एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 मेरा बचपन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 मेरा बचपन में प्रेमचंद जी ने अपने बचपन की स्मृतियों को भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। लेखक ने कच्चे घर, पयाल के बिछौने, खेतों में घूमने और आम के पेड़ों पर चढ़ने के सुखद अनुभव बताए हैं। रामलीला का उत्साह और गुल्ली-डंडा जैसे देशी खेलों का आनंद भी उन्होंने याद किया है। यह अध्याय हमें सिखाता है कि बचपन सादगी, अपनापन और आनंद का प्रतीक है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 7 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

मेरा बचपन कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर

पेज 77

बातचीत के लिए

1. लेखक को रामलीला की तैयारियों में कौन-कौन से काम सबसे अधिक उत्साहित करते होंगे?
उत्तर देखेंलेखक को रामलीला की तैयारियों में पात्रों का श्रृंगार करना और उनके रूप-रंग भरना सबसे अधिक उत्साहित करता होगा। वह दोपहर से ही वहाँ जाकर बैठ जाते थे और छोटे-मोटे काम करने के लिए दौड़-दौड़कर जाते होंगे, जैसे कपड़े पकड़ना, रंग की पुड़िया लाना या मेकअप का सामान व्यवस्थित करना।

2. आपको लेखक के बचपन की कौन-कौन सी बातें सबसे अच्छी लगीं? वे बातें आपको अच्छी क्यों लगीं?
उत्तर देखेंमुझे लेखक के बचपन की ये बातें सबसे अच्छी लगीं:
• आम के पेड़ों पर चढ़ना: क्योंकि मुझे भी पेड़ों पर चढ़ना और ताजे फल तोड़ना बहुत पसंद है।
• गुल्ली-डंडा खेलना: क्योंकि यह खेल बिना पैसे के ही खेला जा सकता है और इसमें बहुत मज़ा आता है।
• रामलीला देखना: क्योंकि वहाँ का माहौल बहुत रंगीन और खुशनुमा होता है, सब एक साथ बैठकर नाटक देखते हैं।

3. खेलते समय चोट न लगे, इसके लिए आप क्या -क्या कर सकते हैं?
उत्तर देखेंखेलते समय चोट न लगे, इसके लिए हम यह कर सकते हैं:
• खेलने से पहले वार्म-अप जरूर करें।
• जहाँ खेल रहे हैं, वहाँ का मैदान साफ और पत्थरों से मुक्त होना चाहिए।
• सुरक्षित नियमों का पालन करें।
• जहाँ तक हो सके, सुरक्षात्मक गियर पहनें, जैसे घुटने के पैड आदि।
• एक-दूसरे से धक्का-मुक्की न करें।

4. लेखक के पिता और घर के अन्य सदस्य चौके में बैठे-बैठे क्या -क्या बातें करते होंगे?
उत्तर देखेंलेखक के पिता और घर के अन्य सदस्य चौके में बैठे-बैठे दिनभर के काम, खेती-बाड़ी, गाँव के समाचार, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनके शरारतीपन की बातें करते होंगे। वे यह भी चर्चा करते होंगे कि आज क्या बनाया जाए और घर के अन्य जरूरी काम कैसे पूरे किए जाएँ।

पेज 77

पाठ से

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए —
1. लेखक के चचेरे भाई हलधर की आयु कितनी थी?
उत्तर देखेंलेखक की उम्र आठ साल थी और हलधर उनसे दो साल बड़े थे। इसलिए हलधर की आयु दस साल थी।

2. लेखक ने अपने घरवालों के क्रोध का कारण क्या बताया है?
उत्तर देखेंलेखक के घरवाले इसलिए क्रोधित होते थे क्योंकि वह गुल्ली-डंडा खेलने में इतना मग्न रहता था कि उसे नहाने-खाने की भी सुध नहीं रहती थी। वह समय का ध्यान नहीं रखता था।

3. लेखक के अनुसार, गुल्ली-डंडा और विलायती खेलों में क्या अंतर है?
उत्तर देखेंगुल्ली-डंडा
• यह सस्ता है, इसे पेड़ की टहनी से बनाया जा सकता है।
• इसे खेलने के लिए किसी लॉन या कोर्ट की जरूरत नहीं होती, इसे कहीं भी खेला जा सकता है।
• इसे खेलने के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ती।
विलायती खेल
• इनके सामान (जैसे बैट, बॉल) बहुत महँगे होते हैं।
• इन्हें खेलने के लिए विशेष मैदान (जैसे क्रिकेट ग्राउंड, टेनिस कोर्ट) की जरूरत होती है। स्कूलों में इन्हें खेलने के लिए फीस देनी पड़ती है।

