एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 फूल और काँटा
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 फूल और काँटा सत्र 2025-26 के लिए प्रश्न उत्तर यहाँ दिए गए है। इसमें कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने फूल और काँटे के माध्यम से मानव जीवन का गहरा संदेश दिया है। कविता बताती है कि एक ही परिस्थिति में पले-बढ़े लोग भी अलग स्वभाव और आचरण रखते हैं। फूल अपने गुणों से सबको आनंद और सौंदर्य देता है, जबकि काँटा चुभकर सावधानी सिखाता है। अध्याय का मुख्य उद्देश्य है कि असली बड़प्पन कर्म, गुण और व्यवहार से पहचाना जाता है, कुल से नहीं।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 3 के MCQ
कक्षा 7 मल्हार के सभी प्रश्न-उत्तर
फूल और काँटा कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
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मेरी समझ से
(क) कविता के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्ननों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) कविता में काँटे के बारे में कौन-सा वाक्य सत्य है?
• काँटा अपने आस-पास की सुगंध को नष्ट करता है।
• काँटा तितलियों और भौंरों को आकर्षित करता है।
• काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है।
• काँटा पौधे को हानि पहुँचाता है
उत्तर देखें★ काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है।
(2) कविता में फूल और काँटे में समानताओं और विभिन्नताओं का उल्लेख किया गया है। निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य इन्हें सही रूप में व्यक्त करता है?
• फूल सुंदरता का प्रतीक है और काँटा कठोरता का।
• फूल और काँटे के बारे में लोगों के विचार समान होते हैं।
• फूल और काँटे एक ही पौधे पर उगते हैं, लेकिन उनके स्वभाव भिन्न होते हैं।
• फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग होते हैं।
उत्तर देखें★ फूल और काँटे एक ही पौधे पर उगते हैं, लेकिन उनके स्वभाव भिन्न होते हैं।
★ फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग होते हैं।
(3) कविता के आधार पर कौन-सा निष्कर्ष उपयुक्त है?
• व्यक्ति का कुल ही उसके सम्मान का आधार होता है।
• व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं।
• कुल की प्रतिष्ठा हमेशा व्यक्ति के गुणों से बड़ी होती है।
• यदि व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो उसके कुल को प्रसिद्धि मिलती है।
उत्तर देखें★ व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं।
★ यदि व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो उसके कुल को प्रसिद्धि मिलती है।
(4) कविता के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ‘बड़प्पन’ के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
• धन-दौलत और ताकत से व्यक्ति के बड़प्पन का पता चलता है।
• कुल के बड़प्पन की प्रशंसा व्यक्ति की कमियों को ढक देती है।
• बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है।
• कुल का नाम व्यक्ति में बड़प्पन की पहचान का मुख्य आधार है।
उत्तर देखेंउत्तर देखें★ बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग या एक से अधिक उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर देखेंमैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता में काँटे और फूल का स्पष्ट अंतर बताया गया है।
► पहले प्रश्न में काँटे के बारे में लिखा है कि वह “छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ, फाड़ देता है किसी का वर बसन” यानी काँटा चुभता और कपड़े फाड़ता है। इसलिए मैंने वही उत्तर सही माना।
► दूसरे प्रश्न में कवि बताते हैं कि दोनों एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं, उन पर वही चाँदनी, बारिश और हवा असर करती है, लेकिन उनका स्वभाव और ढंग अलग होता है। फूल सुंदरता और सुगंध से सबका मन मोहता है जबकि काँटा कठोर और चुभने वाला होता है। इसलिए मैंने तीन उत्तर चुने।
► तीसरे प्रश्न में साफ कहा गया है कि “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।” इसका मतलब है कि असली सम्मान व्यक्ति के अच्छे गुणों और कामों से मिलता है, न कि सिर्फ कुल या खानदान से। इसीलिए मैंने वही दो उत्तर चुने।
