एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 5 सुंदरिया

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 5 सुंदरिया सत्र 2025-26 के लिए संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इसमें जैनेंद्र कुमार ने किसान हीरासिंह और उसकी प्यारी गाय सुंदरिया के स्नेहपूर्ण संबंध को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। कहानी यह सिखाती है कि पशु केवल उपयोग की वस्तु नहीं होते, वे परिवार का हिस्सा बन जाते हैं। हीरासिंह गरीबी के कारण सुंदरिया को बेच देता है, लेकिन गाय का लगाव केवल अपने मालिक से होता है। यह अध्याय प्रेम, अपनापन और त्याग का संदेश देता है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

सुंदरिया कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 5 के प्रश्न उत्तर

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बातचीत के लिए

1. जवाहरसिंह अपनी गाय को मौसी कहकर बुलाता है। आप अपने घर या आस-पास के पशु-पक्षियों को क्या कहकर पुकारते हैं?
उत्तर देखेंमैं अपने घर की गाय को ‘गौरी’ और कुत्ते को ‘टॉमी’ कहकर बुलाता हूँ। आस-पास के पक्षियों में, कौए को ‘कालेया’ और गौरैया को ‘चिड़िया’ कहकर पुकारते हैं।

2. सुंदरिया के दूर चले जाने के बाद जवाहरसिंह को कैसा लगा होगा? जब आपका कोई प्रिय आपसे दूर हो जाए तो आपको कैसा लगता है?
उत्तर देखेंसुंदरिया के दूर जाने के बाद जवाहरसिंह बहुत दुखी हुआ होगा। उसे उसकी बहुत याद आती होगी और वह अकेलापन महसूस करता होगा।
जब मेरा कोई प्रिय (जैसे मेरा दोस्त या कोई पालतू जानवर) मुझसे दूर हो जाता है तो मुझे भी बहुत बुरा लगता है, मन उदास हो जाता है और उसकी यादें बार-बार आती हैं।

3. जवाहरसिंह सुंदरिया की दखे भाल के लिए क्या-क्या करता होगा?
उत्तर देखेंजवाहरसिंह शायद सुबह-शाम सुंदरिया को हरा चारा खिलाता होगा, उसे नहलाता होगा, उसके बाड़े की सफाई करता होगा और शाम को उसके साथ खेलता होगा।

4. आप अपने आस-पास के पशु-पक्षियों के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर देखेंमैं अपने आस-पास के पशु-पक्षियों के लिए रोज़ सुबह दाना और पानी रखता हूँ। कुत्तों और बिल्लियों के लिए कभी-कभी रोटी भी डाल देता हूँ। सर्दियों में पक्षियों के लिए घोंसला बनाने में मदद करता हूँ।

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पाठ से

नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर पर (*) का चिह्न बनाइए। प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी सही हो सकते हैं —
1. लोग सुंदरिया को दखे कर ईर्ष्या क्यों करते थे?
(क) सुंदरिया को खाने-पीने को बहुत कुछ मि लता था।
(ख) सुंदरिया बहुत आकर्षक थी।
(ग) सुंदरिया बहुत दधू देती थी।
(घ) सुंदरिया सभी से प्रेम करती थी।
उत्तर देखें(ख) सुंदरिया बहुत आकर्षक थी। (*)
(ग) सुंदरिया बहुत दधू देती थी। (*)

2. हीरासिंह के मन में सुंदरिया को बेचने की बात क्यों आई?
(क) सुंदरिया सभी को परेशान करने लगी थी।
(ख) सुंदरिया के लिए चारे का प्रबंध करना कठिन हो गया था।
(ग) सुंदरिया हीरासिंह के घर नहीं रहना चाहती थी।
(घ) सुंदरिया पड़ोसियों को परेशान करती थी।
उत्तर देखें(ख) सुंदरिया के लिए चारे का प्रबंध करना कठिन हो गया था।(*)

3. हीरासिंह ने स्वयं को गाय की नौकरी पर लगाने की बात क्यों कही?
(क) सुंदरिया को ठीक से चारा नहीं मि लता था।
(ख) वह गाय से बिछोह सहन नहीं कर पा रहा था।
(ग) उसे रुपयों की आवश्यकता थी।
(घ) गाय घोसी के व्यवहार से प्रसन्न नहीं थी।
उत्तर देखें(ख) वह गाय से बिछोह सहन नहीं कर पा रहा था।(*)

