एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 साङकेन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 साङकेन सत्र 2025-26 के अनुसार संशोधित रूप में छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इसमें अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति और वहाँ के प्रमुख त्योहार का वर्णन है। इस अध्याय में वल्लरी अपने मित्र चाऊतान के घर जाती है और गाँव में मनाए जा रहे साङकेन उत्सव को देखती है। लोग भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ शोभायात्रा से मंदिर लाते हैं, पूजा करते हैं और एक-दूसरे पर पानी डालकर खुशी मनाते हैं। यह त्यौहार नया वर्ष आरंभ होने का प्रतीक माना जाता है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 4 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

साङकेन कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 के प्रश्न उत्तर

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बातचीत के लिए

1. त्योहारों पर घरों में कई प्रकार की मिठाईयां और नमकीन बनाई जाती हैं। आपको कौन-सी मिठाईयां और नमकीन अच्छी लगती हैं? वे किस त्योहार पर बनाई जाती हैं?
उत्तर देखेंमुझे गुजिया और जलेबी बहुत अच्छी लगती हैं। गुजिया होली के त्योहार पर बनाई जाती है और जलेबी दीवाली पर। नमकीन में मुझे मठरी और नमकपारे बहुत पसंद हैं, जो दीवाली और दशहरे पर बनते हैं।

2. आप कौन-से त्यो हार मनाते हैं? उनमें और साङकेन में कौन-कौन सी समानताएँ हैं?
उत्तर देखेंमैं होली, दीवाली, ईद और क्रिसमस मनाता हूँ। साङकेन और होली में बहुत समानता है। होली की तरह साङकेन पर भी लोग एक-दूसरे पर पानी और रंग डालते हैं, गाना-बजाना होता है और सब मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। दोनों ही त्योहार नए साल की शुरुआत का प्रतीक हैं।

3. हमारे देश में अनेक अवसरों पर शोभायात्राएँ (जुलूस) निकाली जाती हैं। आपने कौन-कौन सी शोभायात्राएँ देखी हैं? उनके बारे में अपने अनुभव बताइए।
उत्तर देखेंमैंने गणेशोत्सव और दशहरे की शोभायात्राएँ देखी हैं। गणेशोत्सव में भगवान गणेश की बहुत बड़ी और सुंदर मूर्ति को बैंड-बाजे के साथ निकाला जाता है और सब लोग नाचते-गाते हैं। दशहरे में रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले बनाए जाते हैं और उन्हें जलाया जाता है। यह बहुत रोमांचक और मजेदार होता है।

4. आप नया वर्ष कब और कैसे मनाते हैं?
उत्तर देखेंहमारा नया वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से शुरू होता है। इस दिन हम सुबह-सुबह स्नान करते हैं और सूर्य भगवान को अर्घ्य चढ़ाते हैं। घरों में तिल और गुड़ की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाई जाती हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मिठाई बाँटते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। इस तरह हम खुशी और उत्साह के साथ नया वर्ष मनाते हैं।

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पाठ से

प्रश्नों के उपयुक्‍ त उत्तर के सामने तारे का चिह्न (✶) बनाइए —
1. साङकेन क्यों मनाया जाता है?
(क) दीपावली पर्व के कारण
(ख) नव वर्ष प्रारंभ होने के उपलक्ष्य में
(ग) नए मदिंर के उदघाटन की प्रसन्नता में
(घ) बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर
उत्तर देखें(ख) नव वर्ष प्रारंभ होने के उपलक्ष्य में (✶)

2. भगवान बुद्ध का मंदिर कहाँ बना हुआ था?
(क) चिकित्सा लय के पास
(ख) सरोवर के किनारे
(ग) नदी के किनारे
(घ) समुद्र के किनारे
उत्तर देखें(ग) नदी के किनारे (✶)