► चौथे प्रश्न में भी यही भाव है कि बड़प्पन धन, ताकत या कुल से नहीं, बल्कि व्यक्ति के गुण, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है। इसलिए मैंने वह उत्तर चुना।
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पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए —
(क) “मेह उन पर है बरसता एक सा,
एक सी उन पर हवायें हैं बही।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं।”
उत्तर देखेंइन पंक्तियों का अर्थ है कि फूल और काँटा दोनों को प्रकृति से एक जैसी चीजें मिलती हैं, जैसे बारिश और हवा। इसके बावजूद, दोनों का स्वभाव और व्यवहार एक जैसा नहीं होता, वे बिल्कुल अलग-अलग होते हैं।
(ख) “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे,
जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।”
उत्तर देखेंइन पंक्तियों का अर्थ है कि यदि किसी व्यक्ति के कर्म और स्वभाव में बड़प्पन या अच्छाई की कमी हो, तो उसके ऊँचे कुल या खानदान में जन्म लेने का कोई लाभ नहीं होता। व्यक्ति की पहचान उसके कुल से नहीं, बल्कि उसके अच्छे गुणों और कामों से होती है।
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मिलकर करें मिलान
इस कविता में ‘फूल’ और ‘काँटा’ के उदाहरण द्वारा लोगों के स्वभावों के अंतर और समानताओं की ओर संकेत किया गया है। दूसरे शब्दों में, ‘फूल’ और ‘काँटा’ प्रतीक के रूप में प्रयोग किए गए हैं। अपने साथियों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए कि फूल और काँटा किस-किस के प्रतीक हो सकते हैं। इन्हें उपयुक्त प्रतीकों से जोड़िए –
उत्तर:
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार पन: ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए –
(क) कविता में ऐसी कौन-कौन सी समानताओं का उल्लेख किया गया है जो सभी पौधों पर समान रूप से लागू होती हैं?
उत्तर देखेंकविता में बताया गया है कि फूल और काँटा:
• एक ही जगह पर जन्म लेते हैं।
• एक ही तरह उनका पालन-पोषण होता है।
• रात में एक ही चाँद उन पर अपनी चाँदनी डालता है।
• उन पर एक जैसी ही बारिश होती है।
• एक जैसी ही हवाएँ उन पर बहती हैं।
(ख) आपको फूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य रूप से कौन-सा अंतर दिखाई दिया?
उत्तर देखेंफूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य अंतर यह है कि फूल सबको सुख और आनंद देता है, जबकि काँटा दूसरों को दुख और कष्ट पहुँचाता है। फूल तितलियों को अपनी गोद में लेता है और भौर को रस पिलाता है, वहीं काँटा उँगलियों में चुभ जाता है, कपड़े फाड़ देता है और तितलियों के पंख तथा भौर के शरीर को घायल कर देता है।
(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर देखेंइस कविता में मुख्य रूप से यह बात कही गई है कि मनुष्य की पहचान उसके जन्म या कुल से नहीं, बल्कि उसके कर्मों और व्यवहार से होती है। जिस तरह एक ही पौधे पर पलने के बावजूद फूल अपने गुणों के कारण सबका प्रिय बन जाता है और काँटा अपने बुरे स्वभाव के कारण सबकी आँखों में खटकता है, उसी प्रकार व्यक्ति अपने अच्छे कर्मों से ही समाज में सम्मान पाता है।
(घ) “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।” उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर देखेंइस पंक्ति का अर्थ है कि यदि व्यक्ति में अच्छे गुण और श्रेष्ठ व्यवहार नहीं है, तो उसका ऊँचे खानदान का होना किसी काम का नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि कोई राजा का पुत्र है लेकिन वह चोरी करता है और लोगों से बुरा व्यवहार करता है, तो कोई भी उसका सम्मान नहीं करेगा। वहीं दूसरी ओर, एक साधारण परिवार का व्यक्ति यदि अपने अच्छे कामों और विनम्र स्वभाव से सबकी मदद करता है, तो सभी उसे प्यार और सम्मान देंगे।
(ङ) “है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर।” लोग कैसे स्वभाव के व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं और कैसे स्वभाव वाले व्यक्तियों से दूर रहना पसंद करते हैं?
