एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 हमारे ये कलामंदिर

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 हमारे ये कलामंदिर सत्र 2025-26 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इसमें निशा और उसकी मौसी की अजंता और एलोरा की यात्रा का सुंदर वर्णन है। इसमें बताया गया है कि प्राचीन समय में हमारे देश में कितनी अद्भुत कला और शिल्पकला थी। गुफाओं में बने चित्र और मूर्तियाँ आज भी उतनी ही सुंदर दिखती हैं। इस अध्याय के प्रश्न–उत्तर बच्चों को समझने, सीखने और परीक्षा की तैयारी करने में मदद करते हैं।
कक्षा 5 हिंदी वीणा पाठ 11 के MCQ
कक्षा 5 हिंदी वीणा के सभी अध्याय
कक्षा 5 के सभी विषयों के प्रश्न उत्तर

हमारे ये कलामंदिर कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 के प्रश्न उत्तर

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बातचीत के लिए

1. आपकी छुट्टीयाँ कब-कब होती हैं? आप छुट्टीयों में कहाँ-कहाँ जाते हैं?
उत्तर देखेंमेरी छुट्टियाँ गर्मियों में, दिवाली पर और क्रिसमस पर होती हैं। मैं छुट्टियों में अपने नाना-नानी के गाँव जाता हूँ, कभी-कभी पहाड़ों पर घूमने जाता हूँ और कभी शहर के पास के ऐतिहासिक स्थानों को देखने जाता हूँ।

2. अजंता और एलोरा की गफुाओं के भीतर दीवारों पर अत्यंत संदुर चित्र बने थे। आपके घर और घर के आस-पास कौन-कौन से चित्र बने या लगे हैं?
उत्तर देखेंमेरे घर की दीवारों पर कैलेंडर के चित्र लगे हैं, जिनमें प्रकृति, देवी-देवताओं और बच्चों के चित्र हैं। घर के आस-पास दीवारों पर बच्चों की ड्राइंग, विज्ञापन के पोस्टर और कभी-कभी रंगोली के सुंदर चित्र बने होते हैं।

3. आपके घर में कौन-कौन और कहाँ-कहाँ चित्रकारी करते हैं? (जैसे – कागज पर, धरती पर, दीवारों पर, मिट्टी की वस्तुओं पर, कपड़ों पर आदि।)
उत्तर देखेंमेरी छोटी बहन कागज और स्लेट पर चित्र बनाती है। मेरी मम्मी कपड़ों पर कढ़ाई करती हैं, जो एक तरह की चित्रकारी है। मेरे पापा कभी-कभी दिवाली पर घर की दीवारों पर रंग-रोगन करते हैं। और मैं अपनी कॉपी, कागज़ और कभी-कभी ज़मीन पर भी चित्र बनाता हूँ।

4. गफुाओं के चित्र दखेते ही निशा के मुँह से ‘वाह!’ क्यों निकला? आपके मुँह से कब-कब ‘वाह!’ निकलता है?
उत्तर देखेंनिशा के मुँह से ‘वाह!’ इसलिए निकला क्योंकि चित्र बहुत ही सुंदर और सजीव थे, जैसे बोलने वाले हों। मेरे मुँह से ‘वाह!’ तब निकलता है जब मैं कोई अद्भुत जादू का खेल देखता हूँ, इंद्रधनुष देखता हूँ या कोई बहुत बढ़िया चित्रकला देखता हूँ।

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पाठ से

दिए गए प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के आगे सूरज का चित्र (*) बनाइए —
1. निशा, अजंता और एलोरा जाने के लिए क्यों उत्साहित थी?
(क) वह पहली बार हवाई यात्रा करने वाली थी।
(ख) उसने इन गफुाओं के बारे में पुस्तकों में पढ़ा था।
(ग) उसे मौसी जी से एक नया खिलौना मिलने वाला था।
(घ) उसने अजंता और एलोरा के बारे में मित्रों से सुना था।
उत्तर देखें(ख) उसने इन गुफाओं के बारे में पुस्तकों में पढ़ा था।(*)

2. निशा को अजंता और एलोरा देखकर कैसा लगा?
(क) उसे निराशा हुई।
(ख) उसे आश्चर्य हुआ।
(ग) उसे दुख हुआ।
(घ) वह उदास हो गई।
उत्तर देखें(ख) उसे आश्चर्य हुआ।(*)