4. गाय घोसी के साथ क्यों नहीं जाना चाहती थी?
(क) गाय हीरासिंह और उसके परिवार से अलग नहीं होना चाहती थी।
(ख) गाय को भय था कि घोसी उसे स्नेह से नहीं पालेगा।
(ग) गाय को अपने गाँव के सभी लोगों की याद आ रही थी।
(घ) गाय बीमार थी और चल नहीं पा रही थी।
उत्तर देखें(क) गाय हीरासिंह और उसके परिवार से अलग नहीं होना चाहती थी।(*)

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सोचिए और लिखिए

1. हीरासिंह गाय को बेचने से क्यों डर रहा था?
उत्तर देखेंहीरासिंह इसलिए डर रहा था क्योंकि सुंदरिया उनके परिवार का एक अंग बन चुकी थी। उसका बेटा जवाहरसिंह उसे ‘मौसी’ कहकर बुलाता था और सबको उससे बहुत प्यार था। उसे बेचना परिवार के एक सदस्य को बेचने जैसा था।

2. सेठ हीरासिंह की गाय को देखकर क्यों प्रसन्‍न हुआ?
उत्तर देखेंसेठ प्रसन्न इसलिए हुआ क्योंकि सुंदरिया देखने में बहुत सुंदर, स्वस्थ और ताकतवर थी। हीरासिंह ने उसके बारे में बताया था कि वह बहुत ज्यादा दूध देती है और जब सेठ ने उसे अपनी आँखों से देखा तो उसे विश्वास हो गया कि यह गाय वाकई बहुत अच्छी है।

3.“तुमने मुझे धोखे में क्यों रखा?” सेठ ने हीरासिंह से ऐसा क्यों कहा?
उत्तर देखेंसेठ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सुंदरिया अब उतना दूध नहीं दे रही थी जितना हीरासिंह ने बताया था। सेठ को लगा कि हीरासिंह ने उसे झूठ बोलकर गाय के बारे में गलत जानकारी देकर धोखा दिया है।

4. सेठ के कुछ कहने से पहले ही हीरासिंह गाय को लेकर क्यों चल दिया?
उत्तर देखेंहीरासिंह ने देख लिया था कि सुंदरिया बिना उसके और उसके परिवार के रहकर दुखी है और दूध भी नहीं दे रही है। उसने समझ लिया था कि पैसों से ज्यादा जरूरी उनका रिश्ता है। इसलिए, वह सेठ से बहस करने के बजाय सीधे सुंदरिया को वापस घर ले जाने के लिए चल पड़ा।

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सुंदरिया और हीरासिंह

1. कहानी में सुंदरिया की बहुत-सी विशेषताओ का पता चलता है। उन विशेषताओ को नीचे लिखिए। आपकी सुविधा के लिए एक उदाहरण दिया जा रहा है —
वह बहुत आकर्षक है।
…………………..
…………………..
…………………..
…………………..
…………………..
उत्तर देखें• वह बहुत आकर्षक है।
• वह डील-डौल में काफी बड़ी और सुंदर थी।
• वह बहुत अधिक दूध देती थी (पंद्रह सेर से भी ज्यादा)।
• वह बहुत समझदार और भावनाओं को समझने वाली थी।
• वह हीरासिंह के परिवार से बहुत प्यार करती थी और उनसे बिछड़ना नहीं चाहती थी।

2. अब आप हीरासिहं की विशेषताओ को अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर देखेंहीरासिंह एक गरीब लेकिन “ईमानदार” आदमी था। वह एक “प्यार करने वाला पिता” और “पशुपालक” था जो सुंदरिया को अपने परिवार का हिस्सा मानता था। वह “मेहनती” था और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए दिल्ली तक नौकरी करने आया। वह “भावुक” इंसान था, जो पैसों से ज्यादा अपने पशु के प्यार को महत्व देता था।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 के समझ और अनुभव के आधार पर प्रश्न

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समझ और अनुभव

1. क्या आपको लगता है की पशु-पक्षी भी हमारी भावनाएँ समझते हैं? अनुभव साझा कीजिये।
उत्तर देखेंहाँ, मुझे लगता है कि पशु-पक्षी हमारी भावनाएँ समझते हैं। मेरे घर में एक कुत्ता है, जब मैं उदास होता हूँ तो वह मेरे पास आकर बैठ जाता है और मेरा हाथ और चेहरा चाटने लगता है। जब मैं खुश होता हूँ तो वह भी खुश होकर पूँछ हिलाने लगता है।