उत्तर देखेंइस पंक्ति का अर्थ है कि काँटा जैसे बुरे स्वभाव वाले लोग सबकी आँखों में चुभते हैं, जबकि फूल जैसे अच्छे स्वभाव वाले लोग देवताओं के शीश पर भी चढ़ाए जाते हैं। लोग उन व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं जो विनम्र, परोपकारी और प्रेमपूर्ण होते हैं तथा दूसरों को सुख देते हैं। इसके विपरीत, जो लोग स्वार्थी, कठोर और दूसरों को कष्ट देने वाले होते हैं, लोग उनसे दूर रहना ही पसंद करते हैं।
कक्षा 7 मल्हार अध्याय 3 कल्पना पर आधारित प्रश्न
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए —
(क) कल्पना कीजिए कि चाँदनी, हवा और मेघ केवल एक पौधे पर बरसते हैं। बाकी पौधे इन सबके बिना कैसे दिखेंगे और उनके जीवन पर इसका क्या प्रभाव होगा?
उत्तर देखेंयदि चाँदनी, हवा और मेघ केवल एक पौधे को मिलते तो वह पौधा बहुत हरा-भरा, सुंदर और स्वस्थ होता। बाकी सारे पौधे पानी और हवा के बिना मुरझा जाते, सूख जाते और बेजान दिखते। उनके जीवन का अंत हो जाता क्योंकि हवा और पानी जीवन के लिए आवश्यक हैं।
(ख) यदि सभी पौधे एक जैसे होते तो दुनिया कैसी लगती?
उत्तर देखेंयदि सभी पौधे एक जैसे होते तो दुनिया बहुत नीरस और उबाऊ लगती। हमें अलग-अलग तरह के फूल, फल और सब्जियाँ नहीं मिलतीं। दुनिया की सुंदरता कम हो जाती क्योंकि प्रकृति की विविधता ही उसे खूबसूरत बनाती है।
(ग) यदि काँटे न होते और हर पौधा केवल फूलों से भरा होता तो क्या होता?
उत्तर देखेंयदि काँटे न होते और हर पौधा फूलों से भरा होता, तो दुनिया बहुत सुंदर और सुगंधित होती। किसी को काँटों से चुभने का डर नहीं होता। लेकिन, काँटे पौधों की सुरक्षा भी करते हैं, इसलिए शायद काँटों के बिना कुछ कोमल पौधे जानवरों से अपनी रक्षा नहीं कर पाते।
(घ) कल्पना कीजिए कि एक तितली काँटे से मित्रता करना चाहती है, उनके बीच कैसा संवाद होगा?
उत्तर देखेंउनके बीच ऐसा संवाद हो सकता है:
• तितली: काँटे भाई, तुम हमेशा इतने गुस्से में क्यों रहते हो?
• काँटा: मैं गुस्से में नहीं हूँ, मैं तो बस अपनी और इस पौधे की रक्षा करता हूँ।
• तितली: पर तुम्हारी वजह से सब तुमसे डरते हैं। तुम फूल की तरह नरम क्यों नहीं बनते?
• काँटा: अगर मैं नरम बन जाऊँगा तो कोई भी इस पौधे को नुकसान पहुँचा सकता है। मेरा कठोर होना भी ज़रूरी है। क्या हम दोस्त बन सकते हैं?
• तितली: हाँ, क्यों नहीं! आज से हम दोस्त हुए।
(ङ) कल्पना कीजिए कि आपको किसी काँटे, फूल या दोनों के गुणों के साथ जीवन जीने का अवसर मिलता है। आप किसके गुणों को अपनाना चाहेंगे? कारण सहित बताइए।
उत्तर देखेंयदि मुझे जीवन जीने के लिए किसी एक के गुणों को चुनने का अवसर मिले, तो मैं फूल और काँटे, दोनों के गुणों को अपनाना चाहूँगा।
• फूल के गुण: मैं फूल की तरह बनना चाहता हूँ ताकि अपने अच्छे व्यवहार, मधुर वाणी और परोपकारी कामों से सबके जीवन में खुशी और सुगंध फैला सकूँ । फूल की तरह मैं भी तितलियों और भौरों जैसे ज़रूरतमंदों की मदद करना चाहता हूँ और सबका प्रिय बनना चाहता हूँ ।
• काँटे के गुण: इसके साथ ही, मैं काँटे की तरह मज़बूत और साहसी भी बनना चाहता हूँ। काँटे की तरह मैं अपनी और अपने प्रियजनों की बुरी ताकतों से रक्षा करना चाहूँगा। जीवन में अन्याय और गलत बातों का सामना करने के लिए काँटे जैसी दृढ़ता और कठोरता भी आवश्यक है।
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शब्द से जुड़े शब्द
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बड़प्पन’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए।
उत्तर:
बड़प्पन
‘बड़प्पन’ शब्द ‘बड़ा’ और ‘पन’ से मिलकर बना है। इसका अर्थ होता है — बड़ाई, श्रेष्ठ या बड़ा होने का भाव, महत्व, गौरव। इसका उपयोग मुख्य रूप से व्यिक् तत् व, गुण और चरित्र की ऊँचाई या महानता बताने के लिए किया जाता है, जैसे — उनकी सादगी और बड़प्पन ने सबका मन जीत लिया।
नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं जो किसी भाव को व्यक्त करते हैं। इनमें से जो शब्द ‘बड़प्पन’ के भाव व्यक्त करते हैं, उन पर एक गोला बनाइए, जो बड़प्पन का भाव व्यक्त नहीं करते हैं, उनके नीचे रेखा खींचिए।
उत्तर:
कक्षा 7 मल्हार अध्याय 3 कविता की रचना और सौंदर्य पर प्रश्न
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कविता की रचना
“फूल लेकर तितिलयों को गोद में,
भौंर को अपना अनूठा रस पिला।
निज सुगंधों औ निराले रंग से,
है सदा देता कली का जी खिला।”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्द पर ध्यान दीजिए। क्या आपने इस शब्द को पहले कहीं पढ़ा है? यह शब्द है—
‘और’। कविता में ‘र’ वर्ण नहीं लिखा गया है। कई बार बोलते हुए हम शब्द की अंतिम ध्वनी उच्चरित नहीं करते हैं। कवि भी कविता की लय के अनुसार ऐसा प्रयोग करते हैं। इस कविता में ऐसी अनेक विशेषताएँ छीपी हैं, जैसे— ‘प्यार में डूबी तितलियों’ के स्थान पर ‘प्यार-डूबी तितलियों’ का प्रयोग किया गया है। हर दूसरी पंक्ति का अंतिम शब्द मिलती-जुलती ध्विन वाला यानी ‘तुकांत’ है
(क) अपने समूह के साथ मिलकर इन विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर देखेंकविता की विशेषताओं की सूची:
► शब्द के अंत की ध्वनि का लोप
• जैसे ‘और’ को कवि ने ‘औ’ लिखा है।
• बोलचाल की भाषा में अक्सर आखिरी ध्वनि (जैसे ‘र’) छूट जाती है। कविता की लय और छंद बनाए रखने के लिए कवि ने यह प्रयोग किया है।
► संक्षिप्त शब्द-प्रयोग
• जैसे ‘प्यार में डूबी तितलियाँ’ की जगह ‘प्यार-डूबी तितलियाँ’ लिखा गया है।
• इससे पंक्ति छोटी, सधी हुई और लयबद्ध बन जाती है।
► तुकांत प्रयोग
• हर दूसरी पंक्ति का आखिरी शब्द मेल खाता है।
• उदाहरण: “पालता – डालता”, “बही – नहीं”, “बसन – तन”, “पिला – खिला”।
► विपरीत गुणों का वर्णन
• कविता में फूल और काँटे दोनों का एक ही पौधे पर होना बताया गया है, पर स्वभाव में पूरी तरह फर्क दिखाया गया है।
• यह विरोधाभास कविता को गहराई देता है।
► मानवीकरण
फूल और काँटे को मानवीय गुण दिए गए हैं।
जैसे काँटा “उँगली छेदता है”, “पर कतर देता है”, और फूल “तितलियों को गोद में लेता है”।
► संदेशात्मकता
• कविता सिर्फ फूल और काँटे की बात नहीं करती, बल्कि यह सिखाती है कि व्यक्ति का बड़प्पन उसके कर्म और गुणों से होता है, न कि कुल या वंश से।
(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ झलकती हैं। विशेषताओं का सही पक्तियों से मिलान कीजिए। आप कविता की पक्तियों में एक से अधिक विशेषताएँ भी ढूँढ सकते हैं।
उत्तर:
कविता का सौंदर्य
(क) आगे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं, उन पर घेरा बनाइए।
1. हैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता।
____ में उन पर चमकता ____ भी, (रात, रात्रि, रजनी, निशा,) (शशी, चंद्रमा, चाँद, राकेश, इंदु)
एक ही सी चाँदनी है डालता।
उत्तर देखेंहैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता।
रात में उन पर चमकता चाँद भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता।
2. ____ उन पर है बरसता एक सा, (मेह, बादल, मेध, जलद)
एक सी उन पर ____ हैं बही। (वायु, पवन, समीर, मारुत, बयारें, हवायें)
पर सदा ही यह दिखता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं।
उत्तर देखेंमेह उन पर है बरसता एक सा,
एक सी उन पर हवायें हैं बही।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं।
(यहाँ ‘मेह’ (अर्थात् बादल/वर्षा) और ‘हवायें’ शब्द मूल कविता के शब्द हैं और कविता के प्रवाह को बनाए रखते हैं।)
(ख) अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि कौन-सा शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को चँच रहा है और क्यों?