3. अजंता की गफुाओं में बने रंग इतने वर्षों बाद भी क्यों फीके नहीं पड़े थे?
(क) वे विशेष प्रकार के कागज पर बनाए गए थे।
(ख) चित्रों में प्रति वर्ष फिर से नया रंग भरा जाता था।
(ग) रंग, फूलों जैसी प्राकृति क सामग्रियों से बनाए गए थे।
(घ) वे सभी गुफाएँ बहुत ठंडे स्‍थान पर स्थित थीं।
उत्तर देखें(ग) रंग, फूलों जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बनाए गए थे।(*)

4. यात्रा से लौटने के बाद भी निशा को वे कलाकृतियाँ बार-बार क्यों याद आ रही थीं?
(क) उसने अपनी पाठ्यपुस्तक में उनके बारे में पढ़ा था।
(ख) मौसी जी ने वादा किया था कि वे फिर वहाँ जाएँगे।
(ग) यात्रा बहुत लंबी थी इसलिए उसे याद आ रही थी।
(घ) गफुाओं की सभी कलाकृतियाँ बहुत आकरक्ष थीं।
उत्तर देखें(घ) गुफाओं की सभी कलाकृतियाँ बहुत आकर्षक थीं।(*)

अब अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि किस-किसने कौन-कौन से उत्तर चुने और क्यों?
उत्तर देखेंहमारे समूह ने पाठ से दिए गए प्रश्नों पर चर्चा की।
1. निशा, अजंता और एलोरा जाने के लिए क्यों उत्साहित थी?
राज ने कहा उसने विकल्प (ख) चुना: “उसने इन गुफाओं के बारे में पुस्तकों में पढ़ा था।”
कारण: राज ने कहा क्योंकि पाठ की शुरुआत में ही लिखा है कि निशा ने किताबों में पढ़ा था, इसलिए उसके मन में उत्सुकता थी।
2. निशा को अजंता और एलोरा देखकर कैसा लगा?
प्रिया और सोनम ने विकल्प (ख) चुना: “उसे आश्चर्य हुआ।”
कारण: उन्होंने कहा कि पाठ में “वाह!” जैसे शब्द और चित्रों की सुंदरता का वर्णन है, जो दिखाता है कि निशा हैरान और खुश थी। उसे निराशा या दुख: बिल्कुल नहीं हुआ।
3. अजंता की गुफाओं में बने रंग इतने वर्षों बाद भी क्यों फीके नहीं पड़े थे?
अमन ने विकल्प (ग) चुना: “रंग, फूलों जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बनाए गए थे।”
कारण: अमन ने ध्यान दिया कि पाठ में मौसी जी साफ कहती हैं, “उस समय ये रंग पत्तों, जड़ी-बूटियों, फूलों आदि से बनाए जाते थे।” यही सही कारण है।
4. यात्रा से लौटने के बाद भी निशा को वे कलाकृतियाँ बार-बार क्यों याद आ रही थीं?
हम सभी ने विकल्प (घ) चुना: “गुफाओं की सभी कलाकृतियाँ बहुत आकर्षक थीं।”
कारण: हमने सोचा कि अगर कोई चीज़ सच में बहुत सुंदर और अद्भुत होती है, तो वह दिमाग से हटती नहीं है। पाठ के अंत में भी लिखा है कि “निशा का मन अभी भी उन बेजोड़ कलाकृतियों की ओर लगा था।” इसका मतलब वे उसे बहुत पसंद आईं और वह उन्हें भूल नहीं पा रही थी।
चर्चा का निष्कर्ष: हमारे समूह में सभी ने वही उत्तर चुने जो पाठ में दिए गए विवरण और तथ्यों पर आधारित थे। सबने अपने-अपने कारण दिए और हम सभी एक-दूसरे की बात से सहमत थे। इस चर्चा से पाठ को समझने में बहुत मदद मिली।

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सोचिए और लिखिए

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए —
1. अजंता में निशा ने क्या-क्या देखा?
उत्तर देखेंअजंता में निशा ने एक मनोरम दृश्य देखा जहाँ एक छोटी नदी बह रही थी और नदी में बड़े-बड़े शिलाखंड पड़े थे। उसने पहाड़ी पर बनी उनतीस गुफाएँ देखीं। गुफाओं के अंदर दीवारों पर गौतम बुद्ध के जीवन, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के अत्यंत सुंदर और सजीव चित्र देखे। गुफा के नीचे एक कुंड और घाटी में रंग-बिरंगे फूल भी देखे।