2. जवाहरसिहं सुंदरिया को मौसी कहकर क्यों संबोधित करता होगा?
उत्तर देखेंजवाहरसिंह सुंदरिया को मौसी इसलिए कहता होगा क्योंकि वह उसे अपनी परिवार की तरह मानता था। वैसे भी गाय को हिंदी अपनी माँ की तरह से देखते हैं। गाय उसके लिए सिर्फ एक पशु नहीं बल्कि एक सदस्य की तरह थी।

3. हम दखेते हैं कि नगरों में बड़े पशओु (गाय, भसैं , ऊँट आदि ) को पालतू बनाने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। आपको इसके क्या कारण लगते हैं?
उत्तर देखेंशहरों में जगह की कमी होती है, बड़े पशुओं के रहने और चरने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती। उन्हें रखने और खिलाने में बहुत खर्चा आता है और शहरों में लोगों के पास समय की भी कमी होती है।

4. पशु-पक्षी मनुष्य की तरह बोल तो नहीं पाते परंतु वे भी आपस में अपनी बातें करते होंगे। क्‍या आप इस बात से सहमत हैं? अपने उधार के लिए उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर देखेंहाँ, मैं सहमत हूँ। पशु-पक्षी आवाज़ों और इशारों से बात करते हैं। जैसे चिड़ियाँ अलग-अलग आवाज़ें निकालकर एक-दूसरे को खतरे का संकेत देती हैं या बुलाती हैं।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 के अनुमान और कल्पना के आधार पर प्रश्न

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अनुमान और कल्पना

1. गाय का नाम ‘सुंदरिया’ किसने एवं क्यों रखा होगा?
उत्तर देखेंशायद हीरासिंह या जवाहरसिंह ने रखा होगा क्योंकि वह गाय बहुत सुंदर और आकर्षक थी।

2. हीरासिहं के घर से सुंदरिया की विदाई के दृश्य की कल्पना कीजिए।
उत्तर देखेंजब हीरासिंह सुंदरिया को लेने आया तो जवाहरसिंह बहुत रोया होगा। सुंदरिया भी जाने को तैयार नहीं थी और सबको चाट रही थी। पूरा परिवार दुखी था।

3. सुंदरिया को वापस घर लेकर जाते हुए हीरासिहं को कैसा लग रहा होगा एवं क्यों?
उत्तर देखेंहीरासिंह बहुत खुश और संतुष्ट महसूस कर रहा होगा क्योंकि उसकी प्यारी गाय अब उसके साथ वापस घर आ रही थी जैसे घर का कोई सदस्य बहुत दिनों बाद लौटा हो। उसे अपने फैसले पर शांति मिल रही होगी।

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भाषा की बात

1. नीचे दिए गए मुहावरों का प्रयोग कहानी में किया गया है। कहानी में इन्हें ढूँढिए और इनके अर्थ लिखकर अपनी लेखन-पुस्तिका में वाक्य बनाइए —
• लाज से गड़ जाना
• दूध देने में कामधेनु
• जी भर जाना
• एकटक देखना
• आँख लगना
उत्तर देखें• लाज से गड़ जाना: शर्मिंदा होना – सेठ के सामने सच बोलने में हीरासिंह लाज से गड़ गया
• दूध देने में कामधेनु: बहुत दूध देने वाली – सुंदरिया दूध देने में कामधेनु थी
• जी भर जाना: दुखी होना – गाय को बेचकर हीरासिंह का जी भर गया
• एकटक देखना: लगातार देखना – हीरासिंह गाय को एकटक देखता रहा
• आँख लगना: नींद आना – रात में उसकी आँख लग गई

2. नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं। वाक्यों में रेखांकित शब्द से मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द चुनकर वाक्‍य पुनः लिखिए —
(क) सुंदरिया की सुंदरता से कई लोगों को जलन होती थी। (प्रसन्नता/ईर्ष्या)
(ख) वहाँ की गायें अच्छी होती हैं। एक गाय का बंदोबस्त कर दो।(प्रबंध/संकेत)
(ग) सुंदरिया मेरी “रुसवाई” क्यों कराती हैं? (प्रशंसा/अपमान)
(घ) सुंदरिया को दखे कर हीरासिहं विहवल हो उठा। (भावकु /प्रसन्न)
(ङ) आप मुझसे जितने महीने चाहें, कसकर चाकरी करवाएँ। (नौकरी/बागवानी)
उत्तर देखें(क) सुंदरिया की सुंदरता से कई लोगों को ईर्ष्या होती थी।
(ख) वहाँ की गायें अच्छी होती हैं। एक गाय का प्रबंध कर दो।
(ग) सुंदरिया मेरी अपमान क्यों कराती है?
(घ) सुंदरिया को देखकर हीरासिंह भावुक हो उठा।
(ङ) आप मुझसे जितने महीने चाहें, कसकर नौकरी करवाएँ।

3. कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ आया? अपने विचार समूह में साझा कीजिए —
(क) रुपए तो ले लिए लेकिन हीरासिहं का जी भरा जा रहा था।
उत्तर देखेंहीरासिंह ने पैसे तो ले लिए पर उसका मन बहुत दुखी था।

(ख) गाय की नौकरी पर मुझे लगा दीजिए। चाहे तनख्वाह कम कर दीजिए।
उत्तर देखेंहीरासिंह गाय की देखभाल की नौकरी करना चाहता था, तनख्वाह कम भी हो तो चलेगी।

(ग) गाय ने उसकी ओर देखा। जैसे पूछना चाहती थी — “क्या सचमुच ही इसके साथ चली जाऊँ?”
उत्तर देखेंगाय ने हीरासिंह की तरफ देखा मानो पूछ रही हो कि क्या वह सचमुच सेठ के साथ चले।

(घ) फिर गाय के गले पर सिर रखकर बोला — “सुंदरिया, देख … मेरी ओछी मत करा। मैं दूर हूँ तो क्या ! इसमें मुझे सुख है?”
उत्तर देखेंहीरासिंह ने गाय से कहा कि वह उसका अपमान न करे, दूर रहकर भी उसे दुख ही हो रहा है।

4. रेखांकित शब्द किसके लिए प्रयोग किए गए हैं? पहचानकर लिखिए —
(क) उसे एक सेठ के यहाँ चौकीदार की नौकरी मिल गई। — हीरासिंह के लिए
(ख) उसे देखकर लोगों को ईर्ष्या होती थी। — ………….
(ग) वह कैसे बताए कि सुंदरिया उसके परिवार का अगं हैं। — ………….
(घ) सचमुच वैसी संदुर, स्वस्थ गाय उन्होंने अब तक न देखी थी। — ………….
(ङ) गाय उसके साथ जाना ही नहीं चाहती थी। — ………….
उत्तर देखें(क) “उसे” एक सेठ के यहाँ चौकीदार की नौकरी मिल गई। — हीरासिंह के लिए
(ख) उसे देखकर लोगों को ईर्ष्या होती थी। — “सुंदरिया” के लिए
(ग) वह कैसे बताए कि सुंदरिया उसके परिवार का अगं हैं। — “हीरासिंह” के लिए
(घ) सचमुच वैसी संदुर, स्वस्थ गाय उन्होंने अब तक न देखी थी। — “सेठ” के लिए
(ङ) गाय उसके साथ जाना ही नहीं चाहती थी। — “घोसी” के लिए

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पाठ से आगे

1. नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। इनको देखते हुए अपने समूह में चर्चा कर यह सुझाइए कि हम पशु-पक्षियों के लिए क्या -क्या कर सकते हैं। आप इनके अति रिक्‍त भी कुछ और बिंदु जोड़ सकते हैं।
उत्तर देखें• उन्हें साफ पानी और खाना दें।
• उनके रहने की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
• उन्हें प्यार से रखें और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें।
• बीमार होने पर डॉक्टर को दिखाएँ।
• उनके बच्चों की देखभाल करें।

2. आपके घर में दूध कहाँ से आता है? यह भी पता कीजिए कि किन-किन पशुओं का दूध पीने के लिए उपयोग किया जाता है।
उत्तर देखेंहमारे घर में दूध दूधवाला रोज़ सुबह दूध देकर जाता है। वह दूध पास की डेयरी से लाता है। दूध देने वाले पशुओं में गाय, भैंस, बकरी और ऊँटनी प्रमुख हैं। कुछ जगहों पर भेड़ और याक का दूध भी पिया जाता है।

