कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श अध्याय 2 मीरा – पद
कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श भाग 2 पद्य खंड अध्याय 2 मीरा – पद के सभी प्रश्न उत्तर, प्रश्न अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर, व्याख्या और भाव व्यक्त करना और दिए गए कथनों को विस्तार से लिखना आदि यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 10 हिंदी पाठ 2 के सभी प्रश्न उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं। कक्षा 10 सभी विषयों के लिए समाधान ऐप मुफ़्त डाउनलोड करें।
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श पद्य खंड अध्याय 2 मीरा पद
कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श अध्याय 2 मीरा पद सत्र 2024-25 के लिए
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श अध्याय 2 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
मीरा ने अपने पहले पद में क्या कहा है?
मीरा ने अपने पहले पद में भगवान श्री कृष्ण के भक्त-प्रेम का वर्णन किया हैं। मीरा कहती है कि आप अपने भक्तों के सभी प्रकार के दुखों का नाश करने वाले है। मीरा उदाहरण देते हुए कहती है कि जिस तरह आपने द्रोपदी की इज्जत को बचाया और साड़ी के कपड़े को बढ़ाते चले गए। जिस तरह आपने अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए नरसिंह का शरीर धारण कर लिया और जिस तरह आपने हाँथियों के राजा, भगवान इंद्र की सवारी ऐरावत हाथी को मगरमच्छ से बचाया था, हें! श्री कृष्ण उसी तरह अपनी इस दासी या भक्त के सारे दुख हर लो, अर्थात सभी दुखों का नाश कर दो।
मीराबाई का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
मीराबाई का जन्म जोधपुर के चोकड़ी (कुड़की) गाँव में 1503 में हुआ था।
मीराबाई और श्री कृष्ण में कौन सा आलौंकिक संबंध था?
मीराबाई और श्री कृष्ण में भगवान और भक्त के आलौंकिक प्रेम का संबंध था।
मीराबाई भगवान श्री कृष्ण से क्या चाहती हैं?
मीराबाई भगवान श्री कृष्ण से भक्त प्रेम और अपने दुखों को उनके द्वारा हरने की इच्छा प्रकट करना चाहती हैं।
मीरा के दूसरे पद की व्यख्या कीजिए।
मीरा के दूसरे पद में मीरा, श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भावना को उजागर करती हुई कहती है कि हे! श्री कृष्ण मुझे अपना नौकर बना कर रख लो, अर्थात मीरा किसी भी प्रकार से श्री कृष्ण के पास रहना चाहती है फ़िर चाहे उसे नौकर ही बन कर ही रहना पड़े। मीरा कहती है कि नौकर बन कर में बंगीचा लगाऊँगी ताकि रोज़ सुबह उठ कर आपके दर्शन पा सकूँगी।
मीरा कहती है कि वृदावन की संकरी गलियों में, मै अपने स्वामी की लीलाओं का बखान करूंगी। मीरा का मानना है की उसे तीन फ़ायदे होंगें पहला उन्हें हमेशा कृष्ण के दर्शन प्राप्त होंगें, दूसरा उन्हें अपने प्रिय की याद नहीं सताएगी और तीसरा उनकी भाव भक्ति का साम्राज्य बढ़ता ही जाएगा। मीरा श्री कृष्ण के रूप का बखान करते हुए कहती है कि उन्होंनें पीले वस्त्र धारण किऐ हुए है, सर पर मोर के पंखों का मुकुट विराजमान हैं और गलें में वैजन्ती फूल की माला को धारण किया हुआ हैं। वृदावन में गाय चराते हुए जब वह मोहन मुरली बजाता हैं तो सब का मन मोह लेता है।
मीरा कहती है कि में बंगीचों के बीच ही ऊँचे-ऊँचे महल बनाऊँगी और कुसुम्बी साड़ी पहन कर अपने प्रिय के दर्शन करूँगी। अर्थात श्री कृष्ण के दर्शन के लिए साज श्रंगार करूँगी। मीरा कहती है कि हें! मेरे प्रभु गिरधर स्वामी मेरा मन आपके दर्शन के लिए इतना बेचैन है कि वह सुबह का इन्तजार नहीं कर सकती। मीरा चाहती है कि श्री कृष्ण आंधी रात को ही जमुना नदी के किनारे उसे दर्शन दे दें।
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श अध्याय 2 के मुख्य प्रश्न उत्तर
भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए श्री हरी ने कौन से अवतार का रूप धारण किया था?
भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए श्री हरी ने नरसिंह अवतार का रूप धारण किया था।
श्री कृष्ण ने द्रोपदी की लाज़ बचाने के लिए क्या किया था?
श्री कृष्ण ने द्रोपदी की लाज़ बचाने के लिए द्रोपदी की साड़ी के कपड़े को बढ़ाते चले गए थे।
मीरा बंगीचों के बीच ऊँचे-ऊँचे महल क्यों बनवाना चाहती है?
मीरा बंगीचों के बीच ऊँचे-ऊँचे महल बनवा कर साज श्रंगार करू और कुसुम्बी साड़ी पहन कर अपने प्रिय श्री कृष्ण के दर्शन करती रहूँ।
मीरा का मन बैंचेन क्यों है?
मीरा का मन श्री कृष्ण की भक्ति करते-करते उनके दर्शन करने के लिए बेचैन हो जाता है और वह सुबह का भी इन्तजार नहीं कर सकती। वह श्री कृष्ण को जमुना नदी के किनारे बुला कर आधी रात को ही उनका दर्शन करने के लिए बेचैन हैं।