कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 नृत्यांगना सुधा चंद्रन के प्रश्न उत्तर
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 नृत्यांगना सुधा चंद्रन के प्रश्न उत्तर तथा पाठ के अंत में दिए गए अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2024-25 के लिए संशोधित रूप में यहाँ दिए गए हैं। सातवीं कक्षा के छात्र हिंदी के पाठ 13 के प्रश्नों के सरल उत्तर तथा अध्ययन सामग्री यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
कक्षा 7 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 नृत्यांगना सुधा चंद्रन के प्रश्न उत्तर
सुधा के स्वप्नों की इंद्रधनुषी दुनिया में अँधेरा कैसे छा गया?
सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ‘कला-सदन’ में प्रवेश दिलवाया गया। सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के.एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी। जल्द ही सुधा के नृत्य कार्यक्रम विद्यालय के आयोजनों में होने लगे। नृत्य के साथ-साथ, अध्ययन में भी सुधा ने अपनी प्रतिभा दिखाई लेकिन सुधा के स्वप्नों की इंद्रधनुषी दुनिया में एकाएक 2 मई,1981 को अँधेरा छा गया। 2 मई को तिरूचिरापल्ली से मद्रास जाते समय उनकी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना के एक महीने बाद सुधा की दायीं टाँग घुटने के साढ़े सात इंच नीचे से काट दी गई।
शारीरिक शब्द में एक साथ किसी की मात्राओं का प्रयोग होता है। तुम भी ऐसे ही अन्य शब्द खोजो और यहाँ लिखो।
नमूना: विनती, शारीरिक, नीति।
उत्तर:
खिड़की, छिपकली, चिली, झिल्ली, बिल्ली, रीति, किफायती , विलायती , हिमायती, फिरकी, खिड़की, झिड़की, आदि।
डॉ. सेठी ने सुधा के लिए क्या किया?
डॉ. सेठी ने सुधा को आश्वस्त किया कि वह दुबारा सामान्य ढँग से चल सकेगी। इस पर सुधा ने पूछा क्या मैं नाच सकूंगी? डॉ. सेठी ने कहा क्यों नहीं, प्रयास करो तो सब कुछ संभव है। ̧डॉ. सेठी ने सुधा के लिए एक विशेष प्रकार की टाँग बनाई जो अल्यूमिनियम की थी और इसमें ऐसी व्यवस्था थी कि वह टाँग को आसानी से घुमा सकती थी। लेकिन अभ्यास के दौरान टांग से खून निकलने लगा तब डॉ. सेठी ने सुधा के नृत्य प्रशिक्षक से नृत्य हेतु पाँवों की विभिन्न मुद्राओं को गंभीरता से देखा-परखा और एक नयी टाँग बनवाई, जो नृत्य की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। टाँग लगाते समय डॉ. सेठी ने सुधा से कहा मैं जो कुछ कर सकता था मैंने कर दिया, अब तुम्हारी बारी है।
सुधा पूरे भारत में कैसे लोकप्रिय हो गई?
28 जनवरी, 1984 को मुंबई के ‘साउथ इंडिया वेलफेयर सोसायटी’ के हाल में एक अन्य नृत्यांगना प्रीति के साथ सुधा ने दुबारा नृत्य के सार्वजनिक प्रदर्शन का आमंत्रण स्वीकार कर लिया। यह दिन सुधा जिंदगी का संभवतः सबसे कठिन दिन था, उस दिन से भी ज्यादा जबकि उसका पाँव काट दिया गया था। सुधा का यह प्रदर्शन बेहद सफल रहा। चहेतों ने उसे देखते-देखते पलकों पर बिठा लिया।
विलोम शब्द लिखो
आशा – निराशा
कठिन – सरल
आदर – निरादर
अँधेरा – उजाला
आकार – निराकार
इच्छा – अनिच्छा
नीचे सुधा चंद्रन के जीवन की कुछ घटनाएँ बताई गई हैं। इन्हें सही क्रम में लगाओ।
क्या पहले, क्या बाद में
सुधा डॉ. सेठी से मिली।
सुधा नृत्य का फिर से प्रशिक्षण लेने लगी।
सुधा ने प्रीति के साथ नृत्य किया।
सुधा को अभिनय के लिए विशेष पुरस्कार मिला।
सुधा का पैर काटना पड़ा।
सुधा ने नृत्य विद्यालय में प्रवेश लिया।
उत्तर:
सुधा ने नृत्य विद्यालय में प्रवेश लिया।
सुधा का पैर काटना पड़ा।
सुधा डॉ. सेठी से मिली।
सुधा नृत्य का फिर से प्रशिक्षण लेने लगी।
सुधा ने प्रीति के साथ नृत्य किया।
सुधा को अभिनय के लिए विशेष पुरस्कार मिला।
सुधा के जीवन पर फिल्म बनी थी। कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम पता करो और लिखो, जिनके जीवन पर फिल्में बनाई गईं हों।
मैरीकॉम, सचिन तेन्दुलकर, फोगट बहनें, आदि।
कुछ ऐसे विकलाँग व्यक्तियों के नाम लिखो जिन्होंने जीवन में विशेष सफलता प्राप्त की है।
रवींन्द्र जैन (गायक), गिरीष शर्मा (बैडमिन्टन), शेखर नायक (ब्लाइन्ड क्रिकेट वर्ल्ड कप चैम्पियन), सांई प्रसाद विश्वनाथन (स्काईडाइवर)।
भारत के कुछ नृत्यों और नर्तक/नर्तकियों के नाम पता करो और कक्षा में सबको बताओ।
भारत में अनेक प्रकार के नृत्य प्रचलित हैं:
नृत्य नर्तक/नर्तकियां
कुचिपुडी कौशल्या रेड्डी
ओडिसी सोनल मान सिंह
कत्थकली कलामंडलम गोपी
मणीपुरी गुरु बिपिंग सिंह
पता करो भारत में मैग्सेसे पुरस्कार किन-किन व्यक्तियों को मिला है।
व्यक्ति साल
संदीप पांडेय 2002
दीप जोषी 2009
नीलिमा मिश्रा 2011
संजीव चतुर्वेदी 2015