4. इस पाठ में लेखक ने अपने बचपन के किन-किन अनुभवों को याद किया है?
उत्तर देखेंलेखक ने अपने बचपन के इन अनुभवों को याद किया है:
• कच्चे टूटे घर में रहना
• पयाल (पुआल) के बिछौने पर सोना
• नंगे बदन और नंगे पाँव खेतों में घूमना
• आम के पेड़ों पर चढ़ना
• मौलवी साहब के यहाँ पढ़ने जाना
• मटर और जौ का चबेना खाना
• रामलीला देखना और उसकी तैयारियों में शामिल होना
• गुल्ली-डंडा खेलना

पेज 78

समझ और अनुभव

1. लेखक के बचपन के कौन-कौन से काम आपने भी किए हैं?
उत्तर देखेंमैंने भी लेखक की तरह आम के पेड़ पर चढ़ना, खेतों में दौड़ना और गुल्ली-डंडा जैसे खेल खेलना जैसे काम किए हैं। मैं भी रामलीला और अन्य नाटक देखने बहुत उत्साहित होकर जाती हूँ।

2. लेखक अपने बचपन में खेलने के लिए स्वयं गुल्ली बना लेते थे। आप कौन-कौन से खेल-खिलौने स्वयं बना लेते हैं? किसी एक को बनाकर कक्षा में लेकर आइए और अपने समूह के साथ मिलकर खेलिए।
उत्तर देखेंमैं अपने लिए पतंग की डोर बनाना, पत्थरों से बिस्कुट बनाना, गुड़िया के लिए गुड़िया घर बनाना और कागज की नाव बनाना जैसे खिलौने स्वयं बना लेती हूँ। मैं कागज़ की नाव बनाकर कक्षा में लेकर आऊँगी और सबको दिखाऊँगी।

3. अनेक बच्चे कपड़े धोने के लिए काम में आने वाली ‘थापी’ को बल्ले की तरह उपयोग कर लेते हैं। आप अपने घर या पास-पड़ोस की किन वस्तुओं को खले-खिलौने की तरह उपयोग में लेते हैं?
उत्तर देखेंमैं अपने घर की कई चीजों को खिलौने की तरह इस्तेमाल करता हूँ, जैसे:
• कपड़े धोने की थापी को क्रिकेट का बल्ला बना लेता हूँ।
• पुराने अखबारों को मोड़कर गेंद बना लेता हूँ।
• मम्मी के किचन के बर्तनों (कटोरी, चम्मच) से घर-घर का खेल खेलता हूँ।
• पुराने टायर को झूला बना लेता हूँ।

4. लेखक बचपन में अनेक काम उत्साह से दौड़-दौड़कर किया करते थे। आप कौन-से काम बहुत उत्साह से करते हैं?
उत्तर देखेंमैं अपने मनपसंद काम बहुत उत्साह से करता हूँ, जैसे:
• नई-नई चीजें ड्राइंग करना
• दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलना
• कहानियों की किताबें पढ़ना
• अपने छोटे भाई-बहन को पढ़ाना
• बगीचे में पौधों को पानी देना

पेज 78

मिलान कीजिए

नीचे दिए गए चित्रों का उनके उपयुक्त विवरण से मिलान कीजिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 1

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 2

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 के खान-पान पर आधारित प्रश्न