3. किसी गौशाला अथवा दुग्ध उत्पाद न केंद्र (डेयरी फार्म) का भ्रमण कर पता कीजिए कि पशुओं का लालन-पालन कैसे किया जाता है। आप इस गतिविधि में शिक्षकों एवं अभिभावकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर देखेंडेयरी फार्म में पशुओं की देखभाल बहुत अच्छी तरह की जाती है। वहाँ उन्हें:
• साफ़ और हवादार बाड़ों में रखा जाता है।
• पौष्टिक चारा और हरा घास दिया जाता है।
• समय-समय पर डॉक्टर उनकी जाँच करते हैं।
• उन्हें नहलाया जाता है और उनके रहने की जगह साफ़ रखी जाती है।
• दूध निकालने से पहले और बाद में उन्हें अच्छी तरह साफ़ किया जाता है।

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कल्पना की उड़ान

सेठ के घर से लौटकर जाते हुए हीरासिंह सुंदरिया को बहुत प्यार करता है, उसको सहलाता है एवं उससे बातें करता है। यदि सुंदरिया भी बोल सकती तो कल्‍पना कीजिए कि सुंदरिया और हीरासिंह के बीच क्या बातचीत होती।
उत्तर देखेंअगर सुंदरिया बोल सकती तो शायद वह हीरासिंह से कुछ ऐसा कहती:
सुंदरिया: “हीरा, तुम मुझे छोड़कर क्यों चले गए थे? मैं तुम्हें बहुत याद कर रही थी।”
हीरासिंह: “सुंदरिया, मैं तुम्हें छोड़ना नहीं चाहता था, लेकिन गरीबी के कारण मुझे तुम्हें बेचना पड़ा। माफ़ करना।”
सुंदरिया: “कोई बात नहीं, लेकिन अब कभी मुझे अपने से अलग मत करना। मैं तुम्हारे बिना दूध भी नहीं दे पा रही थी।”
हीरासिंह: “अब नहीं, अब हम हमेशा साथ रहेंगे। तुम मेरी परिवार की हो।”
सुंदरिया: “धन्यवाद, हीरा! अब मैं फिर से खुशी-खुशी दूध दूँगी।”
इस तरह दोनों का प्यार और विश्वास फिर से मज़बूत हो जाता।

