एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 चाँद का कुरता

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 चाँद का कुरता सत्र 2025-26 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। इसमें कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने चाँद और उसकी मासूम इच्छाओं को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। इस कविता में चाँद अपनी माँ से जाड़े से बचने के लिए ऊन का झिंगोला सिलवाने की जिद करता है। लेकिन उसकी माँ बताती है कि चाँद का आकार रोज़ बदलता रहता है, इसलिए उसके लिए सही नाप का कुरता बनवाना संभव नहीं है।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 3 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

चाँद का कुरता कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर

पेज 24

बातचीत के लिए

1. आकाश आपको कब-कब बहुत सुंदर दिखाई देता है और क्यों?
उत्तर देखेंआकाश मुझे सुबह सूर्योदय के समय लालिमा से, शाम को सूर्यास्त की सुनहरी किरणों से, बरसात के बाद इंद्रधनुष से और रात को चाँद-तारों से बहुत सुंदर दिखाई देता है।

2. चाँद को ठंड लगती है इसलिए वह झिंगोला माँग रहा है। सूरज क्या कहकर अपनी माँ से कपड़े माँगेगा?
उत्तर देखेंसूरज कहेगा – “माँ, मुझे तो बहुत गर्मी लगती है। आप मुझे हल्के, पतले और सफेद रंग के कपड़े दो ताकि मैं सबको ठंडक पहुँचा सकूँ और खुद भी आराम महसूस कर सकूँ।”

3. आपने आकाश में क्या-क्या परिवर्तन होते देखे हैं?
उत्तर देखेंमैंने आकाश में सुबह-शाम रंगों का बदलना, दिन में नीला आकाश और सफेद बादल, बरसात में काले-घने बादल और बिजली, रात को चाँद-तारों का चमकना, अमावस्या और पूर्णिमा देखा है।

4. जब आप अपने अभिभावक के साथ नए कपड़े खरीदने जाते हैं तब किन-किन बातों का ध्यान रखते हैं?
उत्तर देखेंनए कपड़े खरीदते समय मैं और मेरे अभिभावक कपड़ों की आरामदायकता, सही नाप, मौसम के अनुसार होना, पसंदीदा रंग-डिज़ाइन, अच्छी गुणवत्ता और उचित कीमत सभी बातों पर ध्यान देते हैं।

पेज 24

कविता से

नीचे दिए गए प्रश् नों में चार विकल्प हैं। इनमें एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं। सही विकल्प पर चाँद का चित्र (🌙) बनाइए —
1. चाँद की माँ उसे झिंगोला क्यों नहीं दे पा रही है?
(क) चाँद के पास पहले से ही बहुत से झिंगोले हैं।
(ख) चाँद के शरीर का आकार घटता-बढ़ता रहता है।
(ग) चाँद अपने वस्‍त्र सँभालकर नहीं रखता है।
(घ) चाँद की माँ अभी कोई नया वस्‍त्र नहीं सिलवाना चाहती है।
उत्तर देखें(ख) चाँद के शरीर का आकार घटता-बढ़ता रहता है। 🌙
(क्योंकि कविता में माँ कहती है कि चाँद कभी छोटा होता है कभी बड़ा, इसलिए उसका नाप लेना मुश्किल है)

2. कविता में चाँद के बदलते आकार का वर्णन करने के लिए किन शब्दों का प्रयोग किया गया है?
(क) एक अंगुल-भर चौड़ा
(ख) एक फुट मोटा
(ग) किसी दिन बड़ा
(घ) किसी दिन छोटा
उत्तर देखें(क) एक अंगुल-भर चौड़ा 🌙
(ख) एक फुट मोटा 🌙
(ग) किसी दिन बड़ा 🌙
(घ) किसी दिन छोटा 🌙
(क्योंकि कविता में चाँद के सभी बदलते आकारों का ज़िक्र है)

3. कविता में ठंड के मौसम का वर्णन करने के लिए किन-किन शब्दों का प्रयोग किया गया है?
(क) ऊन का मोटा झिंगोला
(ख) सन-सन चलती हवा
(ग) ठिठुर-ठिठुरकर यात्रा
(घ) भाड़े का कुरता
उत्तर देखें(ख) सन-सन चलती हवा 🌙
(ग) ठिठुर-ठिठुरकर यात्रा 🌙
(क्योंकि ‘सन-सन’ हवा की आवाज़ है और ‘ठिठुरना’ ठंड से काँपने को कहते हैं। ऊन का झिंगोला और भाड़े का कुरता ठंड से बचने के उपाय हैं, ठंड का वर्णन नहीं)