3. लोग बहुत देर तक एक-दूसरे पर पानी डालते रहे क्योंकि —
(क) उन्हें गरमी लग रही थी।
(ख) वे स्नान कर रहे थे।
(ग) वे गंदे हो गए थे।
(घ) वे साङकेन मना रहे थे।
उत्तर देखें(घ) वे साङकेन मना रहे थे। (✶)

4. “यहाँ के लोगों के मुखों पर सदैव मुस्कान बनी रहती है।” इस वाक्य का क्या अर्थ है?
(क) यहाँ के लोग सदैव प्रसन्न रहते हैं।
(ख) यहाँ के लोग सदैव प्रसन्न रहने का अभि नय करते हैं।
(ग) यहाँ के लोगों को खेलना-कूदना अच्छा लगता है।
(घ) यहाँ के लोगों को नाचना-गाना अच्छा लगता है।
उत्तर देखें(क) यहाँ के लोग सदैव प्रसन्न रहते हैं। (✶)

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पाठ से

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए —
(क) साङकेन का त्योहार मनाते समय वल्लरी को होली की याद क्यों आई?
उत्तर देखेंसाङकेन के त्योहार पर लोग एक-दूसरे पर पानी की बाल्टियाँ उड़ेल रहे थे और चेहरों पर चावल का आटा लगा रहे थे। यह देखकर वल्लरी को अपने घर पर मनाई जाने वाली होली की याद आ गई, क्योंकि होली पर भी लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और गुलाल लगाते हैं।

(ख) वल्लरी को चौखाम और दिल्ली में क्या अंतर लगा?
उत्तर देखेंवल्लरी को चौखाम और दिल्ली में बहुत अंतर लगा। दिल्ली में भीड़भाड़ वाली सड़कें, हॉर्न बजाती कारें और लंबी-लंबी कतारें थीं, जबकि चौखाम का वातावरण शांत और खुला था। वहाँ चारों तरफ हरियाली और फूल ही फूल थे। लोगों के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी।

(ग) मंदिर की सजावट कैसे की गई थी?
उत्तर देखेंमंदिर की दीवारें बाँस और बाँस की खपच्चियों से बनी हुई थीं। बीच-बीच में पेड़ों की हरी-भरी टहनियाँ लगाई गई थीं और उन पर रंग-बिरंगे फूल सजा दिए गए थे। मंदिर बहुत सादा और सुंदर था।

(घ) आपको कौन-कौन आशीर्वाद देते हैं? वे क्या आशीर्वाद देते हैं?
उत्तर देखेंमुझे मेरे माता-पिता, दादा-दादी और गुरुजन आशीर्वाद देते हैं। वे कहते हैं: “सदा खुश रहो”, “पढ़ाई में मन लगो”, “स्वस्थ रहो” और “हमेशा अच्छे काम करो”।

2. नीचे पाठ की कुछ पंक्तियों के भावार्थ दिए गए हैं। उदाहरण के अनुसार पाठ की उन पंक्तियों को लिखिए जो दिए गए भावार्थ पर आधारित हैं —

भावार्थपाठ की पंक्तियाँ
शोभायात्रा में लोग बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे थे।शोभायात्रा में सब लोग नाचते-गाते हुए जा रहे थे। लोगों में बहुत उत्साह था।
मदिंर संदुर सजा था।
ऐसा लगता हैं कि लोग होली का त्योहार मना रहे हैं
त्योहारों में सब एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं।

उत्तर:

भावार्थपाठ की पंक्तियाँ
शोभायात्रा में लोग बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे थे।शोभायात्रा में सब लोग नाचते-गाते हुए जा रहे थे। लोगों में बहुत उत्साह था।
मदिंर संदुर सजा था।बीच-बीच में पेड़ों की हरी-भरी टहनियाँ लगाई गई थीं और खोंस-खोंसकर उन पर रंग-बिरंगे फूल सजा दिए गए थे।
ऐसा लगता हैं कि लोग होली का त्योहार मना रहे हैं“चाऊतान भाई, लगता है कि लोग होली का त्योहार मना रहे हैं।”
त्योहारों में सब एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं।“होली के दूसरे दिन लोग एक-दूसरे से मिलने जाते हैं।”