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नाटक-मंचन

आपने ‘सुंदरिया’ कहानी पढ़ी । इस कहानी को नाटक के रूप में बदलकर कक्षा में अपने समहू के साथ नाटक-मंचन कीजिए।
उत्तर देखेंनाटक : सुंदरिया
पात्र:
1. हीरासिंह (एक गरीब किसान)
2. जवाहरसिंह (हीरासिंह का बेटा)
3. सेठ जी (दिल्ली का एक धनी व्यापारी)
4. घोसी (गाय का देखभाल करने वाला)
5. सुंदरिया (गाय) (भूमिका एक छात्र निभाएगा)
6. कथावाचक
दृश्य 1: हीरासिंह का घर (गाँव में)
• (हीरासिंह और जवाहरसिंह बैठे हैं। सुंदरिया खड़ी है।)
• कथावाचक: हरियाणा के एक गाँव में हीरासिंह नाम का एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक सुंदर गाय थी, जिसका नाम सुंदरिया था। पर गरीबी के कारण उसे गाय का चारा जुटाना मुश्किल हो रहा था।
• हीरासिंह: (चिंतित होकर) जवाहर, अब मैं सुंदरिया को कैसे पालूँ? खाने-पीने का भी इंतजाम नहीं है।
• जवाहरसिंह: (गले लगाकर) पिताजी, सुंदरिया तो हमारी मौसी है। इसे मत बेचना।
• हीरासिंह: (आँखें पोंछते हुए) ठीक है बेटा, मैं इसे नहीं बेचूँगा। मैं दिल्ली जाकर नौकरी ढूँढता हूँ।
दृश्य 2: सेठ का घर (दिल्ली में)
• (हीरासिंह सेठ के यहाँ चौकीदार की नौकरी करता है।)
• सेठ जी: हीरासिंह, तुम हरियाणा के हो न? वहाँ तो अच्छी गायें मिलती हैं। मेरे लिए एक गाय का इंतजाम कर दो।
• हीरासिंह: (हिचकिचाते हुए) सेठ जी, मेरे पास एक गाय है… सुंदरिया… वो बहुत दूध देती है।
• सेठ जी: (खुश होकर) अच्छा! तुम्हारी गाय है? ठीक है, मैं तुम्हें दो सौ पाँच रुपए दूंगा।
• हीरासिंह: (दुखी मन से) ठीक है सेठ जी।
दृश्य 3: गाय की बिक्री
• (हीरासिंह सुंदरिया को लेकर आता है। सेठ खुश होता है।)
• सेठ जी: वाह! क्या सुंदर गाय है! इसे घोसी को सौंप दो।
• हीरासिंह: (गाय को सहलाते हुए) सुंदरिया, अब तुम यहाँ रहोगी।
• सुंदरिया: (मुँह ऊपर उठाकर) मूँ-मूँ (मानो कह रही हो – मैं तुम्हारे साथ जाना चाहती हूँ)
• हीरासिंह: (आँखें भर आती हैं) माफ करना सुंदरिया।
दृश्य 4: गाय का दुख
• (अगले दिन सेठ नाराज़ होता है।)
• सेठ जी: हीरासिंह! यह गाय तो दूध ही नहीं दे रही! तुमने मुझे धोखा दिया!
• हीरासिंह: सेठ जी, मैंने खुद इसे दुहा था। इसे शायद मेरी याद आ रही है।
• सुंदरिया: (रात में हीरासिंह के कमरे के बाहर खड़ी होकर) मूँ-मूँ (माफी माँगती हुई)
• हीरासिंह: (दरवाजा खोलकर) सुंदरिया! तुम यहाँ कैसे आई? चल, तुझे वापस गाँव ले चलता हूँ।
दृश्य 5: वापसी
• (हीरासिंह सेठ से कहता है।)
• हीरासिंह: सेठ जी, मैं आपके पैसे कमाकर चुका दूँगा, पर सुंदरिया को मैं वापस ले जाऊँगा।
• सेठ जी: (थोड़ा नरम पड़कर) ठीक है हीरासिंह, तुम ईमानदार हो।
• (हीरासिंह सुंदरिया को लेकर गाँव की ओर चल देता है।)
• कथावाचक: इस तरह हीरासिंह और सुंदरिया की मोहब्बत की कहानी सबको सिखाती है कि जानवरों से भी प्यार करो, वो भी हमारी भावनाएँ समझते हैं।
नाटक का अंत
(सभी पात्र मंच पर आकर झुककर अभिवादन करते हैं।)

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बूझो पहेली

राग सुरीला रंग से काली,
सबके मन को भाती।
बैठ पेड़ की डाली पर जो,
मीठे गीत सुनाती।
उत्तर देखेंकोयल

जल-थल दोनों में है रहता,
धीमी जिसकी चाल।
खतरा पाकर सिमट जाए झट,
बन जाता खुद ढाल।
उत्तर देखेंकछुआ

लकड़ी का एक ऐसा घर,
जो है जल में चलता।
सबको अपने साथ बिठाकर,
पार सभी को करता।
उत्तर देखेंनाव

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पुस्तकालय एवं अन्य स्रोत

इस पाठ में दूध की मात्रा को ‘सेर’ द्वारा दर्शाया गया है जो मापन की एक प्राचीन भारतीय इकाई थी। इसी प्रकार वस्तुओं की मात्रा के मापन की और भी प्राचीन भारतीय इकाइयाँ प्रचलित थीं। आप पुस्तकालय से मापन से संबंधित पुस्तकें ढूँढ़कर मापन की अन्य प्राचीन भारतीय इकाइयों का पता लगाइए। इसके लिए आप अपने शिक्षक और अभिभावक की भी सहायता ले सकते हैं। कक्षा में सहपाठियों के साथ इसे साझा कीजिए।
उत्तर देखें1. लम्बाई के लिए:
• अंगुल: यह एक उंगली की चौड़ाई के बराबर होता था।
• वितस्ति: यह तर्जनी अंगूठे से दूर तक फैले हाथ की दूरी थी, लगभग 12 अंगुल।
• हाथ या बित्ता: कोहनी से उंगली के सिरे तक की लम्बाई। आज भी कपड़ा मापने के लिए ‘हाथ’ का प्रयोग होता है।
• गज: दोनों हाथ फैलाकर हाथों के बीच की दूरी, लगभग 3 हाथ के बराबर।
• कोस या कोश: लम्बी दूरी मापने की इकाई, जैसे एक गाँव से दूसरे गाँव की दूरी। लगभग 2-2.5 किलोमीटर के बराबर।
2. वजन के लिए:
• रत्ती: एक छोटे लाल-काले बीज (गुंजा) का वजन। यह बहुत हल्की चीज़ें मापने के काम आता था।
• माशा: 8 रत्ती के बराबर।
• तोला: 12 माशा के बराबर। आज भी सोना-चांदी मापने में ‘तोला’ शब्द सुनने को मिलता है।
• सेर: 80 तोला के बराबर। कहानी में दूध मापने के लिए इसी का इस्तेमाल हुआ है! लगभग 900 ग्राम से 1 किलोग्राम के बराबर।
• मन: 40 सेर के बराबर।
3. तरल पदार्थ के लिए:
• छटांक: लगभग 60 मिलीलीटर के बराबर।
• पाव: 4 छटांक के बराबर। (लगभग 250 मिलीलीटर)
• सेर: 16 छटांक के बराबर। (लगभग 1 लीटर) है ना दिलचस्प? वजन और तरल, दोनों के लिए ‘सेर’ शब्द प्रयोग होता था!