पेज 25

सोचिए और लिखिए

1. कविता की किन पन्क्तियों से पता चलता है कि चाँद किसी एक दिन बिलकुल दिखाई नहीं देता है?
उत्तर देखें“नहीं किसी की भी आँखों को दिखलाई पड़ता है।” इस पंक्ति से पता चलता है कि चाँद किसी दिन बिल्कुल दिखाई नहीं देता।

2. सर्दी से बचने के लिए चाँद, माँ से ऊन के झिंगोले के अतिरिक्‍त और कौन-से कपड़े माँग सकता है?
उत्तर देखेंचाँद माँ से ये कपड़े भी माँग सकता है:
• एक मोटी टोपी
• दस्ताने (ग्लव्स)
• मोज़े
• एक लंबा कोट

3. जाड़े के मौसम में चाँद को क्या कठिनाई होती है?
उत्तर देखेंजाड़े के मौसम में चाँद को रात भर सन-सन चलती ठंडी हवा लगती है, जिससे वह ठिठुर-ठिठुर कर काँपता है और उसे बहुत ज्यादा ठंड लगती है।

4. चाँद किस यात्रा को पूरा करने की बात कर रहा है?
उत्तर देखेंचाँद आकाश में रात भर चक्कर लगाने की अपनी यात्रा की बात कर रहा है। वह पूरी रात आसमान में घूमता है।

पेज 25

अभिभावक और आप

जब नीचे दी गई बातें एवं घटनाएँ होती हैं तब आपके अभिभावक क्या-क्या कहते या करते हैं? अपने-अपने अनुभव कक्षा में साझा कीजिए।
😀 जब आप ठंडी रात में सोते समय अपने पैरों से कंबल या रजाई उतार फेंकते हैं।
उत्तर देखेंमेरी मम्मी रात में उठकर मेरे ऊपर फिर से कंबल ढँक देती हैं और कहती हैं, “बेटा, ढँक कर सोया करो, नहीं तो बीमार पड़ जाओगे।”

😀 जब आप ठंड में आइसक्रीम खाने का हठ करते हैं।
उत्तर देखेंमेरे पापा कहते हैं, “अभी नहीं, गर्मियों में खाना। ठंड लग जाएगी और गला खराब हो जाएगा।” कभी-कभी वे गर्म दूध पीने को दे देते हैं।

😀 जब आप दूध पीने, हरी सब्जियाँ और फल आदि खाने से कतराते हैं।
उत्तर देखेंमेरी दादी कहानी सुनाकर समझाती हैं, “यह सब खाओगे तो ताकत आएगी, चाँद की तरह चमकदार बनोगे।” मम्मी कहती हैं, “सब कुछ खाओ, नहीं तो मिठाई नहीं मिलेगी।”

😀 जब आप देर तक सोते हैं।
उत्तर देखेंमेरे पापा ज़ोर से कहते हैं, “उठो! स्कूल के लिए देर हो रही है।” और अगर छुट्टी का दिन है तो मम्मी कहती हैं, “ठीक है, आज सो लो, लेकिन नाश्ता ज़रूर समय पर करना।”

😀 जब कोई आपके घर आपकी शिकायत करने आता है।
उत्तर देखेंमेरे मम्मी-पापा पहले मेहमान की बात सुनते हैं, फिर मुझसे मेरी बात पूछते हैं। अगर मैं गलत हूँ तो मुझे समझाते हैं और माफ़ी माँगने को कहते हैं।

😀 जब आपके अच्छे कामों के लिए आपकी प्रशंसा होती है अथवा पुरस्कार मिलता है।
उत्तर देखेंवे बहुत खुश होते हैं, मेरी पीठ थपथपाते हैं और कहते हैं, “हमें तुम पर गर्व है!” कभी-कभी मुझे कोई खास चीज़ जैसे कोई किताब या खिलौना भी देते हैं।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 के अनुमान और कल्पना पर आधारित प्रश्न

पेज 26

अनुमान और कल्पना

1. आप अपनी माँ से चाँद का दुखड़ा कैसे बताएँगे?
उत्तर देखेंमैं अपनी माँ से कहूँगा – “माँ, आज मैंने आकाश में चाँद चाचा को देखा। वह बहुत दुखी लग रहे थे। उन्होंने कहा कि रात भर ठंडी हवा चलने से उन्हें बहुत ठंड लगती है और वह काँप-काँप कर अपना चक्कर लगाते हैं। उनकी माँ उनके लिए एक झिंगोला भी नहीं सिलवा पा रही हैं क्योंकि उनका शरीर हर रोज बड़ा-छोटा होता रहता है। बेचारे चाँद चाचा!”

