एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 न्याय

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 न्याय सत्र 2025-26 लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इस पाठ में विष्णु प्रभाकर द्वारा रचित नाटक प्रस्तुत है, जिसमें करुणा, स्नेह और न्याय का सुंदर संदेश मिलता है। राजकुमार सिद्धार्थ घायल हंस को बचाकर यह सिद्ध करते हैं कि जीवन की रक्षा करने वाला ही सच्चा वीर है। देवदत्त उसे अपना बताता है, परंतु सभा में सिद्धार्थ का तर्क सबको प्रभावित करता है। यह अध्याय बच्चों को दया, प्रेम और न्यायप्रियता का मूल्य सिखाता है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 9 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

न्याय कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 के प्रश्न उत्तर

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बातचीत के लिए

1. जब शाम होती है तो आपको प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर देखेंजब शाम होती है तो सूरज डूबने लगता है और आसमान में लाल, पीले और नारंगी रंग की खूबसूरत छटा दिखाई देती है। पक्षी अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं। हवा ठंडी और सुहावनी हो जाती है। फूलों की खुशबू और भी अच्छी लगने लगती है। गायें और बैल खेतों से वापस आते हैं। चारों ओर शांति छा जाती है।

2. क्या आपने कभी किसी पशु-पक्षी को बचाया है? उनसे जुड़ा कोई अनुभव साझा कीजिए।
उत्तर देखेंहाँ, मैंने एक बार एक छोटी चिड़िया को बचाया था। वह घायल होकर हमारे आँगन में गिरी थी। मैंने उसे उठाया और उसे पानी दिया। कुछ दिनों बाद जब वह ठीक हो गई, तो उड़ गई। मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं उसकी मदद कर सका।

3. यदि आप मंत्री के स्थान पर होते तो न्याय कैसे करते?
उत्तर देखेंयदि मैं मंत्री के स्थान पर होता, तो मैं भी वैसा ही न्याय करता जैसा उन्होंने किया। मैं हंस को आज़ाद छोड़ देता और देखता कि वह किसके पास जाता है। जिसके पास वह जाता, उसे ही मैं हंस का मालिक मानता। यह न्यायसंगत और उचित तरीका होता।

4. इस नाटक में सभी पात्र पुरुष हैं। यदि किन्‍हीं दो पात्रों को महिला पात्र के रूप में प्रस्‍तुत करना हो तो आप किन्‍हें बदलकर प्रस्‍तुत करना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर देखेंमैं सखा और मंत्री के पात्रों को महिला पात्र के रूप में प्रस्तुत करना चाहूँगा। सखा की जगह एक सखी हो सकती है जो सिद्धार्थ की मित्र है और मंत्री की जगह एक महिला मंत्री हो सकती है। ऐसा करने से कहानी में लिंग समानता दिखेगी और यह संदेश मिलेगा कि महिलाएँ भी बुद्धिमान और न्यायप्रिय हो सकती हैं।

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सोचिए और लिखिए

1. हंस को घायल देखकर सिद्धार्थ ने क्या किया?
उत्तर देखेंसिद्धार्थ ने हंस को घायल देखकर तुरंत उसे अपनी गोद में उठा लिया। उन्होंने उसके शरीर से तीर निकाला और उसे स्नेह से सहलाया। उन्होंने अपने मित्र सखा को राजवैद्य से मरहम लाने भेजा ताकि हंस का ठीक से इलाज हो सके।

2. अंततः हंस सिद्धार्थ को ही क्यों मिला?
उत्तर देखेंहंस सिद्धार्थ को इसलिए मिला क्योंकि सिद्धार्थ ने उसे बचाया था और उसके प्रति प्रेम और दया दिखाई थी। हंस सिद्धार्थ के पास सुरक्षित महसूस करता था, इसलिए जब मंत्री ने उसे चुनने का मौका दिया, तो वह सिद्धार्थ के पास ही गया।

3. कहानी को अपने ढंग से प्रवाह चार्ट के रूप में लिखिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 1

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 2

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अनुमान और कल्पना

1. जिस समय आकाश में हंस को तीर लगा उस समय उसके अन्य साथियों ने आपस में क्या बातें की होंगी?
उत्तर देखेंहंस के साथियों ने डरकर आपस में कहा होगा — “देखो! किसी ने हमारे साथी को तीर मार दिया। वह घायल होकर नीचे गिर गया। हमें तेजी से उड़कर यहाँ से भाग जाना चाहिए वरना हमें भी खतरा हो सकता है।”