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भाषा की बात

1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के समानार्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी लेखन-पुस्तिका में वाक्यों को पुनः लिखिए —
(क) एक दिन वल्लरी को उसके मित्र चाऊतान ने अपने घर बुलाया।
(ख) हमारे गाँव के लोगों ने नदी के किनारे एक मंदिर बनाया है।
(ग) बीच-बीच में पेड़ों की हरी-भरी टहनियाँ सजाई गई थीं।
(घ) आज हमारे यहाँ साङकेन का त्योहार है।
उत्तर देखें(क) एक दिन वल्लरी को उसके सहेली चाऊतान ने अपने निवास बुलाया।
(ख) हमारे ग्राम के लोगों ने सरिता के तट पर एक मंदिर बनाया है।
(ग) बीच-बीच में वृक्षों की हरी-भरी डालियाँ सजाई गई थीं।
(घ) आज हमारे यहाँ साङकेन का पर्व है।

2. दिए गए उदाहरण को समझकर वाक्यों को पूरा कीजिए —
(क) जहाँ देखो हरियाली ही हरियाली और फूल ही फूल!
(ख) मैं समुद्र के किनारे गई, जहाँ देखो ………….. पानी!
(ग) मेरा गाँव केरल में है; जहाँ देखो नारियल के पेड़ ……………. !
(घ) मुंबई में जिधर देखों ……………… !
(ङ) ……….. की दुकान में जहाँ देखो ……….. !
उत्तर देखें(क) जहाँ देखो हरियाली ही हरियाली और “फूल ही फूल!”
(ख) मैं समुद्र के किनारे गई, जहाँ देखो नीला ही नीला पानी!
(ग) मेरा गाँव केरल में है; जहाँ देखो नारियल के पेड़ ही पेड़!
(घ) मुंबई में जिधर देखो इमारतें ही इमारतें!
(ङ) मिठाई की दुकान में जहाँ देखो मिठाइयाँ ही मिठाइयाँ!

3. रेखांकित शब्दों के वचन बदल कर वाक्य पूरा कीजिए —
(क) शोभायात्रा में बड़ी मूर्ति की पालकी सबसे पीछे थी और छोटी मूर्तियों की ……… आगे थीं।
(ख) बाँस की खप्पच्चियाँ उधर रखी हैं, एक ……… मुझे दे दीजिए।
(ग) गंगा एक पवित्र नदी है। भारत में अनेक पवित्र ………. हैं।
(घ) मेरे जन्मदिन पर कई प्रकार की मिठाइयाँ थीं लेकिन मुझे रसगुल्ले की ……… सबसे अच्छी लगती है।
(ङ) सारी बाल्टियाँ पानी से भर गई हैं, केवल एक …….. बची है।
उत्तर देखें(क) शोभायात्रा में बड़ी मूर्ति की पालकी सबसे पीछे थी और छोटी मूर्तियों की “पालकियाँ” आगे थीं।
(ख) बाँस की खप्पच्चियाँ उधर रखी हैं, एक खपच्ची मुझे दे दीजिए।
(ग) गंगा एक पवित्र नदी है। भारत में अनेक पवित्र नदियाँ हैं।
(घ) मेरे जन्मदिन पर कई प्रकार की मिठाइयाँ थीं लेकिन मुझे रसगुल्ले की मिठाई सबसे अच्छी लगती है।
(ङ) सारी बालटियाँ पानी से भर गई हैं, केवल एक बाल्टी बची है।