उत्तर देखेंपहली पंक्ति के लिए (रात / रात्रि / रजनी / निशा) और (शशी / चंद्रमा / चाँद / राकेश / इंदु):
ज़्यादातर साथियों ने “रात” और “चाँद” चुना।
क्योंकि ये शब्द बहुत आसान और रोज़मर्रा की भाषा में आते हैं। कविता की लय और सरलता के हिसाब से ये जल्दी समझ में आते हैं। अगर “रात्रि” या “निशा” लिखा जाए तो कविता थोड़ी कठिन लगने लगती है।
दूसरी पंक्ति के लिए (मेह / बादल / मेध / जलद) और (वायु / पवन / समीर / मारुत / बयारें / हवायें):
सबसे ज़्यादा बच्चों ने “मेह” और “हवायें” चुना।
क्योंकि “मेह” शब्द कविता की धुन और लय के साथ सही बैठता है। “हवायें” शब्द बोलने और गाने में सहज लगता है, जबकि “समीर/मारुत” जैसे शब्द थोड़े कठिन लगते हैं।
हमारी सोच: हम सबने माना कि कवि ने जान-बूझकर सरल और सुरीले शब्द चुने हैं ताकि कविता गुनगुनाने जैसी लगे और हर कोई आसानी से समझ सके। इसलिए “रात–चाँद” और “मेह–हवायें” सबसे ज़्यादा जँचे।
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विशेषण
“भौंर का है बेध देता श्याम तन।”
‘श्याम तन’ का अर्थ है – काला शरीर। यहाँ ‘श्याम’ शब्द भँवरे के ‘शरीर’ की विशेषता बता रहा है, अथार्त् ‘श्याम’ ‘विशेषण’ है। ‘तन’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है अथार्त् ‘तन’ ‘विशेष्य’ शब्द है।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-
उत्तर:
(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए —
1. फुल ____________ ____________
2. काँटा ____________ ____________
3. मेह ____________ ____________
4. चाँद ____________ ____________
5. रात ____________ ____________
उत्तर देखें1. फूल: सुंदर, सुगंधित
2. काँटा: नुकीला, चुभने वाला
3. मेह: बरसता, घना
4. चाँद: चमकता, रुपहला
5. रात: काली, चाँदनी
कक्षा 7 मल्हार अध्याय 3 आपकी बात पर प्रश्न
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आपकी बात
(क) यदि आपको फूल और काँटे में से किसी एक को चुनना हो तो आप किसे चुनेंगे और क्यों?
