एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 8 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 8 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा सत्र 2025-26 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इसमें लेखक ने असम स्थित इस प्रसिद्ध उद्यान का रोचक वर्णन किया है। पत्र शैली में प्रस्तुत इस अध्याय में हाथी की सवारी, हिरण, जंगली भैंसे, ऊदबिलाव और विशेष रूप से एक सींग वाले गैंडे का उल्लेख है। यह अध्याय हमें पशु-पक्षियों की दुनिया से जोड़ते हुए प्रकृति संरक्षण, भाईचारे और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की प्रेरणा देता है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 8 के MCQ
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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 8 के उत्तर
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बातचीत के लिए
1. नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए। इसमें कौन-से पशु-पक्षी दिखाए गए हैं?
उत्तर देखें• पशु: एक सींग वाला गैंडा, हाथी, तेंदुआ, लोमड़ी, हिरण और चीता।
• पक्षी: पेलिकन और कठफोड़वा।
2. आपने इन पशु-पक्षियों को कहाँ-कहाँ देखा है?
उत्तर देखें• मैंने हिरण, बगुला और सारस चिड़ियाघर (जू) में देखे हैं।
• जंगली सूअर और जंगली भैंस मैंने टीवी पर वन्यजीव वाली डॉक्यूमेंट्री में देखे हैं।
• गैंडा और जंगली हाथी मैंने सिनेमा और तस्वीरों में देखे हैं।
3. इस पाठ में पशओुंके स्वभाव के बारे में क्या -क्या बताया गया हैं?
उत्तर देखें• हिरण और जंगली भैंस डरपोक और सतर्क होते हैं। उन्होंने लेखक को संदेह की नज़र से देखा और दूर हट गए।
• गैंडा जिद्दी और बहादुर होता है। वह वहीं जमा रहा।
• जब मादा गैंडे के साथ उसका बच्चा होता है तो वह बहुत हिंसक और खतरनाक हो जाती है। वह हाथी पर भी हमला कर सकती है।
• रॉयल बंगाल टाइगर शर्मीले होते हैं और रात में ही शिकार के लिए निकलते हैं, इसलिए उन्हें देख पाना मुश्किल है।
• जंगली हाथियों के झुंड में एक बड़ा हाथी सबकी निगरानी करता है और सुरक्षा देता है जब तक पूरा झुंड सुरक्षित निकल नहीं जाता।
4. आप कहाँ-कहाँ की यात्रा पर जाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर देखें• काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: क्योंकि मैं असली एक सींग वाले गैंडे, जंगली हाथियों के झुंड और तरह-तरह के हिरणों को देखना चाहूंगी।
• जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान: क्योंकि यह भारत का सबसे पुराना उद्यान है और मैं वहाँ बाघ को देखने की उम्मीद करूंगी।
• दार्जिलिंग: क्योंकि मैं खूबसूरत पहाड़, टॉय ट्रेन और चाय के बागान देखना चाहूंगी।
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पाठ से
निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर पर तारे का चित्र (✶) बनाइए। यहाँ एक से अधिक उत्तर भी सही हो सकते हैं।
1. चाचा अरूप को यात्रा के समय कि सने संदेह की दृष्टिसे देखा?
(क) गैंडों ने
(ख) हिरणों ने
(ग) भैंसों ने
(घ) हाथियों ने
उत्तर देखें(ख) हिरणों ने (✶)
(ग) भैंसों ने (✶)
क्योंकि हिरणों और भैंसों ने हमें संदेह की दृष्टि से देखा और अलग हट गए।
2. काजीरंगा में रॉयल बंगाल टाइगर भी हैं पर उन्हें देखना कठि न है, क्योंकि —
(क) वे कभी दिखाई नहीं देते।
(ख) वे बड़े हिंसक होते हैं।
(ग) वे रात में ही निकलते हैं।
(घ) वे कभी बाहर नहीं निकलत
उत्तर देखें(ग) वे रात में ही निकलते हैं। (✶)
क्योंकि गाइड ने बताया कि उन्हें देखना कठिन है क्योंकि वे रात में ही निकलते हैं।
3. एक विशाल हाथी तब तक निगरानी करता रहा जब तक —
(क) लेखक और उसके मित्र निकल नहीं गए।
(ख) जीप वहीं खड़ी रही।
(ग) पूरे झुंड ने रास्ता पार नहीं कर लिया।
(घ) वहाँ से बाघ चला नहीं गया।
उत्तर देखेंपूरे झुंड ने रास्ता पार नहीं कर लिया। (✶)
क्योंकि जब तक पूरे झुंड ने रास्ता पार नहीं कर लिया, तब तक एक विशाल हाथी खड़ा निगरानी करता रहा।
कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 8 के सोच पर आधारित प्रश्न
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सोचिए और लिखिए
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए —
(क) यह पाठ एक पत्र है। यह पत्र किसने, किसे और क्यों लिखा है?