2. हंस देवदत्त के पास उड़कर क्यों नहीं गया?
उत्तर देखेंहंस देवदत्त के पास इसलिए नहीं गया क्योंकि देवदत्त ने उसे तीर मारकर घायल किया था। हंस उससे डरता था और उसे पहचानता था। वह सिद्धार्थ के पास सुरक्षित महसूस करता था इसलिए उसने सिद्धार्थ का साथ दिया।

3. राजा शुद्धोदन ने निर्णय के बाद सिद्धार्थ से क्या कहा होगा?
उत्तर देखेंराजा शुद्धोदन ने सिद्धार्थ से कहा होगा — “बेटा सिद्धार्थ, तुमने आज बहुत ही अच्छा काम किया है। तुम्हारी दया और करुणा की भावना सच में प्रशंसनीय है। तुम्हारे जैसे राजकुमार ही सच्चे न्याय और धर्म का पालन करते हैं।”

4. एक रात सिद्धार्थ मीठी नींद सो रहे हैं। उनके सपने में हंस आता है और सिद्धार्थ के साथ न्याय वाले दिन का अपना अनुभव सुनाता है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि हंस ने सिद्धार्थ से क्या-क्या बातें की होंगी?

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 3

उत्तर देखेंहंस ने सिद्धार्थ से कहा होगा — “हे राजकुमार, आपने मेरी जान बचाई और मुझे नया जीवन दिया। जब देवदत्त ने मुझे तीर मारा, तो मैं बहुत डर गया था। लेकिन आपकी गोद में आकर मुझे सुरक्षा और स्नेह मिला। आपके कारण ही मैं आज जीवित हूँ। मैं आपका आभारी हूँ।”

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 के भाषा पर आधारित प्रश्न

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भाषा की बात

1. पाठ में हंस और हँस शब्द आए हैं। हंस में अनुस्वार (ॱ) का प्रयोग हुआ है और हँस में चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग हुआ है। अब आप इस पाठ में आए अनुस्वार एवं चंद्रबिंदु वाले शब्दों को खोजिए और अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए। उनका वाक्यों में भी प्रयोग कीजिए।
उत्तर देखें• अनुस्वार वाले शब्द: राजहंस, रंगमंच, संध्याकाल, मंच, शांति, सुंदर, हंस, परंतु, शांत, मंत्री, कंठ
सभी शब्दों के वाक्य प्रयोग:
राजहंस – तालाब में तैरते हुए राजहंस बहुत मनमोहक लग रहे थे।
रंगमंच – विद्यालय में नाटक रंगमंच पर प्रस्तुत किया गया।
संध्याकाल – संध्याकाल का दृश्य बहुत मनभावन होता है।
मंच – कवि सम्मान समारोह में सभी को मंच से आशीर्वाद दिया गया।
शांति – पढ़ाई के लिए शांति का वातावरण आवश्यक है।
सुंदर – बगीचे में खिले गुलाब बहुत सुंदर लग रहे हैं।
हंस – हंस सफेद पंखों वाला शांत स्वभाव का पक्षी है।
परंतु – वह मेहनती है, परंतु भाग्य उसका साथ नहीं देता।
शांत – नदी का जल प्रवाह बहुत शांत दिखाई दे रहा था।
मंत्री – शिक्षा मंत्री ने विद्यालय का उद्घाटन किया।
कंठ – गायक का मधुर कंठ सभी को मंत्रमुग्ध कर गया।
• चंद्रबिंदु वाले शब्द: हँसकर, पूँछ, रँभाने, हाँ, माँओं,पूछूँगा, सँभालते, आँखों, कहूँगा, दूँगा, करूँगा, देखूँगा, ऊँचा, कहाँ, लौटाऊँगा, मुँह
सभी शब्दों के वाक्य प्रयोग:
हँसकर – वह मेरी बात पर हँसकर जवाब देने लगा।
पूँछ – कुत्ता खुशी में अपनी पूँछ हिला रहा था।
रँभाने – गाय खेत में जोर-जोर से रँभाने लगी।
हाँ – गुरुजी ने प्रश्न पूछा तो बच्चों ने एक स्वर में कहा – हाँ।
माँओं – माँओं का स्नेह बच्चों के जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।
पूछूँगा – मैं कल अध्यापक से यह प्रश्न पूछूँगा।
सँभालते – वह छोटे भाई को सँभालते हुए पढ़ाई भी करता है।
आँखों – उसकी आँखों में सपनों की चमक थी।
कहूँगा – मैं सच ही कहूँगा चाहे किसी को अच्छा न लगे।
दूँगा – मैं तुम्हें अपनी किताब कल दूँगा।
करूँगा – मैं अपना कार्य समय पर करूँगा।
देखूँगा – मैं रविवार को वह फिल्म देखूँगा।
ऊँचा – पक्षी आसमान में बहुत ऊँचा उड़ रहा है।
कहाँ – वह कहाँ जा रहा है, मुझे भी बताओ।
लौटाऊँगा – मैं तुम्हारी किताब पढ़कर समय पर लौटाऊँगा।
मुँह – बच्चा चॉकलेट खाते समय मुँह गंदा कर बैठा।