पेज 79

खान-पान

1. लेखक सवेरे-सवेरे सबसे पहले मटर और जौ का चबेना खाते थे। ‘चबेना’ के बारे में नीचे दी गई जानकारी पढ़िए —
गुणकारी स्वादिष्ट चना-चबेना
चना-चबेना प्रायः हम उस खाद्य-सामग्री को कहते हैं जो चबाकर खाई जाती है। मकई, चिउड़ा, भेल, कई तरह के भुने हुए दाने, भुने हुए चावल, चना, मटर और मुरमुरे, भुना हुआ हरा व उबला चना, दर्जनों ऐसी खाद्य-सामग्रियाँ हैं जो हम भारतीय चाहे देश के किसी भी कोने में रहते हों, किसी-न-किसी रूप में चबाते हैं। कई प्रकार की कचरियाँ, कुरकुरे, पापड़, नमकीन, ये भी चबेनों का ही हिस्सा हैं। लेकिन ये घरेलू कम व सामान्यतः बाज़ार से मिलने वाले उत्पाद हैं जिनमें स्वाद तो बहुत होता है लेकिन ये शरीर के लिए उतने स्वा स्थ्यवर्धक नहीं होते जितने घर के बने चबेने होते हैं।
ऐसे बनाया जाता है चना-चबेना
देश के विभिन्‍न स्‍थानों में चना-चबेना विशेष ढंग से बनाया जाता है। चना-चबेना में मटर, चना, सखूा चना, मिर्च -अदरक, प्याज़-लहसनु , मक्का , पोहा, लाई, मूँगफली आदि खाद्य सामग्रियाँ सम्मिलित होती हैं। सबसे पहले इन सभी को कड़ाही में नमक डालकर भली प्रकार भून लिया जाता है। भुनने के बाद उसमें हल्का तेल मिलाया जाता है। मिर्च की चटनी के साथ प्याज़ और लहसुन भी मिलाया जाता है। इनसे चना-चबेना का स्‍वाद बढ़ जाता है।

2. आप दिन भर क्या-क्या खाते-पीते हैं? एक सूची बनाइए —
उत्तर देखेंयहाँ मेरे दिन भर के खाने-पीने की सूची है:
सुबह का नाश्ता (लगभग 8:00 बजे):
• दूध के साथ कॉर्नफ्लेक्स या पोहा
• केला या सेब
दोपहर का भोजन (लगभग 1:00 बजे):
• दो रोटी या एक कटोरी चावल
• सब्ज़ी (जैसे आलू की सब्ज़ी, दाल या पालक पनीर)
• सलाद (खीरा, टमाटर)
शाम का नाश्ता (लगभग 5:00 बजे):
• चाय या दूध के साथ बिस्कुट
• कभी-कभी भुने हुए चने या मूँगफली
रात का भोजन (लगभग 8:00 बजे):
• दो रोटी
• दाल या कोई सब्ज़ी
• दही
पूरे दिन में:
• खूब सारा पानी पीती हूँ।
• कभी-कभी फल का जूस भी पीती हूँ।

पेज 80

आईये जानें

“मैं दोपहर से ही वहाँ जा बैठता।” ‘दोपहर’ शब्द बना है ‘पहर’ से। ‘पहर’ का अर्थ होता है — दिन का चौथा भाग या तीन घंटे का समय।
1. एक दिन और एक रात में कुल मिलाकर कितने पहर होते हैं?
उत्तर देखेंएक दिन और एक रात में कुल मिलाकर आठ पहर होते हैं।

2. नीचे दिन के चार पहर दर्शाए गए हैं। आप इन पहरों में क्या -क्या करते हैं, लिखिए या चित्र बनाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 3

उत्तर देखेंप्रातः 6 बजे से 9 बजे: मैं सुबह जल्दी उठता हूँ। नहा-धोकर तैयार होता हूँ। फिर नाश्ता करके स्कूल के लिए तैयार होता हूँ।
9 बजे से 12 बजे: इस समय मैं स्कूल में होता हूँ। कक्षा में पढ़ाई करता हूँ, शिक्षकजी से नए पाठ सीखता हूँ और दोस्तों के साथ ब्रेक में खेलता हूँ।
12 बजे से 3 बजे: दोपहर में स्कूल से घर आकर खाना खाता हूँ। कभी-कभी थोड़ी देर आराम भी करता हूँ। फिर अपना होमवर्क करता हूँ।
3 बजे से 6 बजे: शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ मैदान में खेलने जाता हूँ। हम क्रिकेट, फुटबॉल या छुपन-छुपाई खेलते हैं। शाम को थोड़ा टी.वी. भी देखता हूँ।

पेज 81

तमाशा

“गुल्ली है जरा-सी, पर उसमें दुनिया भर की मिठाइयों की मिठास और तमाशों का आनंद भरा है।” तमाशा का अर्थ है — वह दृश्य जिसे देखने से मनोरंजन हो, जैसे – मेला, नौटंकी आदि। नीचे दिए गए नामों को पढ़िए। इनमें से कौन-कौन से तमाशे आपने देखे हुए हैं? उन पर घेरा बनाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 4