उत्तर देखें• किसने लिखा: चाचा अरूप (अरूप कुमार दत्ता) ने।
• किसे लिखा: अपने भतीजे/भतीजी (बच्चों) को।
• क्यों लिखा: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की अपनी यात्रा के रोमांचक अनुभवों को साझा करने के लिए।
(ख) मादा गैंडा कब और क्यों हिंसक हो जाती है?
उत्तर देखेंमादा गैंडा तब अधिक हिंसक हो जाती हैं जब उसके साथ उसका शिशु (बच्चा) होता है। क्योंकि वह अपने बच्चे की सुरक्षा करना चाहती है। उसे डर होता है कि कोई दूसरा जानवर या इंसान उसके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए वह हमला करने के लिए तैयार हो जाती है।
(ग) भारतीय गैंडों की संख्या क्यों घट रही है?
उत्तर देखेंभारतीय गैंडों की संख्या घटने का मुख्य कारण अवैध शिकार है। लोग उसके सींग के लिए उसका शिकार करते थे क्योंकि वे मानते थे कि उसके सींग में औषधीय गुण होते हैं। हालाँकि वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं है।
(घ) भगवान कृष्ण ने हाथी के स्थान पर गैंडे को रणक्षेत्र में भेजने का विचार क्यों छोड़ दिया?
उत्तर देखेंभगवान कृष्ण ने गैंडे को कवच पहनाकर युद्ध के लिए तैयार किया, लेकिन गैंडा उनके निर्देशों का पालन नहीं कर सका। वह युद्ध के लायक नहीं था। इसलिए भगवान कृष्ण ने उसे वापस जंगल में भेज दिया।
(ङ) प्रथम दिन की यात्रा के बाद लेखक का मन क्यों नहीं भरा?
उत्तर देखेंप्रथम दिन की यात्रा बहुत जल्दी समाप्त हो गई थी। लेखक ने अभी तक बहुत सारे जानवर (जैसे रॉयल बंगाल टाइगर) नहीं देखे थे और वह उद्यान की और सुंदरता देखना चाहता था। इसलिए उसका मन नहीं भरा था।
2. दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए। यहाँ पक्षी से संबंधित एक प्रश्न दिया गया है। अब आप भी अपनी लेखन -पुस्तिका में इस पक्षी से संबंधित तीन और प्रश् नों का निर्माण कीजिए —
उदाहरण—
यह चित्र किस पक्षी का है?
उत्तर देखें• यह पक्षी किस रंग का होता है?
• यह पक्षी आमतौर पर कहाँ पाया जाता है? (झील, नदी, खेत)
• यह पक्षी क्या खाता है? (मछली, कीड़े)
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भाषा की बात
1. कोष्ठक में से उचित शब्द का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
(क) आज …………. ही हम हाथियों पर चढ़ कर उद्यान देखने गए। (भोर, सुबह)
(ख) हमने एक सींग वाला गैंडा ………… बार देखा। (पहले, पहली)
(ग) हमारी यात्रा कुछ ……….. ही समाप्त हो गई। (धीरे, जल्दी )
(घ) ड्राइवर हमें एक बील यानी झील की …………. ले गया। (और, ओर)
(ङ) मार्ग दर्शक (गाइड) ने बताया ………… उन्हें देखना कठिन है। (कि , की)
उत्तर देखें(क) आज सुबह ही हम हाथियों पर चढ़कर उद्यान देखने गए। (भोर, सुबह)
(ख) हमने एक सींग वाला गैंडा पहली बार देखा। (पहले, पहली)
(ग) हमारी यात्रा कुछ जल्दी ही समाप्त हो गई। (धीरे, जल्दी)
(घ) ड्राइवर हमें एक बील यानी झील की ओर ले गया। (और, ओर)
(ङ) मार्गदर्शक (गाइड) ने बताया कि उन्हें देखना कठिन है। (कि, की)
2. “सामने जंगली हाथियों का एक झुंड दिखा।”
यहाँ ‘झुंड’ शब्द का प्रयोग हाथियों के समहू के लिए किया गया है । भिन्न-भिन्न समहूों के लिए ऐसे ही कुछ अन्य शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जैसे − अंगूरों का गुच्छा , जूतों की जोड़ी आदि ।
(क) नीचे दिए गए चित्रों का सही नामों के साथ मिलान कीजिए —
उत्तर:
(ख) अब मिलान किए गए समूह वाले शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
जैसे – मेले में लोगों की बहुत “भीड़” थी।
उत्तर देखेंमिलान किए गए शब्दों के वाक्यों में प्रयोग –
• पेड़ पर मधुमक्खियों का बड़ा छत्ता लटका हुआ था।
• बेल पर अंगूरों का मीठा-सा गुच्छा लटक रहा था।
• मेले में लोगों की बहुत भीड़ थी।
• मजदूर ने लकड़ियों का भारी गट्ठर सिर पर उठाया।
• मैदान में भेड़ों का एक बड़ा रेवड़ चर रहा था।
• जंगल से हाथियों का एक विशाल झुंड निकल रहा था।
3. घोड़ा घास खाता है।
घोड़ा शाकाहारी है।
ऊपर दिए गए वाक्यों में एक ही बात दो प्रकार से व्यक्त की गई है, जैसे – ‘घोड़ा घास खाता है’ वाक्य में ‘घास खाने वाला’ वाक्यांश के लिए एक शब्द ‘शाकाहारी’ का प्रयोग किया
गया है। अनेक शब्दों के लिए इस प्रकार के एक शब्द के प्रयोग से वाक्य के अर्थ में कोई अंतर नहीं आता।
अब नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित वाक्यांशों के स्थान पर तालिका में से एक शब्द चुनकर वाक्यों को पुनः लिखिए —
उत्तर:
(क) काजीरंगा का सौंदर्य दर्शनीय है।