उत्तर देखेंयदि मुझे फूल और काँटे में से किसी एक को चुनना हो, तो मैं फूल को चुनूँगा। मैं फूल को इसलिए चुनूँगा क्योंकि फूल हमेशा दूसरों के जीवन में सुंदरता, सुगंध और खुशी फैलाता है। मैं भी फूल की तरह बनना चाहता हूँ ताकि अपने अच्छे व्यवहार और कामों से सबके जीवन में आनंद ला सकूँ।
(ख) कविता में बताया गया है कि फूल अपनी सुगंध और व्यवहार से चारों ओर प्रसन्नता और आनंद फैला देता है।आप अपने मित्रों या परिवार के जीवन में प्रसन्नता और आनंद लाने के लिए क्या-क्या करते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर देखेंमैं अपने मित्रों और परिवार के जीवन में प्रसन्नता लाने के लिए उनकी मदद करता हूँ, उनके साथ विनम्रता से बात करता हूँ और जब वे उदास होते हैं तो उन्हें हँसाने की कोशिश करता हूँ। भविष्य में भी मैं उनकी जरूरतों का ध्यान रखकर, उनके साथ अपना समय बिताकर और उनका सम्मान करके उनके जीवन में आनंद लाना चाहूँगा।
(ग) ‘फूल’ और ‘काँटे’ एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न हैं फिर भी साथ-साथ पाए जाते हैं। अपने आस-पास से ऐसे अन्य उदाहरण दीजिए।
उत्तर देखेंहमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो एक-दूसरे से बिलकुल अलग होते हुए भी साथ-साथ पाई जाती हैं। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
• दिन और रात: दिन में उजाला और रात में अँधेरा होता है, लेकिन ये दोनों मिलकर ही एक पूरा दिन बनाते हैं।
• सुख और दुख: ये जीवन के दो अलग-अलग अनुभव हैं, फिर भी ये जीवन में एक के बाद एक आते-जाते रहते हैं।
• जन्म और मृत्यु: ये जीवन के दो विपरीत सिरे हैं, लेकिन ये जीवन चक्र का एक अविभाज्य हिस्सा हैं।
• अच्छा और बुरा: समाज में अच्छे और बुरे, दोनों तरह के लोग साथ रहते हैं। यहाँ तक कि एक ही व्यक्ति में अच्छी और बुरी, दोनों आदतें हो सकती हैं।
• आग और पानी: आग और पानी एक दूसरे के बिलकुल विपरीत हैं, फिर भी दोनों ही धरती पर जीवन के लिए ज़रूरी हैं।
(घ) “छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ, फाड़ देता है किसी का वर बसन।” आप अपने आस-पास की किसी समस्या का वर्णन कीजिए जिसे आप ‘काँटे’ के समान महसूस करते हैं। उस समस्या का समाधान भी सुझाइए।
उत्तर देखेंसमस्या: मेरे लिए हमारे आस-पास फैला हुआ कूड़ा-कचरा और गंदगी एक ‘काँटे’ के समान है। जिस तरह काँटा चुभकर दर्द देता है, उसी तरह यह गंदगी हमारी आँखों को चुभती है, बीमारियाँ फैलाकर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाती है और हमारे सुंदर वातावरण को बदसूरत बना देती है। यह एक ऐसा काँटा है जो हमारे समाज की सुंदरता और सेहत को रोज़ घायल करता है।
समाधान: इस समस्या को हल करने के लिए हम सब मिलकर प्रयास कर सकते हैं:
1. व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी: हमें खुद यह प्रण लेना होगा कि हम कूड़ा-कचरा कभी भी सड़क पर या खुली जगह में नहीं फेकेंगे। हमेशा कूड़ेदान का ही प्रयोग करेंगे।
2. जागरूकता फैलाना: हम अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों को भी साफ़-सफाई के महत्व के बारे में बता सकते हैं। हम मिलकर पोस्टर बना सकते हैं और लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
3. सामूहिक प्रयास: हम सब मिलकर अपने इलाके में ‘सफाई अभियान’ चला सकते हैं और सप्ताह में एक दिन अपने आस-पास की सफाई कर सकते हैं।