2. गरमी और वर्षा से बचने के लिए चाँद अपनी माँ से क्‍या कहेगा? वह किस प्रकार के कपड़ों एवं वस्तुओ की माँग कर सकता है?
उत्तर देखें• गर्मी के लिए: “माँ, गर्मी में सूरज भैया बहुत तेज़ चमकते हैं। मेरा सिर दर्द होने लगता है। मेरे लिए एक सफेद सूती की टोपी ला दो, जो सिर को ठंडक दे। साथ ही एक हल्का सूती का कुरता भी सिलवा दो।”
• वर्षा के लिए: “माँ, बारिश के दिनों में बादल मुझ पर पानी बरसाते रहते हैं, मैं पूरी तरह भीग जाता हूँ। मेरे लिए एक प्लास्टिक की बारिश वाली चादर (रेनकोट) और एक छतरी मँगवा दो ताकि मैं सूखा रह सकूँ।”

3. चाँद ने माँ से कुरता किराए पर लाने के लिए क्यों कहा होगा?
उत्तर देखेंचाँद ने शायद इसलिए कहा होगा क्योंकि उसे पता था कि उसका आकार बदलता रहता है और उसके लिए एक ही कुरता हमेशा काम नहीं आएगा। अगर कुरता किराए पर लिया जाएगा तो जिस दिन जैसा आकार होगा, उसी दिन उसी नाप का कुरता किराए पर ले लेगा। इस तरह पैसे की बचत भी होगी और हर दिन उसे फिट आएगा।

4. यदि माँ ने चाँद का कुरता सिलवा दिया होता तो क्‍या होता?
उत्तर देखेंअगर माँ ने चाँद का कुरता सिलवा दिया होता तो एक दिन तो वह उसे बिल्कुल फिट आता, लेकिन अगले दिन जब चाँद का आकार बढ़ जाता तो कुरता छोटा पड़ जाता और उसमें से चाँद का पेट बाहर निकल आता। और जिस दिन चाँद छोटा हो जाता, तो कुरता इतना बड़ा होता कि वह उसमें घूमने लगता! कुरता बेकार हो जाता।

पेज 26

भाषा की बात

1. “सन-सन चलती हवा रात भर, जाड़े से मरता हूँ।” कविता की इस पंक्ति में ‘भर’ शब्द का प्रयोग किया गया है। अब आप ‘भर’ की सहायता से पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए, जैसे – पानी गिलास भर है, उसने दिन भर पढ़ाई की आदि।
उत्तर देखें1. माँ ने “थाली भर” के पराठे बनाए।
2. बारिश होने से “तालाब भर” गया।
3. रमन ने “घड़ा भर” पानी पिया।
4. दादी जी “रात भर” कहानियाँ सुनाती रहीं।
5. मैंने “मुँह भर” के मिठाई खाई।

2. नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए —
(क) “ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ।”
(ख) “ठिठुर-ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ।”
अपनी बात पर बल देने के लिए हम इस प्रकार के कुछ शब्दों का प्रयोग दो बार करते हैं, जैसे – जल्दी चलो, जल्दी -जल्दी चलो आदि। अब आप ऐसे ही पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर देखेंबात पर बल देने वाले पाँच वाक्य (शब्दों को दोहराकर)
1. बारिश तेज़-तेज़ हो रही है।
2. मेरा दिल धड़क-धड़क कर बैठ गया।
3. वह रो-रो कर सो गया।
4. बच्चे हँस-हँस कर खेल रहे हैं।
5. कुत्ता भौंक-भौंक कर थक गया।

3. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों में संज्ञा, सर्व नाम, विशेषण और क्रिया पहचानकर उन् हें दिए गए स्‍थानों में लिखिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 चित्र 1

उत्तर:
• पंक्ति
हठ कर बैठा चाँद एक दिन, माता से यह बोला।
आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का।
सिलवा दो माँ, मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला।
ठिठुर-ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ।

• संज्ञा
हठ, चाँद, दिन, माता
आसमान, सफर, मौसम, जाड़ा
माँ, ऊन, झिंगोला
यात्रा

• सर्वनाम
यह
यह
मुझे

• विशेषण
एक

मोटा, एक
किसी

• क्रिया
कर बैठा, बोला
है
सिलवा दो
ठिठुर-ठिठुरकर, पूरी करता हूँ

वाक्यों में प्रयोग:
• संज्ञा (चाँद): रात में चाँद बहुत सुंदर दिखाई देता है।
• सर्वनाम (यह): यह मेरी किताब है।
• विशेषण (मोटा): उसने एक मोटा स्वेटर पहना हुआ था।
• क्रिया (बोला): उसने मुझसे धीरे से बोला।

