय 6.2 के सभी प्रश्न उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब यहाँ से विडियो प्रारूप में भी उपलब्ध हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 गणित प्रश्नावली 6.2
पूर्णांकों का योग
यदि किसी पूर्णांक में एक धनात्मक पूर्णांक जोड़ा जाता है, तो परिणामी पूर्णांक दिए हुए पूर्णांक से बड़ा हो जाता है। यदि किसी पूर्णांक में एक ऋणात्मक पूर्णांक जोड़ा जाता है, तो परिणामी पूर्णांक दिए हुए पूर्णांक से छोटा हो जाता है।
धन और ऋणात्मक पूर्णांकों के योग
जब आप दो धनात्मक पूर्णांक प्राप्त करें, तो उन्हें जोडि़ए। जैसे (+3) + (+2) = +5 या {= 3 + 2}, है। जब आप दो ऋणात्मक पूर्णांक प्राप्त करें, तो भी उन्हें जोडि़ए, परंतु उत्तर में ऋण चिह्न (-) लगा दें। जैसे (-2) + (-1) = -3 है।
अभ्यास के लिए प्रश्न
निम्नलिखित का योग ज्ञात कीजिए:
(a) (- 11) + (- 12)
(b) (+ 10) + (+ 4)
(c) (- 32) + (- 25)
(d) (+ 23) + (+ 40)
हल:
(a) (- 11) + (- 12) = – 23
(b) (+ 10) + (+ 4) = + 14
(c) (- 32) + (- 25) = – 57
(d) (+ 23) + (+ 40) = + 63
अतः, जब आपको एक धनात्मक पूर्णांक और एक ऋणात्मक पूर्णांक को जोड़ना हो, तो आपको इन पूर्णांकों के संख्यात्मक मानों को देखकर, (दोनों संख्याओं में बड़ी संख्या जाँचने के लिए उनके साथ लगे + या – चिह्नों को छोड़ दीजिए)।
अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर
(+ 5) + (– 8) = (+ 5) + (– 5) + (– 3) = 0 + (– 3) = (– 3)
(+ 6) + (– 4) = (+ 2) + (+ 4) + (– 4) = (+ 2) + 0 = + 2
हम देखते हैं कि जब हम किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों को जोड़ते हैं, तो योग एक धनात्मक पूर्णांक होता है। जब हम दो ऋणात्मक पूर्णांकों को जोड़ते हैं, तो योग एक ऋणात्मक पूर्णांक होता है।
योज्य प्रतिलोम
किसी भी संख्या का योज्य प्रतिलोम वह संख्या होती है जिसको मूल संख्या के साथ योग करने पर योगफल शून्य होता है।
महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल
इसी प्रकार, यदि हम 2 और – 2 को जोड़े, तो हमें 0 प्राप्त होगा। इस प्रकार, संख्या युग्मों 3 और – 3, 2 और – 2, इत्यादि संख्याओं को जोड़ने पर 0 प्राप्त होता है। ऐसी संख्याएँ एक दूसरे के योज्य प्रतिलोम कहलाती हैं।
उदाहरण:
योग (- 9) + (+ 4) + (- 6) + (+ 3) ज्ञात कीजिए।
हल:
हम संख्याओं को इस प्रकार पुनर्व्यवस्थित कर सकते हैं कि धनात्मक पूर्णांक एक समूह में हों और ऋणात्मक पूर्णांक एक समूह में हों। इस प्रकार
(– 9) + (+ 4) + (– 6) + (+ 3)
= (– 9) + (– 6) + (+ 4) + (+ 3) = (– 15) + (+ 7)
= – 8 + (– 7) + (+ 7) = – 8 + 0 = – 8
उदाहरण:
(30) + (– 23) + (– 63) + (+ 55) का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
(30) + (+ 55) + (– 23) + (– 63)
= 85 + (– 86) = – 1
उदाहरण:
(– 10), (92), (84) और (– 15) का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
(– 10) + (92) + (84) + (– 15)
= (– 10) + (– 15) + 92 + 84
= (– 25) + 176 = 151