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 5

पेज 81

रामलीला

आपने पाठ में ‘रामलीला’ के बारे में पढ़ा है। हमारे देश में और अन्य देशों में भी दीपावली के आस-पास स्थान-स्थान पर ‘रामलीला’ का आयोजन किया जाता है। आप भी अपनी कक्षा या विद्यालय में रामलीला का मंचन कीजिए। इसके लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं —
• आप विद्यालय की वर्दी में भी रामलीला का मंचन कर सकते हैं। किसी अतिरिक्‍त वस्तु या कपड़ों की आवश्यकता नहीं है।
• पूरी रामकथा का मंचन संभव न हो तो प्रत्येक कक्षा या समूह भिन्न-भिन्न दृश्यों को प्रस्तुत कर सकता है।
• आप अपने संवाद स्वयं बना सकते हैं।
• इस कार्य में आप अपने अभिभावकों, शिक्षकों और पुस्तकालय की सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर देखेंयह क्रिया-कलाप विद्यार्थी अपने अध्यापक की उपस्थिति में स्वयं करें।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 भाषा पर आधारित प्रश्न

पेज 82

भाषा की बात

विलायती खेलों में सबसे बड़ा ऐब है कि उनके सामान महँगे होते हैं।”
इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खींची गई है। इन पर ध्यान दीजिए। यहाँ ‘विलायती’, ‘बड़ा’ और ‘महँगे’ शब्द क्रमशः‘खेल’, ‘ऐब’ तथा ‘सामान’ की विशेषता बता रहे हैं। आप जानते ही हैं कि ‘खेल’, ‘ऐब’ तथा ‘सामान’ संज्ञा शब्द हैं।
अब पाठ में से कुछ अन्य विशेषण तथा संज्ञा शब्द चुनकर नीचे लिखिए —

विशेषणसंज्ञा
विलायतीखेल
————
————
————
————

उत्तर:

विशेषणसंज्ञा
विलायतीखेल
कच्चाघर
नंगेपाँव
छोटे-मोटेकाम
सरलस्वभाव

पेज 82

प्राथमिक चिकित्सा पेटी

कावेरी को कबड्डी खेलते हुए चोट लग जाती है। उसकी मित्र नीलोफर सभी से प्राथमिक चिकित्सा पेटी (फर्स्ट ऐड बॉक्स) माँगती है लेकिन वह किसी के पास नहीं थी। कावेरी को डॉक्टर के पास ले जाने के बाद नीलोफर सभी को प्राथमिक चिकित्सा पेटी दिखाती है और उसमें रखी हुई वस्तुओं तथा दवाइयों के बारे में बताती है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 6

अब आप प्राथमिक चिकित्सा पेटी में रखी जाने वाली उन वस्तुओं व दवाइयों की एक सूची बनाइए जिनके बारे में नीलोफर ने सभी को बताया होगा। आप भी अपने लिए एक प्राथमिक चिकित्सा पेटी तैयार कीजिए। इसके लिए आप अपने सहपाठियों तथा अभिभावकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर देखेंप्राथमिक चिकित्सा पेटी में रखी जाने वाली वस्तुएँ व दवाइयाँ:
• रुई – घाव साफ करने के लिए
• पट्टियाँ – चोट या मोच बांधने के लिए
• गॉज़ – घाव ढकने के लिए
• प्लास्टर / बैंड-एड – छोटी चोट पर लगाने के लिए
• एंटीसेप्टिक द्रव्य – घाव धोने व संक्रमण रोकने के लिए
• एंटीसेप्टिक क्रीम / आयोडीन सॉल्यूशन – घाव पर लगाने के लिए
• साफ कैंची और चिमटी – पट्टी काटने या कांटा निकालने के लिए
• थर्मामीटर – बुखार नापने के लिए
• डिजिटल थर्मामीटर / थर्मल स्ट्रिप
• दर्द निवारक मलहम
• ग्लव्स/दस्ताने – सफाई व संक्रमण रोकने के लिए
• साबुन / हैंड सैनिटाइज़र – हाथ धोने के लिए
• ओआरएस घोल के पैकेट – डिहाइड्रेशन के लिए
• पैरासिटामोल की गोलियाँ – हल्के बुखार या दर्द के लिए (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
• बर्न क्रीम – जलने पर लगाने के लिए
• आइस पैक / ठंडी पट्टी – सूजन कम करने के लिए

