एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 माँ, कह एक कहानी

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 माँ, कह एक कहानी सत्र 2025-26 के लिए है, जो मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई है। इसमें माँ और बेटे के बीच संवाद के रूप में कहानी कही गई है। बेटा अपनी माँ से जिद करता है कि वह कोई कहानी सुनाए। माँ कहानी शुरू करती है और बेटा बार-बार बीच में उत्सुकता से प्रश्न पूछता है।

माँ, कह एक कहानी कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 के प्रश्न उत्तर

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मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) माँ अपने बेटे को करुणा और न्याय की कहानी क्यों सुनाती है?
• राजाओं की कहानियों से उसका मनोरंजन करने के लिए।
• उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।
• उसे परिवार की विरासत और पूर्वजों के बारे में बताने के लिए।
• उसे प्रकृति और जानवरों के बारे में जानकारी देने के लिए।
उत्तर देखें* उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।

(2) कविता में घायल पक्षी की कहानी का उपयोग किस लिए किया गया है?
• निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए।
• पिता की वीरता और साहस पर ध्यान दिलाने के लिए।
• करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।
• मित्रता और निष्ठा के महत्व को उजागर करने के लिए।
उत्तर देखें* निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए।
* करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।

(3) कविता के अंत तक पहुँचते-पहुँचते बच्चे को क्या समझ में आने लगता है?
• न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।
• निर्णय लेते समय सदैव निडर रहना चाहिए।
• आखेटकों का सदैव विरोध करना चाहिए।
• जानवरों की हर स्थिति में रक्षा करनी चाहिए।
उत्तर देखें* न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।
* निर्णय लेते समय सदैव निडर रहना चाहिए।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर देखेंहो सकता है कि मेरे दोस्तों ने कुछ अलग उत्तर चुने हों, लेकिन मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि मुझे लगा कि कविता का असली संदेश यही है।
– पहले प्रश्न में मैंने “सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए” और “प्रकृति और जानवरों के बारे में जानकारी देने के लिए” चुना। क्योंकि माँ कहानी के ज़रिए बेटे को सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की सीख दे रही थी।
– दूसरे प्रश्न में मैंने “निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता” और “करुणा और हिंसा के बीच का संघर्ष” चुना। मुझे लगा कि कहानी में असली बात यही थी कि एक तरफ दया थी और दूसरी तरफ हिंसा।
– तीसरे प्रश्न में मैंने “न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए” और “निर्णय लेते समय निडर रहना चाहिए” चुना। क्योंकि अंत में बच्चा यही समझ पाता है कि डरकर या झूठ बोलकर नहीं, बल्कि न्याय और दया को साथ रखकर निर्णय करना चाहिए।
इसलिए मैंने यही उत्तर चुने। मेरे दोस्तों के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कविता का संदेश सबसे ज़्यादा इन बातों से मेल खाता है।

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मिलकर करें मिलान

इस पाठ में आपने माँ और पुत्र के बीच की बातचीत को एक कविता के रूप में पढ़ा है। इस कविता में माँ अपने पुत्र को उसके पिता की एक कहानी सुना रही हैं। क्या आप जानते हैं कि ये माँ, पुत्र और पिता कौन हैं? अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और उन्हें पहचानकर सुमेलित कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 उत्तर

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 प्रश्न

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए –
(क) कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!”
उत्तर देखेंइन पंक्तियों का अर्थ है कि यदि कोई किसी निर्दोष प्राणी को मारता है, तो दूसरे व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह उसे बचाए। न्याय हमेशा बचाने वाले (रक्षक) का पक्ष लेता है, मारने वाले (भक्षक) का नहीं, क्योंकि सच्चा न्याय दया पर आधारित होता है।

(ख) हुआ विवाद सदय-निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्वविषय में,
गई बात तब न्यायालय में,
उत्तर देखेंइन पंक्तियों का अर्थ है कि दयालु (पिता) और निर्दयी (शिकारी) के बीच विवाद हो गया। दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे, इसलिए यह मामला न्याय के लिए न्यायालय में चला गया।

