एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 1 राख की रस्सी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 1 राख की रस्सी के प्रश्न उत्तर अभ्यास में दिए गए प्रश्नों के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। पाँचवीं कक्षा में हिंदी रिमझिम के पाठ 1 के लिए अभ्यास प्रश्न तथा उनके उत्तर सरल रूप में मुफ्त में प्राप्त करें।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 1 राख की रस्सी के प्रश्न उत्तर
लोनपो गार कौन थे? वह किस लिए मशहूर थे?
लोनपो गार तिब्बत के बत्तीसवें राजा सौनगवसैन गांपो के मंत्री थे। वह अपनी चालाकी और हाजिरजवाबी के लिए दूर-दूर तक मशहूर थे।
लोनपो गार के लिए क्या चिंता का विषय बना हुआ था?
लोनपो गार के लिए अपने बेटे का भोलापन ही बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ था। जो बड़ा तो हो चूका था परंतु बिलकुल भी होशियार नहीं था अर्थात होशियारी उसे छुकर भी नहीं गई थी।
लोनपो गार अपने बेटे के विषय में क्या सोचते थे?
लोनपो गार अपने बेटे के विषय में सोचते कि “मेरा बेटा बहुत सीधा-साधा है। मेरे बाद इसका काम कैसे चलेगा। कोई भी उसके भोलेपन का फ़ायदा उठा सकता है।
लोनपो गार ने पहली बार अपने बेटे को क्या कहकर शहर भेजा था?
लोनपो गार ने पहली बार अपने बेटे को शहर भेजते हुए कहा कि तुम सौ भेड़ें शहर ले जाओ, मगर इन्हें मारना या बेचना मत। तुम जब भी वापिस आना तब इनके साथ सौ बोरे जौ के भी लाना। वरना मैं तुम्हें घर में नहीं घुसने दूँगा।
चलाक लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद के लिए क्या हल खोज निकला था?
चलाक लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद के लिए भेड़ों के बाल उतारे और उन्हें बाजार में बेच दिया। उसे बालों से जो रूपये मिले उनसे जौ के सौ बोरे खरीद कर उसे घर वापिस भेज दिया।
दूसरी बार लोनपो गार ने अपने बेटे को शहर भेजते हुए क्या कहा था?
दूसरी बार लोनपो गार ने अपने बेटे को शहर भेजते हुए कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतारकर बेचना मुझे ज़रा भी पसंद नहीं आया। अब तुम दोबारा उन्हीं भेड़ों को लेकर जाओ और उनके साथ फिर से जौ के सौ बोरे लेकर ही लौटना”।
दूसरी बार चलाक लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद के लिए क्या हल निकला था?
दूसरी बार चलाक लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद के लिए हल निकाला कि अब की बार भेड़ों के सींग काट कर बेचकर दिए जाए और जो रूपये मिले उससे जौ के सौ बोरे खरीद लें।
लोनपो गार ने चलाक लड़की की परीक्षा लेने के लिए अपने बेटे से उसे क्या करने को कहा था?
लोनपो गार ने चलाक लड़की की परीक्षा लेने के लिए अपने बेटे से उसे कहा कि, “उसे हमें नौ हाथ लंबी राख की रस्सी बना कर देनी होगी।
चलाक लड़की ने लोनपो गार के लिए क्या शर्त रखी थी?
चलाक लड़की ने लोनपो गार के लिए शर्त रखी कि “मैं राख की रस्सी बना तो दूँगी, मगर वह रस्सी लोनपो गार को गले में पहननी होगी।
लोनपो गार ने चलाक लड़की की शर्त को क्यों स्वीकार कर लिया था?
लोनपो गार को लगा की ऐसी रस्सी बनाना ही असंभव है, इसलिए उसने चलाक लड़की की शर्त को स्वीकार कर लिया।
लोनपो गार ने लड़की की चालाकी को देखकर क्या निर्णय लिया था?
लोनपो ने लड़की की चालाकी को देखकर बिना वक्त गँवाए उससे अपने बेटे की शादी करने का निर्णय लिया था।
मंत्री लोनपो गार ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?
मंत्री लोनपो गार ने अपने बेटे को शहर उसकी बुद्धिमानी की परीक्षा लेने के लिए भेजा था। उसके बाद उसके बेटे का जीवन यापन कैसे होगा, लोनपो गार यह भी जानना चाहता था। वह जानता था कि उसका बेटा बहुत ही सीधा-साधा था।
चलाक लड़की ने अपनी शर्त से लोनपो गार को कैसे हरा दिया था?
चलाक लड़की ने शर्त के अनुसार नौ हाथ लंबी रस्सी ली और उसे पत्थर के सिल पर रखा तथा जला दिया। रस्सी जल गई और रस्सी के आकार की राख बच गई। इसे वह सिल समेत लोनपो गार के पास ले गई और उसे पहनने के लिए कहा लोनपो गार जानते थे कि राख की रस्सी को गले में पहनना तो दूर उठाना भी कठिन हैं, क्योंकि वह टूट जाएगी। इसलिए लोनपो गार ने अपनी हार स्वीकार कर ली।