2. रेखांकित शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्दों से रिक्‍त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
(क) सूर्य का उदय पूर्व दिशा में और …………. पश्चिम दिशा में होता है।
(ख) उसने मारा है परंतु मैंने ……………….. है।
(ग) इस निर्दोष पक्षी को मारने वाला …………… है।
(घ) इस जटिल समस्या का हल बहुत ………….. है।
उत्तर देखें(क) सूर्य का उदय पूर्व दिशा में और अस्त पश्चिम दिशा में होता है।
(ख) उसने मारा है परंतु मैंने बचाया है।
(ग) इस निर्दोष पक्षी को मारने वाला निर्दयी है।
(घ) इस जटिल समस्या का हल बहुत सरल है।

3. नीचे दिए गए चित्रों और शब्दों को जोड़कर मुहावरे/लोकोक्‍ति बनाइए। साथ ही अपनी रुचि के किन्हीं पाँच मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग भी कीजिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 4

उत्तर देखें(क) मगरमच्छ के आसूं बहाना (झूटा दुख: दिखाना )
वाक्य: चोरी करते पकड़े जाने पर रोहन “मगरमच्छ के आसूं बहाने” लगा।
(ख) आँख मिचौनी खेलना: (किसी खतरे से बचते रहना)
वाक्य: पुलिस से छिपते-छिपाते चोर “आँख मिचौनी खेलता” रहा।
(ग) एक और एक ग्यारह (साथ मिलकर शक्तिशाली हो जाना)
वाक्य: राहुल और उसके भाई ने मिलकर काम किया तो “एक और एक ग्यारह हो” गए।
(घ) अकाल बड़ी या भेंस (बलशाली होना या बुद्धिमान होना )
वाक्य: छोटे से लड़के ने अपनी चालाकी से बलवान पहलवान को हरा दिया, यह “अक्ल बड़ी या भैंस” वाली बात साबित हुई।
(ङ) बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
वाक्य: उस महंगी कार को देखकर वह बोला, “यह तो बस एक पुरानी कार है,” सच ही कहा है “बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद”।
(च) नौ दो ग्यारह होना (चले जाना)
वाक्य: शेर को देखते ही सारे जानवर “नौ दो ग्यारह हो गए।”
(छ) लाल पीला होना।
वाक्य: अपने बेटे का बुरा रिजल्ट देखकर पापा लाल-पीला हो गए।
(ज) दांतों तले उंगली दबाना देना
वाक्य: जादूगर के करतब देखकर सभी दर्शक दांतों तले उंगली दबाने लगे।
(झ) पेट में चूहे कूदना
वाक्य: धेरे में अचानक आवाज सुनकर मेरे पेट में चूहे कूदने लगे।
(ञ) सूरज को दीपक दिखाना
वाक्य: बाबर्ची को खाना बनाना सिखाना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 पाठ से आगे के प्रश्न

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पाठ से आगे

1. हंस वाली घटना के बाद सिद्धार्थ, देवदत्त को एक संदेश देना चाहते हैं। आपके अनुसार सिद्धार्थ ने देवदत्त को क्या संदेश लिखकर भेजा होगा -