माँ, कह एक कहानी के सभी प्रश्नों के उत्तर

सोच-विचार के लिए

(क) आपके विचार से इस कविता में कौन-सी पंक्ति सबसे महत्वपूर्ण है? आप उसे ही सबसे महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं?
उत्तर देखेंमेरे विचार में, कविता की सबसे महत्वपूर्ण पंक्ति है “न्याय दया का दानी”। मैं इसे इसलिए सबसे महत्वपूर्ण मानता हूँ क्योंकि यह पंक्ति पूरी कविता का सार बताती है। यह सिखाती है कि सच्चा न्याय केवल नियमों पर नहीं, बल्कि करुणा और दया की भावना पर आधारित होना चाहिए। यह पंक्ति कहानी के केंद्रीय संघर्ष का समाधान भी प्रस्तुत करती है।

(ख) आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क क्यों हुआ था?
उत्तर देखेंआखेटक (शिकारी) और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क घायल हंस को लेकर हुआ था। आखेटक ने हंस पर तीर चलाया था, इसलिए वह उसे अपना लक्ष्य और अपनी संपत्ति मान रहा था। वहीं, पिता ने उस घायल हंस को बचाया था और वे उसके रक्षक थे, इसलिए वे उसे देना नहीं चाहते थे।

(ग) माँ ने पुत्र से “राहुल, तू निर्णय कर इसका” क्यों कहा?
उत्तर देखेंमाँ ने पुत्र राहुल से निर्णय करने के लिए इसलिए कहा ताकि वह स्वयं इस कहानी के नैतिक पहलू पर विचार करे। वह चाहती थीं कि राहुल केवल कहानी न सुने, बल्कि उसके गहरे अर्थ को समझे और अपनी बुद्धि का प्रयोग कर यह तय करे कि न्याय किसके पक्ष में होना चाहिए। इससे उसकी सही और गलत को पहचानने की क्षमता विकसित होती।

(घ) यदि कहानी में आप उपवन में होते तो घायल हंस की सहायता के लिए क्या करते? आपके अनुसार न्याय कैसे किया जा सकता था?
उत्तर देखेंयदि मैं उपवन में होता, तो मैं भी बच्चे के पिता की तरह ही घायल हंस को उठाकर उसकी सहायता करता। मेरे अनुसार, न्याय यही होता कि हंस को उसके रक्षक (पिता) को दिया जाए, न कि भक्षक (आखेटक) को। मारने वाले से बचाने वाले का अधिकार बड़ा होता है और सच्चा न्याय हमेशा दया का पक्ष लेता है।

(ङ) कविता में माँ और बेटे के बीच बातचीत से उनके बारे में क्या-क्या पता चलता है?
उत्तर देखेंमाँ और बेटे की बातचीत से पता चलता है कि:
बेटा (राहुल): वह बहुत जिज्ञासु और हठी है। वह कहानी सुनने के लिए उत्सुक है और अपनी माँ से बहुत प्रेम करता है।
माँ (यशोधरा): वह एक बहुत ही बुद्धिमान, स्नेही और धैर्यवान माँ है। वह अपने पुत्र को केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि नैतिक शिक्षा देने के लिए कहानी सुनाती है। वह कहानी के माध्यम से उसे करुणा और न्याय जैसे महत्वपूर्ण मूल्य सिखाना चाहती है।

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अनुमान और कल्पना से

(क) माँ ने अपने बेटे को कहानी सुनाते समय अंत में कहानी को स्वयं पूरा नहीं किया, बल्कि उसी से निर्णय करने के लिए कहा। यदि आप किसी को यह कहानी सुना रहे होते तो कहानी को आगे कैसे बढ़ाते?
उत्तर देखेंयदि मैं यह कहानी सुना रहा होता, तो राहुल के निर्णय (“न्याय दया का दानी!”) के बाद कहानी को इस तरह आगे बढ़ाता:
और बेटा, जब तुमने यह निर्णय दिया, तो माँ ने मुस्कुराकर कहा, ‘तुमने बिल्कुल सही समझा।’ कहानी में भी ऐसा ही हुआ था। जब यह बात न्यायालय में पहुँची, तो राजा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। शिकारी ने कहा, ‘मैंने इसे अपने बाण से गिराया है, इसलिए यह मेरा है।’ तुम्हारे तात ने कहा, ‘मैंने इसे बचाया है, इसकी रक्षा की है, इसलिए यह मेरा है।’
राजा ने भी यही प्रश्न दरबार में उपस्थित सभी लोगों से पूछा। सबने एक स्वर में कहा,’महाराज! मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।’ तब राजा ने फैसला सुनाया कि घायल हंस पर अधिकार उसके रक्षक का है, न कि भक्षक का। हंस तुम्हारे तात को दे दिया गया और शिकारी को भविष्य में किसी निर्दोष पक्षी पर वार न करने की चेतावनी दी गई। इस तरह, करुणा और न्याय की जीत हुई।