पेज 83

आपके खेल

1. ऐसे अनेक खेल आप सभी खेलते होंगे जिनमें किसी विशेष महँगे सामान की आवश्यकता नहीं पड़ती बल्कि जिनकी आवश्यकता पड़ती है, उन्हें आप स्वयं ही बना लेते हैं। ऐसे ही कुछ खेलों के चित्र नीचे दिए गए हैं। रेखा खींचकर इनके सही नामों से मिलाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 7

आपस में चर्चा कीजिए कि इन खेलों को कैसे खेला जाता है तथा यह भी बताइए कि आपके क्षेत्र में इन्हें क्या कहा जाता है।
उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 8

विभिन्न खेलों पर चर्चा:
• कबड्डी: इसमें दो टीमें होती हैं। एक खिलाड़ी सांस लगातार “कबड्डी-कबड्डी” बोलता हुआ दूसरी टीम की पाली में जाता है और उन्हें छूकर वापस आने की कोशिश करता है। अगर सांस टूट जाए या विरोधी टीम उसे पकड़ ले, तो वह आउट हो जाता है। हमारे यहाँ इसे ‘कबड्डी’ ही कहते हैं।
• इकड़ी-दुकड़ी: यह एक खेल है जिसमें एक समूह की एक लड़की ‘दुनिया’ बनकर बैठती है और बाकी उसके ऊपर से कूदती हैं। जो छू जाए, वह बैठ जाती है। हमारे यहाँ इसे ‘स्टेपू’ या ‘भर-भर’ भी कहते हैं।
• लट्टू: इसमें एक लकड़ी का लट्टू होता है, जिसके चारों ओर एक डोरी लपेटी जाती है। डोरी को जोर से खींचकर लट्टू को ज़मीन पर घुमाया जाता है। हमारे यहाँ इसे ‘लट्टू’ या ‘भौंरा’ कहते हैं।
• पतंग: इसे कागज़ और काठी (बाँस की पतली छड़ें) से बनाया जाता है। इसमें माँझा (तार पर लगा काँच का चूरा) लगी डोर से दूसरों की पतंगें काटी जाती हैं। हमारे यहाँ इसे ‘पतंग’ या ‘गुड्डी’ ही कहते हैं।

2. उन आनंदमयी खेलों की एक सूचि बनाइए जो आप अपने दिव्यांग मित्रों के साथ खले सकते हैं आप इस कार्य में मित्रों, शिक्षकों एवं अपने अभिभावकों की भी सहायता ले सकते हैं
उत्तर देखेंमैंने अपने दोस्तों और मम्मी-पापा से पूछकर यह सूची बनाई है:
• व्हीलचेयर बास्केटबॉल: व्हीलचेयर पर बैठकर खेला जाने वाला बास्केटबॉल।
• बैठकर खेला जाने वाला बैडमिंटन: नेट के दोनों ओर बैठकर खेला जा सकता है।
• गेंद फेंकना (सेकंडा): एक दूसरे को गेंद फेंकना और पकड़ना।
• कैरम: कैरम बोर्ड के पास बैठकर खेला जा सकता है, यह बहुत मजेदार है।
• ताश के खेल: जैसे- उनो, फिश, आदि।
• शब्दों का खेल: जैसे- नाम, स्थान, वस्तु, जानवर।

पेज 83

पुस्तकालय से

अपने पुस्तकालय में जाकर प्रेमचदं की लिखी कहानियाँ पढ़िए तथा कक्षा में उनके बारे में चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंमैंने पुस्तकालय से प्रेमचंद जी की दो कहानियाँ पढ़ीं: ‘ईदगाह’ और ‘पंच परमेश्वर’।
कक्षा में चर्चा के लिए मेरे विचार:
• ‘ईदगाह’ कहानी एक गरीब छोटे बच्चे हामिद की है जो ईद के मेले में अपनी दादी के लिए एक चिमटा खरीदता है, जबकि दूसरे बच्चे मिठाइयाँ और खिलौने खरीदते हैं। इस कहानी ने मुझे सिखाया कि प्यार और परवाह चीजों की कीमत से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
• ‘पंच परमेश्वर’ कहानी दो दोस्तों अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की है, जिनकी दोस्ती एक फैसले के कारण टूट जाती है। इस कहानी से मैंने सीखा कि निष्पक्षता और सच्चाई सबसे जरूरी है, चाहे इसके लिए अपने करीबी के खिलाफ भी फैसला क्यों न करना पड़े।
प्रेमचंद जी की कहानियाँ गाँव के जीवन, साधारण लोगों और उनकी समस्याओं के बारे में हैं। उनकी कहानियाँ पढ़कर हमें बहुत अच्छी सीख मिलती है।