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 5

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 6

2. बगीचे में सुंदर-सुंदर गुलाब के फूल लगे हैं। प्रमोद को ये फूल बहुत सुंदर लगते हैं। वह उन फूलों को तोड़कर अपने पास रख लेता है। करुणा को भी फूल बहुत पसंद हैं। वह प्रतिदिन फूलों को खाद-पानी देकर उनकी देखभाल करने का निर्णय लेती है। आप इन फूलों से अपना प्रेम कैसे दर्शाएँगे एवं क्यों? अपनी कक्षा के साथियों के साथ चर्चा कर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 7

उत्तर देखेंमैं फूलों से अपना प्यार करुणा की तरह दर्शाऊँगा, प्रमोद की तरह नहीं। मैं फूलों को नहीं तोड़ूँगा बल्कि उनकी देखभाल करूँगा, जैसे कि उन्हें पानी देना, खाद देना और उन्हें कीड़ों से बचाना। फूलों को तोड़ने से वे मुरझा जाते हैं और उनकी सुंदरता खत्म हो जाती है, लेकिन अगर हम उनकी देखभाल करेंगे तो वे लंबे समय तक खिले रहेंगे और सबको खुशी देंगे। इसलिए मैं फूलों से प्यार जताने के लिए उनकी देखभाल करूँगा।

3. कुछ पक्षियों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। कई पक्षी तो ऐसे हैं जो विलुप्त होने की स्थिति में आ गए हैं, उदाहरण के लिए गौरैया। चित्रों के माध्यम से नीचे कुछ ऐसे संकेत दिए गए हैं जो पक्षियों की दिन-प्रतिदिन कम होती संख्या के लिए उत्तरदायी हैं। चित्रों को देखकर अपने सहपाठियों के साथ इन कारणों पर चर्चा कीजिए। यह भी पता लगाइए कि हम इन पक्षियों के बचाव और उनकी संख्या में वृद्धि के लिए कैसे योगदान दे सकते हैं।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 8

उत्तर देखेंपक्षियों की संख्या कम होने के कारण:
1. पेड़ों की कटाई: पक्षियों के घोंसले बनाने के लिए पेड़ कम हो रहे हैं।
2. प्रदूषण: हवा, पानी और ध्वनि प्रदूषण से पक्षियों को नुकसान होता है।
3. कीटनाशकों का इस्तेमाल: फसलों में कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से पक्षी बीमार हो जाते हैं।
4. शहरीकरण: शहरों का विस्तार होने से पक्षियों का प्राकृतिक आवास खत्म हो रहा है।
योगदान देने के तरीके:
1. घोंसले लगाना: हम अपने घरों या आस-पास पक्षियों के लिए घोंसले लगा सकते हैं।
2. दाना-पानी रखना: हम अपनी खिड़कियों या बालकनियों में पक्षियों के लिए दाना और पानी रख सकते हैं।
3. पेड़ लगाना: अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पक्षियों को आवास दे सकते हैं।
4. जागरूकता फैलाना: लोगों को पक्षियों के महत्व के बारे में बता सकते हैं।

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पुस्तकालय एवं अन्य स्रोत

1. अपने सहपाठियों के साथ पुस्तकालय में जाइए और गौतम बुद्ध से संबंधित जातक कथाओं को पढ़िए।
उत्तर देखेंहमने पुस्तकालय में जाकर गौतम बुद्ध से संबंधित जातक कथाएँ पढ़ीं। इन कथाओं में बुद्ध के पिछले जन्मों की कहानियाँ हैं, जिनमें वे अलग-अलग पशु-पक्षी या इंसान के रूप में होते थे और दया, प्रेम और सच्चाई की मिसाल पेश करते थे। इन कहानियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला।

2. राजा विक्रमादित्य भी अपने न्याय के लिए प्रसिद्ध थे। राजा विक्रमादित्य के न्याय से जुड़ी कथाओं को पुस्तकालय सहायक एव संहपाठियों की सहायता से ढूँढिए और उन्हें पढ़ेंकर आपस में इन कथाओ पर बातचीत कीजिए।
उत्तर देखेंहमने पुस्तकालय में राजा विक्रमादित्य की न्याय संबंधी कहानियाँ ढूँढ़ीं। एक कहानी में, राजा ने एक गरीब महिला का गहना चुराने वाले को सजा दी थी और दूसरी कहानी में, उन्होंने दो महिलाओं के झगड़े का निपटारा किया था, जो एक बच्चे पर दावा कर रही थीं। राजा विक्रमादित्य बहुत बुद्धिमान और न्यायप्रिय थे। उनकी कहानियों से हमने सीखा कि न्याय में सच्चाई और इमानदारी बहुत जरूरी है।

