एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 18 चुनौती हिमालय की
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 18 चुनौती हिमालय की के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा अन्य राजकीय बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 में हिंदी विषय की पुस्तक रिमझिम के पाठ 18 में छात्र जान सकेंगे कि हिमालय पर चढ़ने के रस्ते कितने मुश्किल हैं।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 18 चुनौती हिमालय की के प्रश्न उत्तर
जवाहरलाल को अमरनाथ तक का सफ़र अधूरा क्यों छोड़ना पड़ा?
अमरनाथ के रास्ते में खाई इतनी गहरी थी कि कोई गिर जाए तो उसका पता भी न चले। रास्ते में हुए हादसे से ही अनुमान लग गया कि रास्ता आसान नहीं है, न ही उनके पास खाइयाँ पार करने का उचित सामान था। इसलिए, जवाहरलाल को अमरनाथ तक का सफ़र अधूरा छोड़ना पड़ा था।
जवाहरलाल, किशन और कुली सभी रस्सी से क्यों बंधे थे?
जवाहरलाल, किशन और कुली सभी अमरनाथ यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए कमर में रस्सी से बाँधकर चल रहे थे, ताकि किसी के पैर फ़िसलने या गिरने से एक दूसरे को बचाया जा सके।
कुली के आठ मील की दूरी बताने के बाद जवाहरलाल की क्या प्रतिक्रिया थी?
कुली के आठ मील की दूरी बताने के बाद तो जवाहरलाल की यात्रा करने की उत्सुकता और बढ़ गई थी। उन्होंने फौरन कुली से कहा फिर तो हम जरुर चलेंगे।
अमरनाथ के रास्तों की मुश्किलें जानने के बाद जवाहरलाल ने क्या महसूस किया?
अमरनाथ के रास्तों की मुश्किलों को जानने के बाद उनकी ख़ुशी बढ़ गई। वहाँ जाने के लिए और भी उत्सुक हो गए। इसी ख़ुशी में उन्होंने पूंछा कौन-कौन चलेगा हमारे साथ।
यात्रा के दौरान ऊपर चढ़ते हुए जवाहरलाल और उनके साथियों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा था?
यात्रा के दौरान ज्यों-ज्यों ऊपर चढ़ते गए, त्यों-त्यों साँस लेने में दिक्कत होने लगी थी। एक कुली की नाक से खून बहने लगा था। जवाहरलाल ने उसका उपचार किया। खुद उन्हें भी कनपटी की नसों में तनाव महसूस होने लगा था। लगता था जैसे दिमाग में खून चढ़ आया हो। बर्फ़ पड़ने से फिसलन बढ़ गई और चलना कठिन हो गया था। सीधी चढ़ाई के कारण थकान आदि समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
खाई से बच कर बाहर आने पर भी जवाहरलाल के मन में क्या चल रहा था?
खाई से बचकर बाहर आने पर भी जवाहरलाल का जोश ठंडा नहीं हुआ था। हिमालय की ऊँचाइयाँ उनके मन को आकर्षित कर रही थी। वह अब भी आगे जाना चाहते थे।
कुली ने जवाहरलाल से रास्ते के दौरान क्या कहा?
कुली ने रात को जवाहरलाल से कहा, “शाब, लौट चलिए! वापस कैंप में पहुँचते-पहुँचते दिन ढल जाएगा”।
किस कारण जवाहरलाल इस यात्रा के लिए उत्साहित थे?
अमरनाथ की गुफ़ा दूर थी, लेकिन जवाहरलाल हिमालय पर चढ़ने के लिए उत्साहित थे। निर्गम पथ पार करने का उत्साह उन्हें आगे खींच रहा था।
क्या जवाहरलाल का अमरनाथ पहुँचने का सपना पूरा हो गया था?
जवाहरलाल का अमरनाथ पहुँचने का सपना तो पूरा नहीं हुआ लेकिन हिमालय की ऊँचाइयाँ सदा उनको आकर्षित करती रहीं।