एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 गणित अध्याय 1 देखें किधर से

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 गणित अध्याय 1 देखें किधर से के प्रश्नों के हल हिंदी और अंग्रेजी मीडियम सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 3 गणित पाठ 1 के सवाल जवाब सरल तरीके से हल करके उदाहरण सहित यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 गणित अध्याय 1

कार का चित्र

शिक्षक ने बच्चों को कार का एक चित्र बनाने को कहा। सभी बच्चे कार की छवि को ध्यान में रख कर अपने-अपने चित्र घर से बना के ले आए। अगले दिन जब बच्चें अपने-अपने बनाए चित्र एक दूसरे को दिखा रहे थे, तभी अंशुल, धीरज के बनाए चित्र को देख कर हँसने लगा। अंशुल ने कहा- यह तो ऐसा लग रहा है जैसे एक बड़े बक्से में छोटा बक्सा रखा हो। फिर अंशुल ने धीरज को अपना बनाया हुआ कार का चित्र दिखाया।

अंशुल और धीरज के चित्र में अंतर

दोनों ने तस्वीर तो एक ही कार की बनाई थी। लेकिन दोनों के चित्र अलग-अलग दिख रहे थे। जिसका कारण यह था, कि धीरज ने कार का यह चित्र कार को अपनी छत से देख कर बनाया था। किसी भी वस्तु को दाएँ-बाएँ और ऊपर से देखने पर कुछ अलग दिखाई देती है। धीरज के कार के चित्र में कार की छत को साफ देखा जा सकता है। दाएँ-बाएँ से देखने पर कार की छत दिखाई नहीं देती, बल्कि कार के दरवाजे और टायर दिखाई देते हैं। यह सब हमारे द्वारा एक ही वस्तु को अलग-अलग स्थान से देखने पर होता है।

कहाँ से देखने पर कैसा चित्र?

कुक्कर, चप्पल, तरबूज, और अलमारी को ऊपर से देखने पर उनकी आकृति बदल जाती है। कुछ चीज़े दिखाई देती है, और कुछ चीज़े छिप जाती है। इससे वस्तु की आकृति बदल जाती है। बिल्ली द्वारा कक्षा को ऊपर से देखने पर कक्षा में बैठे बच्चों और शिक्षक के सिर दिखाई देते हैं। जिस कारण बिल्ली को शिक्षक भी बच्चों की तरह दिखाई पड़ता है। यह फ़र्क बिल्ली द्वारा कक्षा को छत से देखने के कारण पैदा हुआ है। बच्चों के सिर के सामने वाला सिर शिक्षक का है।

सीढ़ियों के बाएँ और दाएँ तरफ से देखने पर केवल दीवार, रेलिंग और सीढ़ियों की ऊँचाई दिखाई पड़ती है। लेकिन सामने से देखने पर सीढ़ियों की चौड़ाई, रंग, गमला, सीढ़ियों की ऊँचाई, दो रेलिंग और दो दीवार दिखाई देती है। इसी तरह कुर्सी, पेन्सिल और बस को ऊपर, दाएँ-बाएँ और सामने से देखने पर अलग-अलग आकृतियाँ दिखाई देती हैं।

मीनाक्षी की रंगोली

बिंदुओं की मदद से तमिनाडु की रहने वाली मीनाक्षी फ़र्श पर सुंदर डिज़ाइन बनाती है। वह रोज़ सुबह फ़र्श पर कोलम बनाती है। ये कोलम बिंदुओं से बनाए जाते है। इन्हीं बिंदुओं की मदद से सुंदर रंगोली और अनेकों डिज़ाइन बनाएँ जा सकते हैं।

जैसे को तैसा

अमीना ने चित्रकार से अपना चित्र बनाने को कहा, जिसके लिए चित्रकार ने उससे 200 रूपये लेने की बात की। कुछ दिनों बाद चित्रकार उसका चित्र बना के ले आया। अपना चित्र देख कर अमीना बोली यह तो आधा ही चित्र है। चित्रकार ने कहा, बाकी आधा हिस्सा भी ठीक इसी तरह का है। बस एक आइना सामने रखो और तुम्हें पूरी तस्वीर मिल जाएँगी।

यह सुनकर अमीना ने चित्रकार को 100 रूपये का नोट दिया। 100 रूपये देखकर चित्रकार बोला बात तो 200 रूपये की हुई थी। तभी अमीना ने कहा, ठीक उसी तरह आइने के सामने रखने पर तुम्हें एक 100 रूपये का नोट मिल जाएगा। यह सुनकर चित्रकार को अपनी गलती का अहसास हो गया था।

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