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भूल-भुलैया

जवाहरसिंह ने सुंदरिया के बारे में जानने के लिए अपने पिता हीरासिंह को पत्र लिखा है महिला डाकिया उस पत्र को हीरासिंह तक पहुँचाना चाहती है। आपको इस पहेली को हल करते हुए उसे बाहर निकालना है ताकि वह हीरासिंह तक पहुँच सके।
→ बाएँ से दाएँ का सूचक
1. हीरासिंह कहाँ रहता था?
3. जवाहरसिंह सुंदरिया को क्या कहा करता था?
4. सेठ के यहाँ हीरासिंह को कौन-सी नौकरी मिली?
7. दूध से क्या बनता है?
8. सुंदरिया ने स्वयं को क्या कहा?
9. सुंदरिया सेठ को दिखने में कैसी लगी?
10. हीरासिंह कैसा व्यि‍क्त था?
↓ ऊपर से नीचे का सूचक
2. गाय का नाम क्या था?
5. मापन की एक प्राचीन इकाई।
6. सुंदरिया को क्या कहा गया है?
11. ‘दार’ प्रत्यय से एक शब्द बनाइए।
12. ‘सिपुर्द’ का अर्थ क्या है?
उत्तर देखें→ बाएँ से दाएँ का सूचक, ↓ ऊपर से नीचे का सूचक
1. हरयाणा →
2. सुंदरिया ↓
3. मौसी →
4. चौकीदार →
5. सेर ↓
6. कामधेनु ↓
7. मक्खन →
8. दुखिया →
9. सुंदर →
10. ईमानदार →
11. समझदार ↓
12. सौपना ↓

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 5 का सारांश

हरियाणा के गाँव में रहने वाला गरीब किसान हीरासिंह अपनी पत्नी-बच्चों और सुंदरिया गाय की परवरिश में कठिनाई महसूस करता है। गरीबी के कारण वह उसे बेचने के बारे में सोचता है, लेकिन बड़ा बेटा जवाहरसिंह गाय को “मौसी” कहकर पुकारता है, इसलिए वह बेचने में हिचकिचाता है।
रोजगार के लिए वह दिल्ली जाता है और सेठ के यहाँ चौकीदार की नौकरी पा लेता है। सेठ के कहने पर वह मजबूरी में सुंदरिया को बेच देता है, ताकि उसकी आँखों के सामने ही रहे। लेकिन गाय के मन में अपने मालिक के लिए गहरी ममता होती है, इसलिए वह नए लोगों के सामने दूध नहीं देती।
हीरासिंह जब उसे पुकारता है, तभी वह भरपूर दूध देती है। धीरे-धीरे सेठ को समझ आ जाता है कि गाय अपने असली मालिक से ही जुड़ी हुई है। अंततः हीरासिंह आँसुओं से भरा मन लेकर सुंदरिया को वापस गाँव ले जाता है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 5 से सीख

यह कहानी इंसान और पशु के गहरे भावनात्मक रिश्ते को उजागर करती है। सुंदरिया केवल गाय नहीं, बल्कि हीरासिंह और उसके परिवार का एक सदस्य थी। यह हमें बताती है कि पशु भी प्रेम और स्नेह को समझते हैं, और उनका लगाव केवल चारे या पैसे से नहीं, बल्कि अपनत्व से जुड़ा होता है।