(ख) रश्मि का कार्य प्रशंसनीय है।
(ग) गौरव को उसके सहपाठी मृदुभाषी लड़का मानते हैं।
(घ) विद्यालय में साप्ताहिक श्रमदान किया जाता है।
(ङ) मेरा अग्रज सैनिक है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 8 के आगे के प्रश्न उत्तर
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पाठ से आगे
1. इस पत्र में बहुत-से प्राणियों के नाम आए हैं। आप उन प्राणियों को किस नाम से पुकारते हैं? अपने अभिभावकों की सहायता से कुछ पशु-पक्षियों के नाम यहाँ लिखिए —
…………… ………….. …………… …………..
…………… ………….. …………… …………..
उत्तर देखें• गैंडा
• हिरण
• जंगली भैंस
• हाथी
• चीता
• पेलिकन
• सारस
• बगुला
• ऊदबिलाव
• जंगली सूअर
2. नीचे भारत के मानचित्र में कुछ प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान दर्शाए गए हैं। इसमें दी गई सूचनाओं को समझते हुए दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए —
(क) हाथियों के लिए प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान कौन-से राज्य में स्थित है?
उत्तर देखेंकेरल
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान, केरल में स्थित है, जो हाथियों के लिए प्रसिद्ध है।
(ख) संदुरबन राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है और यह कि सलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर देखेंपश्चिम बंगाल
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल में स्थित है और यह रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है।
(ग) भारत का सबसे पुराना और प्रथम राष्ट्रीय उद्यान कौन-सा है और यह किस राज्य में स्थित है?
उत्तर देखेंजिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
यह उत्तराखंड में स्थित है और भारत का सबसे पुराना और प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है।
(घ) स्तंभ ‘क’ और स्तंभ ‘ख’ का उचित मिलान कीजिए —
स्तंभ ‘क’ | स्तंभ ‘ख’ |
---|---|
i. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान | i. दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर |
ii. एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध | ii. केरल |
iii. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान | iii. सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान |
iv. ओडिशा | iv. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान |
v. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान | v. मध्यप्रदेश |
उत्तर:
स्तंभ ‘क’ | स्तंभ ‘ख’ |
---|---|
i. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान | ii. केरल |
ii. एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध | iv. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान |
iii. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान | i. दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर |
iv. ओडिशा | iii. सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान |
v. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान | v. मध्यप्रदेश |
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यह भी जानें
राष्ट्रीय उद्यान एक ऐसा क्षेत्र है जिसे सरकार द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए सुरक्षित रखा जाता है। यहाँ उपस्थित पेड़-पौधे, पशु-पक्षी अपनी प्राकृतिक अवस्था में संरक्षित रहते हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार वर्तमान में भारत में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं।
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पुस्तकालय एवं अन्य स्रोत
1. विद्यालय के पुस्तकालय में जाकर भारत के किसी एक पक्षी अभयारण्य के बारे में पढ़िए। अपने समूह में मिलकर वहाँ पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के चित्र एकत्रित कर या बनाकर उन्हें अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए। आप अपनी प्रस्तुति में निम्नलिखित जानकारी सम्मिलित कर सकते हैं —
(क) पक्षी अभयारण्य क्या है?
(ख) इनकी स्थापना करने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
(ग) वर्तमान में भारत में कुल कितने राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य हैं?
(घ) भारत के पाँच प्रसिद्ध राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य कौन-से हैं?
(ङ) इनमें कौन-से पशु-पक्षी पाए जाते हैं?