3. आपके घर अथवा आस-पास ऐसे कौन-से व्यक्ति हैं जिनके पास लोग अपनी समस्याओं को सुलझाने हेतु सहायता के लिए जाते हैं? उनके बारे में अभिभावकों से पूछिए और कक्षा में साझा कीजिए।
उत्तर देखेंमैंने अपने माता-पिता से पूछा तो पता चला कि हमारे मोहल्ले में “श्रीमान शर्मा” जी हैं। वे एक रिटायर्ड टीचर हैं और बहुत समझदार हैं। लोग अपनी छोटी-मोटी समस्याएँ, जैसे झगड़े, पैसों की दिक्कत या सलाह लेने, उनके पास जाते हैं। वे बहुत धैर्य से सुनते हैं और अच्छी सलाह देते हैं। उनकी वजह से मोहल्ले में शांति और एकता बनी रहती है।

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मैं भी सिद्धार्थ

नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं जो सहायता, समझदारी और करुणा से संबंधित हैं। कक्षा में अपने समूह में इन पर संवाद कीजिए एवं किसी एक चित्र पर कुछ पंक्तियाँ भी लिखिए।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 9 चित्र 9

उत्तर देखेंचित्र 1: तीन पक्षी (एक घोंसले में)
संवाद:
• पहला बच्चा: देखो! यहाँ दो चिड़िया पानी पी रहीं हैं और एक पानी से खेल रही है।
• दूसरा बच्चा: अरे हाँ, शायद वह नहा रही है।
• बच्चा 1: हाँ, चलो देखेते हैं परन्तु दूर से ही देखेंगे ताकि वे उड़कर भाग न जाएँ।
पंक्तियाँ (कविता):
छोटे पक्षी का दोस्त बनें,
उसे स्नेह और सुरक्षा दें,
प्रकृति की रक्षा करके,
सिद्धार्थ जैसा दिल बनाएँ।
हर जीव की मदद करो,
दया और प्यार बाँटो,
दुनिया को सुंदर बनाने,
अपना योगदान दो।
चित्र 2: दो बच्चे एक बुजुर्ग व्यक्ति को सड़क पार करवा रहा है।
संवाद:
• बच्चा: दादा जी, चलिए मैं आपका हाथ पकड़कर सड़क पार करवाता हूँ।”
• बुजुर्ग: “धन्यवाद बेटा, तुम बहुत अच्छे हो।
पंक्तियाँ
बड़ों की सेवा और सम्मान ही सच्ची मानवता है। जो दूसरों की मदद करता है, भगवान उसकी मदद करता है।
चित्र 3: एक लड़का और एक लड़की प्याऊ पर बात कर रहे हैं।
संवाद:
• लड़का: क्या तुम्हें पता है कि पीने का पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए? पानी बहुमूल्य है।
• लड़की: हाँ, तुम सही कह रहे हो। हमें इसे साफ रखना चाहिए और दूसरों को भी समझाना चाहिए।
पंक्तियाँ (कविता):
पानी की एक-एक बूँद कीमती है,
इसे बर्बाद न करें, इसे संभालें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें,
प्रकृति की रक्षा करें हम सब मिलें।
चित्र 4: एक लड़की दो गायों को खाना खिला रही है।
संवाद:
लड़की: आओ गाय माता, तुम्हें रोटी दूँ। तुम्हें भूखा नहीं रहना चाहिए।
गाय: (मूँ-मूँ करती हुई खाना खाती है)।
पंक्तियाँ (कविता):
गाय माता हैं हमारी,
उनकी सेवा है प्यार,
दूध देती हैं वो हमें,
उनका रखें ध्यान सार।
रोटी-घास देकर उन्हें,
खुशी मिलती है अपार,
सिद्धार्थ सी दया दिखाएँ,
बन जाए दुनिया सुंदर अपार।