4. जब किसी की बात ज्यों की त्यों लिखी जाती है तब एक चिह्न लगाया जाता है। इसे उद्धरण चिह्न कहते हैं। उदाहरण के लिए —
चाऊतान बोला, “आज से हमारा नया वर्ष आरंभ होता है।”
पाठ में आए ऐसे चार वाक्य खोजकर लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर देखें1. वल्लरी ने पूछा, “ये लोग कहाँ जा रहे हैं? बहुत प्रसन्न दिख रहे हैं।”
2. चाऊतान ने बताया, “अभी एक-दो दिन पहले ही हमारे गाँव के लोगों ने नदी के किनारे एक मंदिर बनाया है…”
3. वल्लरी के पिताजी ने पूछा, “क्या हम लोग भी शोभायात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं?”
4. चाऊतान बोला, “तुम्हें मालूम नहीं, आज हमारे यहाँ साङकेन का त्योहार है। आज से हमारा नया वर्ष आरंभ होता है।”

5. पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इन्हें हिंदी वर्णमाला के क्रम में लिखिए,
जैसे — कलम, खरगोश, गगन…
करेला, समय, मठ, तट, नमकीन, जल, वन, मटका
उत्तर देखेंकरेला, जल, तट, नमकीन, मटका, मठ, वन, समय

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 के पाठ से आगे के प्रश्न

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पाठ से आगे

1. आपके घर में त्योहारों के लिए कौन-कौन सी तैयारियाँ की जाती हैं?
उत्तर देखेंहमारे घर में त्योहारों के लिए घर की सफाई की जाती है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं, अच्छे-अच्छे पकवान और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और घर को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है।

2. आपके घर पर त्योहारों के समय कौन-कौन, क्या -क्या काम करता है? सूची बनाइए।
उत्तर देखेंत्योहारों के समय मेरे घर पर कामों की सूची:
माँ – स्वादिष्ट मिठाइयाँ और पकवान बनाती हैं।
पापा – घर की सफाई करते हैं और बाज़ार से सामान लाते हैं।
दादी – पूजा की थाली सजाती हैं और सबको आशीर्वाद देती हैं।
मैं – पापा की मदद करता हूँ और घर सजाने में हिस्सा लेता हूँ।
मेरी बहन/भाई – रंगोली बनाते हैं और घर सजाने में मदद करते हैं।

3. हमारे देश में लोग अनेक प्रकार से अभिवादन करते हैं। उदाहरण के लिए, ‘नमस्ते’ बोलकर। आपके राज्य में क्या बोलकर अभिवादन किया जाता है? एक सूची बनाइए —

राज्य/कें द्रशासित प्रदेशअभिवादन के लिए शब्द
दिल्लीनमस्कार
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इस कार्य के लिए आप अपने मित्रों , शिक्षकों और अभिभावकों की भी सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
मेरे राज्य में राम-राम या सीता-राम बोलकर अभिवादन किया जाता है।

राज्य/कें द्रशासित प्रदेशअभिवादन के लिए शब्द
दिल्लीनमस्कार / राम राम
पंजाबसत श्री अकाल
तमिलनाडुवनक्कम
पश्चिम बंगालनमस्कार
गुजरातजय श्री कृष्णा / केम छो

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सोचिए और लिखिए

1. इस पाठ में आपको सबसे अच्छा क्या लगा और क्यों?
उत्तर देखेंमुझे इस पाठ में शोभायात्रा का दृश्य सबसे अच्छा लगा क्योंकि इसमें लोग नाचते-गाते, मूर्तियों को पालकियों में ले जाते और सब बहुत खुश दिख रहे थे। यह बहुत रोमांचक लग रहा था।

2. नीचे दिए गए उदाहरण को देखकर आगे की कड़ी बनाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 चित्र 1

उत्तर:
दूध – दही – मथना – मक्खन/लस्सी
गन्ना – रस – उबालना – गुड़/शक्कर
चना – आटा – बेसन – पकौड़े/लड्डू
चावल – आटा – गूंथना/उबालना – पूरी/इडली