(ख) मान लीजिए कि कहानी में हंस और तीर चलाने वाले के बीच बातचीत हो रही है। कल्पना से बताइए कि जब उसने हंस को तीर से घायल किया तो उसमें और हंस में क्या-क्या बातचीत हुई होगी? उन्होंने एक-दूसरे को क्या-क्या तर्क दिए होंगे?
उत्तर देखेंयदि हंस और तीर चलाने वाले के बीच बातचीत होती, तो वह कुछ इस प्रकार हो सकती थी:
हंस (दर्द से कराहते हुए): आह! हे मनुष्य, रुक जाओ! मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने मुझ पर यह प्राणघाती वार किया? मैं तो बस अपने संगी-साथियों के साथ आकाश में आनंद से उड़ रहा था।
तीर चलाने वाला (अभिमान से): चुप रहो पक्षी! तुम मेरा शिकार हो। मेरा निशाना कभी नहीं चूकता। तुम पर अब मेरा अधिकार है।
हंस: अधिकार? किसी का जीवन ले लेना कैसा अधिकार है? तुम्हें अपने कौशल पर गर्व है, पर तुम्हारा यह कौशल किसी के जीवन का अंत कर रहा है। जीने का अधिकार तो सभी को है।
तीर चलाने वाला: यही नियम है। मैं शिकारी हूँ और तुम शिकार। मैं अपनी भूख या अपने मनोरंजन के लिए शिकार करता हूँ। तुम्हें मारकर मुझे प्रशंसा मिलेगी।
हंस: किसी निर्दोष को मारकर मिली प्रशंसा, प्रशंसा नहीं पाप कहलाती है। तुम अपनी भूख मिटाने के और भी रास्ते खोज सकते थे, पर तुमने एक जीवन का अंत करना चुना। याद रखना, जो दूसरों को पीड़ा देता है, उसे कभी शांति नहीं मिलती।