पेज 27

चाँद का झिंगोला

1. मान लीजिए कि चाँद, झिंगोला के लिए माँ, कपड़े के दुकानदार और दर्ज़ी से संवाद करता है। बातचीत के कुछ अंश नीचे दिए गए हैं। आप इन्हें आगे बढ़ाइए। आप संवाद अपनी मातृभाषा में भी लिख सकते हैं।
चाँद और माँ का संवाद
चाँद: माँ, मुझे बहुत ठंड लगती है। मेरे लि ए एक मोटा झिंगोला सिलवा दो!
माँ: तुझे सच में ठंड सताती होगी लेकि न एक समस्या है।
चाँद: समस्या ? कैसी समस्या , माँ?
माँ: तेरा आकार तो प्रतिदिन बदलता रहता है। कभी छोटा, कभी बड़ा, कभी एकदम गायब! मैं कैसे नाप लूं?
चाँद: (सोचकर) अरे हाँ! लेकिन फिर भी कोई उपाय तो होगा?
माँ: ……………………………..
चाँद: …………………………….
माँ: ……………………………..
चाँद: …………………………….
उत्तर देखेंचाँद: माँ, मुझे बहुत ठंड लगती है। मेरे लिए एक मोटा झिंगोला सिलवा दो!
माँ: तुझे सच में ठंड सताती होगी लेकिन एक समस्या है।
चाँद: समस्या? कैसी समस्या , माँ?
माँ: तेरा आकार तो प्रतिदिन बदलता रहता है। कभी छोटा, कभी बड़ा, कभी एकदम गायब! मैं कैसे नाप लूं?
चाँद: (सोचकर) अरे हाँ! लेकिन फिर भी कोई उपाय तो होगा?
माँ: उपाय? हाँ, एक उपाय है। तू रोज़ शाम को मेरे पास आया कर और मैं उस दिन का तेरा नाप ले लिया करूंगी। फिर मैं एक ऐसा झिंगोला बनवाऊंगी जिसमें खींचने वाली इलास्टिक लगी होगी, जो तेरे बढ़ने-घटने पर भी फिट आ जाया करेगा।
चाँद: वाह माँ! क्या बात है! तुम तो बहुत समझदार हो। पर इलास्टिक वाला झिंगोला कैसा दिखेगा?
माँ: तुझे फैशन की चिंता? पहले ठंड से तो बचले, फिर देखेंगे। चल, कल से नाप लेना शुरू करते हैं।
चाँद: ठीक है माँ। धन्यवाद!

चाँद और कपड़े का दुकानदार
चाँद: दुकानदार जी, मुझे एक गरम कपड़ा चाहिए जिससे मेरी सर्दी दूर हो जाए।
दुकानदार: अवश्य, कितने मीटर चाहिए?
चाँद: यही तो समस्‍या है! मैं कभी छोटा होता हूँ, कभी बड़ा। आप ही बताइए… कितने मीटर लूँ?
दुकानदार: (हँसकर) अरे छोटू चाँद! जब आपका नाप ही तय नहीं तो कपड़ा कैसे दूँ? पहले नाप तो तय करके आओ!
चाँद: ……………………………
दुकानदार: ………………………..
चाँद: ……………………………
दुकानदार: ………………………..
चाँद: ……………………………
उत्तर देखेंचाँद: दुकानदार जी, मुझे एक गरम कपड़ा चाहिए जिससे मेरी सर्दी दूर हो जाए।
दुकानदार: अवश्य, कितने मीटर चाहिए?
चाँद: यही तो समस्या है! मैं कभी छोटा होता हूँ, कभी बड़ा। आप ही बताइए… कितने मीटर लूँ?
दुकानदार: (हँसकर) अरे छोटू चाँद! जब आपका नाप ही तय नहीं तो कपड़ा कैसे दूँ? पहले नाप तो तय करके आओ!
चाँद: लेकिन दुकानदार जी, मेरा नाप कभी तय होगा ही नहीं। क्या आपके पास कोई ऐसा कपड़ा है जो खिंच जाए?
दुकानदार: हाँ, ऐसा कपड़ा तो है… इलास्टिक वाला। पर वो महंगा है। तुम्हारी माँ कितने पैसे देंगी?
चाँद: पैसे की कोई परेशानी नहीं है। मेरी माँ ने मुझे अपनी चाँदनी बेचने के पैसे दिए हैं! पूरे दस रुपए!
दुकानदार: (जोर से हँसता है) अच्छा, अच्छा… चलो, कल अपनी माँ को लेकर आना, फिर देखेंगे।
चाँद: ठीक है, जी। कल ज़रूर आऊंगा।