2. कैलाश मंदिर के बारे में आपको कौन-सी बात सबसे अधिक आश्चर्यजनक लगी?
उत्तर देखेंकैलाश मंदिर के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात यह लगी कि पूरा विशाल मंदिर एक ऊँचे पहाड़ को ऊपर से नीचे की ओर काटकर बनाया गया है। यह एक ही चट्टान से बनी हुई इमारत है।

3. मौसी जी ने छोटी और बड़ी गुफा के बारे में क्या बताया?
उत्तर देखेंमौसी जी ने बताया कि कुछ गुफाएँ अत्यंत लंबी-चौड़ी (बड़ी) थीं और कुछ छोटी थीं। सबसे हैरानी की बात यह थी कि ये सभी गुफाएँ पहाड़ों को काटकर ही बनाई गई थीं।

4. क्या कारण है कि अजंता की गफुाओं का मुहँ पर्वू दिशा में बनाया गया है?
उत्तर देखेंअजंता की गुफाओं का मुँह पूर्व दिशा में इसलिए बनाया गया है ताकि सुबह-सुबह सूरज की किरणें सीधे गुफाओं के अंदर प्रवेश कर सकें और उनके अद्भुत चित्रों पर पड़ सकें।

5. अजंता और एलोरा तक पहुँचने के लिए यातायात के कौन-कौन से साधनों का प्रयोग कर सकते हैं?
उत्तर देखेंअजंता और एलोरा तक पहुँचने के लिए हम रेलगाड़ी (ट्रेन) से छत्रपति संभाजीनगर तक जा सकते हैं। फिर वहाँ से बस या टैक्सी लेकर अजंता और एलोरा की गुफाओं तक पहुँच सकते हैं।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 के कल्पना पर आधारित प्रश्न

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अनुमान एवं कल्पना

1. यदि अजंता की दीवारों के चित्र बोल सकते तो वे हमें क्या कहानियाँ सुनाते?
उत्तर देखेंयदि अजंता की दीवारों के चित्र बोल सकते, तो वे हमें गौतम बुद्ध के जीवन की कहानियाँ सुनाते – उनके राजपाट छोड़ने, तपस्या करने और लोगों को ज्ञान देने की कहानियाँ। वे पक्षी और जानवर अपनी बोली में बातें करते और बताते कि उस समय का जंगल कैसा था। स्त्रियों के चित्र उस जमाने के कपड़ों, गहनों और उनके त्योहार मनाने के तरीकों के बारे में कहानियाँ सुनाते।

2. मान लीजिए कि आप हजारों वर्ष पहले के संसार में चले गए हैं और आपको अजंता की गफुाओं में एक नया चित्र बनाने का अवसर मिला है। आप क्या बनाएंगे और क्यों?
उत्तर देखेंअगर मुझे अजंता की गुफाओं में एक नया चित्र बनाने का मौका मिले, तो मैं आज के समय का एक चित्र बनाऊँगा। इसमें बच्चे स्कूल जा रहे होंगे, लोग कंप्यूटर और मोबाइल पर काम कर रहे होंगे और एक तरफ सड़क पर दौड़ती कारों का चित्र भी बनाऊँगा। मैं यह चित्र इसलिए बनाना चाहूँगा ताकि भविष्य में लोग देख सकें कि आज का हमारा जमाना कैसा था, जैसे हम आज पुराने जमाने के चित्र देखकर जान पाते हैं।

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भाषा की बात

1. पाठ में से कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इन्हें उनके मिलते-जुलते अर्थों के साथ रेखाएँ खींचकर मिलाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 1

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 2

2. “निशा और मौसी ने स्टेशन पर ही विश्रामगृह में रात बिताई।”
यहाँ ‘विश्रामगृह’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है — ‘विश्राम’ और ‘गृह’। विश्राम का अर्थ है — आराम। गृह का अर्थ है — घर। अतः विश्रामगृह का अर्थ हुआ — आराम करने का घर या स्थान।
पाठ में से ऐसे ही दो शब्दों के मेल से बने अन्य शब्दों को खोजकर उनके अर्थ लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर देखेंविश्राम + गृह (आराम करने का घर)
शिला + खंड (पत्थर का बड़ा टुकड़ा)
कला + कृतियाँ (कला से बनाई गई वस्तुएँ)
पाठ्य + पुस्तक (पढ़ने वाली किताब)
रेल + गाड़ी (लोहे की पटरी पर चलने वाली गाड़ी)

