एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 9 एक माँ की बेबसी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 9 एक माँ की बेबसी के प्रश्नों के उत्तर तथा अभ्यास में दिए गए अन्य प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 5 में हिंदी विषय की किताब रिमझिम के पाठ 9 पर आधारित अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर भी विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 9 एक माँ की बेबसी के प्रश्न उत्तर
कवि ने अपने पड़ोस में रह रहे रतन को “अदृश्य पड़ोसी” क्यों कहा?
कवि के पड़ोस में रहने वाले बाकी बच्चे एक-दूसरे से बातें करते थे, पर रतन बोल नहीं सकता था। इसलिए पड़ोसी होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों के लिए अनजान था। इसी तर्क के चलते कवि ने रतन को “अदृश्य पड़ोसी” की उपाधी दी है।
कविता को पढ़ते समय आँखों के सामने कौन-कौन से चित्र बनते हैं?
कविता को पढ़ते समय आँखों के सामने बचपन के साथियों का चित्र, रतन के बचपन का चित्र और एक माँ का चित्र बन जाता है।
कवि को रतन को देखकर क्या याद आता था?
कवि के अनुसार रतन सभी बच्चों से भिन्न था क्योंकि उसकी घबराहट और उसके इशारों को कोई समझ नहीं पाता था। उसकी भयभीत आँखों से उसके अंदर की छटपटाहट अजीबो-गरीब होती थी। इसी कारण कवि ने रतन को अजूबा कहा है।
कवि ने रतन को अजूबा क्यों कहा?
कागज़ के पन्नों की किताबें, टेलीविजन के पर्दे पर चलने वाली किताबों से काफ़ी बेहतर होती हैं क्योंकि बहुत सी चीजों को समझने के लिए हमें कुछ समय की आवश्यकता पड़ती है। वह पर्दे वाली क़िताबें नहीं करती और आगे बढ़ती रहती हैं। इससे सम्पूर्ण पढाई नहीं हो पाती है।
कवि ने कविता के कामयाब होने का क्या कारण बताया?
कवि ने कहा है कि कविता पूरी तरह तब समझ में आती है जब उसमें से एक चित्र बन कर हमारे सामने उभर कर आता है। तभी कविता पूरी तरह कामयाब होती है।
रतन को देख कवि और उसके मित्र क्यों घबरा जाते थे?
रतन के न बोल पाने के कारण वह अपनी बात इशारों से करता था। कवि और बच्चे जब रतन की बात नहीं समझते तो वह छटपटा जाता था। यह देखकर कवि और उसके मित्र घबरा जाते थे।
लेखक कविता को किस तरह से पढ़ने की सलाह देता है?
लेखक के अनुसार कविता धीरे-धीरे पढ़ने की चीज है। उसे मन में उतरने में काफी समय लगता है। कभी-कभी तो वर्षों बाद बचपन की पढ़ी कविता पढ़ते हैं तो लगता है: पहली बार पढ़ा है इसे। कविता पढ़ने के बाद मन के किसी कोने में घर बना लेती है। किसी मौके पर उभर आती है, तभी कविता पढ़ने का लाभ है।