चाँद और दर्ज़ी का संवाद
चाँद: दर्ज़ी जी, मेरे लिए एक कुरता सिल दीजिए।
दर्ज़ी: बिलकुल! लेकिन पहले नाप तो दो।
चाँद: यही तो समस्या है! कभी मैं छोटा, कभी बड़ा हो जाता हूँ।
दर्ज़ी: (हँसते हुए) तो फिर ऐसा करो, प्रति दिन मेरे पास आओ और मैं प्रत्येक दिन तुम्हारे नाप का नया कुरता सिल दूंगा!
चाँद: (प्रसन् न होते हुए) फिर तो मुझे प्रति दिन नए कपड़े मिलेंगे! लेकिन माँ मानेंगी नहीं!
दर्ज़ी: ……………………………
चाँद: ……………………………
दर्ज़ी: ……………………………
चाँद: ……………………………
उत्तर देखेंचाँद: दर्जी जी, मेरे लिए एक कुरता सिल दीजिए।
दर्जी: बिलकुल! लेकिन पहले नाप तो दो।
चाँद: यही तो समस्या है! कभी मैं छोटा, कभी बड़ा हो जाता हूँ।
दर्जी: (हँसते हुए) तो फिर ऐसा करो, प्रतिदिन मेरे पास आओ और मैं प्रत्येक दिन तुम्हारे नाप का नया कुरता सिल दूँगा!
चाँद: (प्रसन्न होते हुए) फिर तो मुझे प्रतिदिन नए कपड़े मिलेंगे! लेकिन माँ मानेंगी नहीं!
दर्जी: तुम्हारी माँ क्यों नहीं मानेंगी? मैं उन्हें सस्ते में सिल दूंगा। बस तुम्हें हर रोज़ आना होगा।
चाँद: पर दर्जी जी, जिस दिन मैं छोटा हूँ, उस दिन सिला हुआ कुरता अगले दिन बड़े होने पर छोटा पड़ जाएगा न?
दर्जी: अरे सच कहा! फिर तो यह तो बहुत मुश्किल काम है। तुम्हारे लिए तो स्ट्रेचेबल कपड़े का ही कोई सूट बनाना पड़ेगा।
चाँद: तो फिर आप वही बना दीजिए न!

2. अब आप इन संवादों पर कक्षा में शीषक की सहायता से अभिनय कीजिए।
उत्तर देखेंविद्यार्थी कक्षा में शिक्षक की उपस्थिति में इस अभिनय को स्वयं करें।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 3 कविता के आगे के प्रश्न

पेज 29

कविता से आगे

1. क्या चाँद की तरह आप भी अपनी माँ से किसी वस्तु के लिए हठ करते हैं? आप अपनी माँ को इसके लिए कैसे मनाते हैं?
उत्तर देखेंहाँ, कभी-कभी मैं नए खिलौने या चॉकलेट के लिए हठ करता हूँ। मैं माँ को मनाने के लिए ये कहता हूँ:
• “प्लीज माँ, आखिरी बार माँग रहा हूँ।”
• “मैं अगले सप्ताह तक अपना सारा काम समय पर करूँगा।”
• उनका पसंदीदा काम करने की कोशिश करता हूँ, जैसे उनके साथ बाज़ार जाना या घर की सफाई में मदद करना।

2. आपकी माँ आपको किसी काम के लिए कैसे मनाती हैं?
उत्तर देखेंमेरी माँ मुझे बहुत प्यार से मनाती हैं:
• वह कहती हैं, “चलो बेटा, दूध पी लो, फिर तुम्हारे लिए एक कहानी सुनाऊंगी।”
• कभी-कभी वह कोई इनाम देने का लालच देती हैं, जैसे “अगर तुम यह सब्जी खा लोगे तो तुम्हें आइसक्रीम दूंगी।”
• वह यह भी कहती हैं, “अगर तुमने यह काम कर दिया तो तुम्हारे पापा तुम्हारी बहुत तारीफ करेंगे।”