4. प्रशासन से अनुरोध: हम अपने क्षेत्र के नगर निगम से और कूड़ेदान लगवाने तथा नियमित रूप से कचरा उठाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। अगर हम सब मिलकर यह ठान लें, तो इस गंदगी रूपी काँटे को हम अपनी ज़िंदगी से निकाल सकते हैं।
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सृजन
(क) इस कविता के बारे में एक चित्र बनाइए। आप चित्र में जहाँ चाहें, अपने मनोनीत रंग भर सकते हैं। आप बिना रंगों या केवल उपलब्ध रंगों की सहायता से भी चित्र बना सकते हैं। चित्र बिलकुल मौलिक लगे इसकी चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। आप अपनी कल्पना को जैसे मन करे, वैसे साकार कर सकते हैं।
उत्तर:
(ख) मान लीजिए कि फूल और काँटे के बीच बातचीत हो रही है। उनकी बातचीत या संवाद अपनी कल्पना से लिखिए। संवाद का विषय निम्नलिखित हो सकता है –
• उनके गुणों और विशेषताओं पर चर्चा।
• यह सझना कि उनका जीवन में क्या योगदान है।
उदाहरण
• फूल – मैं दूसरों के जीवन में सुगंध और फैलाने आया हूँ।
• काँटा – और मैं संघर्ष की याद दिलाने औए सुरक्षा देने के लिए हूँ।
उत्तर देखेंफूल और काँटे का संवाद:
फूल – नमस्ते भाई काँटे! मैं तो सबके जीवन में सुंदरता और खुशबू फैलाने आया हूँ। मुझे देखकर लोगों का मन खिल उठता है।
काँटा – सही कहा फूल! लेकिन मेरा भी काम कम नहीं है। मैं पौधे की रक्षा करता हूँ। अगर मैं न रहूँ तो कोई भी जानवर पौधे को नुकसान पहुँचा देगा।
फूल – हाँ, ये बात सही है। मैं तितलियों और भौंरों को अपनी ओर आकर्षित करता हूँ, ताकि वे रस चूसकर पराग फैलाएँ और पौधा बढ़े।
काँटा – और मैं उन हाथों को चुभता हूँ जो सिर्फ तोड़ने या नुकसान पहुँचाने आते हैं। इस तरह मैं चेतावनी भी देता हूँ कि जीवन में संघर्ष और सावधानी जरूरी है।
फूल – तो हम दोनों का योगदान अलग-अलग है। मैं लोगों को आनंद देता हूँ, और तुम उन्हें सतर्क और मज़बूत बनाते हो।
काँटा – बिल्कुल! जीवन में सुख और संघर्ष दोनों ज़रूरी हैं। तभी तो जीवन संतुलित और सुंदर बनता है।
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वाद-विवाद
विभिन्न समूह बनाकर कक्षा में एक वाद-विवाद गितिविध का आयोजन कीजिए। इसके लिए विषय है —
‘जीवन में फूल और काँटे, दोनों की आवश्यकता होती है’।
कक्षा में वाद-विवाद गितिविध का आयोजन करने के लिए कुछ सुझाव निम्निलिखत हैं —
1. आपक कक्षा में पहले से सात-आठ समूह बने होंगे। आधे समूह ‘फूल’ के पक्ष में देंगे। आधे समूह ‘काँटे’ के पक्ष में तर्क देंगे।
2. एक समूह निणार्यक मंडल की भूमिका निभाएगा। निणार्यक मंडल का काम होगा—
• तकों को ध्यान से सुनना।
• प्रस्तुति शैली और तर्कों की गहराई के आधार पर अंकों का निधार्रण करना।
3. प्रत्येक समूह को तैयारी के लिए 15 मिनट का समय मिलेगा ताकि वे अपने तर्क तैयार कर सकें। सभी समूह अपने-अपने तर्क मिलकर सोचेंगे और लिखेंगे।
4. प्रत्येक समूह को अपने पक्ष में बोलने के लिए तीन-चार मिनट का समय मिलेगा। दूसरा समूह पहले समूह के तर्कों पर एक-दो मिनट में उत्तर देगा या उनसे प्रश्न पूछेगा।
5. सभी प्रतिभागियों को एक-दूसरे की बात ध्यान से सुननी होगी। बीच में टोकने की अनुमित किसी को नहीं होगी।
6. सभी समूहों का क्रम तय किया जाएगा। वाद-विवाद के लिए क्रम इस प्रकार हो सकता है—
• समूह 1 (फूल के पक्ष में)
• समूह 2 (काँटे के पक्ष में)
• समूह 3 (फूल के पक्ष में)