(ग) मान लीजिए कि माँ ने जो कहानी सुनाई है, आप भी उसके एक पात्र हैं। आप कौन-सा पात्र बनना चाहेंगे? और क्यों?
• तीर चलाने वाला
• पक्षी
• पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति
• कोई अन्य पात्र जो आप कहानी में जोड़ना चाहें
उत्तर देखें
मैं “तीर चलाने वाले” को छोड़कर कोई भी पात्र बनना चाहूँगा:
• अगर मैं इस कहानी में पक्षी बनूँ तो मेरा अनुभव कुछ ऐसा होगा – मैं बगीचे में आज़ादी से उड़ रहा था। फूल खिले थे, हवा चल रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अचानक एक तेज़ तीर मेरे पंख में लगा और मैं ज़मीन पर गिर पड़ा। दर्द से मैं कांप रहा था और डर भी लग रहा था कि अब शायद मैं फिर कभी उड़ नहीं पाऊँगा।
लेकिन तभी एक दयालु व्यक्ति ने मुझे उठाया। उसने मेरे ज़ख्म पर मरहम लगाया और मुझे अपने पास सुरक्षित रखा। मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे नया जीवन मिल गया हो। उस समय मैं समझ गया कि दुनिया में क्रूर लोग भी हैं लेकिन दयालु और रक्षक लोग भी हैं।
अगर मैं पक्षी होता, तो मैं यही कहना चाहता – “जो मुझे बचाता है, वही मेरा सच्चा मित्र और सच्चा वीर है।
• अगर मैं इस कहानी का कोई पात्र बनूँ तो मैं पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति बनना चाहूँगा। क्योंकि मुझे लगता है कि घायल और असहाय पक्षी की मदद करना ही सबसे अच्छा काम है। तीर चलाने वाले ने तो निर्दोष पर क्रूरता दिखाई, लेकिन रक्षक व्यक्ति ने करुणा और दया दिखाई। अगर मैं वही पात्र बनूँ, तो मुझे संतोष होगा कि मैंने किसी जीव की जान बचाई और न्याय का साथ दिया।
मुझे जानवरों और पक्षियों से बहुत प्यार है, इसलिए मैं चाहता हूँ कि वे सुरक्षित रहें। इसीलिए मैं उस व्यक्ति की भूमिका निभाना पसंद करूँगा जिसने पक्षी को बचाया।
• अगर मुझे इस कहानी में कोई नया पात्र जोड़ना हो तो मैं बगीचे में खेलता हुआ एक बच्चा जोड़ना चाहूँगा। यह बच्चा उस समय पक्षी के पास दौड़कर आता और रोने लगता, क्योंकि उसने पहली बार किसी जीव को घायल होते देखा। उसकी मासूम भावनाएँ देखकर शायद शिकारी का दिल भी पिघल जाता और वह सोचता कि केवल अपने शौक के लिए किसी को मारना सही नहीं है।
इस तरह वह बच्चा कहानी में निर्दोषता और मासूमियत की आवाज़ बन जाता, जो दया और करुणा की सीख को और गहराई से समझाता है।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 के संवाद पर आधारित प्रश्न

संवाद

इस कविता में एक माँ और उसके पुत्र का संवाद दिया गया है लेकिन कौन-सा कथन किसने कहा है, यह नहीं बताया गया है। आप कविता में दिए गए संवादों को पहचानिए कि कौन-सा कथन किसने कहा है और उसे दिए गए उचित स्थान पर लिखिए। उदाहरण के लिए, माँ और पुत्र का एक-एक कथन दिया गया है।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 प्रश्न 2

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 उत्तर 2

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शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में प्रकृति से जुड़े शब्द कविता में से चुनकर लिखिए –

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 प्रश्न 3

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 उत्तर 3

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पंक्ति से पंक्ति

नीचे स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलती-जुलती पंक्तियों को रेखा खींचकर मिलाइए –

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 प्रश्न 5

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 उत्तर 5

कविता की रचना

“राजा था या रानी?
राजा था या रानी?
माँ, कह एक कहानी।”
इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों की तरह इस पूरी कविता में अनेक स्थानों पर कुछ पंक्तियाँ दो बार आई हैं। इस कारण कविता में पाठक को माँ-बेटे की बातचीत और अच्छी तरह समझ में आ जाती है। इससे कविता के सौंदर्य में भी वृद्धि हुई है।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी (जैसे: कविता में माँ-बेटे का संवाद दिया गया है जिसे “संवादात्मक शैली” कहते हैं; प्रकृति और कार्यों आदि का वर्णन किया गया है जिसे “वणर्नात्मक शैली” कहा जाता है)।
(क) इस कविता को एक बार पुनः पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह क सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर देखेंइस कविता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
संवादात्मक शैली: कविता माँ और बेटे के बीच बातचीत के रूप में है।
वर्णनात्मक शैली: इसमें प्रकृति (उपवन, फूल, पक्षी) का सुंदर वर्णन है।
पंक्तियों का दोहराव: “माँ, कह एक कहानी” जैसी पंक्तियाँ बार-बार दोहराई गई हैं, जिससे भाव गहरे होते हैं।
तुकांत शब्द: पंक्तियों के अंत में मिलते-जुलते ध्वनि वाले शब्द (जैसे कहानी, नानी, पानी) हैं।
विपरीतार्थक शब्द: सदय-निर्दय, कोमल-कठिन जैसे विलोम शब्दों का प्रयोग है।
प्रश्न-उत्तर शैली: कविता प्रश्न और उत्तर के माध्यम से आगे बढ़ती है।
नैतिक शिक्षा: यह कहानी मनोरंजन के साथ-साथ करुणा और न्याय की गहरी शिक्षा देती है।