3. गरमी, सर्दी या वर्षा से बचने के लिए आपकी माँ आपको क्या कहती अथवा क्या-क्या करती हैं?
उत्तर देखें• गर्मी में: माँ मुझे हल्के रंग के कपड़े पहनने को देती हैं, मुझे पानी ज्यादा पीने को कहती हैं और धूप में बाहर निकलने से पहले टोपी पहनना या छतरी ले जाना याद दिलाती हैं।
• सर्दी में: वह मुझे गर्म स्वेटर, टोपी और मोजे पहनने के लिए कहती हैं। रात में सोते समय रजाई ओढ़ाकर रखती हैं और गर्म दूध पिलाती हैं।
• बारिश में: माँ मुझे रेनकोट पहनने और छतरी ले जाने को कहती हैं। वह यह भी सिखाती हैं कि गीले कपड़े तुरंत बदल लेने चाहिए वरना जुकाम हो जाएगा।

पेज 29

सोचिए, समझिए और बताइए

1. कविता में चाँद अपनी माँ से बातें कर रहा है। मान लीजिए कि चाँद बोल नहीं सकता। अब वह अपनी माँ को अपनी बात कैसे बताएगा?
उत्तर देखेंअगर चाँद बोल नहीं सकता, तो वह अपनी माँ को अपनी बात इशारों में बताएगा। वह ठंड से काँपता हुआ दिखाकर और अपने शरीर को हाथों से रगड़ता हुआ दिखाकर बताएगा कि उसे ठंड लग रही है। फिर वह हाथों से स्वेटर पहनने का अभिनय करके समझाएगा कि उसे एक झिंगोला चाहिए।

2. मान लीजिए कि चाँद का एक मित्र है जो देख नहीं सकता। चाँद उसे अपने बदलते हुए आकार के बारे में कैसे समझाएगा?
उत्तर देखेंचाँद अपने अंधे मित्र को अपने बदलते आकार के बारे में चीज़ों को छूकर समझाएगा। वह कहेगा: “कभी मैं एक गोल थाली जितना गोल और चिकना हो जाता हूँ, तो कभी केले जितना पतला और टेढ़ा। कभी मैं इतना बड़ा हो जाता हूँ जैसे तुम्हारी गेंद और कभी इतना छोटा कि तुम्हें महसूस भी नहीं होगा। कभी-कभी मैं होता ही नहीं हूँ, जैसे तुम्हारे हाथ में कुछ भी न हो।”

पेज 29

पढ़िए और समझिए

1. चाँद के लिए कुरता सिलना एक कठिन कार्य है। इसलिए चाँद की माँ ने उसका कुरता सिलवाने के लिए एक विज्ञाप न प्रकाशित किया है। इसे पढ़िए और इसका प्रचार-प्रसार कर चाँद की माँ की सहायता कीजिए —
विज्ञापन
चाँद की माँ की विशेष घोषणा!
क्या आप हैं सबसे कुशल दर्ज़ी?
क्या आप सिल सकते हैं ऐसा कुरता जो प्रति दिन बदलते आकार में भी फिट आए?
समस्या: मेरा बेटा चाँद कभी एक अंगुल-भर छोटा तो कभी एक फुट मोटा हो जाता है। उसके लिए एक ऐसा कुरता चाहिए जो हर दिन उसके शरीर में फिट बैठ सके।
आवश्यकता
ऐसा कुरता जो अपने-आप छोटा-बड़ा हो सके
ऊन का मोटा झिंगोला ताकि ठंड से बच सके
यदि कुरता नहीं बन सकता तो भाड़े का भी चलेगा!
पुरस्‍कार
जो भी दर्ज़ी इस अद्भुत कुरते को सिलने में सफल होगा, उसे मिलेगा विशेष पुरस्‍कार!
स्थान: चाँद की माँ का घर
संपर्क करें: आकाशवाणी से संदेश भेजें
शीघ्र आवेदन करें क्योंकि चाँद ठंड से ठिठुर रहा है।
उत्तर देखेंविशेष प्रचार-प्रसार
► सभी गाँववासियों और निपुण दर्ज़ियों को सूचना दी जाती है कि चाँद की माँ को अपने प्यारे बेटे के लिए एक अद्भुत ऊन का झिंगोला-कुरता चाहिए।
► चाँद का आकार रोज़ बदलता है – कभी छोटा, कभी बड़ा। इसलिए ऐसा कुरता चाहिए जो अपने-आप छोटा-बड़ा हो सके और हर दिन उस पर फिट बैठे।
• कुरता मोटा और ऊनी होना चाहिए ताकि चाँद ठंडी हवा से काँपे नहीं।
• अगर नया कुरता बनाना कठिन हो तो भाड़े का कुरता भी स्वीकार है।
► पुरस्कार – सफल दर्ज़ी को मिलेगा चाँद की माँ की ओर से विशेष सम्मान और अद्भुत इनाम।
► स्थान – चाँद की माँ का घर (आकाश में चमकता चाँद)।
► संपर्क – आकाशवाणी से संदेश भेजें।
जल्दी करें! चाँद ठिठुर रहा है, आपकी मदद से ही वह मुस्कुराएगा।

