एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 16 पानी रे पानी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 16 पानी रे पानी के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए सत्र 2024-25 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 5 में हिंदी विषय की किताब रिमझिम के पाठ 16 में पानी के विभिन्न श्रोतों के बारे में बताया गया है और इसके माध्यम से छात्रों को पानी के महत्त्व को समझाने की कोशिश की गई है।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 16 पानी रे पानी के प्रश्न उत्तर
अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाना दूसरों का हक़ छिनने के बराबर हैं लेखक ऐसा क्यों मानते हैं?
पानी को लेकर कभी-कभी आस-पास के लोगों में बहस हो जाती है जिसके चलते कुछ लोग अपने घर के नलों में मोटर लगवा लेते हैं। जिससे कई घरों का पानी खींचकर एक ही घर में चला जाता है। यह अपने आस-पास के घरों का हक़ छीनने जैसा काम है। इसलिए, लेखक ऐसा मानते हैं कि पानी के लिए मोटर नहीं लगवाना चाहिए।
बड़ी संख्या में इमारतें बनने से बाढ़ और अकाल का खतरा कैसे पैदा होता है?
बड़ी संख्या में इमारतें बनने से हम भूजल भंडार सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। हमें अपने आस-पास के जलस्रोतों, तालाब और नदियों की देखभाल अच्छे ढंग से करनी पड़ेगी तभी हम भूजल भंडार को सुरक्षित रख सकते हैं। यह हमारी रक्षा बाढ़ और अकाल जैसे खतरों से करती है।
धरती की गुल्लक किन-किन साधनों से भरती है?
प्रकृति वर्षा, बरसात के मौसम में खूब पानी बरसाती है। हमारे गाँव तथा शहर में जो छोटे-बड़े तालाब और झील आदि से जो पानी धरती के नीचे जमा होता है वही धरती की गुल्लक है। इसमें पानी भरने का काम धरती की गुल्लक भरने के बराबर है। इनमें जमा पानी जमीन के रिसकर तथा छनकर नीचे छिपे जल के भंडार में धीरे-धीरे जा मिलता हैं।
लेखक ने जमीन के नीचे छिपे कौन से ख़जाने को बचाने की बात क्यों कही है?
लेखक ने जमीन के नीचे छिपे पानी को ख़जाना बताया है। पानी का यह ख़जाना हमें दिखाई नहीं देता, परंतु इसी ख़जाने से हम बरसात का मौसम बीत जाने के बाद भी पूरे साल भर तक अपने घर, खेतों और पाठशाला में पानी का उपयोग करते हैं। इसलिए, जमीन के नीचे छिपे इस ख़जाने को बचाने की बात लेखक ने कही है।
धरती के नीचे छिपे पानी के ख़जाने के समाप्त होने पर कौन-कौन सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है?
धरती के नीचे छिपे पानी के ख़जाने के समाप्त होने पर हम सब को सजा मिल सकती है। गर्मियों के दिनों में हमारे नल सूख जाएँगे। अकाल की समस्या पैदा हो जाएगी। मनुष्य का जीवन पानी की कमी से कष्टमय बन जाएगा। सभी जीव जंतुओं का जीना दूभर हो जाएगा।
लेखक ने किसे धरती की गुल्लक कहा है?
लेखक ने भूजल के ख़जाने को धरती की गुल्लक कहा है।
लेखक ने धरती की गुल्लक को भरने के लिए किन बातों पर ज़ोर दिया है?
लेखक ने धरती की गुल्लक को भरने के लिए, उसके भरने वाले स्रोतों को बचाने और बरसात के पानी को धरती के नीचे पहुँचाने की बात पर ज़ोर दिया है।
पानी को दूषित होने से बचाने के लिए हमें क्या-क्या उपाए करने चाहिए?
गंदे और झाग वाले पानी को जमीन के अंदर नहीं मिलने देना चाहिए। गंदे पानी को सीवर के द्वारा नालों में पहुँचाना चाहिए। सौचालय का उपयोग करना चाहिए। तालाब, नदी और कुएँ को गंदगी से बचाना चाहिए।
पाठ में पानी के संकट के किस प्रमुख कारण की बात कही गई है?
दुनिया भर में पानी के संकट के अनेक कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख वनों का क्षेत्रफल का लगातार सिमटना तथा भूजल के अत्यधिक दोहन से पृथ्वी पर जल का संकट पैदा होना है। अत्यधिक औद्योगीकरण से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसों के कारण वातावरण में तापमान बढ़ने से ग्लेशियर एवं ध्रुवों पर जमीं बर्फ का अत्यधिक पिघलना भी पानी के संकट के करण हैं।
पाठ से हमें क्या सन्देश मिलता है?
इस पाठ से हमें सन्देश मिलता है कि जीवन में संतुलन जरुरी है। किसी भी वस्तु का अत्यधिक दोहन करने से भविष्य में हमें उस वस्तु से वंचित होना पड़ सकता है या उसके विकृत व भयावह रूप भी देखने को मिल सकते हैं।
भारत में सूखे एवं बाढ़ की समस्या से कैसे निजात पायी जा सकती है?
सर्वप्रथम सूखे की समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण को अनुकूल व संरक्षित करना होगा। जिसमें वृक्षारोपण, बरसात के पानी को रोकने के लिए छोटे-छोटे बाँध बनाकर जल संग्रह करना और पानी के अनाश्यक इस्तेमाल को रोकना होगा।
हमारे देश में बाढ़ की समस्या भी एक विकराल समस्या है। बरसात के मौसम में देश के अधिकतर हिस्से बाढ़ के पानी से डूबे रहते हैं।
वहाँ रहने वाले लोग इस समस्या से जमीन, फसल, पशुओं एवं जान माल का अत्यधिक नुकसान उठाते हैं। सरकार भी बेबस नजर आती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सर्वप्रथम पर्यावरण सुरक्षा और नदियों को राष्ट्रिय मिशन के तहत आपस में जोड़ा जाना चाहिए। अन्य उपाय में नदियों पर छोटे-छोटे बाँध बनाकर अनेक नहरें निकाल कर अधिक पानी को नहरों में मोड़कर निचले क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या से बचाया जा सकता है।
शहरीकरण में पानी की समस्या से कैसे निपटा जा सकता है?
अत्यधिक शहरीकरण’ जहाँ विकास का पैमाना माना जाता है’ वहीं इससे अनेक समस्याओं का जन्म भी होता है। इनमें से एक मुख्य समस्या पानी की समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिए पानी के अनाश्यक प्रयोग को रोकना चाहिए तथा घरों व उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को शुद्ध करके पुनः औद्योगिक, धुलाई व सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।