(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ दिखाई देती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।आप कविता की पंक्तियो  में एक से अधिक विशेषताएँ भी ढूँढ़ सकते हैं।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 प्रश्न 6

उत्तर:

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रूप बदलकर

“सुन, उपवन में बड़े सबेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,”
कविता की इन पंक्तियों को निम्न प्रकार से बदलकर लिखा जा सकता है –
“सुनो! आपके पिता एक उपवन में बहुत सवेरे भ्रमण किया करते थे…”
अब आप भी पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए।
उत्तर देखेंपंक्तियाँ:
“वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,
झलमल कर हिम-बिंदु झिले थे,
हलके झोंके हिले-मिले थे,
लहराता था पानी।”
अनुच्छेद रूप में:
उपवन में चारों ओर रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। उन पर ओस की बूँदें चमक रही थीं, मानो मोती झिलमिला रहे हों। हल्की-हल्की हवा के झोंके बह रहे थे और फूल आपस में झूमते हुए मानो खेल रहे हों। पास ही पानी की लहरें हिलोरें ले रही थीं और दृश्य को और भी सुंदर बना रही थीं। यह सब देखकर मन को बहुत आनंद मिलता था।

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कविता में विराम चिह्न

“माँ, कह एक कहानी।”
इस पंक्ति में आपको अनेक विराम चिह्न दिखाई दे रहे हैं, जैसे –
• अल्पविराम (,)
• पूर्णविराम (।)
• उद्धरण चिह्न (“ ”)
इस कविता में विराम चिह्नों का बहुत अच्छा प्रयोग किया गया है। विराम चिह्न इस कविता में अनेक कार्य कर रहे हैं, जैसे यह बताना कि –
• कविता पाठ करते समय कहाँ थोड़ा रुकना है (,) और कहाँ अधिक रुकना है (।)
• कौन-सी पंक्ति किसने कही है? पुत्र ने या माँ ने (“ ”)
• कहाँ प्रश्न पूछा गया है (?)
• कौन-सी बात आश्चर्य से बोली गई है (!)
(क) नीचे कविता का एक अंश बिना विराम चिह्नों के दिया गया है। इसमें उपयुक्त स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए –
राहुल तू निर्णय कर इसका–
न्याय पक्ष लेता है किसका
कह दे निर्भय जय हो जिसका
सुन लूँ तेरी बानी
माँ मेरी क्या बानी
मैं सुन रहा कहानी
कोई निरपराध को मारे
तो क्यों अन्य उसे न उबारे
रक्षक पर भक्षक को वारे
न्याय दया का दानी
न्याय दया का दानी
तूने गुनी कहानी
उत्तर देखेंविराम चिह्न लगाकर:
“राहुल, तू निर्णय कर इसका –
न्याय पक्ष लेता है किसका?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका।
सुन लूँ तेरी बानी।”
“माँ, मेरी क्या बानी?
मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!”
“न्याय दया का दानी?
तूने गुनी कहानी।”

(ख) अब विराम चिन्हों का ध्यान रखते हुए कविता को अपने समूह में सुनाइए।
उत्तर देखें“राहुल, तू निर्णय कर इसका –
न्याय पक्ष लेता है किसका?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका।
सुन लूँ तेरी बानी।”
“माँ, मेरी क्या बानी?
मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!”
“न्याय दया का दानी?
तूने गुनी कहानी।”

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आपकी बात

(क) “सुन, उपवन में बड़े सबेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,”
आप या आपके परिजन भ्रमण के लिए कहाँ-कहाँ जाते हैं? और क्यों?
उत्तर देखेंमैं और मेरे परिवारजन अक्सर सुबह-सुबह पास के बगीचे और पार्क में भ्रमण के लिए जाते हैं। वहाँ ताज़ी हवा मिलती है, पेड़-पौधों और फूलों को देखकर मन प्रसन्न होता है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। कभी-कभी हम मंदिर तक या नदी किनारे भी टहलने जाते हैं ताकि वातावरण शांत और सुखद लगे।