3. निशाने आश्चर्यचकित होकर कहा — “दो हजार वर्ष! पर आज भी इनके रंग ज्यों के त्यों कैसे हैं?”
‘ज्यों का त्यों’ का अर्थ है — कोई परिवर्तन न होना।
इसी प्रकार के कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए अपनी लेखन-पुस्तिका में वाक्य लिखिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 3

उत्तर देखेंवाक्य प्रयोग:
ज्यों का त्यों – तूफ़ान आने के बाद भी उसका साहस ज्यों का त्यों बना रहा।
जैसे का तैसा – उसने मेरे साथ बुरा किया, तो मैंने भी उसे जैसे का तैसा जवाब दिया।
बिलकुल वैसा ही – यह चित्र बिलकुल वैसा ही है जैसा मैंने सोचा था।
वैसा का वैसा – उसने किताब वैसा का वैसा मुझे लौटा दिया।
जैसे थे वैसे ही – वर्षों बाद भी उसके विचार जैसे थे वैसे ही हैं।
वास्तविक रूप में – किसी व्यक्ति को परखना हो तो उसे वास्तविक रूप में देखना चाहिए।

4. “ऐसे सजीव चित्र थे कि लगता था अभी बोल पड़ेंगे।”
“इन मूर्ति यों की कारीगरी देखते ही बनती थी।”
रेखांकित अंशों को ध्‍यान में रखते हुए अब नीचे दिए गए वाक्‍यांशों से वाक्य बनाइए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 4

उत्तर देखेंदंग रह जाना – उसकी अद्भुत पेंटिंग देखकर सब दंग रह गए।
ऐसा जैसे सपना हो – पहाड़ों की खूबसूरती को देखकर लगा जैसे सपना हो।
प्रशंसा के योग्य होना – खिलाड़ियों का कठिन परिश्रम सचमुच प्रशंसा के योग्य है।
आँखें न हटा पाना – रंग-बिरंगे फूलों से सजे बगीचे से आँखें न हट पा रही थीं।
दिल को छू जाना – अनाथ बच्चों की मासूम मुस्कान दिल को छू गई।
कल्पना से परे होना – समुद्र की गहराई में जो नज़ारे दिखे, वे कल्पना से परे थे।
मन मोह लेना – कोयल की मधुर आवाज़ ने सबका मन मोह लिया।
दृश्य भूल न पाना – बचपन की वो पहली जीत का दृश्य मैं आज भी भूल नहीं पाया।
दृष्टि थम जाना – सूर्योदय का मनमोहक दृश्य देखकर सबकी दृष्टि थम गई।

5. नीचे एक वर्ग पहेली दी गई है। इस वर्ग पहेली में कुछ विशेषण शब्द छिपे हुए हैं। शब्दों को खोजिए और उन शब्‍दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 5

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 6

वाक्य प्रयोग:
मनोरम – वादियों का मनोरम दृश्य मन को शांति देता है।
प्रसिद्ध – ताजमहल विश्वभर में एक प्रसिद्ध स्मारक है।
बेजोड़ – उसकी गाने की कला सचमुच बेजोड़ है।
बड़ी – यह समस्या उतनी बड़ी नहीं है जितनी हमें लगती है।
छोटी – छोटी-सी मदद भी किसी की जिंदगी बदल सकती है।
अद्भुत – वैज्ञानिकों की खोज सचमुच अद्भुत है।
सुंदर – बगीचे में खिले गुलाब बहुत सुंदर लग रहे हैं।
विशाल – किला इतना विशाल था कि उसे देखने में पूरा दिन लग गया।
कठिन – पहाड़ चढ़ना बहुत कठिन कार्य है।
सजीव – चित्रकार ने राजा का ऐसा सजीव चित्र बनाया कि वह जीवित लगता था।
रंगबिरंगा – मेला रंगबिरंगे झूलों और सजावट से भरा था।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 के चित्र पर आधारित प्रश्न

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चित्र का वर्णन

आपने पाठ में अजंता के चित्रों का सुन्दर वर्णन पढ़ा। नीचे अजंता का एक प्रसिद्ध चित्र दिया गया हैं। इसका वर्णन अपने शब्दों में लेखन-पुस्तिका में कीजिये⁻