• समूह 4 (काँटे के पक्ष में)
और इसी क्रम से आगे बढ़ें।
7. जो समूह निणार्यक मंडल का कार्य कर रहा है, वह वाद-विवाद के अंतराल में तर्क, भाषा कौशल और प्रस्तुति शैली के आधार पर अंकों का निधार्रण करेगा।
8. निणार्यक मंडल अंकों के आधार पर विजेता समूह का निणर्य करेगा।
9. समूहों के प्रयासों के लिए तालियाँ बजाएँ और उनकी प्रशंसा करें। संभव हो तो विजेता समूह को कोई पुरस्कार या प्रमाणपत्र दिया जा सकता है।
10. विधार्थी वाद-विवाद गितिविधि के अनुभवों पर एक अनुच्छेद भी लिख सकते हैं।
उत्तर देखेंवाद-विवाद गतिविधि की रूपरेखा:
1. समूह विभाजन
कुल 7–8 समूह बनाएँ।
आधे समूह फूल के पक्ष में तर्क देंगे।
आधे समूह काँटे के पक्ष में तर्क देंगे।
एक समूह निर्णायक मंडल की भूमिका निभाएगा।
2. तैयारी
प्रत्येक समूह को 15 मिनट की तैयारी दी जाएगी।
सभी मिलकर अपने पक्ष के तर्क सोचेंगे और लिखेंगे।
3. बोलने का क्रम
समूह 1 (फूल के पक्ष में)
समूह 2 (काँटे के पक्ष में)
समूह 3 (फूल के पक्ष में)
समूह 4 (काँटे के पक्ष में)
इसी क्रम में सभी समूह भाग लेंगे।
4. समय सीमा
प्रत्येक समूह को बोलने के लिए 3–4 मिनट।
जवाब/प्रश्न के लिए विरोधी समूह को 1–2 मिनट।
बीच में टोकना मना होगा।
5. निर्णायक मंडल का कार्य
सबके तर्क, भाषा और प्रस्तुति पर ध्यान देना।
अंक देना (जैसे 10 में से)।
अंत में विजेता समूह की घोषणा करना।
6. तर्कों के उदाहरण
फूल के पक्ष में समूह:
फूल सुंदरता, शांति और खुशबू का प्रतीक हैं।
ये दूसरों को आनंद देते हैं और जीवन को रंगीन बनाते हैं।
फूल त्याग और प्रेम का संदेश देते हैं।
काँटे के पक्ष में समूह:
काँटे सुरक्षा और सावधानी का प्रतीक हैं।
ये संघर्ष और कठिनाइयों से लड़ना सिखाते हैं।
काँटे पौधे की रक्षा करते हैं, जैसे कठिनाइयाँ हमें मजबूत बनाती हैं।
7. समापन
सबके प्रयास पर तालियाँ बजाएँ।
विजेता समूह को पुरस्कार या प्रमाणपत्र दें।
अनुभव अनुच्छेद: आज हमारी कक्षा में “जीवन में फूल और काँटे, दोनों की आवश्यकता होती है” विषय पर वाद-विवाद हुआ। कुछ समूहों ने फूल के पक्ष में बोलते हुए कहा कि फूल जीवन में खुशियाँ और सुंदरता लाते हैं। वहीं काँटे के पक्ष में बोलने वालों ने बताया कि काँटे हमें संघर्ष और सावधानी की शिक्षा देते हैं। मैंने सीखा कि जीवन में खुशियाँ और कठिनाइयाँ दोनों का संतुलन जरूरी है। यह गतिविधि मज़ेदार भी थी और ज्ञानवर्धक भी।
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आज की पहेली
नीचे कुछ ऐसे पेड़-पौधों के चित्र दिए गए हैं जिनमें फूल और काँटे साथ-साथ पाए जाते हैं। चित्रों को सही नामों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए।
उत्तर:
कविता का मेरा सरल भावार्थ
इस कविता में कवि ‘हरिऔध’ जी ने फूल और काँटे का अंतर बताया है। दोनों एक ही पौधे पर पैदा होते हैं। उन पर वही चाँदनी, वही बारिश और वही हवा लगती है, लेकिन उनके स्वभाव अलग-अलग होते हैं। काँटा हमेशा दूसरों को चुभता है, उँगली काट देता है, कपड़े फाड़ देता है और तितलियों-भौंरों को भी चोट पहुँचाता है। लेकिन फूल सबको अपनी गोद में जगह देता है, भौंरों को रस पिलाता है और अपनी खुशबू और सुंदरता से सबको आनंदित करता है।
इसलिए काँटा सबको बुरा लगता है जबकि फूल सबके सिर पर सजता है। कवि कहना चाहते हैं कि इंसान की असली पहचान उसके अच्छे गुण और व्यवहार से होती है, न कि उसके परिवार या कुल से।