पेज 84

पता लगाइए

अब आप चित्र में दिखाई गई प्रसिद्ध पैरालंपिक महिला खिलाड़ी के बारे में पता लगाइए। इसके लिए आप अपने अभिभावकों, शिक्षकों अथवा अन्य स्रोतों की सहायता ले सकते हैं।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 7 चित्र 9

उत्तर देखेंचित्र में दिखाई गई प्रसिद्ध पैरालंपिक महिला शीतल देवी जी हैं।
उनके बारे में कुछ और जानकारी:
शीतल देवी — भारत की प्रेरणादायी पैरालंपिक तीरंदाज़
जन्म: 10 जनवरी 2007, किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर)। शीतल का जन्म फोकोमीलिया नामक दुर्लभ स्थिति के साथ हुआ; उनकी भुजाएँ नहीं हैं, वे पैरों से तीरंदाज़ी करती हैं।
खोज और प्रशिक्षण: 2021 के आसपास भारतीय सेना के एक युवा कार्यक्रम में पहचानी गईं; वहीं से पेशेवर प्रशिक्षण की राह खुली।
मुख्य उपलब्धियाँ: एशियाई पैरा खेल, हांगझोउ 2022 (आयोजन 2023): 2 स्वर्ण (महिला कंपाउंड ओपन व्यक्तिगत; मिश्रित टीम–राकेश कुमार के साथ) और 1 रजत (महिला डबल्स–सरिता के साथ)।
पेरिस 2024 पैरालंपिक: राकेश कुमार के साथ मिश्रित कंपाउंड ओपन में कांस्य और भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता बनीं (17 वर्ष)।
विश्व रिकॉर्ड-जैसा रैंकिंग राउंड: पेरिस 2024 में 703/720 स्कोर, पुराने 698 से आगे।
2023 में विश्व पैरा आर्चरी रैंकिंग में नंबर-1 (महिला कंपाउंड ओपन) तक पहुँचीं।
सम्मान: अर्जुन पुरस्कार (2023) — राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित।
क्यों विशेष: बिना भुजाओं के भी शीतल ने पैर, कंधे और जबड़े की तकनीक से विश्व मंच पर कमाल किया—यह जज़्बा बच्चों और बड़ों—सबके लिए प्रेरणा है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 7 के मुख्य बिंदु

बचपन की यादें – लेखक अपने कच्चे घर, पयाल (फूस) के बिछौने, नंगे पाँव खेतों में घूमने और आम के पेड़ों पर चढ़ने की स्मृतियाँ सुनाते हैं।
पढ़ाई – वे अपने चचेरे भाई हलधर के साथ गाँव के मौलवी साहब के पास पढ़ने जाते थे।
रामलीला का आनंद – बचपन में रामलीला देखने का उत्साह और पात्रों की सजावट में भाग लेने का अनुभव भी उन्होंने साझा किया।
गुल्ली-डंडा खेल – प्रेमचंद को यह खेल सबसे ज्यादा प्रिय था। उन्होंने इसकी विशेषताओं और सादगी को विलायती खेलों (क्रिकेट आदि) से बेहतर बताया।
समाज और खेल – खेलों में अमीर-गरीब का कोई भेदभाव नहीं था। सब मिलकर खेलते थे और आनंद लेते थे।
घरवालों की डाँट – खेलों में इतना रम जाने के कारण न नहाने-धोने की सुध रहती थी, न खाने की, जिससे घरवाले नाराज हो जाते थे।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 7 का संदेश

यह पाठ बच्चों को यह सिखाता है कि बचपन की यादें सबसे प्यारी होती हैं। साधारण जीवन और देसी खेलों में भी अपार आनंद छिपा होता है। यह हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के मूल्य समझने के लिए प्रेरित करता है।