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 7

उत्तर देखेंयह चित्र अजंता की गुफाओं में बनी एक अद्भुत पत्थर की मूर्ति का है। इसमें भगवान बुद्ध की एक मनमोहक मूर्ति है।
बैठने की मुद्रा: भगवान बुद्ध एक सुंदर आसन पर पद्मासन की मुद्रा में विराजमान हैं। उनके पैर पर पैर चढ़े हुए हैं और उनकी पीठ एकदम सीधी है, जो शांति और ध्यान की स्थिति दर्शाती है।
मुखमंडल और हाव-भाव: उनका चेहरा बहुत शांत और गंभीर है। आँखें आधी बंद हैं, मानो वे गहरे ध्यान में हों। चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान है जो देखने वाले के मन में शांति भर देती है। उनके बाल घुंघराले और जूड़े में बँधे हुए हैं।
वस्त्र और आभूषण: उनके शरीर पर एक साधारण वस्त्र है जो उनके एक कंधे से उतरकर शरीर पर लिपटा हुआ है। यह वस्त्र बहुत बारीकी से तराशा गया है और ऐसा लगता है मानो वास्तव में कपड़ा हो। मूर्ति पर कोई भड़कीले आभूषण नहीं हैं, जो उनकी सादगी और संन्यासी जीवन को दिखाता है।
कलात्मकता: पत्थर को इतनी बारीकी से तराशा गया है कि शरीर की मांसपेशियाँ और वस्त्र की सिलवटें बिल्कुल असली लगती हैं। मूर्ति इतनी सजीव प्रतीत होती है कि लगता है अभी बोल उठेगी।
समग्र प्रभाव: यह मूर्ति देखकर मन में शांति और आदर की भावना आती है। यह कला का एक बेजोड़ नमूना है जो हजारों साल पहले के भारतीय शिल्पियों की कुशलता को दर्शाता है।

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मानचित्र

आपने पाठ में अजंता का वर्णन पढ़ा। नीचे अजंता का एक मानचित्र दिया गया है। इस वर्णन और मानचित्र की सहायता से नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर खोजिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 7-1

1. नदी का क्या नाम है?
उत्तर देखेंवाघोरा नदी

2. कुल कि तनी गुफाएँ दिखाई गई हैं?
उत्तर देखेंमानचित्र में 30 गुफाएँ दिखाई गई हैं (गुफा संख्या 1 से 30 तक)।

3. चारों दिशाओं में से कौन-सी दिशा का संकेत दिया गया हैं।
उत्तर देखेंमानचित्र में उत्तर दिशा का संकेत दिया गया है (तीर के निशान से)।

4. “आप यहाँ हैं” से क्या आशय है?
उत्तर देखें“आप यहाँ हैं” से आशय उस बिंदु से है जहाँ पर दर्शक या पर्यटक खड़ा होकर गुफाओं को देखता है। यह मानचित्र पर एक स्थान चिन्हित करता है।

5. कुंड का क्या नाम हैं?
उत्तर देखेंकुंड का नाम विश्राम कुंड है।

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आइए मापें

लंबाई मापने के फीते की सहायता से अपने समूह के साथ मिलकर कक्षा में इन्हें मापिए और लिखिए —
1. कक्षा की लंबाई – ……………
उत्तर देखें8 मीटर