3. अपने मित्र को साङकेन के बारे में पूरे दिन का आँखों-देखा वर्णन अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखकर बताइए। आपकी सहायता के लिए कुछ मुख्य संकेत
बिंदु नीचे दिए गए हैं —
स्वागत, पकवान, शोभायात्रा, मूर्तियाँ, मंदिर, एक-दूसरे पर पानी डालना,
मिल-जुलकर खुशी मनाना, पालकी, बाँस की खप्पच्चियां, भगवान बुद्ध का
मंदिर, बौद्ध भिक्षु, होली, आशीर्वाद, घर, फूल
आप इन शब्दों के अतिरिक्‍त अन्य शब्दों की भी सहायता ले सकते हैं। ये शब्द आपकी अपनी भाषा से भी हो सकते हैं।
उत्तर देखेंप्रिय मित्र,
कल मैंने अरुणाचल प्रदेश के चौखाम में साङकेन का त्योहार देखा। यह उनका नया साल है। सबसे पहले हमें चाऊतान के घर जाने का “स्वागत” किया गया और स्वादिष्ट “पकवान” खिलाए गए। फिर हम एक “शोभायात्रा” में शामिल हुए। इसमें भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की सुंदर “मूर्तियाँ” थीं, जिन्हें “पालकी” में ले जाया जा रहा था। शोभायात्रा एक नए “मंदिर” तक पहुँची, जो “बाँस की खपच्चियों” से बना था और फूलों से सजा हुआ था। “बौद्ध भिक्षु” मंत्र पढ़ रहे थे।
फिर सबसे मजेदार हिस्सा आया! सब लोग “एक-दूसरे पर पानी डालने” लगे और चेहरों पर आटा मलने लगे, ठीक “होली” की तरह! हम सब “मिल-जुलकर खुशी” मनाने लगे। शाम को हम चाऊतान के रिश्तेदारों के “घर” गए, जहाँ उन्होंने हमें “आशीर्वाद” दिया। पूरा दिन बहुत ही अद्भुत था।
“तुम्हारा मित्र,”
[योगेश भंडारी]

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 4 की कलाकारी

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मेरी कलाकारी

यहाँ कुछ प्राणियों के चित्र दिए गए हैं जिन्हें सूखे पत्तों से बनाया गया है। इन प्राणियों को पहचानिए और पत्तों से किसी भी प्राणी की आकृति बनाकर नीचे दिए गए स्थान पर चिपकाइए।

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी पाठ 4

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पुस्तकालय से

नीचे दिए गए बिन्दुओ के आधार पर अरुणाचल प्रदशे के बारे में शिक्षकों और पुस्तकालय की सहायता से महत्वपूर्ण जानकारी जुटाइए।
राजधानी
पड़ोसी राज्य
भाषा
मुख्य फसल
त्योहार
नृत्य
परिधान
उत्तर देखेंअरुणाचल प्रदेश – महत्वपूर्ण जानकारी
राजधानी – ईटानगर
पड़ोसी राज्य – असम, नागालैंड, मणिपुर और मिज़ोरम (इसके अलावा यह चीन, भूटान और म्याँमार से भी सटा हुआ है)।
भाषा – यहाँ की मुख्य भाषाएँ हिंदी और अंग्रेज़ी हैं। इसके अलावा अलग-अलग जनजातियाँ अपनी-अपनी बोलियाँ बोलती हैं।
मुख्य फसल – चावल, मक्का, बाजरा, गेहूँ और गन्ना।
त्योहार – साङकेन, लोसार, मोपिन, सोलुंग आदि।
नृत्य – पोपिर नृत्य, पोनुंग नृत्य, वांगला नृत्य और जुडो नृत्य प्रसिद्ध हैं।
परिधान – यहाँ की महिलाएँ रंग-बिरंगे कपड़े और आभूषण पहनती हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में गाले कहा जाता है। पुरुष पारंपरिक धोती और शॉल जैसे कपड़े पहनते हैं।