इस जानकारी को ढूँढ़ने तथा लिखने के लिए आप पुस्तकालय, अभिभावक या किसी अन्य स्रोत की सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर देखेंभरतपुर (केवलादेव) राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य
परिचय
• राजस्थान के भरतपुर ज़िले में स्थित।
• इसे केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान भी कहा जाता है।
• इसे युनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।
स्थापना की आवश्यकता
• प्रवासी और दुर्लभ पक्षियों की रक्षा हेतु 1971 में इसे अभयारण्य घोषित किया गया।
• पहले यह एक शिकारगाह थी, बाद में पक्षियों को बचाने के लिए इसे सुरक्षित क्षेत्र बना दिया गया।
विशेषताएँ
• यहाँ सर्दियों में दूर-दराज़ से प्रवासी पक्षी आते हैं, जैसे साइबेरिया और यूरोप से।
• इसे “पक्षियों का स्वर्ग” भी कहा जाता है।
प्रमुख पक्षी
• साइबेरियन क्रेन (सबसे प्रसिद्ध)
• सारस क्रेन
• पेलिकन
• बतख की विभिन्न प्रजातियाँ
• मोर, बगुले, फ्लेमिंगो
अन्य जीव-जंतु
• हिरण, नीलगाय, लोमड़ी, साँप और कछुए भी यहाँ पाए जाते हैं।
महत्व
• भारत की जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका।
• यह बच्चों और शोधकर्ताओं के लिए प्रकृति की पाठशाला जैसा है।
2. नीचे दिए गए बादलों में मछली और बंदर का चित्र बनाया गया है। अब आप भी दिए गए बिंदुओं को मिलाकर चित्र पूरा कीजिए और उसमें रंग भरिए —
उत्तर:
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 8 का सारांश
चाचा अरूप काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम, ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर) से बच्चों को पत्र लिखते हैं। वे बताते हैं कि यहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी पाए जाते हैं। सुबह-सुबह हाथियों पर सवारी करके उद्यान का भ्रमण करते समय उन्होंने हिरणों और जंगली भैंसों के झुंड देखे। सबसे खास था—एक सींग वाला भारतीय गैंडा (इंडियन राइनो), जिसके कारण काजीरंगा विश्व प्रसिद्ध है।
गैंडे के कवच जैसे शरीर पर महावत ने भगवान कृष्ण और रणभूमि की एक कथा भी सुनाई। लेखक बताते हैं कि कभी गैंडे भारत और नेपाल के जंगलों में बहुतायत में पाए जाते थे, लेकिन शिकार के कारण इनकी संख्या घट गई। अब इनकी आधी से अधिक संख्या काजीरंगा में सुरक्षित है।
यात्रा के दौरान उन्होंने मादा गैंडे को बच्चे सहित देखा, अनेक प्रकार के हिरण और जंगली सूअर भी नज़र आए। फिर जीप से दूसरी यात्रा में उन्होंने झील (बील) पर सैकड़ों पक्षियों के झुंड—पेलिकन, सारस, बगुले आदि देखे। झील में ऊदबिलाव उछल-कूद कर रहे थे। लौटते समय जंगली हाथियों का झुंड मिला, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी थे।
काजीरंगा में रॉयल बंगाल टाइगर भी पाए जाते हैं, लेकिन वे दिखे नहीं। कुल मिलाकर यह यात्रा लेखक के लिए अत्यंत रोमांचक और अविस्मरणीय अनुभव रही। अंत में वे सोचते हैं कि पशु-पक्षी शांति और भाईचारे से साथ रहते हैं, तो क्यों न मनुष्य भी उनसे यह सीख लेकर आपसी मेलजोल और शांति से जीवन व्यतीत करे।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 8 का संदेश
इस अध्याय काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा का मूल संदेश यह है कि –
• प्रकृति और वन्य जीवों का संरक्षण आवश्यक है। एक सींग वाले गैंडे जैसे दुर्लभ पशु शिकार के कारण विलुप्ति की कगार पर पहुँच गए, इसलिए हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए।
• पशु-पक्षी आपसी मेल-जोल और शांति से रहते हैं, जबकि मनुष्य अक्सर आपस में लड़ाई-झगड़े करता है। हमें उनसे सीख लेकर आपसी भाईचारे और शांतिपूर्ण जीवन अपनाना चाहिए।
• अत्यधिक लालच और अंधविश्वास हानिकारक हैं। गैंडे के सींग में औषधीय गुण मानकर शिकार किया गया, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने इसे गलत सिद्ध किया।
• प्रकृति के साथ जुड़ना और उसका आनंद लेना हमें जीवन का असली सुख सिखाता है।
सरल शब्दों में, अध्याय हमें यह शिक्षा देता है कि हमें जंगलों और वन्य जीवों की रक्षा करनी चाहिए और आपसी भाईचारे से रहना सीखना चाहिए।