2. कक्षा की चौड़ाई – ……………
उत्तर देखें6 मीटर

3. दरवाजे की चौड़ाई – ……………
उत्तर देखें1.0 मीटर

4. खिड़की की चौड़ाई – ……………
उत्तर देखें1.5 मीटर

5. श्यामपट्ट की लंबाई-चौड़ाई – ……………
उत्तर देखेंलंबाई 2.5 मीटर , चौड़ाई 1.0 मीटर

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रंगों का संसार

आपने पाठ में पढ़ा कि रंगों को प्राकृतिक वस्‍तुओं का उपयोग करके भी बनाया जा सकता है। आगे रंग बनाने की कुछ विधियाँ दी गई हैं। अपने अभिभावकों की सहायता से इनका प्रयोग करके आप भी प्राकृतिक रंग बनाइए —
हरा रंग
सामग्री : पालक, मेहँदी, पुदीना या हरा धनिया, पानी
विधि : पालक के पत्तों को पानी में उबालिए और फिर पीस लीजिए। इस मिश्रण को छानकर गाढ़ा हरा रंग तैयार किया जा सकता है। पुदीना, धनिया व पालक की पत्तियों को धूप में सुखाकर और उसका पाउडर बनाकर आप हरे रंग को तैयार कर सकते हैं।
पीला रंग
सामग्री : हल्दी पाउडर, पानी
विधि : एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा पानी मिलाइए और इसे अच्छी तरह से घोलिये। हल्दी का रंग गहरा पीला होता है और इसे आप चित्रकारी के लिए आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
लाल रंग
सामग्री : चुकंदर, पानी
विधि : चुकंदर को छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबालिए। इसके बाद इसे ठंडा होने दीजिए और फिर पीसकर छान लीजिए। इससे गहरा लाल रंग मिल जाएगा। आप इसे पानी के साथ पतला करके पेंट के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
नीला रंग
सामग्री : नील (कपड़ों में लगाने वाला)
विधि : नीले रंग के लिए नील को पानी में मिला लीजिए।
भूरा रंग
सामग्री : कॉफी पाउडर या चाय की पत्तियाँ, पानी
विधि : थोड़ा-सा कॉफी पाउडर या चाय की पत्तियों को पानी में उबाल लीजिए। इसे ठंडा करके प्रयोग कीजिए। इससे भूरा रंग तैयार होगा।

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पुस्तकालय से

इस पाठ में आपने अजंता-एलोरा के बारे में पढ़ा और उसके बारे में जाना। अब भारत के अन्य दर्शनीय स्थानों के बारे में अपने पुस्तकालय में खोजबीन कीजिए और उनके बारे में पढ़िए। साथ ही कक्षा में उनके बारे में चर्चा भी कीजिए।
उत्तर देखेंभारत के कुछ अन्य दर्शनीय स्थान:
1. ताज महल, आगरा: यह सफेद संगमरमर से बना एक बहुत ही सुंदर मकबरा है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज़ की याद में बनवाया था। यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
2. लाल किला, दिल्ली: यह एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक किला है। यहाँ से हमारे प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं।
3. कुतुब मीनार, दिल्ली: यह दुनिया की सबसे ऊँची ईंटों से बनी मीनार है। इसके आसपास कई पुराने खंडहर और एक लोहे का स्तंभ है जो जंग नहीं खाता।
4. हवा महल, जयपुर: यह गुलाबी रंग का एक महल है जिसमें बहुत सारी खिड़कियाँ हैं। इसे “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहते हैं। यह बहुत खूबसूरत लगता है।
5.केरल की बैकवाटर: केरल में नारियल के पेड़ों से घिरी हुई नहरें हैं, जिनमें हम हाउसबोट में बैठकर घूम सकते हैं। यह बहुत शांत और सुंदर जगह है।
6. विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता: यह एक बहुत बड़ा और सफेद संगमरमर से बना स्मारक है जो रानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था। इसके चारों तरफ बगीचा है।
7. गोआ के समुद्र तट: गोआ में बहुत सुंदर समुद्र तट हैं जहाँ लोग छुट्टियाँ मनाने जाते हैं, नहाते हैं और मस्ती करते हैं।
8. इंडिया गेट, दिल्ली: यह एक बहुत बड़ा स्मारक है जो उन सैनिकों की याद में बना है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान गँवाई।

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धन्यवाद कार्ड

निशा को उसकी मौसी ने अजंता और एलोरा की गुफाई दिखा। इस कारण निशा ने अपनी मौसी को धन्यवाद कार्ड लिखा। अब आप भी अपने किसी संबंधी को धन्यवाद कार्ड लिखिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 8

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 9

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हमारी धरोहर

हमारे देश में बहुत सुंदर ऐतिहासिक स्मारक एवं कलाकृतियाँ हैं। ये हमारे देश की शोभा एवं गौरव बढ़ाते हैं। यह हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भी इनकी सुंदरता को बनाए रखें। इन स्मारकों को छूने, इनकी दीवारों को खुरचने अथवा कुछ भी अंकन करने से इन्हें हानि पहुँचती है। इसलिए इन पर्यटन स्थलों का भ्रमण करते समय हमें सावधानी रखनी चाहिए।