(ख) इस पाठ में एक माँ अपने पुत्र को कहानी सुना रही है। आप किस-किस से कहानी सुनते हैं या थे? आप किसको और कौन-सी कहानी सुनाते हैं?
उत्तर देखेंमैंने कहानियाँ सबसे ज़्यादा अपनी माँ और दादी से सुनी हैं। बचपन में दादी मुझे पंचतंत्र और परियों की कहानियाँ सुनाती थीं। स्कूल में शिक्षक भी हमें नैतिक शिक्षा वाली कहानियाँ सुनाते थे। मैं अपने छोटे भाई-बहन को अकसर “सिंह और चूहा” या “कछुआ और खरगोश” जैसी कहानियाँ सुनाता हूँ ताकि वे उनसे सीख ले सकें।

(ग) माँ ने कहानी सुनाने के बीच में एक प्रश्न पूछ लिया था। क्या कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है? क्यों?
उत्तर देखेंहाँ, कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है। इससे सुनने वाले की रुचि बनी रहती है और वह ध्यान से कहानी सुनता है। साथ ही उसे सोचने का मौका मिलता है कि आगे क्या होगा और वह खुद सही-गलत को समझने लगता है।

(घ) कविता में बालक अपनी माँ से बार-बार ‘वही’ कहानी सुनने की हठ करता है। क्या आपका भी कभी कोई कहानी बार-बार सुनने का मन करता है? अगर हाँ, तो वह कौन-सी कहानी है और क्यों?
उत्तर देखेंहाँ, मेरा भी मन कई बार एक ही कहानी बार-बार सुनने का करता है। मुझे “अकबर–बीीरबल” की कहानियाँ बार-बार सुनना अच्छा लगता है। क्योंकि उनमें मज़ाक भी होता है और बुद्धिमानी की सीख भी मिलती है। हर बार सुनने पर उनमें कुछ नया मज़ा आ जाता है।

निर्णय करें

“राहुल, तू निर्णय कर इसका–”
नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। बताइए कि इन स्थितियों में आप क्या करेंगे?
1. खेलते समय आप देखते हैं कि एक मित्र ने भूल से एक नियम तोड़ा है।
2. एक सहपाठी को कक्षा में दूसरों द्वारा चिढ़ाया जा रहा है।
3. एक समूह परियोजना के बीच एक सहपाठी अपने भाग का कार्य नहीं कर रहा है।
4. आपके दो मित्रों के बीच एक छोटी-सी बात पर तर्क-वितर्क हो रहा है।
5. एक सहपाठी को कुछ ऐसा करने के लिए अनुचित रूप से दंडित किया जा रहा है जिसे उसने नहीं किया।
6. एक सहपाठी प्रतियोगिता में हार जाने पर उदास है।
7. कक्षा में चर्चा के बीच एक सहपाठी संकोच कर रहा है और बोलने का अवसर नहीं पा रहा है।
8. सहपाठी किसी विषय में संघर्ष कर रहा है और आपसे सहायता माँगता है।
उत्तर देखें1. मैं उसे गुस्सा करने के बजाय समझाऊँगा कि उसने नियम तोड़ा है और अगली बार ध्यान रखे। खेल मज़े से तभी होता है जब सब नियम मानें।
2. मैं उन बच्चों को रोकूँगा और कहूँगा कि यह गलत है। मैं अपने सहपाठी का साथ दूँगा ताकि उसे अकेलापन महसूस न हो।
3. मैं उससे प्यार से बात करूँगा और समझाऊँगा कि सबको मिलकर काम करना है। अगर उसे कठिनाई है तो मैं मदद भी करूँगा।
4. मैं दोनों को शांत करूँगा और कहूँगा कि छोटी-सी बात के लिए लड़ाई ठीक नहीं। उन्हें आपस में समझौता करने की सलाह दूँगा।
5. मैं शिक्षक को सच बताऊँगा कि उसने वह गलती नहीं की है। सच बोलना और निर्दोष की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।
6. मैं उसे ढाँढस बँधाऊँगा और कहूँगा कि हार-जीत लगी रहती है। अगली बार मेहनत करके वह जीत सकता है। मैं उसका हौसला बढ़ाऊँगा।
7. मैं शिक्षक से कहूँगा कि उसे भी बोलने का मौका दिया जाए। मैं खुद भी उसे प्रोत्साहित करूँगा कि वह निडर होकर अपनी बात रखे।
8. मैं उसकी मदद करूँगा और उसे सरल तरीके से समझाऊँगा। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और मुझे भी खुशी होगी।