2. अब एक रोचक विज्ञाप न तैयार कीजिए जिसमें आप अपने लिए कोई वस्‍तु मँगवा रहे हों।
उत्तर देखेंविज्ञापन
• चाहिए एक ऐसा रोबोट!
• क्या आपके पास है कोई जादुई रोबोट?
• क्या वो कर सकता है मेरे सारे काम?
► मेरी समस्या: मेरे पास होमवर्क बहुत ज्यादा है और खेलने का बिलकुल समय नहीं बचता!
आवश्यकता:
• एक ऐसा रोबोट जो मेरा सारा होमवर्क खुद कर दे!
• वो मेरी लिखावट की नकल कर सके ताकि टीचर को पता न चले।
• अगर रोबोट नहीं मिला तो एक जादुई कलम भी चलेगी!
► पुरस्कार: जो भी मुझे ऐसा रोबोट देगा, उसे मैं अपनी सारी चॉकलेट्स और अपने नए खिलौने की रिमोट कार दूंगा!
► संपर्क करें: मेरे कमरे की खिड़की के बाहर आकर सीटी बजाएं। जल्दी करें क्योंकि कल मेरी गणित की टेस्ट है!
► स्थान: मेरा घर, पीले दरवाजे वाला मकान नंबर 10।

पेज 30

आपकी कलाकारी

आइए, चाँद के लिए एक कुरता बनाएँ।
सामग्री : रंगीन कागज, गोंद, कैंची, ग्लिटर, कपड़े के छोटे टुकड़े
बनाने की विधि
✶ चाँद का एक बड़ा चित्र बनाइए।
✶ अब अलग-अलग रंगीन कागज या कपड़े के टुकड़ों से चाँद के लिए संदुर कुरता तैयार कीजिए।
✶ ग्लिटर या सितारों की आकृति बनाकर उसे सजाइए।
✶ अब तैयार कुरते को कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर देखेंमैं चाँद के लिए एक सुंदर कुरता बनाऊंगा।
सामग्री: लाल रंग का कागज, चमकीला ग्लिटर, सितारों के स्टिकर, कैंची और गोंद।
विधि:
1. सबसे पहले मैं सफेद चार्ट पेपर पर चाँद का एक बड़ा सा गोल चेहरा बनाऊंगा।
2. फिर लाल रंग के कागज़ से एक खूबसूरत जैकेट (कुरता) काटूंगा। इसे मैं चाँद के चेहरे के नीचे चिपकाऊंगा ताकि लगे कि उसने वह पहन रखा है।
3. अब इस जैकेट को सजाने का समय है! मैं गोंद से इस पर ज़िग-ज़ैग लाइनें बनाऊंगा और उस पर सुनहरा ग्लिटर छिड़कूंगा।
4. फिर मैं नीले रंग के कागज़ से दो जेब भी काटकर चिपकाऊंगा।
5. आखिर में, मैं जैकेट पर छोटे-छोटे सितारे और चाँद के स्टिकर चिपकाकर उसे और भी चमकदार बनाऊंगा।
6. यह तैयार है! मैं इसे कक्षा की दीवार पर लगाकर सबको दिखाऊंगा।

पेज 31

पुस्तकालय एवं अन्य स्रोत

1. पुस्तकालय में चाँद, सूरज, तारे, आकाश आदि पर बहुत-सी रोचक, मनोरंजक और ज्ञानवर्धक पुस्‍तकें अवश्य उपलब्‍ध होंगी। उन पुस्‍तकों को ढूँढ़कर पढ़िए और उनके बारे में कक्षा में भी चर्चा कीजिए।
उत्तर देखेंचाँद पर पुस्तकें
“चाँद की कहानियाँ” – इसमें चाँद से जुड़ी लोककथाएँ और बच्चों की कहानियाँ होती हैं।
“चाँद और विज्ञान” – इसमें बताया जाता है कि चाँद कैसे बदलता है, अमावस्या और पूर्णिमा क्यों होती है।
सूरज पर पुस्तकें
“सूरज की किरणें” – इसमें सूरज की रोशनी, उसकी गर्मी और पौधों पर उसके प्रभाव की जानकारी होती है।
“सौरमंडल का राजा – सूरज” – इसमें सूरज का विज्ञान और ग्रहों पर उसका असर बताया गया है।
तारे पर पुस्तकें
“तारों की दुनिया” – इसमें बच्चों के लिए रात के आकाश में दिखने वाले तारों और तारामंडलों की कहानियाँ होती हैं।
“खगोलशास्त्र की झलक” – इसमें वैज्ञानिक तरीके से तारे, आकाशगंगाएँ और ग्रह बताए जाते हैं।
आकाश पर पुस्तकें
“आसमान की सैर” – इसमें आकाश, बादल, इंद्रधनुष और मौसम की जानकारी दी जाती है।
“हमारा ब्रह्मांड” – इसमें आकाश के रहस्यों और अंतरिक्ष यात्रा की बातें समझाई गई हैं।