2. नाटक के प्रथम दृश्य में सिद्धार्थ और उनका सखा राज उद्यान के सौंदर्य का देख-सुनकर आनंद ले रहे हैं। यदि उनका कोई सखा देखने-सुनने में असमर्थ होता तो सिद्धार्थ उसे इस आनंद का अनुभव कैसे करवाते? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंस्पर्श के माध्यम से:
सिद्धार्थ उसे पेड़ों की छाल, पत्तियों की कोमलता, फूलों की पंखुड़ियों और घास की हरियाली को छूने के लिए कहते।
उदाहरण: “दोस्त, इस फूल की पंखुड़ियों को छूकर देखो, यह कितनी मुलायम है!”
गंध और महक का वर्णन:
वे उसे फूलों की खुशबू, मिट्टी की सुगंध और हवा की ताजगी महसूस करवाते।
उदाहरण: “सूंघो, यह हवा में चमेली के फूलों की महक है!”
आवाज़ों और ध्वनियों का वर्णन:
सिद्धार्थ पक्षियों की चहचहाहट, पत्तों की सरसराहट और दूर गायों के रंभाने की आवाज़ें विस्तार से बताते।
उदाहरण: “सुनो! कोयल कितनी मधुर आवाज़ में गा रही है।”
भावनात्मक जुड़ाव:
वे प्रकृति की सुंदरता को कविताओं या कहानियों के माध्यम से समझाते, ताकि मित्र उसे मन में महसूस कर सके।
उदाहरण: “इस संध्या का समय ऐसा लगता है जैसे प्रकृति हमें सुनहरी रोशनी में नहला रही है।”
चर्चा का निष्कर्ष: सिद्धार्थ की दयालुता और समझदारी उन्हें ऐसे मित्र की जरूरतों को समझने में मदद करती। वे प्रकृति का आनंद सभी इंद्रियों के माध्यम से महसूस करवाते, ताकि कोई भी उस सौंदर्य से वंचित न रहे। इससे हमें सीख मिलती है कि हमें दूसरों की कमियों को समझकर उन्हें जीवन का आनंद देना चाहिए।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 9 का सारांश

संध्याकाल के समय सिद्धार्थ अपने मित्र के साथ उद्यान में बैठे हैं। तभी वे देखते हैं कि आकाश में राजहंस उड़ रहे हैं। अचानक एक हंस तीर लगने से गिर पड़ता है। सिद्धार्थ उसे अपनी गोद में उठाते हैं और उसकी सेवा करते हैं। थोड़ी देर बाद देवदत्त आता है और दावा करता है कि हंस उसका है, क्योंकि उसने उसे तीर से मारा है। लेकिन सिद्धार्थ कहते हैं कि यह हंस उनका है, क्योंकि उन्होंने उसे बचाया है।
विवाद बढ़ने पर मामला महाराज शुद्धोदन की सभा में ले जाया जाता है। वहाँ देवदत्त बार-बार यह कहता है कि हंस उसी का है क्योंकि उसने उसे मारा है। सिद्धार्थ दृढ़ता से कहते हैं कि बचाने वाला हमेशा मारने वाले से बड़ा होता है। मंत्री सुझाव देते हैं कि निर्णय हंस को ही करने दिया जाए। हंस को मंच पर रखा जाता है। देवदत्त पुकारता है, लेकिन हंस डरकर नहीं आता। सिद्धार्थ प्रेम से बुलाते हैं तो हंस तुरंत उनकी गोद में आ जाता है।
मंत्री घोषणा करते हैं कि हंस ने स्वयं निर्णय कर दिया है कि वह सिद्धार्थ के पास रहना चाहता है। महाराज भी यही आदेश देते हैं। सभा जयकार से गूँज उठती है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 9 से शिक्षा

• यह नाटक बच्चों को यह सिखाता है कि –
• करुणा और दया सबसे बड़ी शक्ति है।
• न्याय का असली स्वरूप वही है, जिसमें जीवन और प्रेम की रक्षा हो।
• बल या अहंकार से नहीं, बल्कि स्नेह और सहानुभूति से दिल जीते जाते हैं।
• जो दूसरों की रक्षा करता है, वही सच्चा वीर कहलाता है।