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सुनी कहानी

हमारे देश और विश्व में अनेक कहानियाँ लोग एक-दूसरे को सैकड़ों-हजारों सालों से सुनते-सुनाते रहे हैं। इन कहानियों को लोककथाएँ कहते हैं। अपने घर या आस-पास सुनी-सुनाई जाने वाली किसी लोककथा को लिखकर कक्षा में सुनाइए। आपने जिस भाषा में लोककथा सुनी है या जिस भाषा में आप लोककथा लिखना चाहें, लिख सकते हैं। कक्षा के सभी समूहों द्वारा एकत्रित लोककथाओं को जोड़कर एक पुस्तिका बनाइए और कक्षा के पुस्तकालय में उसे सम्मिलित कीजिए।
उत्तर देखेंमैंने अपने दादी से एक लोककथा सुनी थी, जिसे यहाँ लिख रहा हूँ –
कहानी – “सच्चा मित्र”
बहुत समय पहले दो दोस्त जंगल से होकर गुजर रहे थे। तभी रास्ते में एक भालू आ गया। एक दोस्त तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और छिप गया। दूसरा दोस्त पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था, इसलिए वह जमीन पर लेट गया और साँस रोककर मृत जैसा दिखने लगा।
भालू उसके पास आया, उसे सूँघा और समझा कि यह मर गया है। भालू वहाँ से चला गया। जब भालू चला गया तो पेड़ पर चढ़ा दोस्त नीचे आया और मजाक में पूछा – “भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था?” ज़मीन पर पड़े दोस्त ने उत्तर दिया – “भालू कह रहा था कि सच्चा मित्र वही है जो मुसीबत में साथ दे।”
शिक्षा: सच्चा मित्र वही होता है जो कठिन समय में भी साथ निभाए।

आज की पहेली

नीचे कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। इनके उत्तर आपको कविता में से मिल जाएँगे। पहेलियाँ बूझिए-
पहेली 1
नानी की बेटी है कौन?
मामा की बहना है कौन?
भार्या है पिता की कौन?
भाभी है चाचा की कौन?
उत्तर देखेंमाँ

पहेली 2
आसमान में उड़-उड़ जाए,
तरह-तरह के गाने गाए,
पर फैलाकर करता सैर,
दो हैं जिसके पर और पैर।
उत्तर देखेंपक्षी (खग/हंस)

पहेली 3
बागों में जो सुगंध फैलाती,
फूल-फूल में बसती गाती,
हवा-हवा में घुल-मिल जाए,
कौन है जो यह नाम बताए?
उत्तर देखेंखुशबू / सुगंध (महक)

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 कविता का सारांश

कविता में बच्चा अपनी माँ से कहानी कहने की जिद करता है। माँ उसे उपवन (बगीचे) की कहानी सुनाती है, जहाँ फूल खिले हैं, जल लहराता है और पक्षी गाते हैं। अचानक एक हंस शिकारी के बाण से घायल होकर गिर पड़ता है। बच्चे के पिता उस हंस को बचाते हैं लेकिन शिकारी उसे माँगता है। इस पर विवाद न्यायालय तक पहुँचता है।
माँ अपने बेटे से पूछती है कि इस विवाद में किसका पक्ष लेना उचित है। बच्चा मासूम किंतु दृढ़ उत्तर देता है कि निरपराध को मारना अनुचित है, इसलिए रक्षक का पक्ष लेना ही न्याय है।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 1 का मुख्य संदेश

यह कविता केवल कहानी नहीं है, बल्कि बच्चों को न्याय, करुणा और दया का पाठ पढ़ाती है। यह प्रसंग महाभारत काल के प्रसिद्ध गौतम बुद्ध के पूर्व जन्म (राजकुमार राहुल और उनके पिता सिद्धार्थ) से भी जुड़ा हुआ है, जहाँ करुणा और न्याय के महत्व को दर्शाया गया है।