2. अपने शिक्षक, पुस्‍तकालय प्रभारी और मित्रों की सहायता से चाँद तथा सूरज की बदलती स्‍थितियों की और भी जानकारी प्राप्त कीजिए। यह भी पता लगाइए कि चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण कब-कब और क्यों होते हैं। आप अपने माता-पिता या अभिभावक से भी इनके बारे में बात कर सकते हैं।
उत्तर देखें► चाँद की बदलती स्थिति
• चाँद हर रोज़ आकार बदलता है। इसे चाँद की कलाएँ कहते हैं।
• अमावस्या को चाँद बिल्कुल नहीं दिखता और पूर्णिमा को पूरा गोल दिखाई देता है।
• बीच-बीच में चाँद कभी आधा, कभी छोटा-सा टुकड़ा और कभी बड़ा होता है।
► सूरज की स्थिति
• सूरज पूर्व दिशा से उगता है और पश्चिम दिशा में डूबता है।
• गर्मियों में सूरज जल्दी निकलता है और देर से डूबता है, जबकि सर्दियों में देर से निकलता और जल्दी डूब जाता है।
► चंद्र ग्रहण
• चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चाँद के बीच आ जाती है।
• उस समय पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है और चाँद आंशिक या पूरा ढक जाता है।
► सूर्य ग्रहण
• सूर्य ग्रहण तब होता है जब चाँद पृथ्वी और सूरज के बीच आ जाता है।
• उस समय सूरज की रोशनी पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुँच पाती और सूरज ढका-ढका लगता है।
► जानकारी के स्रोत
• शिक्षक से हम वैज्ञानिक कारण जान सकते हैं।
• पुस्तकालय प्रभारी हमें अच्छी किताबें दे सकते हैं।
• मित्रों से चर्चा करके नई बातें पता चल सकती हैं।
• माता-पिता भी अपने अनुभव से समझा सकते हैं कि ग्रहण कैसे दिखते हैं और लोग इन्हें कैसे देखते हैं।
इस तरह हम सब मिलकर चाँद और सूरज की बदलती स्थितियों और ग्रहणों को अच्छे से समझ सकते हैं।

पेज 31

बूझो तो जानें

तन है मेरा हरा-भरा,
रस से रहता सदा भरा।
भीतर से हूँ मैं लाल,
प्यास बुझाकर पूछूँ हाल।
उत्तर देखेंतरबूज

हम दोनों हैं पक्के मित्र ,
करते रहते काम विचित्र ।
पाँच-पाँच सेवक हैं साथ,
लेकिन करते कभी न बात।
उत्तर देखेंहाथ का पंजा

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 का सारांश

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 चाँद का कुरता कविता में कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने चाँद की मासूम जिद को दिखाया है। चाँद ठंडी हवा से ठिठुरकर अपनी माँ से ऊन का झिंगोला (कुरता) सिलवाने की बात करता है। माँ कहती है कि यह संभव नहीं है, क्योंकि चाँद का आकार रोज़ घटता-बढ़ता रहता है—कभी छोटा, कभी बड़ा और कभी बिल्कुल नज़र भी नहीं आता। ऐसे में नाप लेना कठिन है। इस तरह कविता बच्चों को कल्पनाशीलता और हास्य के साथ विज्ञान की झलक भी देती है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 का मुख्य संदेश

कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 5 का मुख्य संदेश यह है कि प्रकृति के नियमों को बदला नहीं जा सकता। चाँद का घटना-बढ़ना उसकी स्वाभाविक प्रक्रिया है, इसलिए उसके लिए सही नाप का कुरता बनना असंभव है। यह कविता बच्चों को कल्पनाशीलता, हास्य और जिज्ञासा से भर देती है और साथ ही यह सिखाती है कि हमें प्रकृति की अद्भुत लय और नियमों को समझना और स्वीकार करना चाहिए।