कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श गद्य अध्याय 3 लीलाधार मंडलोई – तताँरा-वामीरों कथा
कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श भाग 2 गद्य खंड अध्याय 3 लीलाधार मंडलोई – तताँरा-वामीरों कथा, जो अंदमान निकोबार द्वीपसमूह के लोगों के बीच प्रचलित एक कथा है। विद्यार्थी 10वीं कक्षा हिंदी के अध्याय 3 के सभी प्रश्न उत्तर, आशय स्पष्ट करने से संबंधित प्रश्न, लिखित तथा मौखिक प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। पीडीएफ समाधान के लिए कक्षा 10 समाधान ऐप डाउनलोड करें जो प्ले स्टोर पर निशुल्क उपलब्ध है।
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श अध्याय 3 लीलाधार मंडलोई – तताँरा-वामीरों कथा
कक्षा 10 हिंदी एनसीईआरटी समाधान स्पर्श गद्य खंड अध्याय 3 लीलाधार मंडलोई – तताँरा-वामीरों कथा
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श अध्याय 3 के अतिरिक्त प्रश्न उत्तर
तताँरा-वमीरो कहाँ की कथा हैं?
तताँरा-वमीरो की कथा लिटिल अंदमान और कार-निकोबार द्वीपसमूह की है।
वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई थी?
समुद्र की एक ऊँची लहर उठी, उसे भिगो गई और वह हड़बड़ाहट में गाना भूल गई थी।
तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की थी?
तताँरा ने वामीरो से कल यहाँ दोबारा आने के लिए याचना की थी।
तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
तताँरा और वामीरो के गाँव के लोग दूसरे गाँव के लोगों से वैवाहिक संबंध नहीं बना सकते थे, केवल अपने गाँव में ही विवाह करना पड़ता था।
क्रोध में तताँरा ने क्या किया था?
तताँरा ने क्रोध में अपनी तलवार निकाल कर उसमे शक्ति भर के धरती में घोंप दी और पूरी ताकत लगा के अपनी तरफ़ खींचने लगा था।
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
तताँरा की तलवार के बारे मे लोगों का मत था कि लकड़ी की होने के बावजूद उस तलवार में अदभूत दैविक शक्ति थी, जिससे उसने चर्चित साहसिक कार्य किए थे। उसकी तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से जवाब दिया कि अपने गाँव के अलावा किसी और गाँव के युवक के प्रश्नों का उत्तर देने को मै बाध्य नहीं हूँ।
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया था?
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार की रीति-रिवाज़ में यह परिवर्तन आया कि वे दूसरे गांवों में भी आपसी वैवाहिक संबंध करने लगे थे।
निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
तताँरा एक नेक मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। वह अपने गांववालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीप वासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था। इसलिए निकोबार के लोग उसे पसंद करते थे।
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के विषय में वहाँ के लोगों का मानना है कि तताँरा की तलवार से कार-निकोबार के जो टुकड़े हुए उसमेँ दूसरा टुकड़ा लिटिल अंदमान है जो कार-निकोबार से आज 96 किलोमीटर दूर स्थित है।
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया था?
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा था। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले मेँ डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें आ रही थी। पक्षियों की सायकालीन चहचहाहटें शनै: शनै: क्षीण होने को थी। सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों का समुद्र पर गिरना प्राकृतिक आलौकिक सौदर्य था।
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन मेँ क्या परिवर्तन आया?
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का जीवन ही परिवर्तित हो गया था। उसका ह्रदय व्यथित रहने लगा। उसका दिन उबाऊ गुजरने लगा। शाम की प्रतीक्षा करने लगा। मानों पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। वह अचंभित होने के साथ वामीरो से मिलने के लिए रोमांचित होने लगा था। दिन ढलने से पहले वह लपासी की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच जाता जहाँ वामीरो से मिलना था।
तताँरा के गाँव मेँ मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
तताँरा के गाँव मेँ मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए पशु-पर्व का आयोजन किया जाता था। जहाँ पर हष्ट-पुष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अतिरिक्त पशुओं से युवकों की शक्ति परीक्षा प्रतियोगिता भी होती थी। वर्ष मेँ एक बार सभी गाँव के लोग हिस्सा लेते थे। मनोरंजन के लिए नृत्य-संगीत और भोजन का भी आयोजन किया जाता था।
रूढ़िवादी रीति-रिवाज़ का टूट जाना क्यों अच्छा है?
रूढ़िवादी रीति-रिवाज़ का टूट जाना इसलिए अच्छा हें कि यह किसी के जीवन से बड़ी तो नहीं हो सकती। बहुत सी रूढ़िवादी परंपरा तो मनुष्य के जीवन में इतनी कठनाई पैदा कर देती है कि मनुष्य जीवन के बदले मृत्यु को गले लगा लेते है। यह हमारे समाज के लिए एक श्राप है। हमें ऐसी रूढ़िवादी परंपरा से बचना चाहिए और इसका विरोध भी करना चाहिए।