बूझो पहेली

ज्योति को उसके जन्मदिन पर मिठाई बनाने के लिए उसकी माताजी ने दूधवाले भैया के पास 5 लीटर दूध लेने भेजा। दूधवाले भैया के पास दूध को मापने के दो ही बरतन थे — एक 4 लीटर का और दूसरा 3 लीटर का। दूधवाला कभी इस बरतन में, कभी उस बरतन में और कभी पतीले में दूध डाल रहा था। ज्योति ध्यानपूर्व क यह सब देख रही थी। उसे उत्सुकता भी थी कि आखिर वह 5 लीटर दूध कैसे दे सकेगा?
दूधवाले भैया ने उसे 5 लीटर दूध दे दिया जिसे लेकर वह घर आ गई। शाम को जन्मदिन के उत्सव पर उसने मित्रों को यह रोचक बात बताई और उनसे पूछा
कि बताओ दूधवाले ने उसे 5 लीटर दूध कैसे दिया होगा।
अब आप बताइए कि ज्योति ने अपने मित्रों को उत्तर में क्या बताया होगा?
उत्तर देखेंज्योति ने अपने मित्रों को बताया कि दूधवाले भैया ने यह किया:
1. सबसे पहले, उन्होंने 4 लीटर के बरतन को दूध से पूरा भर लिया और ज्योति को दे दिया।
2. फिर 4 लीटर दूध को 4 लीटर के बरतन में डाल दिया और उससे 3 लीटर वाले बर्तन को भर दिया।
3. अब 4 लीटर वाले बर्तन में केवल 1 लीटर दूध ही बचा जो उसे ज्योति को दे दिया।
इस तरह उसने पहले 4 लीटर और फिर 1 लीटर दूध देकर 5 लीटर पूरा कर दिया।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 4 का सारांश

इस कहानी में वल्लरी अपने पिताजी के साथ अरुणाचल प्रदेश के चौखाम शहर जाती है। वहाँ बहुत शांति और हरियाली है। एक दिन वह अपने दोस्त चाऊतान के घर जाती है। तभी वे देखते हैं कि गाँव में शोभायात्रा निकल रही है। लोग भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ पालकी में रखकर नए बने मंदिर में ले जा रहे थे।
मंदिर बाँस और फूलों से सजाया गया था। वहाँ भिक्षु मंत्र पढ़कर पूजा करते हैं। लोग एक-दूसरे पर पानी और चावल का आटा डालते हैं। यह देखकर वल्लरी को होली की याद आती है। चाऊतान बताता है कि यह उनका साङकेन त्योहार है और इसी से नया साल शुरू होता है।
तीन दिन तक यही त्योहार चलता है। लोग पकवान बनाते हैं, एक-दूसरे से मिलने जाते हैं और भिक्षुओं से आशीर्वाद लेते हैं। यह त्योहार बहुत ही मजेदार और खुशियों से भरा होता है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 4 के मुख्य बिंदु

मुख्य बातें
► वल्लरी के पिताजी चौखाम में अधिकारी हैं और परिवार को दिल्ली से बुला लेते हैं।
► दिल्ली की भीड़-भाड़ और चौखाम की शांति का अंतर बताया गया है।
► वल्लरी अपने मित्र चाऊतान के घर जाती है और वहाँ आतिथ्य सत्कार मिलता है।
► अचानक वे देखते हैं कि गाँव में शोभायात्रा निकल रही है जिसमें भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की मूर्तियाँ लाई जा रही हैं।
► मंदिर बाँस, टहनियों और फूलों से बहुत सादगी और सुंदरता से सजाया गया है।
► लोग जल चढ़ाकर मूर्तियों की पूजा करते हैं और एक-दूसरे पर पानी व चावल का आटा डालते हैं।
► यह त्यौहार साङकेन कहलाता है और इसी दिन नया वर्ष आरंभ होता है।
► साङकेन और होली के बीच समानता दिखाई गई है—दोनों में एक-दूसरे पर पानी/रंग डालना, पकवान बनाना और अतिथियों का स्वागत करना शामिल है।
► यह उत्सव तीन दिन तक चलता है और अंत में मूर्तियाँ वापस बौद्ध-विहार ले जाई जाती हैं।
► भिक्षु गाँव वालों को आशीर्वाद देते हैं—खेती-बाड़ी, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना के साथ।