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आपकी अभिव्यक्ति

क्या आपने कभी कोई रेल यात्रा की है? अपनी किसी रेल यात्रा का कोई रोचक अनुभव साझा कीजिए। यदि आपने रेल यात्रा नहीं की हो तो अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य के अनुभव भी लिख सकते हैं।
उत्तर देखेंमैंने पिछले महीने अपने मम्मी-पापा के साथ अपनी पहली रेल यात्रा की थी। हम दादी के घर जा रहे थे, जो वाराणसी में रहती हैं। यह मेरी सबसे यादगार यात्रा थी!
जैसे ही हम ट्रेन में चढ़े, मैं खिड़की वाली सीट पर बैठ गया। ट्रेन चलते ही हवा का झोंका आया और मेरे बाल उड़ने लगे! रास्ते में हरे-भरे खेत, नदियाँ, पहाड़ और गाँव दिखाई दे रहे थे। मैंने खिड़की से बाहर झाँककर बंदरों को पेड़ों पर कूदते हुए देखा — वे बहुत मज़ेदार लग रहे थे!
ट्रेन में एक चायवाला “चाय-चाय!” कहता हुआ आया। मम्मी ने हम सबके लिए चाय और समोसे मँगवाए। गर्मागर्म समोसे खाने का मज़ा ही कुछ और था!
रात में जब ट्रेन चल रही थी, तो मैंने खिड़की से बाहर तारों भरा आसमान देखा। ऐसा लग रहा था जैसे तारे हमारे साथ-साथ दौड़ रहे हों!
सुबह होते ही हम वाराणसी पहुँच गए। दादी हमें लेने स्टेशन आई थीं। यह रेल यात्रा मेरे लिए एक सपने जैसी थी। मुझे ट्रेन से यात्रा करना बहुत पसंद आया!

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आपकी चित्रकारी

हिंदी की गिनती मिलाकर चित्र पूरा कीजिए और उसमें अपनी रुचि के रंग भरिए —

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 10

उत्तर:

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 चित्र 11
कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 का सारांश

इस अध्याय में निशा और उसकी मौसी की अजंता और एलोरा की यात्रा का वर्णन है। छुट्टियों में मौसी उसे वहाँ ले जाने का वादा करती हैं। संभाजीनगर पहुँचकर वे अजंता जाते हैं, जहाँ निशा मनोरम दृश्य देखती है—नदी, पहाड़ी और पूर्वमुखी गुफाएँ। गुफाओं के भीतर उसे बुद्ध के जीवन से संबंधित सजीव चित्र दिखाई देते हैं, जिनमें रंग अब तक फीके नहीं पड़े। मौसी बताती हैं कि ये रंग जड़ी-बूटियों, फूलों और पत्तों से बनाए गए थे।
चित्रों की भाव-भंगिमा, मुद्रा और यथार्थ देखकर निशा दंग रह जाती है। उसे यह जानकर और आश्चर्य होता है कि गुफाएँ पहाड़ों को काटकर बनाई गई हैं। इसके बाद वे एलोरा पहुँचते हैं, जहाँ तीस मंदिर पहाड़ काटकर बनाए गए हैं। यहाँ बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म की मूर्तियाँ मिलती हैं। कैलाश मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो एक ही चट्टान से तराशकर बनाया गया है।
निशा को यह देखकर गर्व होता है कि हजारों वर्ष पहले ही भारत में इतनी अद्भुत कला और स्थापत्य मौजूद था। यात्रा के बाद भी उसका मन उन बेजोड़ कलाकृतियों में ही रम जाता है।

कक्षा 5 हिंदी वीणा अध्याय 11 का मुख्य भाव

यह अध्याय भारतीय कला, संस्कृति और स्थापत्य की महानता को दर्शाता है। अजंता और एलोरा की गुफाएँ तथा मंदिर हमारी प्राचीन सभ्यता की कलात्मक प्रतिभा, शिल्पकला और रचनात्मकता का जीता-जागता प्रमाण हैं। इन गुफाओं में बनी मूर्तियाँ और चित्र न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े हैं, बल्कि वे मनुष्य की भावनाओं, प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के यथार्थ को भी सजीव रूप में प्रस्तुत करते हैं।
अध्याय यह संदेश देता है कि भारत की कला बेजोड़, अद्भुत और गौरवपूर्ण विरासत है, जिस पर हमें गर्व करना चाहिए। साथ ही यह बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जानने और उसकी कद्र करने की प्रेरणा देता है।